धर्म का अर्थ ड्यूटी यानी कर्तव्य,दायत्व,जिम्मेदारी,अच्छे कर्म,अपना फर्ज, सत्य बाते आदि । धर्म जो धारने योग्य हो वह धर्म है।उदाहरण के लिए कहते है ना 1. जैसे ये राजा या शासक का धर्म है प्रजा का अच्छे से ध्यान रखें और अपने राज्य देश की दुश्मन देश से सुरक्षित रखे। 2 जैसे प्रजा का धर्म है दायत्व है जिम्मेदारी है अपने देश के हित में काम करे ग़द्दारी नहीं करे। 3 जैसे पिता का धर्म अपने परिवार के बच्चों का लालन पालन करे और बच्चों का धर्म आप अपने माता पिता की सेवा करे। पूजा अर्चना पद्धति भगवान से जुड़ना का माध्यम है व्यक्ति का।कहने का अर्थ ईसाई धर्म,मुस्लिम धर्म,सिख धर्म,बौद्ध धर्म आदि नहीं होते है केवल पंथ है विचार धारा है जबकि धर्म केवल एक ही होता है वह जो अपने कर्तव्य निभाने को कहता है अच्छा कर्म करने को कहता है।दूसरा होता है अधर्म वह होता हैं जो हर कार्य गलत करता है जो मानवता के खिलाफ करता है वह अधर्म है जैसे इस्लामी आतंकवाद जो केवल अपनी विचारधारा दूसरों पर थोपता है जबरदस्ती जो इनके द्वारा बनाये भगवान को माने नहीं तो जान से मार देता है जो पहले राक्षस करते थे कि कोई भगवान नहीं है हमारी पूजा मरो।इस्लाम वाले कहते हैं सभी का मालिक एक है लेकिन जो एक है वह केवल अल्लाह हैं उसकी इबादत करो किसी ओर की नहीं अगर किसी ओर की तो मार दिए जाओगे।धर्म और अधर्म की लड़ाई शुरू से ही चली आ रही है जो दो अलग अलग विचार धारा हैं।हिंदु देवी देवताओं के सभी के पास हथियार रखते थे क्योंकि धर्म की रक्षा के लिए शान्ति की स्थापना के लिए अधर्म आंतकवाद राक्षशो को मारना जरूरी है इससे पुण्य भी मिलता है इनका वध करना मारना जरूरी नहीं तो अधर्म की जीत हो जाती है इसलिए हिंदुओ को धर्म की रक्षा खुद की रक्षा देश की रक्षा स्त्री की रक्षा के लिए किसी की हत्या या वध करने पर पाप नहीं लगता पूण्य मिलता है तभी राम कृष्ण सभी ने मानवता की रक्षा के हथियार उठाया था ये काम कश्मीरी हिंदु करते तो उनका पलायन नहीं होता क्योंकि गीता में श्री कृष्ण ने कहा अत्याचार सहना भी वह खुद ही पाप का भागी हो जाता है। तभी अर्जुन ने हथियार उठाया था। कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए न तो सेना, पुलिस, सरकार, सुप्रीम कोर्ट कोई काम नहीं आता है खुद की रक्षा खुद को हिंदु समाज को करनी चाहिए नपुंसक नहीं बनना चाहिए। जब हम धर्म की रक्षा करेंगे धर्म हमारी रक्षा करेगा गीता में श्री कृष्ण जी ने कहा। अगर हम पाकिस्तान में हिंदु धर्म को मानने वाले ज्यादा होते तो हिंदुओ न पलायन करना पड़ता और न ही मरना पड़ता क्योंकि हमने धर्म की रक्षा नहीं की इसलिए अधर्म इस्लामी आतंकवाद ज्यादा हो गया ऐसा ही कश्मीर में हुआ। नहीं तो हिंदु ज्यादा होते तो देश के टुकड़े नहीं होते इसलिए धर्म की रक्षा करो हिंदु समाज धर्म की रक्षा करो। पाकिस्तान 35 % हिंदु थे अब 1 % बचे हैं बहुत बुरी स्थिति है दलित हिंदुओ का जबरदस्ती से उनकी लड़कियों को उठाकर ले जाते हैं बंधुआ मजदूरी करवाते हैं। पाकिस्तान में अमीर हिंदु बहुत थे अम्बानी, टाटा जैसे लाहौर, करांची, ढाका आदि में सबको कारोबार छोड़कर जान बचाकर भागना पड़ा।लोगतन्त्र में भी जिस पंथ जाति मजहब की संख्या ज्यादा होती है वही राज करता है इसलिए रुपये पैसों से ज्यादा जरूरी जनसंख्या वृद्धि है।इसलिए अमीर हिंदुओ का कारोबार भी हिंदुओ की वजह से ही सुरक्षित है। भगवान हमेशा इंसान मानव के रूप में जन्म लेकर लोगों को जीवन कैसे जीना चाहिए सुख दुख में कैसे काम करना चाहिए आदि सिखाने के लिए मानव रूप में जन्म लेते हैं. अतिथि देवो भव का अर्थ हिंदु समाज नहीं समझ सका और अतिथि दानवों भव का स्वागत करके इस्लामी आतंकवाद मुगल बाबर तैमूर आदि आते गये।इसलिए भारत में देवता रूपी लोगों का स्वागत करो और दानवों को भारत की सीमा से बाहर करो। यह बात कोई कथा वाचक भागवत कथा में नहीं करता उनको सिर्फ कथा से रुपये कमाने है धर्म से नहीं मतलब. जय हो सत्य सनातन हिंदु धर्म संस्कृति की 🚩🚩🚩
धर्म का अर्थ ड्यूटी यानी कर्तव्य,दायत्व,जिम्मेदारी,अच्छे कर्म,अपना फर्ज, सत्य बाते आदि । धर्म जो धारने योग्य हो वह धर्म है।उदाहरण के लिए कहते है ना 1. जैसे ये राजा या शासक का धर्म है प्रजा का अच्छे से ध्यान रखें और अपने राज्य देश की दुश्मन देश से सुरक्षित रखे। 2 जैसे प्रजा का धर्म है दायत्व है जिम्मेदारी है अपने देश के हित में काम करे ग़द्दारी नहीं करे। 3 जैसे पिता का धर्म अपने परिवार के बच्चों का लालन पालन करे और बच्चों का धर्म आप अपने माता पिता की सेवा करे। पूजा अर्चना पद्धति भगवान से जुड़ना का माध्यम है व्यक्ति का।कहने का अर्थ ईसाई धर्म,मुस्लिम धर्म,सिख धर्म,बौद्ध धर्म आदि नहीं होते है केवल पंथ है विचार धारा है जबकि धर्म केवल एक ही होता है वह जो अपने कर्तव्य निभाने को कहता है अच्छा कर्म करने को कहता है।दूसरा होता है अधर्म वह होता हैं जो हर कार्य गलत करता है जो मानवता के खिलाफ करता है वह अधर्म है जैसे इस्लामी आतंकवाद जो केवल अपनी विचारधारा दूसरों पर थोपता है जबरदस्ती जो इनके द्वारा बनाये भगवान को माने नहीं तो जान से मार देता है जो पहले राक्षस करते थे कि कोई भगवान नहीं है हमारी पूजा मरो।इस्लाम वाले कहते हैं सभी का मालिक एक है लेकिन जो एक है वह केवल अल्लाह हैं उसकी इबादत करो किसी ओर की नहीं अगर किसी ओर की तो मार दिए जाओगे।धर्म और अधर्म की लड़ाई शुरू से ही चली आ रही है जो दो अलग अलग विचार धारा हैं।हिंदु देवी देवताओं के सभी के पास हथियार रखते थे क्योंकि धर्म की रक्षा के लिए शान्ति की स्थापना के लिए अधर्म आंतकवाद राक्षशो को मारना जरूरी है इससे पुण्य भी मिलता है इनका वध करना मारना जरूरी नहीं तो अधर्म की जीत हो जाती है इसलिए हिंदुओ को धर्म की रक्षा खुद की रक्षा देश की रक्षा स्त्री की रक्षा के लिए किसी की हत्या या वध करने पर पाप नहीं लगता पूण्य मिलता है तभी राम कृष्ण सभी ने मानवता की रक्षा के हथियार उठाया था ये काम कश्मीरी हिंदु करते तो उनका पलायन नहीं होता क्योंकि गीता में श्री कृष्ण ने कहा अत्याचार सहना भी वह खुद ही पाप का भागी हो जाता है। तभी अर्जुन ने हथियार उठाया था। कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए न तो सेना, पुलिस, सरकार, सुप्रीम कोर्ट कोई काम नहीं आता है खुद की रक्षा खुद को हिंदु समाज को करनी चाहिए नपुंसक नहीं बनना चाहिए। जब हम धर्म की रक्षा करेंगे धर्म हमारी रक्षा करेगा गीता में श्री कृष्ण जी ने कहा। अगर हम पाकिस्तान में हिंदु धर्म को मानने वाले ज्यादा होते तो हिंदुओ न पलायन करना पड़ता और न ही मरना पड़ता क्योंकि हमने धर्म की रक्षा नहीं की इसलिए अधर्म इस्लामी आतंकवाद ज्यादा हो गया ऐसा ही कश्मीर में हुआ। नहीं तो हिंदु ज्यादा होते तो देश के टुकड़े नहीं होते इसलिए धर्म की रक्षा करो हिंदु समाज धर्म की रक्षा करो। पाकिस्तान 35 % हिंदु थे अब 1 % बचे हैं बहुत बुरी स्थिति है दलित हिंदुओ का जबरदस्ती से उनकी लड़कियों को उठाकर ले जाते हैं बंधुआ मजदूरी करवाते हैं। पाकिस्तान में अमीर हिंदु बहुत थे अम्बानी, टाटा जैसे लाहौर, करांची, ढाका आदि में सबको कारोबार छोड़कर जान बचाकर भागना पड़ा।लोगतन्त्र में भी जिस पंथ जाति मजहब की संख्या ज्यादा होती है वही राज करता है इसलिए रुपये पैसों से ज्यादा जरूरी जनसंख्या वृद्धि है।इसलिए अमीर हिंदुओ का कारोबार भी हिंदुओ की वजह से ही सुरक्षित है। भगवान हमेशा इंसान मानव के रूप में जन्म लेकर लोगों को जीवन कैसे जीना चाहिए सुख दुख में कैसे काम करना चाहिए आदि सिखाने के लिए मानव रूप में जन्म लेते हैं. अतिथि देवो भव का अर्थ हिंदु समाज नहीं समझ सका और अतिथि दानवों भव का स्वागत करके इस्लामी आतंकवाद मुगल बाबर तैमूर आदि आते गये।इसलिए भारत में देवता रूपी लोगों का स्वागत करो और दानवों को भारत की सीमा से बाहर करो। यह बात कोई कथा वाचक भागवत कथा में नहीं करता उनको सिर्फ कथा से रुपये कमाने है धर्म से नहीं मतलब. जय हो सत्य सनातन हिंदु धर्म संस्कृति की 🚩🚩🚩
धर्म का अर्थ ड्यूटी यानी कर्तव्य,दायत्व,जिम्मेदारी,अच्छे कर्म,अपना फर्ज, सत्य बाते आदि । धर्म जो धारने योग्य हो वह धर्म है।उदाहरण के लिए कहते है ना 1. जैसे ये राजा या शासक का धर्म है प्रजा का अच्छे से ध्यान रखें और अपने राज्य देश की दुश्मन देश से सुरक्षित रखे। 2 जैसे प्रजा का धर्म है दायत्व है जिम्मेदारी है अपने देश के हित में काम करे ग़द्दारी नहीं करे। 3 जैसे पिता का धर्म अपने परिवार के बच्चों का लालन पालन करे और बच्चों का धर्म आप अपने माता पिता की सेवा करे। पूजा अर्चना पद्धति भगवान से जुड़ना का माध्यम है व्यक्ति का।कहने का अर्थ ईसाई धर्म,मुस्लिम धर्म,सिख धर्म,बौद्ध धर्म आदि नहीं होते है केवल पंथ है विचार धारा है जबकि धर्म केवल एक ही होता है वह जो अपने कर्तव्य निभाने को कहता है अच्छा कर्म करने को कहता है।दूसरा होता है अधर्म वह होता हैं जो हर कार्य गलत करता है जो मानवता के खिलाफ करता है वह अधर्म है जैसे इस्लामी आतंकवाद जो केवल अपनी विचारधारा दूसरों पर थोपता है जबरदस्ती जो इनके द्वारा बनाये भगवान को माने नहीं तो जान से मार देता है जो पहले राक्षस करते थे कि कोई भगवान नहीं है हमारी पूजा मरो।इस्लाम वाले कहते हैं सभी का मालिक एक है लेकिन जो एक है वह केवल अल्लाह हैं उसकी इबादत करो किसी ओर की नहीं अगर किसी ओर की तो मार दिए जाओगे।धर्म और अधर्म की लड़ाई शुरू से ही चली आ रही है जो दो अलग अलग विचार धारा हैं।हिंदु देवी देवताओं के सभी के पास हथियार रखते थे क्योंकि धर्म की रक्षा के लिए शान्ति की स्थापना के लिए अधर्म आंतकवाद राक्षशो को मारना जरूरी है इससे पुण्य भी मिलता है इनका वध करना मारना जरूरी नहीं तो अधर्म की जीत हो जाती है इसलिए हिंदुओ को धर्म की रक्षा खुद की रक्षा देश की रक्षा स्त्री की रक्षा के लिए किसी की हत्या या वध करने पर पाप नहीं लगता पूण्य मिलता है तभी राम कृष्ण सभी ने मानवता की रक्षा के हथियार उठाया था ये काम कश्मीरी हिंदु करते तो उनका पलायन नहीं होता क्योंकि गीता में श्री कृष्ण ने कहा अत्याचार सहना भी वह खुद ही पाप का भागी हो जाता है। तभी अर्जुन ने हथियार उठाया था। कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए न तो सेना, पुलिस, सरकार, सुप्रीम कोर्ट कोई काम नहीं आता है खुद की रक्षा खुद को हिंदु समाज को करनी चाहिए नपुंसक नहीं बनना चाहिए। जब हम धर्म की रक्षा करेंगे धर्म हमारी रक्षा करेगा गीता में श्री कृष्ण जी ने कहा। अगर हम पाकिस्तान में हिंदु धर्म को मानने वाले ज्यादा होते तो हिंदुओ न पलायन करना पड़ता और न ही मरना पड़ता क्योंकि हमने धर्म की रक्षा नहीं की इसलिए अधर्म इस्लामी आतंकवाद ज्यादा हो गया ऐसा ही कश्मीर में हुआ। नहीं तो हिंदु ज्यादा होते तो देश के टुकड़े नहीं होते इसलिए धर्म की रक्षा करो हिंदु समाज धर्म की रक्षा करो। पाकिस्तान 35 % हिंदु थे अब 1 % बचे हैं बहुत बुरी स्थिति है दलित हिंदुओ का जबरदस्ती से उनकी लड़कियों को उठाकर ले जाते हैं बंधुआ मजदूरी करवाते हैं। पाकिस्तान में अमीर हिंदु बहुत थे अम्बानी, टाटा जैसे लाहौर, करांची, ढाका आदि में सबको कारोबार छोड़कर जान बचाकर भागना पड़ा।लोगतन्त्र में भी जिस पंथ जाति मजहब की संख्या ज्यादा होती है वही राज करता है इसलिए रुपये पैसों से ज्यादा जरूरी जनसंख्या वृद्धि है।इसलिए अमीर हिंदुओ का कारोबार भी हिंदुओ की वजह से ही सुरक्षित है। भगवान हमेशा इंसान मानव के रूप में जन्म लेकर लोगों को जीवन कैसे जीना चाहिए सुख दुख में कैसे काम करना चाहिए आदि सिखाने के लिए मानव रूप में जन्म लेते हैं. अतिथि देवो भव का अर्थ हिंदु समाज नहीं समझ सका और अतिथि दानवों भव का स्वागत करके इस्लामी आतंकवाद मुगल बाबर तैमूर आदि आते गये।इसलिए भारत में देवता रूपी लोगों का स्वागत करो और दानवों को भारत की सीमा से बाहर करो। यह बात कोई कथा वाचक भागवत कथा में नहीं करता उनको सिर्फ कथा से रुपये कमाने है धर्म से नहीं मतलब. जय हो सत्य सनातन हिंदु धर्म संस्कृति की 🚩🚩🚩
जय श्री राम 🚩🚩🙏🙏
Lord jagatguru rambhadracharya ji maharaj
कौन कौन से देश इनको गुरु मानते है जो जगदगुरु बन गये है
स्वयं नाम रख लिया जगदगुरु 😂 भारत के भी बहुत लोग इनको कुछ नही मानते बस कुछ अंधभक्तों को छोडकर😂😂
Jai guru dev bhagwan Jai shree Ram
Jai seri ram
Chorono me Koti Koti paranam jagatguruji🙏
Shri Gurudev charanobhyo namah.
Jay Jay Shiya Ram Sanatan Dharma ki Jay ho ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Aapki bat sun man udhelit ho jata hai❤❤❤❤❤
Jsi gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 desh or duniya aapko hamesha hamesha apni aatma me rakhegi ❤❤❤
हमारे सभी सनातनी संत महात्मा महान है जो सही सत्य बात करते है राष्ट्र देश धर्म न्याय के प्रती
Jai Shree Ram ❤
धर्म का अर्थ
ड्यूटी यानी कर्तव्य,दायत्व,जिम्मेदारी,अच्छे कर्म,अपना फर्ज, सत्य बाते आदि । धर्म जो धारने योग्य हो वह धर्म है।उदाहरण के लिए कहते है ना
1. जैसे ये राजा या शासक का धर्म है प्रजा का अच्छे से ध्यान रखें और अपने राज्य देश की दुश्मन देश से सुरक्षित रखे। 2 जैसे प्रजा का धर्म है दायत्व है जिम्मेदारी है अपने देश के हित में काम करे ग़द्दारी नहीं करे। 3 जैसे पिता का धर्म अपने परिवार के बच्चों का लालन पालन करे और बच्चों का धर्म आप अपने माता पिता की सेवा करे। पूजा अर्चना पद्धति भगवान से जुड़ना का माध्यम है व्यक्ति का।कहने का अर्थ ईसाई धर्म,मुस्लिम धर्म,सिख धर्म,बौद्ध धर्म आदि नहीं होते है केवल पंथ है विचार धारा है जबकि धर्म केवल एक ही होता है वह जो अपने कर्तव्य निभाने को कहता है अच्छा कर्म करने को कहता है।दूसरा होता है अधर्म वह होता हैं जो हर कार्य गलत करता है जो मानवता के खिलाफ करता है वह अधर्म है जैसे इस्लामी आतंकवाद जो केवल अपनी विचारधारा दूसरों पर थोपता है जबरदस्ती जो इनके द्वारा बनाये भगवान को माने नहीं तो जान से मार देता है जो पहले राक्षस करते थे कि कोई भगवान नहीं है हमारी पूजा मरो।इस्लाम वाले कहते हैं सभी का मालिक एक है लेकिन जो एक है वह केवल अल्लाह हैं उसकी इबादत करो किसी ओर की नहीं अगर किसी ओर की तो मार दिए जाओगे।धर्म और अधर्म की लड़ाई शुरू से ही चली आ रही है जो दो अलग अलग विचार धारा हैं।हिंदु देवी देवताओं के सभी के पास हथियार रखते थे क्योंकि धर्म की रक्षा के लिए शान्ति की स्थापना के लिए अधर्म आंतकवाद राक्षशो को मारना जरूरी है इससे पुण्य भी मिलता है इनका वध करना मारना जरूरी नहीं तो अधर्म की जीत हो जाती है इसलिए हिंदुओ को धर्म की रक्षा खुद की रक्षा देश की रक्षा स्त्री की रक्षा के लिए किसी की हत्या या वध करने पर पाप नहीं लगता पूण्य मिलता है तभी राम कृष्ण सभी ने मानवता की रक्षा के हथियार उठाया था ये काम कश्मीरी हिंदु करते तो उनका पलायन नहीं होता क्योंकि गीता में श्री कृष्ण ने कहा अत्याचार सहना भी वह खुद ही पाप का भागी हो जाता है। तभी अर्जुन ने हथियार उठाया था। कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए न तो सेना, पुलिस, सरकार, सुप्रीम कोर्ट कोई काम नहीं आता है खुद की रक्षा खुद को हिंदु समाज को करनी चाहिए नपुंसक नहीं बनना चाहिए। जब हम धर्म की रक्षा करेंगे धर्म हमारी रक्षा करेगा गीता में श्री कृष्ण जी ने कहा। अगर हम पाकिस्तान में हिंदु धर्म को मानने वाले ज्यादा होते तो हिंदुओ न पलायन करना पड़ता और न ही मरना पड़ता क्योंकि हमने धर्म की रक्षा नहीं की इसलिए अधर्म इस्लामी आतंकवाद ज्यादा हो गया ऐसा ही कश्मीर में हुआ। नहीं तो हिंदु ज्यादा होते तो देश के टुकड़े नहीं होते इसलिए धर्म की रक्षा करो हिंदु समाज धर्म की रक्षा करो। पाकिस्तान 35 % हिंदु थे अब 1 % बचे हैं बहुत बुरी स्थिति है दलित हिंदुओ का जबरदस्ती से उनकी लड़कियों को उठाकर ले जाते हैं बंधुआ मजदूरी करवाते हैं। पाकिस्तान में अमीर हिंदु बहुत थे अम्बानी, टाटा जैसे लाहौर, करांची, ढाका आदि में सबको कारोबार छोड़कर जान बचाकर भागना पड़ा।लोगतन्त्र में भी जिस पंथ जाति मजहब की संख्या ज्यादा होती है वही राज करता है इसलिए रुपये पैसों से ज्यादा जरूरी जनसंख्या वृद्धि है।इसलिए अमीर हिंदुओ का कारोबार भी हिंदुओ की वजह से ही सुरक्षित है।
भगवान हमेशा इंसान मानव के रूप में जन्म लेकर लोगों को जीवन कैसे जीना चाहिए सुख दुख में कैसे काम करना चाहिए आदि सिखाने के लिए मानव रूप में जन्म लेते हैं.
अतिथि देवो भव का अर्थ हिंदु समाज नहीं समझ सका और अतिथि दानवों भव का स्वागत करके इस्लामी आतंकवाद मुगल बाबर तैमूर आदि आते गये।इसलिए भारत में देवता रूपी लोगों का स्वागत करो और दानवों को भारत की सीमा से बाहर करो। यह बात कोई कथा वाचक भागवत कथा में नहीं करता उनको सिर्फ कथा से रुपये कमाने है धर्म से नहीं मतलब.
जय हो सत्य सनातन हिंदु धर्म संस्कृति की 🚩🚩🚩
Jai shree raghav ❤
Jay shree ram
Nmo raghway ❤❤❤
इनको अजीरण हो गया है
জয় সীতারাম 🚩🚩🚩🚩🚩❤️❤️❤️❤️❤️
कुंभ नहाने से बीमारियां फैलती है घर रहे सुरक्षित रहै😊
जैसैपरीक्षापासहोवोअधिकारीहोताहैवेसेहीईच्छाहोवोअधिकारीहोताहैराममदींरनहीगएवोअधिकारीनहीहैईच्छाभीतीनपरकारकीकहीगईएकईच्छाएसीहोतीतोपरानछटपटानेलगतेहै
Reporter must call Gurudev please not Majaraj. Many many thanks. 🙏
Sankaracharya ke bare me aapko aisa nahi bolna chahiye
धर्म का अर्थ
ड्यूटी यानी कर्तव्य,दायत्व,जिम्मेदारी,अच्छे कर्म,अपना फर्ज, सत्य बाते आदि । धर्म जो धारने योग्य हो वह धर्म है।उदाहरण के लिए कहते है ना
1. जैसे ये राजा या शासक का धर्म है प्रजा का अच्छे से ध्यान रखें और अपने राज्य देश की दुश्मन देश से सुरक्षित रखे। 2 जैसे प्रजा का धर्म है दायत्व है जिम्मेदारी है अपने देश के हित में काम करे ग़द्दारी नहीं करे। 3 जैसे पिता का धर्म अपने परिवार के बच्चों का लालन पालन करे और बच्चों का धर्म आप अपने माता पिता की सेवा करे। पूजा अर्चना पद्धति भगवान से जुड़ना का माध्यम है व्यक्ति का।कहने का अर्थ ईसाई धर्म,मुस्लिम धर्म,सिख धर्म,बौद्ध धर्म आदि नहीं होते है केवल पंथ है विचार धारा है जबकि धर्म केवल एक ही होता है वह जो अपने कर्तव्य निभाने को कहता है अच्छा कर्म करने को कहता है।दूसरा होता है अधर्म वह होता हैं जो हर कार्य गलत करता है जो मानवता के खिलाफ करता है वह अधर्म है जैसे इस्लामी आतंकवाद जो केवल अपनी विचारधारा दूसरों पर थोपता है जबरदस्ती जो इनके द्वारा बनाये भगवान को माने नहीं तो जान से मार देता है जो पहले राक्षस करते थे कि कोई भगवान नहीं है हमारी पूजा मरो।इस्लाम वाले कहते हैं सभी का मालिक एक है लेकिन जो एक है वह केवल अल्लाह हैं उसकी इबादत करो किसी ओर की नहीं अगर किसी ओर की तो मार दिए जाओगे।धर्म और अधर्म की लड़ाई शुरू से ही चली आ रही है जो दो अलग अलग विचार धारा हैं।हिंदु देवी देवताओं के सभी के पास हथियार रखते थे क्योंकि धर्म की रक्षा के लिए शान्ति की स्थापना के लिए अधर्म आंतकवाद राक्षशो को मारना जरूरी है इससे पुण्य भी मिलता है इनका वध करना मारना जरूरी नहीं तो अधर्म की जीत हो जाती है इसलिए हिंदुओ को धर्म की रक्षा खुद की रक्षा देश की रक्षा स्त्री की रक्षा के लिए किसी की हत्या या वध करने पर पाप नहीं लगता पूण्य मिलता है तभी राम कृष्ण सभी ने मानवता की रक्षा के हथियार उठाया था ये काम कश्मीरी हिंदु करते तो उनका पलायन नहीं होता क्योंकि गीता में श्री कृष्ण ने कहा अत्याचार सहना भी वह खुद ही पाप का भागी हो जाता है। तभी अर्जुन ने हथियार उठाया था। कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए न तो सेना, पुलिस, सरकार, सुप्रीम कोर्ट कोई काम नहीं आता है खुद की रक्षा खुद को हिंदु समाज को करनी चाहिए नपुंसक नहीं बनना चाहिए। जब हम धर्म की रक्षा करेंगे धर्म हमारी रक्षा करेगा गीता में श्री कृष्ण जी ने कहा। अगर हम पाकिस्तान में हिंदु धर्म को मानने वाले ज्यादा होते तो हिंदुओ न पलायन करना पड़ता और न ही मरना पड़ता क्योंकि हमने धर्म की रक्षा नहीं की इसलिए अधर्म इस्लामी आतंकवाद ज्यादा हो गया ऐसा ही कश्मीर में हुआ। नहीं तो हिंदु ज्यादा होते तो देश के टुकड़े नहीं होते इसलिए धर्म की रक्षा करो हिंदु समाज धर्म की रक्षा करो। पाकिस्तान 35 % हिंदु थे अब 1 % बचे हैं बहुत बुरी स्थिति है दलित हिंदुओ का जबरदस्ती से उनकी लड़कियों को उठाकर ले जाते हैं बंधुआ मजदूरी करवाते हैं। पाकिस्तान में अमीर हिंदु बहुत थे अम्बानी, टाटा जैसे लाहौर, करांची, ढाका आदि में सबको कारोबार छोड़कर जान बचाकर भागना पड़ा।लोगतन्त्र में भी जिस पंथ जाति मजहब की संख्या ज्यादा होती है वही राज करता है इसलिए रुपये पैसों से ज्यादा जरूरी जनसंख्या वृद्धि है।इसलिए अमीर हिंदुओ का कारोबार भी हिंदुओ की वजह से ही सुरक्षित है।
भगवान हमेशा इंसान मानव के रूप में जन्म लेकर लोगों को जीवन कैसे जीना चाहिए सुख दुख में कैसे काम करना चाहिए आदि सिखाने के लिए मानव रूप में जन्म लेते हैं.
अतिथि देवो भव का अर्थ हिंदु समाज नहीं समझ सका और अतिथि दानवों भव का स्वागत करके इस्लामी आतंकवाद मुगल बाबर तैमूर आदि आते गये।इसलिए भारत में देवता रूपी लोगों का स्वागत करो और दानवों को भारत की सीमा से बाहर करो। यह बात कोई कथा वाचक भागवत कथा में नहीं करता उनको सिर्फ कथा से रुपये कमाने है धर्म से नहीं मतलब.
जय हो सत्य सनातन हिंदु धर्म संस्कृति की 🚩🚩🚩
Babal peda kar rahahi ?
Kitna jhut bol rahahai ye
धर्म का अर्थ
ड्यूटी यानी कर्तव्य,दायत्व,जिम्मेदारी,अच्छे कर्म,अपना फर्ज, सत्य बाते आदि । धर्म जो धारने योग्य हो वह धर्म है।उदाहरण के लिए कहते है ना
1. जैसे ये राजा या शासक का धर्म है प्रजा का अच्छे से ध्यान रखें और अपने राज्य देश की दुश्मन देश से सुरक्षित रखे। 2 जैसे प्रजा का धर्म है दायत्व है जिम्मेदारी है अपने देश के हित में काम करे ग़द्दारी नहीं करे। 3 जैसे पिता का धर्म अपने परिवार के बच्चों का लालन पालन करे और बच्चों का धर्म आप अपने माता पिता की सेवा करे। पूजा अर्चना पद्धति भगवान से जुड़ना का माध्यम है व्यक्ति का।कहने का अर्थ ईसाई धर्म,मुस्लिम धर्म,सिख धर्म,बौद्ध धर्म आदि नहीं होते है केवल पंथ है विचार धारा है जबकि धर्म केवल एक ही होता है वह जो अपने कर्तव्य निभाने को कहता है अच्छा कर्म करने को कहता है।दूसरा होता है अधर्म वह होता हैं जो हर कार्य गलत करता है जो मानवता के खिलाफ करता है वह अधर्म है जैसे इस्लामी आतंकवाद जो केवल अपनी विचारधारा दूसरों पर थोपता है जबरदस्ती जो इनके द्वारा बनाये भगवान को माने नहीं तो जान से मार देता है जो पहले राक्षस करते थे कि कोई भगवान नहीं है हमारी पूजा मरो।इस्लाम वाले कहते हैं सभी का मालिक एक है लेकिन जो एक है वह केवल अल्लाह हैं उसकी इबादत करो किसी ओर की नहीं अगर किसी ओर की तो मार दिए जाओगे।धर्म और अधर्म की लड़ाई शुरू से ही चली आ रही है जो दो अलग अलग विचार धारा हैं।हिंदु देवी देवताओं के सभी के पास हथियार रखते थे क्योंकि धर्म की रक्षा के लिए शान्ति की स्थापना के लिए अधर्म आंतकवाद राक्षशो को मारना जरूरी है इससे पुण्य भी मिलता है इनका वध करना मारना जरूरी नहीं तो अधर्म की जीत हो जाती है इसलिए हिंदुओ को धर्म की रक्षा खुद की रक्षा देश की रक्षा स्त्री की रक्षा के लिए किसी की हत्या या वध करने पर पाप नहीं लगता पूण्य मिलता है तभी राम कृष्ण सभी ने मानवता की रक्षा के हथियार उठाया था ये काम कश्मीरी हिंदु करते तो उनका पलायन नहीं होता क्योंकि गीता में श्री कृष्ण ने कहा अत्याचार सहना भी वह खुद ही पाप का भागी हो जाता है। तभी अर्जुन ने हथियार उठाया था। कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए न तो सेना, पुलिस, सरकार, सुप्रीम कोर्ट कोई काम नहीं आता है खुद की रक्षा खुद को हिंदु समाज को करनी चाहिए नपुंसक नहीं बनना चाहिए। जब हम धर्म की रक्षा करेंगे धर्म हमारी रक्षा करेगा गीता में श्री कृष्ण जी ने कहा। अगर हम पाकिस्तान में हिंदु धर्म को मानने वाले ज्यादा होते तो हिंदुओ न पलायन करना पड़ता और न ही मरना पड़ता क्योंकि हमने धर्म की रक्षा नहीं की इसलिए अधर्म इस्लामी आतंकवाद ज्यादा हो गया ऐसा ही कश्मीर में हुआ। नहीं तो हिंदु ज्यादा होते तो देश के टुकड़े नहीं होते इसलिए धर्म की रक्षा करो हिंदु समाज धर्म की रक्षा करो। पाकिस्तान 35 % हिंदु थे अब 1 % बचे हैं बहुत बुरी स्थिति है दलित हिंदुओ का जबरदस्ती से उनकी लड़कियों को उठाकर ले जाते हैं बंधुआ मजदूरी करवाते हैं। पाकिस्तान में अमीर हिंदु बहुत थे अम्बानी, टाटा जैसे लाहौर, करांची, ढाका आदि में सबको कारोबार छोड़कर जान बचाकर भागना पड़ा।लोगतन्त्र में भी जिस पंथ जाति मजहब की संख्या ज्यादा होती है वही राज करता है इसलिए रुपये पैसों से ज्यादा जरूरी जनसंख्या वृद्धि है।इसलिए अमीर हिंदुओ का कारोबार भी हिंदुओ की वजह से ही सुरक्षित है।
भगवान हमेशा इंसान मानव के रूप में जन्म लेकर लोगों को जीवन कैसे जीना चाहिए सुख दुख में कैसे काम करना चाहिए आदि सिखाने के लिए मानव रूप में जन्म लेते हैं.
अतिथि देवो भव का अर्थ हिंदु समाज नहीं समझ सका और अतिथि दानवों भव का स्वागत करके इस्लामी आतंकवाद मुगल बाबर तैमूर आदि आते गये।इसलिए भारत में देवता रूपी लोगों का स्वागत करो और दानवों को भारत की सीमा से बाहर करो। यह बात कोई कथा वाचक भागवत कथा में नहीं करता उनको सिर्फ कथा से रुपये कमाने है धर्म से नहीं मतलब.
जय हो सत्य सनातन हिंदु धर्म संस्कृति की 🚩🚩🚩