भगवान श्री राम जी त्रेता में लंका पर विजय प्राप्त करके लौट आए थे और अयोध्या के राजा बन शासन किया। भगवान श्रीकृष्ण जी द्वापर में महाभारत करवा कर द्वारिका पुरी में जाकर द्वारिकाधीश बन शासन किया। भगवान कृष्ण जी के पश्चात महात्मा शाक्य मुनि महामुनि भगवान बुद्ध आए उन्होंने मन पर विजय प्राप्त करके मानवतावाद क्या होती हैं सारे विश्व को समझाया व शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाया फिर भी नकारात्मकता का पाठ पढ़ना अधिकांश मनुष्यों ने जारी रखा। भक्तों के प्रयास से कलियुग से सतयुग की प्राप्ति हेतु बड़ा कार्य भी होने जा रहा हैं ऐसे में कलियुग को व नकारात्मकता को समाप्त करने एवं सतयुग को लाने का काफी बड़ा कार्य हैं पंचमहाभूतों से निर्मित सृष्टि जिसमें 33 करोड़ मनुष्य और जलचर, नभचर, कीट-पतंगों एवं कई प्रकार के मनुष्यों के दृश्यमान व अदृश्य जीवों का पेड़-पौधों का शेष रह जाना ही हैं बाकि सब समाप्त होना यह भी कार्य सम्पन्न होने जा रहा हैं। यह सब भक्तों के विश्वास का ही परिणाम हैं जिसमें भक्तों और भगवान का अटूट रिश्ता सृष्टि के आरम्भ से ही हैं । सृष्टिगत कार्यों को गतिमान बनाए रखने एवं मानव जीवन को महामानव जीवन बनाए की सतत् प्रक्रिया में वैदिक सनातन धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका ने वसुधैव कुटुम्ब का निर्माण कर समस्त जगत और ब्रह्मांड में महत्वपूर्ण भूमिका ही नहीं निभाई अपितु कालचक्र में सभी धर्मों को जोड़कर महाकाल चक्र के युग-युगांतर, कल्प-कल्पान्तर को भी बड़ी सहजता से प्रकट किया हैं जिसमें सप्तऋषियों का जप तप योग ध्यानबल, ग्रहों-नक्षत्रों व समस्त साधकों द्वारा लगातार कार्य किए जाने मंत्र आहूत किए जाते रहे हैं । उत्तरीध्रुव के शीर्ष पर महादेवजी परिवार का निवास दक्षिणीध्रुव में सुक्ष्मरूप से क्षीरसागर सफेद बर्फ का सागर दूधिया रूप में शैषनाग शैया पर विराजमान भगवान श्री हरि विष्णु व मध्य में ब्रह्मलोक तीर्थगुरू पुष्कराजजी व महाकाल उज्जैन आज जो नगर उज्जैन नाम से जाना जाता है वह अतीत में अवंतिका, उज्जयिनी, विशाला, प्रतिकल्पा, कुमुदवती, स्वर्णशृंगा, अमरावती आदि अनेक नामों से अभिहित रहा। मानव सभ्यता के प्रारंभ से यह भारत के एक महान तीर्थ-स्थल के रूप में विकसित हुआ। पुण्य सलिला क्षिप्रा के दाहिने तट पर बसे इस नगर को भारत की मोक्षदायक सप्तपुरियों में एक माना गया हैं।तीर्थगुरू तीर्थराज पुष्कराज जी से ब्रह्माजी द्वारा सृष्टियज्ञ आरम्भ करके सृष्टि की रचना करी गई। उच्चलोकों व धरती के परिप्रेक्ष्य में सुक्ष्म जगत में धरती पर विष्णु भगवान सृष्टि के मनुष्यों के पालनकर्ता धरती के ऊपर ब्रह्मलोक से सृष्टिकर्ता व उससे भी ऊपर सत्यलोक शिवलोक जंहा से असत्य का नाश यानि की कलियुग का नाश संहारकर्ता महादेवजी व महाकाली जी के द्वारा किया जाता हैं। सतयुग में जाने हेतू भक्तों द्वारा बांधा गया सेतु जिसमें अष्ट चिरंजीवियों का गुप्त रूप से रहकर कार्य करना भला इस योगदान को अनदेखा कैसे किया जा सकता हैं वो भी अपना कार्य पूर्ण कर उच्च लोकों में प्रस्थान करेंगे सतयुग पश्चात पुनः त्रेता में भगवान श्री रामजी के साथ पुनः चिरंजीवियों का आगमन होगा । सतयुग को पुनः त्रिदेव-त्रिदेवी, सप्तॠषि, ग्रह-नक्षत्र, देवी-देवता अपने शिष्यों सहित मनुष्यों की सृष्टि में गतिमान महाकाल चक्र को आगे की और बढ़ाएंगे जिसको ब्रह्मांडीय चक्र समस्त ब्रह्मांडों से ही जाना जाता हैं। कल्कि दशमअवतार भगवान श्रीहरिविष्णु महानारायण 🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🪔🔱🪔🔱🪔🔱🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
🪔🕉सृष्टिकर्ता व 🕉🐚✌️🦚पालनकर्ता के नेत्रों में अश्रु तब आए जब 🕉⚖️🔱⚔️👣संहारकर्ता ने मनुष्यों की सृष्टि के साथ-साथ उनकी भी सृष्टि का संहार कर दिया फिर भी उन्होनें उन अश्रुओं को धरती पर नहीं गिरने दिए अन्यथा कुछ भी नहीं बचता।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔🎉🎉🎉🎉🎉🔱🪔🔱🪔🔱🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
OBSERVED DEVOTIONAL SONG RELATING TO TEN INCARNATIONS OF GOD VISHNU PRESENTED BY NAMITA AGRAWAL AN EMINENT SPIRITUAL SINGER CONTRIBUTING UNIQUE CHARMING GOD GIFTED VOICE OPINES TO EXCELLENCE.
प्रलयपयोधिजले धृतवानसि वेदम । विहितवहित्रचरित्रमखेदम ।
केशव धृतमीनशरीर जय जगदीश हरे ।।1।।
क्षितिरतिविपुलतरे तव तिष्ठति पृष्ठे । धरणिधरणकिणचक्रगरिष्ठे ।
केशव धृतकच्छपरुप जय जगदीश हरे ।।2।।
वसति दशनशिखरे धरणी तव लग्ना । शशिनि कलंकलेव निमग्ना ।
केशव धृतसूकररूप जय जगदीश हरे ।।3।।
तव करकमलवरे नखमद्भुतश्रृंगम । दलितहिरण्यकशिपुतनुभृगंम ।
केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे ।।4।।
छलयसि विक्रमणे बलिमद्भुतवामन । पदनखनीरजनितजनपावन ।
केशव धृतवामनरुप जय जगदीश हरे ।।5।।
क्षत्रिययरुधिरमये जगदपगतपापम । सनपयसि पयसि शमितभवतापम ।
केशव धृतभृगुपतिरूप जय जगदीश हरे ।।6।।
वितरसि दिक्षु रणे दिक्पतिकमनीयम । दशमुखमौलिबलिं रमणीयम ।
केशव धृतरघुपतिवेष जय जगदीश हरे ।।7।।
वहसि वपुषे विशदे वसनं जलदाभम । हलहतिभीतिमिलितयमुनाभम ।
केशव धृतहलधररूप जय जगदीश हरे ।।8।।
निन्दसि यज्ञविधेरहह श्रुतिजातम । सदयहृदयदर्शितपशुघातम ।
केशव धृतबुद्धशरीर जय जगदीश हरे ।।9।।
म्लेच्छनिवहनिधने कलयसि करवालम । धूमकेतुमिव किमपि करालम ।
केशव धृतकल्किशरीर जय जगदीश हरे ।।10।।
श्रीजयदेवकवेरिदमुदितमुदारम । श्रृणु सुखदं शुभदं भवसारम ।
केशव धृतदशविधरूप जय जगदीश हरे ।।11।।
बहुसभोनम् 🎉
🙏ଅଷ୍ଟପଦୀ-୧🙏
(ମାଳବରାଗ-ରୂପକତାଳ-ଅଷ୍ଟପଦୀ)
ପ୍ରଳୟ ପୟୋଧିଜଳେ ଧୃତବାନସି ବେଦମ୍
ବିହିତ ବହିତ୍ର ଚରିତ୍ର ମଖେଦମ୍
କେଶବ ! ଧୃତ ମୀନ ଶରୀର , ଜୟ ଜଗଦୀଶ ହରେ (୧)
କ୍ଷିତିରତି ବିପୁଳତରେ ତବ ତିଷ୍ଠିତି ପୃଷ୍ଠେ
ଧରିଣି -ଧରଣ- କିଣ ଚକ୍ର ଗରିଷ୍ଠେ
କେଶବ ! ଧୃତ କଚ୍ଛପ ରୂପ , ଜୟ ଜଗଦୀଶ ହରେ (୨)
ବସତି ଦଶନ ଶିଖରେ ଧରଣୀ ତବ ଲାଗ୍ନା
ଶଶିନିକଳଙ୍କ କକେବ ନିମଗ୍ନା
କେଶବ ! ଧୃତ ବରାହ ରୂପ , ଜୟ ଜଗଦୀଶ ହରେ (୩)
ତବକର କମଳ-ବରେ ନଖମୁଭୂତ ଶୃଙ୍ଗମ୍
ଦଳିତ ହିରଣ୍ୟକଶିପୁ ତନୁ ଭୃଙ୍ଗମ୍
କେଶବ ! ଧୃତ ନରହରି ରୂପ , ଜୟ ଜଗଦୀଶ ହରେ (୪ )
ଛଳୟସି ବିକ୍ରମଣେ ବଳିମଭୁତ ବାମନ
ପଦନଖ ନୀର ଜନିତ ଜନ ପାବନ
କେଶବ ! ଧୃତ ବାମନ ରୂପ , ଜୟ ଜଗଦୀଶ ହରେ (୫)
କ୍ଷତ୍ରିୟ ୠଧିର ମୟେ ଜଗଦପଗତ ପାପଂ
ସ୍ଵପ୍ନୟସି ପୟସି ଶମିତ ଭବତାପମ୍
କେଶବ ! ଧୃତ ଭୃଗୁପତି ରୂପ , ଜୟ ଜଗଦୀଶ ହରେ (୬)
ବିତରସି ଦିକ୍ଷୁ ରଣେ ଦିକ୍ ପତି କମନୀୟମ୍
ଦଶମୁଖ ମୌଳିଂ ବଳିଂ ରମଣୀୟମ୍
କେଶବ ! ଧୃତ ରଘୂପତି ରୂପ , ଜୟ ଜଗଦୀଶ ହରେ (୭)
ବହସି ବପୁସି ବିଶଦେ ବସନଂ ଜଳାଦଭମ୍
ହଳହତି ଭୀତି ମିଳିତ ଯମୁନାଭମ୍
କେଶବ ! ଧୃତ ହଳଧର ରୂପ , ଜୟ ଜଗଦୀଶ ହରେ (୮)
ନିନ୍ଦସି ଯଜ୍ଞ ବିଧେରହହ ଶ୍ରତିଜାତମ୍
ସଦୟ ହୃଦୟ ଦର୍ଶିତ ପଶୁଘାତମ୍
କେଶବ ! ଧୃତ ବୁଦ୍ଧ ଶରୀର , ଜୟ ଜଗଦୀଶ ହରେ (୯)
ମ୍ଲେଚ୍ଛ ନିବହ ନିଧନେ କଳୟସି କରବାଳମ୍
ଧୂମକେତୁମିବ କିମପି କରାଳମ୍
କେଶବ ! ଧୃତ କଳ୍କୀ ଶରୀର , ଜୟ ଜଗଦୀଶ ହରେ (୧୦)
ଶ୍ରୀ ଜୟଦେବ କବେରିଦ ମୁଦିତ ମୁଦାରମ୍
ଶୃଣୁ ସୁଖଦଂ ଶୁଭଦଂ ଭବସାରମ୍
କେଶବ ! ଧୃତ ଦଶବିଧ ରୂପ , ଜୟ ଜଗଦୀଶ ହରେ (୧୧)
Ty
Dhanyabad mahasaya
Thank you and god bless you 🙏
Dhanyabad aapananku🙏🏻✨️🙏🏻
ଅତି ସୁନ୍ଦର
ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ 🙏
भगवान श्री राम जी त्रेता में लंका पर विजय प्राप्त करके लौट आए थे और अयोध्या के राजा बन शासन किया। भगवान श्रीकृष्ण जी द्वापर में महाभारत करवा कर द्वारिका पुरी में जाकर द्वारिकाधीश बन शासन किया। भगवान कृष्ण जी के पश्चात महात्मा शाक्य मुनि महामुनि भगवान बुद्ध आए उन्होंने मन पर विजय प्राप्त करके मानवतावाद क्या होती हैं सारे विश्व को समझाया व शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाया फिर भी नकारात्मकता का पाठ पढ़ना अधिकांश मनुष्यों ने जारी रखा। भक्तों के प्रयास से कलियुग से सतयुग की प्राप्ति हेतु बड़ा कार्य भी होने जा रहा हैं ऐसे में कलियुग को व नकारात्मकता को समाप्त करने एवं सतयुग को लाने का काफी बड़ा कार्य हैं पंचमहाभूतों से निर्मित सृष्टि जिसमें 33 करोड़ मनुष्य और जलचर, नभचर, कीट-पतंगों एवं कई प्रकार के मनुष्यों के दृश्यमान व अदृश्य जीवों का पेड़-पौधों का शेष रह जाना ही हैं बाकि सब समाप्त होना यह भी कार्य सम्पन्न होने जा रहा हैं। यह सब भक्तों के विश्वास का ही परिणाम हैं जिसमें भक्तों और भगवान का अटूट रिश्ता सृष्टि के आरम्भ से ही हैं । सृष्टिगत कार्यों को गतिमान बनाए रखने एवं मानव जीवन को महामानव जीवन बनाए की सतत् प्रक्रिया में वैदिक सनातन धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका ने वसुधैव कुटुम्ब का निर्माण कर समस्त जगत और ब्रह्मांड में महत्वपूर्ण भूमिका ही नहीं निभाई अपितु कालचक्र में सभी धर्मों को जोड़कर महाकाल चक्र के युग-युगांतर, कल्प-कल्पान्तर को भी बड़ी सहजता से प्रकट किया हैं जिसमें सप्तऋषियों का जप तप योग ध्यानबल, ग्रहों-नक्षत्रों व समस्त साधकों द्वारा लगातार कार्य किए जाने मंत्र आहूत किए जाते रहे हैं । उत्तरीध्रुव के शीर्ष पर महादेवजी परिवार का निवास दक्षिणीध्रुव में सुक्ष्मरूप से क्षीरसागर सफेद बर्फ का सागर दूधिया रूप में शैषनाग शैया पर विराजमान भगवान श्री हरि विष्णु व मध्य में ब्रह्मलोक तीर्थगुरू पुष्कराजजी व महाकाल उज्जैन आज जो नगर उज्जैन नाम से जाना जाता है वह अतीत में अवंतिका, उज्जयिनी, विशाला, प्रतिकल्पा, कुमुदवती, स्वर्णशृंगा, अमरावती आदि अनेक नामों से अभिहित रहा। मानव सभ्यता के प्रारंभ से यह भारत के एक महान तीर्थ-स्थल के रूप में विकसित हुआ। पुण्य सलिला क्षिप्रा के दाहिने तट पर बसे इस नगर को भारत की मोक्षदायक सप्तपुरियों में एक माना गया हैं।तीर्थगुरू तीर्थराज पुष्कराज जी से ब्रह्माजी द्वारा सृष्टियज्ञ आरम्भ करके सृष्टि की रचना करी गई। उच्चलोकों व धरती के परिप्रेक्ष्य में सुक्ष्म जगत में धरती पर विष्णु भगवान सृष्टि के मनुष्यों के पालनकर्ता धरती के ऊपर ब्रह्मलोक से सृष्टिकर्ता व उससे भी ऊपर सत्यलोक शिवलोक जंहा से असत्य का नाश यानि की कलियुग का नाश संहारकर्ता महादेवजी व महाकाली जी के द्वारा किया जाता हैं। सतयुग में जाने हेतू भक्तों द्वारा बांधा गया सेतु जिसमें अष्ट चिरंजीवियों का गुप्त रूप से रहकर कार्य करना भला इस योगदान को अनदेखा कैसे किया जा सकता हैं वो भी अपना कार्य पूर्ण कर उच्च लोकों में प्रस्थान करेंगे सतयुग पश्चात पुनः त्रेता में भगवान श्री रामजी के साथ पुनः चिरंजीवियों का आगमन होगा । सतयुग को पुनः त्रिदेव-त्रिदेवी, सप्तॠषि, ग्रह-नक्षत्र, देवी-देवता अपने शिष्यों सहित मनुष्यों की सृष्टि में गतिमान महाकाल चक्र को आगे की और बढ़ाएंगे जिसको ब्रह्मांडीय चक्र समस्त ब्रह्मांडों से ही जाना जाता हैं। कल्कि दशमअवतार भगवान श्रीहरिविष्णु महानारायण 🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🪔🔱🪔🔱🪔🔱🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
ଆଜି ସମୟରେ ଭଜନରେ ସେତିକି ଭାବ (ଭକ୍ତି ପୂର୍ଣ୍ଣ ରଚନା) ନାହିଁ। କାରଣ ଆପଣମାନେ ଭଲ ଭକ୍ତି ସଙ୍ଗୀତ ଲେଖା ଚୟନ କରୁ ନାହାଁନ୍ତି। ଅନେକ ଚେଷ୍ଟା କରିଛି ମୋ ଭକ୍ତି ପୂତ ରଚନାକୁ ଆପଣଙ୍କ ଚ୍ୟାନେଲକୁ ଦେବାକୁ ହେଲେ ସଫଳ ହୋଇନାହିଁ। ଜୟ ଶ୍ରୀ ଜଗନ୍ନାଥ
ଋତି ଯୁଗର ମହାନ କଵି ଶ୍ରୀ ଜୟଦେବଙ୍କ ଙ୍କ ଅମର ଲେଖନୀ ରୁ ଦଶ ଅବତାର ପ୍ରଣିତ କବିଙ୍କ କାଳଜୟୀ ରଚନା ଗୀତଗୋବିନ୍ଦ ପୁର ପଲ୍ଲୀରେ ଜନ ମାନସ ରେ ପ୍ରତିଫଳିତ। ସୁନ୍ଦର ସାବଲୀଳ ଛନ୍ଦ ମନରେ ଉନ୍ମାଦ ସୃଷ୍ଟି କରେ ଏହି ମହାନ କବିଙ୍କ ର ଯେତେ ଵି ଗୁଣଗାନ କଲେ ମଧ୍ୟ କମ ହେଵ।
Jay Jagannath 🙏🏻🚩🙏🕉️
🪔🕉सृष्टिकर्ता व 🕉🐚✌️🦚पालनकर्ता के नेत्रों में अश्रु तब आए जब 🕉⚖️🔱⚔️👣संहारकर्ता ने मनुष्यों की सृष्टि के साथ-साथ उनकी भी सृष्टि का संहार कर दिया फिर भी उन्होनें उन अश्रुओं को धरती पर नहीं गिरने दिए अन्यथा कुछ भी नहीं बचता।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔🎉🎉🎉🎉🎉🔱🪔🔱🪔🔱🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
Very excellent and heart touching devotional song
Omm namah Bhagabate Basudevaya ki Pranam
JAYA jaganath swami KOTI KOTI pranama adhama ku krupa KARA, jayajagadisha hare
Sankha chakra gada padma
Jay jagannath
Superb, Dasa Avatar devotional song by great saint poet JAYADEV pleases Lord Jagannath, what to speak of ordinary mortals. NCMohanty
OBSERVED DEVOTIONAL SONG RELATING TO TEN INCARNATIONS OF GOD VISHNU PRESENTED BY NAMITA AGRAWAL AN EMINENT SPIRITUAL SINGER CONTRIBUTING UNIQUE CHARMING GOD GIFTED VOICE OPINES TO EXCELLENCE.
Krishna is the source of Vishnu
Jay Sri jagannath swami Nayana Patha Gami Bhaba tume
ଶ୍ରୀ ଜୟଦେବ ରଚିତ ଦଶ ଅବତାର କଳାକାର ମାନେ ସୁନ୍ଦର ଅଭିନୟ କରିଛନ୍ତି। ପ୍ରଖ୍ୟାତ କଣ୍ଠଶିଳ୍ପୀ ନମିତା ଅଗ୍ରୱାଲା କଂ କଂଠରେ ଗୀତ ଟି ଆହୁରି ସୁନ୍ଦର ହୋଇପାରିଥାଆନ୍ତା। ଯଦି ସୂର ସଂଯୋଜନା ଠିକ୍ ଭାବରେ କରାଯାଇଥାଆନ୍ତା।
Jaya Jaya jagannath...... excellent 👌👌👌...,.
My deep regard at the feet of LORD SRIKRISHNA.
Very nice
Jai Jagannath
ବେଦାନୁଦ୍ଧରତେ ଜଗନ୍ନିବହତେ ଭୂଗୋଳମୁଦ୍ ବିଭ୍ରତେ
ଦୈତ୍ୟାନ୍ ଦାରୟତେ ବଳିଂଚ୍ଛଳୟତେ କ୍ଷତ୍ରୀକ୍ଷୟଂକୁର୍ବତେ।
ପୌଲସ୍ତ୍ୟଜୟତେ ହଳଂକଳୟତେ କାରୁଣ୍ୟମାତନ୍ୱତେ
ମ୍ଳେଚ୍ଛମୃଚ୍ଛୟତେ ଦଶାକୃତିକୃତେ କୃଷ୍ଣାୟ ତୁଭ୍ୟଂ ନମଃ।।
ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ
🙏🙏🙏🙏
Shri haridas❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Jay shree Jagannth swami Nayan patha gami bhaba tume
Here Krishna🥰♥️🌍🙏♥️ Jai Jagannath Ji♥️♥️🙏✨🌻 Very Beautiful Divine Voice♥️🥰
Jai Sri Krishna.
Jai jagannath jai 🕉 🙏 🕉 Narayan Namah Namah beautiful presentation very Very nice thanks from RUKMINI PRODUCTION BijayaKumarMishra GITIKARA puri
Jay Sree Jaggnnath Swami Nayan path gami bhab tume 🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩
Jay shree jagannath 🙏🙏
Very nice 🙂
Jay Sri Laxmi Narayanay namah
Hare. Krishan
Jaya jagadishare
Taadapaneni Subbayamma.Yennallayeno chusi.Jagannadha Pahi prabho..
Omm namha bhagabate Basudebaya
Bahut bhala
Fantastic and wonderful.It imbibe s Bhakti at the Lotus feet of lord Jagannath.Nice presentation of Namita Mam.
Extent devotional song
Jay jagannath prabhu
Om vishnu devay namah 🕉️🙏🚩Om vishnu devay namah 🕉️🙏🚩Om vishnu devay namah 🕉️🙏🚩Om vishnu devay namah 🕉️🙏🚩Om vishnu devay namah 🕉️🙏🚩Om vishnu devay namah 🕉️🙏🚩Om vishnu devay namah 🕉️🙏🚩Om vishnu devay namah 🕉️🙏🚩Om vishnu devay namah 🕉️🙏🚩Om vishnu devay namah 🕉️🙏🚩Om vishnu devay namah 🕉️🙏🚩Om vishnu devay namah 🕉️🙏🚩
Jay Jagannath 🙏🙏
हरि बोल
Excellent. Jay Jagannath.
My maternal grand mother used to sing this beautiful bhajan for me. ❤
chamatkar
Jai Shri Madhav
Ati sundar ati man bhaavan ❤❤❤
Jay Sri jagannath swami Balabhadra Bhai Subhadra Bhauni ki Pranam
jay jagadisha hare
Beautiful 👌 singing feel the Devotion 💐👏👏👏 जय श्री कृष्णा 🙌🙌🙌, जय जगनाथ स्वामी जी 🙌🙌🙌
Omm namaha narayan namah
🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺
Very melodious and
KARNPRIY
Mahaprabhu 🙏🙏🙏🙏
My hertiest devotion for Maryadapurusattam bhagwan ram.
Jay Jagannath Gita Gobindam
Jay Jagannath 🙏♥️❤️♥️
My favourite song 💓💓💓 so so much lovely song 😌😌
हरे कृष्णा
Jaya shree jagannath swami
Jay jagannath 🙏🙏🙏🙏
It gives immense pleasure when I start my morning with these Jananas every day . Many thanks to the singer for her melodious tone.
Jay Sri Krishna
♥️🙏♥️Jaya Jagadish Hare♥️🙏♥️👌🌹👌
Jay Jagannath
Jay Shree Madhaba
🙏🙏🙏🙏🙏
Jay Srila Jayadeva Goswami, Jay Jagannatha
Singer ghantasala has sung pralaya pahochi jale excellent in one of old south movie. It has broken all records
🙏🌸Jay jagannath 🌸 🙏
Jay Jay Jagannath
Jay jagarnath
Jai Jagannath
Om namah Shivay 🙏🙏
So nice song
Jay sree RadheKrishna🙏🙏🙏🙏 🚩🚩🚩🚩🚩
🙏❤️🙏om namo bhagavate vasudevaya ❤️🙏❤️
Jay jagannath Radhe Radhe
Jay mahaprabhuu u 👍 you are 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bandhu sabar jai jagadish hare
Jay jagannath swami 🙏🌹🌹🙏🌸🌹🌹
Jay shree Hari
Jay jagannatha
Jayjagdishahare
Thank you so much! it helped me to remember the whole sloko of Sanskrit "Dasa abatara stoutri" Dhanyavaad!!♥️
🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
badhia
Par excellent performance, keep it .With regards.
OM JAY JAGADISHA HARE
My favorite from my childhood.
Very nice
Jay jagganath Prabhu
Mindvg
Jai Jagannath and hare krishna
Excellent........👌
This is the effect of Sri Jayadeva Goswamis transcendental composition
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Very nice jay jagannath
Jai jagannath
❤❤❤❤
🙏🙏🙏
🙏
ଜୟତୁ ଜୟତୁ ଜଗନ୍ନାଥ
ଜୟତୁ ଜୟତୁ ଜୟଦେବ🙏🙏🙏🙏
Gesyyfgcf sync vgu the g
Jay deba kabi kna rachana bhaba ati sundar ....... 🙏
Set
Jay Jagannath...
OM JAY JAGADISHA HARE🙏🙏🙏🙏🙏
jagannathayate namah
Jaya Jagannath Swamy..... So enchanting and soothing to the heart & soul