तूने काजल लगाया दिन में रात हो गई // सिंगर क्रांति माला // बाबूलाल राजपूत // जवाबी कीर्तन // पखरौली

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  • Опубликовано: 29 окт 2024

Комментарии • 2

  • @bhanvarsingh3086
    @bhanvarsingh3086 Час назад

    बहुत सुन्दर सवाल, सुन्दर जबाब गीत | एक इशारा और-
    राम लखन वन पथ पे जात संग सीता सुकुमारी,
    कौन हैं संंग में सुमुखि तुम्हारे पूछत सब नारी |
    सहज सुभाय सुभग तन गोरे |नाम लखन लघु देवर मोरे ||
    खंजन मंजु तिरीछे नयननि |निज पति कहेउ तिन्हहिं सिय सयननि || सयननि= इशारे से |
    चितइ राम तन प्रेम की बरसात हो गई |
    तो, इशारों ही इशारों में सब बात हो गई ||

  • @Amrpal-qg2vl
    @Amrpal-qg2vl 5 часов назад +1

    ❤❤ श्रीमती क्रांति माला जी को हृदय से प्रणाम करता हूं बहुत अच्छा गीत गया है ❤❤ अमरपाल बॉम्बे हेयर ड्रेसर सैलून गुरबक्श गंज खीरों रोड रायबरेली ❤❤