यह सब हम जैन समाज की ही कमी है ज़रूरी है अपने प्राचीन मंदिरों की पहचान कर पुनः स्थापित किया जाय हमारे गुरू देव जनों को इन स्थलों पर पंच कल्याणको का आयोजन किया जाय नमो जिणागम
Desh ke sabhi log jain moortyon ko hi badal badal kar apne apne pujyon ke naam dekar pooj rahe hain .aapke piryas se itne pirachin mandiron ke darshan mil rahe hai
हिंदू का हो या जैन का, क्या फर्क पड़ता है। दोनों एक ही है। एएसआई किसी को भी बदल सकती है। लेकिन आपको उसकी रिपोर्ट को मानना पड़ेगा। क्योंकि उनसे करोडों की आस्था जुड़ी हुई होती है चाहे किसी भी धर्म का हो।
सादर जय जिनेन्द्र जी
Bahut badiya place hai.
यह सब हम जैन समाज की ही कमी है ज़रूरी है अपने प्राचीन मंदिरों की पहचान कर पुनः स्थापित किया जाय हमारे गुरू देव जनों को इन स्थलों पर पंच कल्याणको का आयोजन किया जाय नमो जिणागम
नये मन्दिर बनाने की बजाय पुराने मन्दिर सहेजने की जरूरत है। जैन समाज को समझना होगा, अन्यथा प्राचीन मन्दिर खोने पड़ेंगे।
Sabhi pracheen pratimaye or tirthankar digambar jain tirth hai . YHa to bilkul spashta hai . Jay jinendra dev ki jay ho , jay ho jay ho
Desh ke sabhi log jain moortyon ko hi badal badal kar apne apne pujyon ke naam dekar pooj rahe hain .aapke piryas se itne pirachin mandiron ke darshan mil rahe hai
तीर्थ सुरक्षा ट्रष्टको पूरातत्व विभागसे तथ्योंको सप्रमाण रखना चाहिये. इसके लिये पत्रकार परिषद
से मिडीयाको अवगत कराना चाहिये.
Ask is not reliable institution, as they are doing at many sites please be careful
😮
sarkar ke mann me hi khot hai
Raja bhi andha hai ASI andha ho gaya hai
हिंदू का हो या जैन का, क्या फर्क पड़ता है। दोनों एक ही है। एएसआई किसी को भी बदल सकती है। लेकिन आपको उसकी रिपोर्ट को मानना पड़ेगा। क्योंकि उनसे करोडों की आस्था जुड़ी हुई होती है चाहे किसी भी धर्म का हो।