देखिए लाख कोशिशें के बाद भी अगर वह खुश नहीं होते हैं तो ऐसी स्थिति में जैसे हो सके आप उन्हें खुश करने की कोशिश करें चाहे झूठ बोलकर चाहे चापलूसी करके। क्योंकि अक्सर यही कहा जाता है कि मरे लोगों से ज्यादा जिंदा लोगों की है खतरनाक होती है। इसलिए किसी भी प्रकार से उन्हें खुश रखने की कोशिश जरूर करें।
जब से आप व्रत शुरु करते हैं और जब तक आपका व्रत समाप्त होते हैं कोशिश करें कि आप किसी भी तरह से उन्हें खुश रखें। तब तक उन्हें की मर्जी के हिसाब से आप काम करें। जैसा बुजुर्ग कह बस वैसा ही करें।
unko kaise khus kare jo sab kuch karne ke baad bhi khus nahi hote
देखिए लाख कोशिशें के बाद भी अगर वह खुश नहीं होते हैं तो ऐसी स्थिति में जैसे हो सके आप उन्हें खुश करने की कोशिश करें चाहे झूठ बोलकर चाहे चापलूसी करके। क्योंकि अक्सर यही कहा जाता है कि मरे लोगों से ज्यादा जिंदा लोगों की है खतरनाक होती है। इसलिए किसी भी प्रकार से उन्हें खुश रखने की कोशिश जरूर करें।
@@shambhavi26 saalo beet gye khus karne me. kitna bhi kar lo khus hi nahi hote. pooja to me karti hu bas koi kaam nahi banta hai
agar seva karne ke baad bhi bujurg khus nahi huye to kya kare?
जब से आप व्रत शुरु करते हैं और जब तक आपका व्रत समाप्त होते हैं कोशिश करें कि आप किसी भी तरह से उन्हें खुश रखें। तब तक उन्हें की मर्जी के हिसाब से आप काम करें। जैसा बुजुर्ग कह बस वैसा ही करें।
reply jaroor karna ki kya kare
Pitradosh ko kaise theek kare। Agar Ghar me akal mrityu ho gayi ho to
Kya jinda logo ka bhi dosh lagta hai