ठान लिया तो रुकना क्या

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  • Опубликовано: 5 фев 2025
  • ठान लिया तो रुकना क्या
    ठान लिया तो रुकना क्या
    हम आगे बढ़ेंगे आगे बढ़ेंगे
    और आगे बढ़ कर
    श्रेष्ठ मानव बन जाएंगे
    भौतिक ज्ञान के संग संग
    आत्मिक ज्ञान भी प्राप्त करेंगे हम
    जो शब्द विचार निहित हैं उसमें
    उनको धारण कर नेक बनेंगे हम
    ए विध् जो अंधकार छाया है मन में
    वह स्वत: ही मिट जाएगा
    सद्ज्ञान की वर्षा होने पर
    मन का सारा मैल धुल जाएगा
    फिर न कोई विषय बाकी रहेगा
    जिसे इन्द्रियाँ ग्रहण करेंगी
    तो ही तो भोग विलास की पीड़ा
    हमें नहीं सहनी पड़ेगी
    तभी तो दोष मुक्त हम रहकर
    विकार रहित रह पाएंगे
    और निर्विकारी नाम कहा कर
    अपना जीवन सफल बनाएंगे

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