सृष्टि में प्रणियो द्वारा उत्पन्न हुआ मेंरा ही नित्या योगबल रूपी अंश प्रकृति में रहने वाले मन सहित छह इन्द्वियो को खीचता है मन मन्यते नया मस्तिष्क श्लेक=15/7❤❤❤❤❤🎉
उपद्बष्टानुमन्ता च भर्ता। भोक्ता महे श्रर परमात्मेति चाप्युक्क्तो देहेस्मन्पुरूषं पर। /इस प्रजापिता व्राहामा की देहमे स्थित पर पुरूष समीप देखने वाला। कायौ की अनुमति देने वाला यज्ञा वत्सों का भरण=पोषण करनें वाला। भोग की वासना लेने वाला माहाऩ़ ईश्वर शिव और परमात्मा रूपी परम पाटंधाररी अर्थात हीरों पटंथथारी इस तरह कहा जाता है अर्थात्। परमपिता शिब हैं और परमात्मा शंकर भोलेनाथ साकार निराकार रूप सारा है। श्लेक 13/22 ❤❤❤❤
Shivay namah pyare meethy shiv baba and shiv baba k pyare bachey ❤🌹🌹💐💐😊shiv baba hr pl hmare saath hai 😘mera toh aek shiv baba dusra na koi 🙏💐sakar main nirakar sab ka sadgateedata shiv baba
यतन्तओ योगिन श्र्चैनं पश्यन्त्यात्नय वस्थितम यच्चन् यतन्तो प्यकृता त्मानो नैनन पश्यन्य चेतसं ❤ ज्योतिबिदू आत्मा की याद का यत्न करते हुए योगीराज इस आत्मा को अपने में स्थित हुआं देखते हैं कितु आपने को वंश में न करने वाले बुद्धि लोग यात्न करते हुए भी इस आत्मा को नहीं देख पाते हैं श्लेक 15=11❤❤🎉❤❤❤
बेदाना सामबेदोस्म देवानामस्मि वासव इन्दियणा मन। षश्र्चस्मि। भुतना मसम्मि चेतना। बेदो मेसामबेद। हू। देवों। मे। ज्ञानधन। दाता शिब का बडा पुत्र महादेव हु इन्द्रियों में मस्तिष्क हु और सब प्राणियों में चेतना शक्ति सूर्य शिब शंकर भोलेनाथ को याद कर रहे। श्लेक/10/23❤
मान और मोह से रोहित आसक्ति रूपी दोष कों जीतने वाले सदा ईश्वरीय ज्ञान में लगें रहने वाले संसारिक कामनाओ से निवृत्त हुए और सुख दुख नामक द्वन्द्वो से मुक्त हुए मोहरहित ज्ञानी उस अविनाशी पद को पाते हैं श्लेक 15/5🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤
भुय ज्ञानानां उत्तमं परं ज्ञान प्रवक्ष्यामि यत़ ज्ञात्वा में सवै मुनयः इत परां सिद्ब गता ❤ सब ज्ञानो में उत्ततम श्रेष्ठ योग द्वारा सब मुनिजन इस नरकलोक से परम सिद्धि को प्रप्ता है श्लेक 14/1🎉🎉❤
हे राम शश्त्रभुताम अहम इषाणाम मुकर आत्माऔ मैं श्रष्ठठतम हेप्रणियो कों। ज्ञान द्बारा नया जन्म देने वाले हैं भुतेश्वनाथ हेदबाधिदेव हेजगदीश्वर आपने यथार्थ स्वरूप जानते हैभगवान। के परिचय कोई दे ही नही सकता हे। श्लेक 10/15 ❤❤
अनघ इति इदं गुह़यतमम शास्त्त्रं मया उक्तम भारत एतत बुदध्वा बुद्धि मान च स्यात ❤ हे निष्पाप इस तरह यह रहस्य पुणे आदेश अर्थात श्रीमत में ने तुम्हें बताई है हे भारत इसे जानकर मनुष्य समझदार और सफलमनोरथ बन जाते हैं श्लेक 15 /20❤❤❤❤❤🎉❤❤❤❤❤❤
मया ततमइदं सवं जगदब्यक्तमुतिना। मत्स्थानि सवं भुतानि न चाहें तेष्वववस्थितं ❤ मेर अति सुक्ष्म होने से प्रगट न होने वाले निरकारी ज्योति बिन्दु की वस्तारित बिजरूप साकार लिगमुति के द्बारा यह सारा जगत सुक्ष्म बिज से वृक्ष की भाति विस्तृत हुआ है अतः सभी प्राणी मुझे अब्यक्त वीजरूप में स्थित है किन्तु में उनमें स्थित नहीं हु अर्थात सवंब्यापी नहीं हू नाहं। तेषुते मयि गीता श्लोक -9/4❤❤❤❤❤🎉❤❤❤❤❤
मे रे में मन। *बुद्धि लगाना। वाले मेरे। में ही जिनके प्राण लगे हुएं हैं परस्पर एक। दुसरे को ज्ञान देते हुए। और सदा मेरे बिषय में वातांलाप। करते हुए वि सन्तोष पाते हैं और आनन्द मानते हैं। /श्लेक/10/9❤
नं च मत्स्थानि भुतानि पश्य मे योगमैश्र्वरम भुतभृन्न च भुतस्थो ममात्मा भुत भावन ❤ में मेरे ऐश्व वान ज्योतिलिग योग स्वरूप को देख जहा आकाशदि पंचभुत भी मेरे में स्थित नहीं है ज्ञान बीज से प्रणियो कों उत्पन्न करने वाले तथा योग रूपी खुराक से प्रणियो कों भरण =पोषण करनें वाली में री आत्मा उन जड़जंगम प्राणियो में स्थित भी नहीं है अर्थात् सवं ब्यापी नहीं हूं। श्लोक =9/5❤❤❤❤❤🎉🎉❤❤❤❤
इस तरह /ज्ञान धन=सम्पत्ति देने वाले शिबबाबा ने सद्भभाग्या अर्जन। करने वाले अर्जुन को इस तरह कह। कर पन अपना रूप दिया और शांत। रूप होकर महान आत्मा ने भयभीत हुए। इस अर्जन को आश्वासन दिया। श्लेक=11/50❤❤
इदं ज्ञानं उपाश्रिम्य मम साधम्यं आगता सगे न उपजायन्ते च प्रलये अपि नब्यथन्ति ❤ इसी ज्ञान को आश्रय लेकर मेरे समान निराकारी नबिकारी गुणधर्म को प्राप्त हुए प्राणी इस दुःखी संसार में उत्पन्न नहीं होता और सृष्टि को महाविनाश में भी दुःख नहीं होते ❤❤ श्लेक/14/2🎉🎉❤
गीता है भोले नाथ से निरिला ओम शान्ति यह किसकी महिमा सुनी बच्चों ने गाया जाता है ऊच ते ऊच भगवान शिव शंकर भगवान को ही बाप दादा कहा जाता है वही सारी रचना का रचियिता है जैसे लौकिक बाबा बाप दादा दादा को ही अपनी रचना का पहले कन्या को कपनी स्री बनाते हैं और फिर उनसे रचना रचते हैं =मु ता अब्यक्त बाणी ❤
सवं भुतेषु येन एकम भावम अव्ययम ईक्षते अविभक्तम विभक्तेषु तत़ ज्ञानम विद्ब सात्त्वकम = जिस ज्ञान यज्ञ अमृत द्बरा अलग-अलग अलग हुए सब प्राणियों में अविनाशी रूद्र ज्ञान यज्ञ और अखण्ड एक ही आत्मा आत्मा भाई भाई के भाव को देखता है उसे सतयुगी सात्विक ज्ञान अमृत दिया प्रजापिता श्लोक 18-20❤
हे कुन्ती पुत्र/ कल्पा दिकाल में मेरी अध्यक्षता में /अथांत देखरेख में /प्रकूति/जड +चेतन रूप स्वणिम संगमयुगी शुद्ध जगत को पैदा करती है इस एक ही कारण से यह अधोमुखी जगत उल्टी सीढी की। चाढी। श्लेक 9/10❤❤
ओम शान्ति शिव शंकर भोलेनाथ साकार निराकार शिबबाबा भोलेनाथ शिव शंकर भोलेनाथ साकार निराकार रूप मेरा बाबा सबं धर्म परित्यज् माम़ एक में शरणम् व्रज अहम त्वां सवंपापेभ्य मोक्षयिष्यामि मां शुच ❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉
सृष्टि में प्रणियो द्वारा उत्पन्न हुआ मेंरा ही नित्या योगबल रूपी अंश प्रकृति में रहने वाले मन सहित छह इन्द्वियो को खीचता है मन मन्यते नया मस्तिष्क श्लेक=15/7❤❤❤❤❤🎉
ओम शांती पिर्य शिवबाबा, आपकी बहुत याद आ रही है
उपद्बष्टानुमन्ता च भर्ता। भोक्ता महे श्रर परमात्मेति चाप्युक्क्तो देहेस्मन्पुरूषं पर। /इस प्रजापिता व्राहामा की देहमे स्थित पर पुरूष समीप देखने वाला। कायौ की अनुमति देने वाला यज्ञा वत्सों का भरण=पोषण करनें वाला। भोग की वासना लेने वाला माहाऩ़ ईश्वर शिव और परमात्मा रूपी परम पाटंधाररी अर्थात हीरों पटंथथारी इस तरह कहा जाता है अर्थात्। परमपिता शिब हैं और परमात्मा शंकर भोलेनाथ साकार निराकार रूप सारा है। श्लेक 13/22 ❤❤❤❤
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार और गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा 🌞🌹
ऊँ शान्ति
अम्रतवेला सच्चनाम वडआई विचार।।
Good morning Shiv baba OM shanti shiv baba ❤️💎
Good morning Shiv baba OM shanti shiv baba ❣️
आप बहुत याद आनेलगे जब से समझ आयी है मीठे मीठे प्यारे मेरे शिवबाबा 🎉🎉
Om shanti petage 🌞💎 Shiv baba good morning ❤️💎
Om shanti pitage Shiv baba good morning ❤️💎🤗
Happy Fathers Day 💟🌹.shiv baba ❤️🌞🤗
Shivay namah pyare meethy shiv baba and shiv baba k pyare bachey ❤🌹🌹💐💐😊shiv baba hr pl hmare saath hai 😘mera toh aek shiv baba dusra na koi 🙏💐sakar main nirakar sab ka sadgateedata shiv baba
ओम शांती शिव बाबा ❤️🌞🤗
Ommsantee,shivbabagood morning,pyar pyar baba shivshankar volante,hamara Meetha,Meetha,shivbaba,joy hoo hamara sankalpa,tumarekealiey&joy shivseva?
यतन्तओ योगिन श्र्चैनं पश्यन्त्यात्नय वस्थितम यच्चन्
यतन्तो प्यकृता त्मानो नैनन पश्यन्य चेतसं ❤ ज्योतिबिदू आत्मा की याद का यत्न करते हुए योगीराज इस आत्मा को अपने में स्थित हुआं देखते हैं कितु आपने को वंश में न करने वाले बुद्धि लोग यात्न करते हुए भी इस आत्मा को नहीं देख पाते हैं श्लेक 15=11❤❤🎉❤❤❤
ओम् शांती पिता जी ❤️ आप सुरक्षित रहे आप को याद प्यार गुंड माॉरनिंग शिव बाबा 🌞❣️🤗
धन्यवाद आपका
Merababa shivbaba, sadasarbada anandasagar--sadasarbada santeersagar,kalyankari,premsagar,love-ly baba shiv-sankar-volanath Huna.ilove u baba.
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार नमस्ते गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा 🌞💞💎🤗
पिताजी हमने आपको गलत समझा भल अब समझ आ गयी अब बहुत याद आने लगे 🌹🌹🇲🇰❤🙏🙏❤🇲🇰🌹🌹🌹ओम् शांति 🌹🌹
Achha hai asse hi yaad bani rahe
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आपको बहुत बहुत याद प्यार नमस्ते गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा 🌞💎❤️🤗
ओम् शान्ति शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार नमस्ते गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा,❣️🌹
💎 ओम् शान्ति शिव बाबा, आप की बहोत बहोत याद आती है।
Om shanti shiv baba Thanks for you ❤️🌞
Om shanti shiv baba good morning ❣️☀️
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार नमस्ते गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा ❣️
Bhot yaad aati hain baba 🙏🙏🙏 kripa banaye rakhna
Om Shanti mere meethe shivbaba 🌹🌹🙏🌹🌹
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार और गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा 🌞💎❣️🤗
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार नमस्ते गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे शिव बाबा ❣️💎
बेदाना सामबेदोस्म देवानामस्मि वासव इन्दियणा मन। षश्र्चस्मि। भुतना मसम्मि चेतना। बेदो मेसामबेद। हू। देवों। मे। ज्ञानधन। दाता शिब का बडा पुत्र महादेव हु इन्द्रियों में मस्तिष्क हु और सब प्राणियों में चेतना शक्ति सूर्य शिब शंकर भोलेनाथ को याद कर रहे। श्लेक/10/23❤
ओम शांती प्यारे शिवबाबा आपको मेरा बहोत बहोत धन्यवाद अपने मुझे अपना बच्चा बनाकर यह दिव्य ज्ञान दिया नमस्ते बाबा🙏🙏
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार गुड़ माॅरनिंग ❤️💎❤️🌞☺️
ओम् शान्ति शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार नमस्ते गुड़ माॅरनिंग 💎
मान और मोह से रोहित आसक्ति रूपी दोष कों जीतने वाले सदा ईश्वरीय ज्ञान में लगें रहने वाले संसारिक कामनाओ से निवृत्त हुए और सुख दुख नामक द्वन्द्वो से मुक्त हुए मोहरहित ज्ञानी उस अविनाशी पद को पाते हैं श्लेक 15/5🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤
भुय ज्ञानानां उत्तमं परं ज्ञान प्रवक्ष्यामि यत़ ज्ञात्वा में सवै मुनयः इत परां सिद्ब गता ❤ सब ज्ञानो में उत्ततम श्रेष्ठ योग द्वारा सब मुनिजन इस नरकलोक से परम सिद्धि को प्रप्ता है श्लेक 14/1🎉🎉❤
Om shanti pitaji 🌞❣️💎
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे शिव बाबा 🌞💞💎🤗
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा याद प्यार नमस्ते गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा 🌞❤️💎🤗
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आप सुरक्षित रहे सेफ रहे ख़ुश रहे आप को बहोतबहोत याद प्यार करते हैं ❣️
ओम् शान्ति शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार और गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा ❣️🌹
हे राम शश्त्रभुताम अहम इषाणाम मुकर आत्माऔ मैं श्रष्ठठतम हेप्रणियो कों। ज्ञान द्बारा नया जन्म देने वाले हैं भुतेश्वनाथ हेदबाधिदेव हेजगदीश्वर आपने यथार्थ स्वरूप जानते हैभगवान। के परिचय कोई दे ही नही सकता हे। श्लेक 10/15 ❤❤
Om shanti..pyarya shiva baba❤
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आपको बहुत बहुत याद प्यार और गुड़ माॅरनिंग 💎❣️🌞
ओम् शान्ति शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार नमस्ते गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार नमस्ते गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार और गुड़ माॅरनिंग 💎❤️
ओम् शान्ति शिव बाबा दृष्टि बहुत प्यारी लग रही है।
अनघ इति इदं गुह़यतमम शास्त्त्रं मया उक्तम भारत एतत बुदध्वा बुद्धि मान च स्यात ❤ हे निष्पाप इस तरह यह रहस्य पुणे आदेश अर्थात श्रीमत में ने तुम्हें बताई है हे भारत इसे जानकर मनुष्य समझदार और सफलमनोरथ बन जाते हैं श्लेक 15 /20❤❤❤❤❤🎉❤❤❤❤❤❤
मया ततमइदं सवं जगदब्यक्तमुतिना। मत्स्थानि सवं भुतानि न चाहें तेष्वववस्थितं ❤ मेर अति सुक्ष्म होने से प्रगट न होने वाले निरकारी ज्योति बिन्दु की वस्तारित बिजरूप साकार लिगमुति के द्बारा यह सारा जगत सुक्ष्म बिज से वृक्ष की भाति विस्तृत हुआ है अतः सभी प्राणी मुझे अब्यक्त वीजरूप में स्थित है किन्तु में उनमें स्थित नहीं हु अर्थात सवंब्यापी नहीं हू नाहं। तेषुते मयि गीता श्लोक -9/4❤❤❤❤❤🎉❤❤❤❤❤
ओम् शांती पिता जी शिव बाबा आप को बहुत बहुत याद प्यार और गुंड माॉरनिंग शिव बाबा 🌞❣️💎🤗
मे रे में मन। *बुद्धि लगाना। वाले मेरे। में ही जिनके प्राण लगे हुएं हैं परस्पर एक। दुसरे को ज्ञान देते हुए। और सदा मेरे बिषय में वातांलाप। करते हुए वि सन्तोष पाते हैं और आनन्द मानते हैं। /श्लेक/10/9❤
ओम् शांती पिता जी शिव बाबा आप को याद प्यार गुंड माॉरनिंग शिव बाबा नमस्ते 🌞❤️💎🤗
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आप को याद प्यार नमस्ते गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे शिव ऊं❣️🌹
ओम् शांति शिवबाबा गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार नमस्ते
ओमशांति ! शिवबाबा आपकी बहुत याद आती है ।
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा बहुत याद प्यार नमस्ते 🌞❤️💎🤗
ओम् शान्ति शिव बाबा
शिव बाबा याद हैं। सुप्रभात पिताश्री
ओंम सांति सुप्रभात प्यारे शिव बाबा ❤❤❤
नं च मत्स्थानि भुतानि पश्य मे योगमैश्र्वरम भुतभृन्न च भुतस्थो ममात्मा भुत भावन ❤ में मेरे ऐश्व वान ज्योतिलिग योग स्वरूप को देख जहा आकाशदि पंचभुत भी मेरे में स्थित नहीं है ज्ञान बीज से प्रणियो कों उत्पन्न करने वाले तथा योग रूपी खुराक से प्रणियो कों भरण =पोषण करनें वाली में री आत्मा उन जड़जंगम प्राणियो में स्थित भी नहीं है अर्थात् सवं ब्यापी नहीं हूं। श्लोक =9/5❤❤❤❤❤🎉🎉❤❤❤❤
🕉 SHANTI shiv baba mere pyara shiv baba mere meetha shiv baba mere pyara shiv baba mere meetha shiv baba mere meetha shiv baba. 🌷🥀⚘🌹🌹
इस तरह /ज्ञान धन=सम्पत्ति देने वाले शिबबाबा ने सद्भभाग्या अर्जन। करने वाले अर्जुन को इस तरह कह। कर पन अपना रूप दिया और शांत। रूप होकर महान आत्मा ने भयभीत हुए। इस अर्जन को आश्वासन दिया। श्लेक=11/50❤❤
ओम् शान्ति शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार और गुड़ माॅरनिंग 💎
Shivbaba 🕉 🕉. 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉 🕉. Santee,shivbaba, sadasarbada lovely 😍 bachha app ka sath rahana ilu,ilu,ilu ilu,I.L.u
ओम् शांती पिता जी शिव बाबा आप को याद प्यार किया है और गुंड माॉरनिंग शिव बाबा नमस्ते 🌞❤️💎🤗
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा गुड़ माॅरनिंग ❤️🌞🤗
ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आपको बहुत बहुत याद आती है ❤️ आपकी आप को बहोतबहोत याद प्यार गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा ❤️🌞🤗
इदं ज्ञानं उपाश्रिम्य मम साधम्यं आगता सगे न उपजायन्ते च प्रलये अपि नब्यथन्ति ❤ इसी ज्ञान को आश्रय लेकर मेरे समान निराकारी नबिकारी गुणधर्म को प्राप्त हुए प्राणी इस दुःखी संसार में उत्पन्न नहीं होता और सृष्टि को महाविनाश में भी दुःख नहीं होते ❤❤ श्लेक/14/2🎉🎉❤
ओंम सांति सुप्रभात प्यारे सिव बाबा ❤❤❤
गीता है भोले नाथ से निरिला ओम शान्ति यह किसकी महिमा सुनी बच्चों ने गाया जाता है ऊच ते ऊच भगवान शिव शंकर भगवान को ही बाप दादा कहा जाता है वही सारी रचना का रचियिता है जैसे लौकिक बाबा बाप दादा दादा को ही अपनी रचना का पहले कन्या को कपनी स्री बनाते हैं और फिर उनसे रचना रचते हैं =मु ता अब्यक्त बाणी ❤
गीता सर। =आपने आपको भगवानों को अर्पित करो/यही सबसे उत्तम सहारा है /इसके सारे को जानता है वह भय चिन्ता शोक से, से सर्व था। मुक्त। है/❤❤
पूथ्बीश्वर पुरोहितो में सबसे मुख्य बृहस्पति मुझको जान मैं सेनापतियो में कातिके। और सरोवरों में समुद्ब हुं। श्लेक 10/24। ❤❤
परित्रणाय। साधू ना बबिनाशाया। च दूष्कू तमं धर्म सस्स्थापनतर्थाय। सम्भवामि युगे युगे। 4/8 श्लेक ❤❤
Om shanti shiv baba bahut bahut yad pyar good morning 🌻🙏
Good Morning Shiva Baba ❤❤❤
Om shanti baba🌹aap ko bhut bhut yaad, pyar or good morning🌞
Omshanti shivbaba 🌹💕❤😍bahuthi pyari divya drishti hai
ओम् शांती पिता जी शिव बाबा आप को याद प्यार किया और गुंड माॉरनिंग शिव बाबा 🌞❣️💎🤗
Mo shanti pitage Shiv baba good morning ❤️💎🤗
Om shanti goodmorning mera mitha baba
ओम् शान्ति शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार और गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा
Om Shanti shiv baba good morning ❣️
Om shanti baba 🙏🙏 good morning mere pyare meethe meethe baba
om.shanti petige shive baba ❤️🌞 good morning ❣️ I love you
ओम् शांती पिता जी शिव बाबा आप को याद प्यार गुंड माॉरनिंग 🌞❤️💎🤗
बाप के यह मधुर आलाप सुनते सुनते शक्ति के सागर में हमारे हुए सम्मुख पहुंच गई।
ओम् शांती पिता जी शिव बाबा आप को याद प्यार गुंड माॉरनिंग शिव बाबा 🌞❤️💎🤗
ओम् शान्ति शिव बाबा गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा
सवं भुतेषु येन एकम भावम अव्ययम ईक्षते अविभक्तम विभक्तेषु तत़ ज्ञानम विद्ब सात्त्वकम = जिस ज्ञान यज्ञ अमृत द्बरा अलग-अलग अलग हुए सब प्राणियों में अविनाशी रूद्र ज्ञान यज्ञ और अखण्ड एक ही आत्मा आत्मा भाई भाई के भाव को देखता है उसे सतयुगी सात्विक ज्ञान अमृत दिया प्रजापिता श्लोक 18-20❤
न तद्धआसयेते सुयो नशशाण्ङ़को न पावक यद्धत्वा न निबर्तन्र्ते तद्धाम परमं मम। // श्लेक 15/7 ❤❤
हे कुन्ती पुत्र/ कल्पा दिकाल में मेरी अध्यक्षता में /अथांत देखरेख में /प्रकूति/जड +चेतन रूप स्वणिम संगमयुगी शुद्ध जगत को पैदा करती है इस एक ही कारण से यह अधोमुखी जगत उल्टी सीढी की। चाढी। श्लेक 9/10❤❤
ओम शान्ति शिव शंकर भोलेनाथ साकार निराकार शिबबाबा भोलेनाथ शिव शंकर भोलेनाथ साकार निराकार रूप मेरा बाबा सबं धर्म परित्यज् माम़ एक में शरणम् व्रज अहम त्वां सवंपापेभ्य मोक्षयिष्यामि मां शुच ❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉
Omshanthi good morning pyàrebaba
Good morning Shiv baba ❤️
OM shanti shiv baba good morning ❤️
ओम् शान्ति शिव बाबा आप को गुड़ माॅरनिंग 💎
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ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार नमस्ते गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा 🌞❤️💎🤗
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ओम् शान्ति पिताजी शिव बाबा आप को बहोतबहोत याद प्यार नमस्ते गुड़ माॅरनिंग मिठे प्यारे प्यारे शिव बाबा ❣️
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ओम् शांती पिता जी शिव बाबा आप को बहुत बहुत याद प्यार और गुंड माॉरनिंग शिव बाबा 🌞❤️💎🤗