मज़ार पर मज़ार वाले को माबूद समझकर इबादत की नीयत से सज़दा करना बेशक शिर्क है। लेकिन कोई भी इंसान मज़ार पर सज़दा इबादत की नीयत से नहीं करता है। इबादत की नीयत छोड़कर किसी भी नीयत से सज़दा करना हराम है। इबादत की नीयत छोड़कर किसी भी नीयत से सज़दा करने को शिर्क कहने वाला आलिम नहीं हो सकता। जाहिल ज़रूर हो सकता है।
Bezaq Hazard SUBHAN Allah ❤❤
Allha khush rakhe app ❤
Subhanallah ❤❤❤
𝕂𝕒𝕟𝕔𝕙𝕠𝕕𝕒 𝕤𝕖𝕥𝕒𝕒𝕟
Beshak
❤❤❤. Masala
beshak
Beshak MashaAllah
❤❤❤❤❤
SsatsY
Tsst😅s😮t😮sts😮srtstt😅
Beshaq
Beshak hazrat ji subhanAllha
Yar bech mai kuch Mt bola kro
Beshk ❤
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मज़ार पर मज़ार वाले को माबूद समझकर इबादत की नीयत से सज़दा करना बेशक शिर्क है।
लेकिन कोई भी इंसान मज़ार पर सज़दा इबादत की नीयत से नहीं करता है। इबादत की नीयत छोड़कर किसी भी नीयत से सज़दा करना हराम है।
इबादत की नीयत छोड़कर किसी भी नीयत से सज़दा करने को शिर्क कहने वाला आलिम नहीं हो सकता।
जाहिल ज़रूर हो सकता है।
Sajda sirf Allah ke liye hai isme ibadat ki karna ya na karne ka sawal hi paida nhi hota
Bhot gumraahi tkreer h