💐🌺ओ३म् नमस्ते स्वामी जी महाराज 🙏❤ 💐🌷हरिः ॐ🌷💐 ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।। 🌺💐🌷हरिःॐ नारायण🌷💐🌺 जय योगेश्ववर श्री कृष्ण महाराज🙏❤🌺 हरिः ॐ 🙏❤🌺
❤ मैं दयानंद सरस्वती जी को भारत की विभूति जानके ,परम राष्ट्रभक्त,प्रखर हिन्दू समाज सुधारक के नाते प्रणाम करता हूं उनकी अपनी मान्यता है जैसे रुपए पर जो राजा का सिक्का सही है मगर उसी सिक्का का पिछला हिस्से पर छपा कांटा ग़लत है हम वहीं तुम्हारे विरोधी है। दोनों ओर सत्य है। मीरां, नरसिंह, नामदेव, ज्ञानदेव, रामकृष्ण परमहंस जैसे अनंत संतों ने मुर्ति में परमात्मा प्रत्यक्ष देखा और कबीर ने भी अनुभव किया है।मुर्ति पुजक सच्चा भक्त साकार परमात्मा को तो देखता है साथ साथ निराकार को को भी खुदकी नज़र से प्रगट देखता है। सीधे साकार की उपासना करने वाले करोड़ ज्ञानी में से एक ने भी साकार की प्रगट अनुभूति करने वाले शायद मिलेंगे। नहीं मिलेंगे।❤❤❤❤❤❤❤❤
आर्य समाज ही सच्चा सनातनी है मैं सच्चिदानंद भगवान को कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम करता हूं मैं एक हिंदू समाज से आता हूं लेकिन आर्य समाज को मंच को देखकर वहां के ज्ञान को देखकर
Maharaj ji murti puja kab se shuru hui malum h apko pahlad ke liye bhagban khambhe se perkat huye tab logo ne shocha ki agar pahlad ke liye bhagban pathar se perkat ho sakte h to kyo na patthar ki murti ham bhi bnaye tab se ye murti puja hone lgi mharaj murti sakar h sakar se nirakar tak pahucha ja sakta h dadect nirakar ka dyan kro bhagban tak pahuchane ke liye nirakar ka dhyan hoga hi nhi isliye murti puja jaruri h mharaj radhe radhe
मूर्ति पूजा:- मूर्ति की वास्तविकता को जानते हुये व्यवहार में इसका उपयोग करते हुये भी सिर्फ मतभेद और लडाई पैदा करने के लिये शेष दुनिया को मुशरिक (मूर्ति पूजक)कहते है और मूर्ति की पूजा (स्वीकार्यता) का विरोध करते है। मूर्ति पूजा क्या है? विचार निराकार है और कर्म साकार ।अव्यक्त को व्यक्त करने के लिये एक ,दो या त्रि आयामी (one,two or three diamentional) अंकन ही मूर्ति है। अव्यक्त को व्यक्त करते ही अव्यक्त आकार पा जाता है और यही मूर्ति का प्रारंभ है ।इस प्रकार विषय वस्तु को समझने की स्वीकार्यता ही मूर्ति पूजा है।इस मूर्तिमान जगत में इसका अन्य कोई विकल्प नहीं है।कोई लिपि( script) ध्वनि को आकर देना है, जैसे "अ" की ध्वनि के लिये अल्फा , अलिफ, A आदि चिन्हों का प्रयोग किया जाता है ये चिन्ह उस ध्वनि की मूर्ति माने प्रतीक है। किसी भी लिपि का प्रयोग करना मूर्ति पूजा करना और इसे स्वीकार करना है। ध्वनि की सबसे छोटी इकाई मूर्तिपूजा का कोई विकल्प नहीं है क्योकि किसी भाषा की लिपि, चित्र, ड्राइंग, सोशल मीडिया में फोटो वीडियो आदि सब उपयोग कर रहे है।यह सब मूर्ति/ चित्र की स्वीकार्यता माने पूजा है।सब मूर्ति पूजक है पर शेष दुनिया को काफिर कह कर मारने के लिये ये नौटंकी है। सादर विचारार्थ
आजकल हिंदू लोग अपने को सनातनी कहने में गर्व कर रहे हैं किंतु बिना वेद स्वाध्याय के कोई सनातनी नहीं हो सकता है। क्योंकि वेद सदा से हैं और रहेंगे। 99% हिंदू लोग वेदों को नहीं जानते और न पढ़ते हैं फिर सनातनी कैसे हो सकते हैं? केवल आर्य समाज ही वेद के रास्ते पर चलता है इसलिए आर्यों को ही सनातनी कहा जा सकता है। केवल भागवत आदि 18 पुराण पढ़ने से और मूर्ति पूजा करने से हिंदू कभी सनातनी नहीं हो सकते हैं।
Maharana Pratap Sanatani the ya nahi the ? Shivaji maharaj sanatani the ye nahi the ? Chatrapati sambhaji maharaj Sanatani the ya nahi the ? Rana sanga sanatani the ya nahi the ?
Jis Prakar Aap apnon Se Pyar Karne Walon Ko Unki photo Dekhkar Yad Karte Hain Usi Prakar use Parmatma Ko Pyar Karne Wala uski photo ya Murti ke Madhyam se use Yad karta hai bus Murti ka itna hi kam hai Hare Krishna
Guruji if our body is made up of matter i.e atom then how does it gain consiuoness, similarly kya murti me agar matter hai atom hai, toh kya usme chetna nhi hoskti wo toh apni shraddha anusar hi hai ki hum murti se brahmn ko pujna chahte hai.
Bhai mere jinhone hindu dharm ko bachaya tha na vo Maharana Pratap, chatrapati shivaji maharaj,bappa rawal sab jo the vo murtipujak hi the samaji 😅😂 History padh le thodi
चाहे कोई माने या ना मानै लेकिन जगत् गुरु कहलाने में कोई शर्म नहीं करते और ना जाने क्या क्या उपाधि लगा रहे हैं ऐसे लोगों का सत्य क्या है। क्या वे सत्य का ग्रहण करेंगे? आर्य समाज के सिद्धांत सही है। और महर्षि दयानन्द सरस्वती जी जगत् गुरु कहलाने योग्य है लेकिन मान बडाई ईर्ष्या अंहकार वश भ्रमित हैं।
क्यों यार झूठ बोलते हो जब विवेकानंद ने मूर्ति पूजा का खंडन किया उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस तो मूर्ति पूजा ही करते थे काली मां की कोलकाता में तो फिर उनका भी विरोध कर देते हो
Arya samaj ki guru parmpara kya he jara batao kyoki gita je me likha he ki 4.2 me guru parmpara prapt gyan hi pramanit hota he Or yadi apki parmpara nahi he to apke pass ved mantra kaha se aye
आप जब ये कहते हैं कि आर्य समाज ही एकमात्र सच्चा मूर्ति पूजक है क्योंकि वो भगवान् की बनाई मूर्ति की पूजा करता है जीवित माता पिता की पूजा करना सिखाता है यहाँ आप निर्णायक बन रहे हैं मान्यवर क्या हम सनातनी हिंदू अपने माता पिता, गुरु जनों का सम्मान उनकी पूजा नहीं करते क्या अपने से बडों का सम्मान करना हमारे आचार्यों ने नहीं सिखाया क्या हमारे द्वारा वृद्ध आश्रम, शैक्षणिक संस्थान नहीं चलाए जा रहे आरे जब आर्य समाज का अस्तित्व भी नहीं था तब से हमारे प्रमाणित, परंपरा प्राप्त आचार्य मानव सेवा की प्रेरणा देते आ रहे हैं। जब आर्य समाज का अस्तित्व भी नहीं था तब से हमारे यहाँ मातृ देवो भवः, पितृ देवो भवः की भावना चली आ रही है और तुम हमें सिखाओगे अगर आप केवल मानव सेवा को ही सच्ची मूर्ति पूजा मानते हो तो ये तो हमारे यहाँ कब से चला आ रहा है इसलिए निर्णायक मत बनिए ये वक्तव्य आपकी मूर्खता को दर्शाता है।
दयानंद जी ने मूर्ति पूजा का विरोध कर एक तरह से इस्लाम का समर्थन किया।यह उपक्रम भी उसी दिशा में समझा जाना चाहिये। हमें इन बातों की उपेक्षा करनी चाहिये। यह भी निवेदन हैं इन बातों के अलावा उन्होने और बहुत सी अच्छी बातें और जागरूक रहने वाली बातें भी बतायी हैं हमें उन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिये।🙏
Respected Swami ji, Pranam. Thanks for the video. May I ask what is wrong in idol worship? Atheists deny existence, agnostics are not bothered if Ishwar/Bhagawan exists or not while believers believe in the existence from one to many i.e., gods and goddesses. According to Swami Vivekananda, idol worshiping is a low form. But ordinary humans have either no time or interest or capacity to comprehend a formless Ishwar. Har Har Mahadev was the one of war cries of many Hindu kings and queens against outside attackers. Maa Durga in Bengal, Sri Ganapati in Maharashtra etc were focal points of national movemenr against foreign rule. Therefore idol worship has its own utility. SC Panda
BEFORE DAYA NANDS VEDA WAS THERE ANY OTHER VADAS ?IF YES DOES THIS VED MATCHES WITH THAT VED ?IF NO ONE KNOWS ABOUT THE VEDA THAT WAS ORIGINAL 6. To7THOUSAND YEARS BEFORE THAN HOW CAN YOU SAY THIS VED IS 100 PERCENT CORRECT .MOST OF THE WRITTEN THINGS MAY BE CORRECT AND SOME MAY BE WRONG ...
जब ईश्वर हर जगह है तुम मूर्ति पूजा में विरोध क्यों जब भगवान श्री कृष्णा गीता में कह रहे हैं कण कण में व्यापक हूं तो फिर समस्या क्या है आपको चिल्लाने की जहा जिन्हें जो सत्य लगा वही प्राप्त किया अब एक ही जगह हर चीज तो नहीं मिलती है
App murti ko or radha maa ko gali dene wale. Or app murti pujak purano ko galat bolne wale or milavati kahna wale Milavati hui hogi to apko kese pata apke pass ko pandulipi he ya man se kuch bhi bak dete ho
कुछ उन संप्रदाय मजहब के बारे में भी बोल दिया करो साहब जो दिन रात सनातन वैदिक धर्म के ऊपर कुठाराघात कर रहे हैं उनके ऊपर ऊपर बोलने की तुम्हारी हिम्मत नहीं है सारे दिन बस यही करते रहते हो इधर का उधर उधर का उधर
बौद्ध धर्म के लोग महाराज बुद्ध की प्रतिमा को पूजते हैं उनके भी बोल दिया करो वह भी मूर्ति पूजा करते हैं मुस्लिम धर्म के लोग मस्जिद में वह भी मूर्ति पूजा करते हैं ईसाई धर्म वाले ईसा मसीह को पूजते हैं वह भी मूर्ति पूजा करते हैं कितने धर्म संप्रदाय मजहब के लोगों का मूर्ति पूजा करते हैं कुछ उनके ऊपर भी बोल दिया करो खुद आर्य समाजों के घर में महर्षि दयानंद की मूर्ति रखी हुई है फोटो रखी हुई है उनकी पूजा करते हैं वह लोग वह नहीं दिखता आपको अगर भगवान कृष्ण राम भगवान शंकर उनको अपना पूज्य मानकर के अगर उनकी मूर्ति स्थापित कर देते हैं तो वह आपको बुरा लग रहा है
इससे पता चलता है परंपरागत आचार्य से ज्ञान नहीं पाया पूज्य पाद शंकराचार्य जी ने चार धाम में मूर्ति स्थापित कर पंचदेव की पूजा का विधान बताया दयानंद के नाम पर वकवास करना बंद करो प्रकृति से पार जाने के लिए प्रकृति का अवलंबन लेना ही होगा मंच से अनाप सनाप कुछ भी ये हो क्या रहा है दयानंद जी की मूर्ती लगाकर आर्यसमाजी स्वयं पूजा करते हो और फिर यहां वकवास करते हो तुम सब पर गौ हत्या का पाप लगेगा भेद से ही अभेद जाना जाता है
अरे तुझे कुछ भी नहीं पता। सतयुग में महर्षि मार्कण्डेय,त्रेता में प्रभु श्रीराम,द्वापर में श्रीकृष्ण और कलयुग में जगद्गुरू आदि शन्कराचार्य जी ने मिट्टी से शिव लिंग बनाकर उनकी पूजा किये थे। और तुम बोल रहे हो कि आदि शन्कराचार्य ने मूर्ति पूजा का विरोध किया था। क्या शिवलिंग शिव कि मूर्ति नहीं ? अगर आदि शन्कराचार्य ने मूर्ति पूजा का विरोध किया था तो उनके परम्परागत शन्कराचार्यों क्यों मूर्ति पूजा का समर्थन कर रहे है? क्या राजा सुरथ ने मेधा ऋषि के कहने पर मूर्ति बनाकर देवी कि पूजा नहीं किया था? क्या मेधा ऋषि वेदज्ञ नहीं थे? पात्रापात्रविशेषोऽस्ति धेनुःपन्नगयोरिव। तृणादुत्पद्यते दुग्धं दुग्धादुत्पद्यते विषम्।। पात्र और अपात्र इन दोनों में गाय और सांप जैसा हि फर्क है। गाय घास खा कर दूध उत्पन्न करता है और सांप दूध पी कर विष उत्पन्न करता है। वैसे हि ये कवीर,नानक,दयानन्द,विवेकानन्द सब अपात्र थे,जो कि वेद का उल्टा अर्थ निकाल कर लोगों को भ्रमित किए है। तुम लोग किसी ईसाई से पैसे खाए हो जिसके लिए तुम ये सब काम कर रहे हो।
Arya samaj ek bahut hii accha sanstha haii Bina kisi loong lapete ke seedhi baat no bakwaas yahan yehi chalt haii kathin lagta haii dayanand ka satyarthpraksh toh ghoor tap haii bhaii us palan ajj kal asambhav sa lagta haii ,,lekin hai mahan seekh Dene wala sanstha toh haii
भाई मूर्ति पूजा घर हम करते हैं तो देखने वाले को तकलीफ क्याहोती है माता पिता की फोटो को मैंने भी प्रणाम किया लेकिन मुझे आशीर्वादनहीं दिया जैसे हमारे माता-पिता की फोटो की पूजा करते हैं वैसे भगवान की करते हैं इसमें क्या बुराई है हमारीआस्था है
कबीर मुस्लिम के घर पले बढ़े थे ईसलीऐ वह तो विरोध करेगा, दूसरी बात स्वामी विवेकानंद ने तो मूर्ति पूजा वैज्ञानिक हैं जरुरत है ऐसा कहते थे ऐं आर्यसमाजी पाखंडी और झूठा है हिन्दू ओ मूर्ति पूजा और माता पिता की पूजा करना सनातन धर्म कहता है
💐🌺ओ३म् नमस्ते स्वामी जी महाराज 🙏❤
💐🌷हरिः ॐ🌷💐
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
🌺💐🌷हरिःॐ नारायण🌷💐🌺
जय योगेश्ववर श्री कृष्ण महाराज🙏❤🌺
हरिः ॐ 🙏❤🌺
आर्य समाजियों को सनातन परम्परा पर प्रश्न चिन्ह लगाने बंद कर देने चाहिए, नहीं तो कोई नाम लेवा भी नहीं बचेगा।
सनातन धर्म रक्षक विद्वानों को कोटि कोटि नमन
सत्य सनातन वैदिक धर्म को पुनर्जीवित करने वाले महर्षि दयानंद सरस्वती जी को कोटि कोटि नमन है जिन्होंने इस आदिकालीन राष्ट्र की रक्षा कर ली।
ओउम्
सत्य सनातन वेदिक धर्म की जय🧘♂️🙏⛳💯
Namaste swamiji.
आर्य समाज की जय हो 🙏🚩
बहुत सही कहा है जी आपने।
Guruji Ham bhi Sara Parivar Arya Samaj Ban Gaye🙏🕉🙏
Kaise bne
🙏🙏🙏
नमन स्वामी जी 💯🙏⛳🧘♂️
Guruji AP ko koti koti namaskar Odisha se
Arya Samaj Amar rahe... ⛳💯🙏
Bilkul Sahi kaha ji 🙏
Har har Mahadev
🙏🚩
हर हर महादेव 🙏🙏🙏 ओम
🕉🙏🚩
❤❤❤ 100% सत्य
बिल्कुल सच बोला आप ने
🕉🕉🕉🙏🙏🙏🚩🚩🚩
ओम्🚩 नमस्ते आचार्य जी
Jai guru dev
100 % said.. Jai shiv shakti 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹👌
❤ मैं दयानंद सरस्वती जी को भारत की विभूति जानके ,परम राष्ट्रभक्त,प्रखर हिन्दू समाज सुधारक के नाते प्रणाम करता हूं उनकी अपनी मान्यता है जैसे रुपए पर जो राजा का सिक्का सही है मगर उसी सिक्का का पिछला हिस्से पर छपा कांटा ग़लत है हम वहीं तुम्हारे विरोधी है। दोनों ओर सत्य है। मीरां, नरसिंह, नामदेव, ज्ञानदेव, रामकृष्ण परमहंस जैसे अनंत संतों ने मुर्ति में परमात्मा प्रत्यक्ष देखा और कबीर ने भी अनुभव किया है।मुर्ति पुजक सच्चा भक्त साकार परमात्मा को तो देखता है साथ साथ निराकार को को भी खुदकी नज़र से प्रगट देखता है। सीधे साकार की उपासना करने वाले करोड़ ज्ञानी में से एक ने भी साकार की प्रगट अनुभूति करने वाले शायद मिलेंगे। नहीं मिलेंगे।❤❤❤❤❤❤❤❤
Radhe ❤Krishna 🙏🏻
आओ सनातनीओ वेदों की और लौटे।🙏
आओ सनातनियों पुराणों की ओर लौटो 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
Hamlog ved me asrit hai aur ved mantro ke dwara bhagwan ke puja karte hai lekin tumlog mleccha ban chuke ho
तेरे भाषा से पता चलता है कितना वेद मंत्र उच्चारण करता है।
Tu pahle ghar laut jaa 😂
Ved ki or lauto🙏🕉🙏💯💯💯
पुराणों की ओर लौटो 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
Swami jee ko naman
Dhanye ho Maharaj.
हमारे सत गुरु जम्भेश्वर भगवान ने भी विश्नोई समाज के लोगों को भी मुरती पुजा बामण वाद को समाप्त कीया
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो, ऐसा ही बोल कर पुकारना चाहिए, सिर्फ सनातन नहीं वरना गलत हो जायेगा, 🙏
नि:शुल्क 16 संस्कार सर्वत्र, विश्व भर में हर तरफ़ समय रहते सदा, पूर्ण सही हर एक सुरक्षा-शान्ति-खुशहाली सम्पन्न जीवन के, पूर्ण सही अस्तित्व के लिए,...
Ram Ram
🕉️🕉️🕉️🕉️
Arya Samaj na kitne Sudra bnaye?
आर्य समाज ही सच्चा सनातनी है मैं सच्चिदानंद भगवान को कोटि-कोटि दंडवत प्रणाम करता हूं मैं एक हिंदू समाज से आता हूं लेकिन आर्य समाज को मंच को देखकर वहां के ज्ञान को देखकर
Swamijee aap yah bataye ki Arya samaj sanchalit vridhasra,ya vanprasth ashram Kahan 2 hai,kripya bataye ,abhari rahege
ओ३म् 🙏🙏🙏
🚩
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️👍👍👍👍👍🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳bharat maa.om namaste.
Havan call off Dharm per debate Kar lijiye Maharaj❤
Go back to Vedas
Maharaj ji murti puja kab se shuru hui malum h apko pahlad ke liye bhagban khambhe se perkat huye tab logo ne shocha ki agar pahlad ke liye bhagban pathar se perkat ho sakte h to kyo na patthar ki murti ham bhi bnaye tab se ye murti puja hone lgi mharaj murti sakar h sakar se nirakar tak pahucha ja sakta h dadect nirakar ka dyan kro bhagban tak pahuchane ke liye nirakar ka dhyan hoga hi nhi isliye murti puja jaruri h mharaj radhe radhe
Yeshu crist enake samane bhi log prarthana karate hai esake bareme bataye ???🎉🎉
मूर्ति पूजा:-
मूर्ति की वास्तविकता को जानते हुये व्यवहार में इसका उपयोग करते हुये भी सिर्फ मतभेद और लडाई पैदा करने के लिये शेष दुनिया को मुशरिक (मूर्ति पूजक)कहते है और मूर्ति की पूजा (स्वीकार्यता) का विरोध करते है।
मूर्ति पूजा क्या है?
विचार निराकार है और कर्म साकार ।अव्यक्त को व्यक्त करने के लिये एक ,दो या त्रि आयामी (one,two or three diamentional) अंकन ही मूर्ति है। अव्यक्त को व्यक्त करते ही अव्यक्त आकार पा जाता है और यही मूर्ति का प्रारंभ है ।इस प्रकार विषय वस्तु को समझने की स्वीकार्यता ही मूर्ति पूजा है।इस मूर्तिमान जगत में इसका अन्य कोई विकल्प नहीं है।कोई लिपि( script) ध्वनि को आकर देना है, जैसे "अ" की ध्वनि के लिये अल्फा , अलिफ, A आदि चिन्हों का प्रयोग किया जाता है ये चिन्ह उस ध्वनि की मूर्ति माने प्रतीक है। किसी भी लिपि का प्रयोग करना मूर्ति पूजा करना और इसे स्वीकार करना है। ध्वनि की सबसे छोटी इकाई मूर्तिपूजा का कोई विकल्प नहीं है क्योकि किसी भाषा की लिपि, चित्र, ड्राइंग, सोशल मीडिया में फोटो वीडियो आदि सब उपयोग कर रहे है।यह सब मूर्ति/ चित्र की स्वीकार्यता माने पूजा है।सब मूर्ति पूजक है पर शेष दुनिया को काफिर कह कर मारने के लिये ये नौटंकी है।
सादर विचारार्थ
बहुत सुन्दर ! आपकी समझ अद्भुत है ।
हम भी मूर्ती पूजा के विरोधी
Swami ji ko kotti kotti naman
आजकल हिंदू लोग अपने को सनातनी कहने में गर्व कर रहे हैं किंतु बिना वेद स्वाध्याय के कोई सनातनी नहीं हो सकता है। क्योंकि वेद सदा से हैं और रहेंगे। 99% हिंदू लोग वेदों को नहीं जानते और न पढ़ते हैं फिर सनातनी कैसे हो सकते हैं? केवल आर्य समाज ही वेद के रास्ते पर चलता है इसलिए आर्यों को ही सनातनी कहा जा सकता है। केवल भागवत आदि 18 पुराण पढ़ने से और मूर्ति पूजा करने से हिंदू कभी सनातनी नहीं हो सकते हैं।
Maharana Pratap Sanatani the ya nahi the ?
Shivaji maharaj sanatani the ye nahi the ?
Chatrapati sambhaji maharaj Sanatani the ya nahi the ?
Rana sanga sanatani the ya nahi the ?
वेदों की ओर लौटो
👍👍👍👍👍👍👍
❤❤❤❤❤
🙏🙏🙏💯👍👍👍💯🤔🤔🤔💯😌😌😌💯
Jis Prakar Aap apnon Se Pyar Karne Walon Ko Unki photo Dekhkar Yad Karte Hain Usi Prakar use Parmatma Ko Pyar Karne Wala uski photo ya Murti ke Madhyam se use Yad karta hai bus Murti ka itna hi kam hai Hare Krishna
आर्य समाज सनातन का 1% है
Bilkul
Guruji if our body is made up of matter i.e atom then how does it gain consiuoness, similarly kya murti me agar matter hai atom hai, toh kya usme chetna nhi hoskti wo toh apni shraddha anusar hi hai ki hum murti se brahmn ko pujna chahte hai.
Murti pujak kabhi astik nahi ho sakte,ye apne ko sanatani kahte hai , aharnish dhanyabad,swamijee
Bhai mere jinhone hindu dharm ko bachaya tha na vo Maharana Pratap, chatrapati shivaji maharaj,bappa rawal sab jo the vo murtipujak hi the samaji 😅😂
History padh le thodi
चाहे कोई माने या ना मानै लेकिन जगत् गुरु कहलाने में कोई शर्म नहीं करते और ना जाने क्या क्या उपाधि लगा रहे हैं ऐसे लोगों का सत्य क्या है। क्या वे सत्य का ग्रहण करेंगे? आर्य समाज के सिद्धांत सही है। और महर्षि दयानन्द सरस्वती जी जगत् गुरु कहलाने योग्य है लेकिन मान बडाई ईर्ष्या अंहकार वश भ्रमित हैं।
हम हिंदू हैं मुर्ति पूजा करते हैं बाकी लोग हिंदू को बहका कर धर्म बदलने का खेल है आप ने मानना है मानिये नही है मत मानिये
Murti se ful vale ko dudh vale ko pujari ko paisa milata hai rojiroti milati hai .Safae vale ko rojagar milata hai .🎉🎉🎉
दो,बील्ली,ऐकरोटीकेलीये,लडरहीथी,ऐकबंदरनेकहा,में,समान,भाग,करदु,कहके,तराजुमेतोलनेलगा,जो,भाग,बडालगे,काटके,खाने लगा,बील्ली,देखती,रही,आखीर,पुरी रोटी,बंदर,खागया,विनाश काले,विपरीत,बुद्धी,भगवान,सबका,भला करे,।
Ye wo Karm heen h jo Varna ko karmna mante h.😂😂😂😂😂
क्यों यार झूठ बोलते हो जब विवेकानंद ने मूर्ति पूजा का खंडन किया उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस तो मूर्ति पूजा ही करते थे काली मां की कोलकाता में तो फिर उनका भी विरोध कर देते हो
Arya samaj ki guru parmpara kya he jara batao kyoki gita je me likha he ki 4.2 me guru parmpara prapt gyan hi pramanit hota he
Or yadi apki parmpara nahi he to apke pass ved mantra kaha se aye
आप जब ये कहते हैं कि आर्य समाज ही एकमात्र सच्चा मूर्ति पूजक है क्योंकि वो भगवान् की बनाई मूर्ति की पूजा करता है जीवित माता पिता की पूजा करना सिखाता है यहाँ आप निर्णायक बन रहे हैं मान्यवर क्या हम सनातनी हिंदू अपने माता पिता, गुरु जनों का सम्मान उनकी पूजा नहीं करते क्या अपने से बडों का सम्मान करना हमारे आचार्यों ने नहीं सिखाया क्या हमारे द्वारा वृद्ध आश्रम, शैक्षणिक संस्थान नहीं चलाए जा रहे आरे जब आर्य समाज का अस्तित्व भी नहीं था तब से हमारे प्रमाणित, परंपरा प्राप्त आचार्य मानव सेवा की प्रेरणा देते आ रहे हैं। जब आर्य समाज का अस्तित्व भी नहीं था तब से हमारे यहाँ मातृ देवो भवः, पितृ देवो भवः की भावना चली आ रही है और तुम हमें सिखाओगे अगर आप केवल मानव सेवा को ही सच्ची मूर्ति पूजा मानते हो तो ये तो हमारे यहाँ कब से चला आ रहा है इसलिए निर्णायक मत बनिए ये वक्तव्य आपकी मूर्खता को दर्शाता है।
इंसान ने मोबाईल और सारी तकनीकी भी बनाई है
दयानंद जी ने मूर्ति पूजा का विरोध कर एक तरह से इस्लाम का समर्थन किया।यह उपक्रम भी उसी दिशा में समझा जाना चाहिये। हमें इन बातों की उपेक्षा करनी चाहिये।
यह भी निवेदन हैं इन बातों के अलावा उन्होने और बहुत सी अच्छी बातें और जागरूक रहने वाली बातें भी बतायी हैं हमें उन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिये।🙏
Respected Swami ji, Pranam. Thanks for the video. May I ask what is wrong in idol worship? Atheists deny existence, agnostics are not bothered if Ishwar/Bhagawan exists or not while believers believe in the existence from one to many i.e., gods and goddesses. According to Swami Vivekananda, idol worshiping is a low form. But ordinary humans have either no time or interest or capacity to comprehend a formless Ishwar. Har Har Mahadev was the one of war cries of many Hindu kings and queens against outside attackers. Maa Durga in Bengal, Sri Ganapati in Maharashtra etc were focal points of national movemenr against foreign rule. Therefore idol worship has its own utility. SC Panda
Arya samaj apna gyan badau shankrachary ji ne hi murti jaggnath ji ki isthapna ki he
BEFORE DAYA NANDS VEDA WAS THERE ANY OTHER VADAS ?IF YES DOES THIS VED MATCHES WITH THAT VED ?IF NO ONE KNOWS ABOUT THE VEDA THAT WAS ORIGINAL 6. To7THOUSAND YEARS BEFORE THAN HOW CAN YOU SAY THIS VED IS 100 PERCENT CORRECT .MOST OF THE WRITTEN THINGS MAY BE CORRECT AND SOME MAY BE WRONG ...
सिर्फ आर्य समाज का ही धर्म सत्य सनातन वैदिक धर्म इस दुनिया का एक मात्र सच्चा धर्म है।
हिरदे में विराज भगवान बाहर कियू खोज रहे हो अडसढ तिरथ हीरदा भीतर बाहरे लोका चारू
❤राम राम जी❤
हर हर महादेव भाईयों
Arya samaj ka samarthak hu
Par murti puja ka birodh thik nahi
जब ईश्वर हर जगह है तुम मूर्ति पूजा में विरोध क्यों जब भगवान श्री कृष्णा गीता में कह रहे हैं कण कण में व्यापक हूं तो फिर समस्या क्या है आपको चिल्लाने की जहा जिन्हें जो सत्य लगा वही प्राप्त किया अब एक ही जगह हर चीज तो नहीं मिलती है
App murti ko or radha maa ko gali dene wale. Or app murti pujak purano ko galat bolne wale or milavati kahna wale
Milavati hui hogi to apko kese pata apke pass ko pandulipi he ya man se kuch bhi bak dete ho
ये यू टूब भी इंसान ने बनाया है
😂😂😂
Toh koi uski Puja bhi nhi krta😅😅
@pulkitsrivastava7662 पूजा का मतलब पता भी है ?
@@RAMBHAKT123-b7i hmm pata h samjha mt
@pulkitsrivastava7662 तुझे कौन समझा रहा है तू तो फालतू मे बीच में कूद रहा है
Fir sab statue hatane chahiye world se ????
कुछ उन संप्रदाय मजहब के बारे में भी बोल दिया करो साहब जो दिन रात सनातन वैदिक धर्म के ऊपर कुठाराघात कर रहे हैं उनके ऊपर ऊपर बोलने की तुम्हारी हिम्मत नहीं है सारे दिन बस यही करते रहते हो इधर का उधर उधर का उधर
बौद्ध धर्म के लोग महाराज बुद्ध की प्रतिमा को पूजते हैं उनके भी बोल दिया करो वह भी मूर्ति पूजा करते हैं मुस्लिम धर्म के लोग मस्जिद में वह भी मूर्ति पूजा करते हैं ईसाई धर्म वाले ईसा मसीह को पूजते हैं वह भी मूर्ति पूजा करते हैं कितने धर्म संप्रदाय मजहब के लोगों का मूर्ति पूजा करते हैं कुछ उनके ऊपर भी बोल दिया करो खुद आर्य समाजों के घर में महर्षि दयानंद की मूर्ति रखी हुई है फोटो रखी हुई है उनकी पूजा करते हैं वह लोग वह नहीं दिखता आपको अगर भगवान कृष्ण राम भगवान शंकर उनको अपना पूज्य मानकर के अगर उनकी मूर्ति स्थापित कर देते हैं तो वह आपको बुरा लग रहा है
जय अरबर्त
Bhai sab up bed paro logoko galat disa mat do
इससे पता चलता है परंपरागत आचार्य से ज्ञान नहीं पाया पूज्य पाद शंकराचार्य जी ने चार धाम में मूर्ति स्थापित कर पंचदेव की पूजा का विधान बताया दयानंद के नाम पर वकवास करना बंद करो प्रकृति से पार जाने के लिए प्रकृति का अवलंबन लेना ही होगा मंच से अनाप सनाप कुछ भी ये हो क्या रहा है दयानंद जी की मूर्ती लगाकर आर्यसमाजी स्वयं पूजा करते हो और फिर यहां वकवास करते हो तुम सब पर गौ हत्या का पाप लगेगा भेद से ही अभेद जाना जाता है
अरे तुझे कुछ भी नहीं पता। सतयुग में महर्षि मार्कण्डेय,त्रेता में प्रभु श्रीराम,द्वापर में श्रीकृष्ण और कलयुग में जगद्गुरू आदि शन्कराचार्य जी ने मिट्टी से शिव लिंग बनाकर उनकी पूजा किये थे। और तुम बोल रहे हो कि आदि शन्कराचार्य ने मूर्ति पूजा का विरोध किया था। क्या शिवलिंग शिव कि मूर्ति नहीं ? अगर आदि शन्कराचार्य ने मूर्ति पूजा का विरोध किया था तो उनके परम्परागत शन्कराचार्यों क्यों मूर्ति पूजा का समर्थन कर रहे है? क्या राजा सुरथ ने मेधा ऋषि के कहने पर मूर्ति बनाकर देवी कि पूजा नहीं किया था? क्या मेधा ऋषि वेदज्ञ नहीं थे?
पात्रापात्रविशेषोऽस्ति धेनुःपन्नगयोरिव।
तृणादुत्पद्यते दुग्धं दुग्धादुत्पद्यते विषम्।।
पात्र और अपात्र इन दोनों में गाय और सांप जैसा हि फर्क है। गाय घास खा कर दूध उत्पन्न करता है और सांप दूध पी कर विष उत्पन्न करता है।
वैसे हि ये कवीर,नानक,दयानन्द,विवेकानन्द सब अपात्र थे,जो कि वेद का उल्टा अर्थ निकाल कर लोगों को भ्रमित किए है।
तुम लोग किसी ईसाई से पैसे खाए हो जिसके लिए तुम ये सब काम कर रहे हो।
ओउम्।सनातनी तो। वेदों।कि।ओर।लौटो
Tum murti puja nenhi karo tumko kon bol rha he karne keliye, tum kya ashirbad karne se fal flalta he. Dhong
100%right
Bakwas hai Arya samaj 😅
बकवाश
Arya samaj ek bahut hii accha sanstha haii Bina kisi loong lapete ke seedhi baat no bakwaas yahan yehi chalt haii kathin lagta haii dayanand ka satyarthpraksh toh ghoor tap haii bhaii us palan ajj kal asambhav sa lagta haii ,,lekin hai mahan seekh Dene wala sanstha toh haii
Bilkul sahi kaha hai RSS aur Arya Samaj hi hindu dharm ko bacha sakte hai
भाई मूर्ति पूजा घर हम करते हैं तो देखने वाले को तकलीफ क्याहोती है माता पिता की फोटो को मैंने भी प्रणाम किया लेकिन मुझे आशीर्वादनहीं दिया जैसे हमारे माता-पिता की फोटो की पूजा करते हैं वैसे भगवान की करते हैं इसमें क्या बुराई है हमारीआस्था है
कबीर मुस्लिम के घर पले बढ़े थे ईसलीऐ वह तो विरोध करेगा, दूसरी बात स्वामी विवेकानंद ने तो मूर्ति पूजा वैज्ञानिक हैं जरुरत है ऐसा कहते थे ऐं आर्यसमाजी पाखंडी और झूठा है हिन्दू ओ मूर्ति पूजा और माता पिता की पूजा करना सनातन धर्म कहता है
मूर्ति पत्थर शिवलिंग पूजा बंद करो ये अंधभक्ति है।
तो फिर ईश्वर कहा है
@nareshpalaya1170 ईश्वर हमारे भीतर है जिसे ध्यान और योग से जाना जा सकता है।
@@VijayVerma-kv7ui बिना गुरु का ध्यान और योग व्यर्थ होता है. भीतर नहीं है उसके साथ जुड़ना पड़ता है.
@@nareshpalaya1170 सही कहा आपने लेकिन मूर्ति पत्थर शिवलिंग को भगवान समझना व्यर्थ है
Tere purvaj kya karte the 200 sal pahle to ?
Aapas mai lado mut
Namaste guru ji
🕉🙏🚩