पं० जसराज ने राग दरबारी आरोह अवरोह गाकर बिना आलाप के शुरू कर दिया तानपुरा सुरमंडल पर गाया जिसमें ना सारंगी नहीथ सिर्फ हारमोनियम की संगत की बहुत धीमी आवाज बहुत मुश्किल से सुनाई दे रही थी | इतने बड़े गायक को सारंगी संगत के साथ प्रस्तुति देनी थी | मैं पं० जसराज को लाईव भी इलाहाबाद में सुन चुका हूं | सारंगी हिन्दुस्तान शास्त्रीय संगीत गायन की संगत से गायब और लुप्त होती जा रही है | ये अजब सी सारंगी संगत विहीन गायन की दुनिया शास्त्रीय गायन को कब तक ऊँचाई पर कायम रख सकेगी और नई पीढ़ी का मार्ग दर्शन किस प्रकार करेगी लेकिन गायन में सारंगी संगत का भविष्य लगता है समाप्त या संकुचित कर देगी | महान शास्त्रीय गायकों से सादर अनुरोध है कि वे गायन में सारंगी के भविष्य का ख्याल करें तो बहुत अच्छा होगा हारमोनियम गत को वैकल्पिक संगत के रेप मैथन अपनायें तो हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायन का रूप अपने प्राचीन भव्य स्तर पर टिका रहने के साथ श्रोताओं दर्शकों को संगीत की महफिल में और रिकॉर्डेड संगीत से भी लंबे अरसे अनंत काल तक बांधे रहेगा |
Such modesty and beauty in the steadiness of Pandit Jasraj's offering here to the elevation of others to the expanded state of awareness. One can understand why he picked raga Darbari Kanada for his elaboration and play with Atma Shatkam of Adi Shankaracharya...
लगभग ४५ साल बाद पंडित जी की ये अजब तेरी दुनिया यह बंदिश सुनी. उस आवाज और उन स्वर लहरियों ने फिर वाही मोहिनी डाली ....सादर नमन ..
ना उत्पीड़न,ना संचित विषाद
ना जगत्प्राण का कोई प्रयास
केवल शांत,निश्चल,शाश्वत
प्रतिध्वनि रहती है।
पं० जसराज ने राग दरबारी आरोह अवरोह गाकर बिना आलाप के शुरू कर दिया तानपुरा सुरमंडल पर गाया जिसमें ना सारंगी नहीथ सिर्फ हारमोनियम की संगत की बहुत धीमी आवाज बहुत मुश्किल से सुनाई दे रही थी | इतने बड़े गायक को सारंगी संगत के साथ प्रस्तुति देनी थी | मैं पं० जसराज को लाईव भी इलाहाबाद में सुन चुका हूं | सारंगी हिन्दुस्तान शास्त्रीय संगीत गायन की संगत से गायब और लुप्त होती जा रही है | ये अजब सी सारंगी संगत विहीन गायन की दुनिया शास्त्रीय गायन को कब तक ऊँचाई पर कायम रख सकेगी और नई पीढ़ी का मार्ग दर्शन किस प्रकार करेगी लेकिन गायन में सारंगी संगत का भविष्य लगता है समाप्त या संकुचित कर देगी | महान शास्त्रीय गायकों से सादर अनुरोध है कि वे गायन में सारंगी के भविष्य का ख्याल करें तो बहुत अच्छा होगा हारमोनियम गत को वैकल्पिक संगत के रेप मैथन अपनायें तो हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायन का रूप अपने प्राचीन भव्य स्तर पर टिका रहने के साथ श्रोताओं दर्शकों को संगीत की महफिल में और रिकॉर्डेड संगीत से भी लंबे अरसे अनंत काल तक बांधे रहेगा |
Loved it............... Kya pakad he, what control and what a melodious voice. panditji, you r great.
Perfect. The every possible beautiful aspect of this raga has been brought out in this one rendition!
Such modesty and beauty in the steadiness of Pandit Jasraj's offering here to the elevation of others to the expanded state of awareness. One can understand why he picked raga Darbari Kanada for his elaboration and play with Atma Shatkam of Adi Shankaracharya...
No words to express..
What can i say simply amazing Pandit Ji..
Brilliant Artist . Lack of words to appreciate his magnanimity of his voice, his style and the soulfulness of his songs.
Spellbound! So much to learn from Pandit Ji!
Not to comment,but to be mesmerized......................
Love you Jasaraj ji , enchanting , Was in tears almost, loved the way you played in all saptaka .
Thanks Sony for uploading this :)
Jay ho. Sadar pranam. Jasrajji. Feel blessed.
Keep putting videos of classical music
Hats off to the great effort behind it. We must feel good to stay in the times of such amaizing people. Words are not at all suffecient........
Waah...
Adbhut.
ajab teri duniya maalik...kyaa baat.
Sadar Pranam Panditji
Those who disliked, dont deserve this planet
What a work of voice
Record quality is awesome but the sound of harmonium should be increased in the recording
A great artiste
Bliss defined!
बहुत सुंदर
wonderful singing..kooppukai
WAH!
Great
What is Pandit ji singing about? i understood Kaam Krodh which means lust and anger.
Its very beautiful
very nice
Jai ho
Royal voice royal Darbari the great sangeet martand Panditji
such mastery!
naman
goood
goood