01.अनित्य भावना मुनि श्री क्षमा सागर जी महाराज के प्रवचन (Muni Shree kshama Sagar Ji Maharaj)
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- Опубликовано: 8 сен 2024
- बारह भावना
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के शिष्य
मुनि श्री 108 क्षमा सागर जी महाराज के प्रवचन
अनित्य भावना
कविश्री भूधरदास
KaviSri Bhudharadasa
( अनित्य भावना ) ( anitya bhayana )
राजा राणा छत्रपति , हाथिन के असवार |
मरना सबको एक दिन , अपनी - अपनी बार | | १ | |
Raja rani chatrapati , hathina ke asavara | Marana sabako eka dina , apani - apani hara | | 1 | |
अनित्य भावना - संसार की नश्वरता को देखते हुए मनुष्य यह चिन्तन - मनन करे कि इन्द्रियों के जितने भी विषय हैं , धन - दौलत , यौवन , भोग और शरीर - पर्याय आदि , ये सब जल के बुलबुले या इन्द्रधनुष की भाँति अस्थिर हैं । इस प्रकार का चिंतन अनित्य भावना है । अनित्य भावना के चिंतन से सांसारिक पदार्थों के प्रति मोह और आसक्ति कम होती है , जिससे मनुष्य इष्ट वियोग और अनिष्ट संयोग में कभी दु : खी नहीं होता है ।
• 09. निर्जरा भावना मुनि...
नमोस्तु🙏🙏🙏 मुनि श्री
जय जिनेंद्र
Namostu gurudev 👃👃👃
Namostu namostu
🙏🙏🙏🙏
जय हो
जय हो हमारे गुरु क्षमा सागर महाराज प्रकाश बाल नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु हमारे गुरुदेव नमोस्तु नमोस्तु
Namostu muni Shri
ज्ञानवर्धक प्रवचन 👌👌👌 नमौस्तु गुरुदेव🙏🙏🙏
Jaisa chintan karte jayenge vaisa bante jayenge bahut achha bhawna se hi aage ka janm tay hota h
ज़यजिनेद
बहुत अच्छा प्रयास है ।
Wow
2
Nice
शुभमजी बहुत बहुत धन्यवाद
Vedio upload करने के लिए 🙏
किस स्थान पर वाचना हुई थी ?
शुभमजी जय जिनेन्द्र
जैसे बारह भावना के सारे प्रवचन एकत्र कियें है। वैसे ही बाकि सब भी करें प्लीज
🙏
जय जिनेंद्र
नमोस्तु महाराज जी