सचदेवा जी आपने जवाब में कहा कि लोक लज्जा के कारण जनक जी ने रात्रि में हल चलाया था और प्रसंग में गाया दिन के प्रथम पहर में हल चला था । बाकी का तो हमको नहीं पता है पर दिन का प्रथम पहर साबित नही होगा । कथन आपका गलत है । बाकी जवाब के दो प्रसंग सही हैं या गलत ज्ञानी लोग आपको बताएंगे । हमको पता है सनातन धर्म में दिन के प्रथम पहर में रात्रि कभी न होती थी और न होगी । मेरा कमेंट ज्ञान के लिए है किसी के अपमान के लिए नही 👏👏
Bahut sundar bhaiya jii ❤
Up 44 se dher saara prem 💞🤗🤗🙏🙏🙏
❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉 mAja aya
क्या बात है भाई साहब यह गीत हमारे परम गुरुदेव दादा लालचंद दीक्षित भी जाते हैं लेकिन आपने भी उनके जवाब पर जवाब मार दिया
कानपुर का खिलता कमल सचदेवा भाई जी बहुत बहुत धन्यवाद
Sachdeva ji jaisa gayak meri najar me koe nhi hai. Mata Saraswati ki krapa hamesha aap par bni rhe yhi meri kamna hai
रिकॉर्डिंग लाजवाब है और आगे का भाग जल्दी से जल्दी भेजें बहुत-बहुत धन्यवाद आपका
बात बहुत करते हैं आप ,सारा मजा किरकिरा हो जाता है
सचदेवा जी आपके मुकाबले कोई नहीं हे में बृजेन्द्र राजपूत राठ हमीरपुर
Sachdeva Ji sita astmi hoti hai
Bhaiya aap or kranti mala jesa klakar kanpur mandal me mene nhi dekha
Ya purano me santosh rahi ji
Ya ratiram gyani ji
Me to aap log ka feen hu ❤
शरारती जी बहुत सुन्दर
Very nice kirtan
एक नंबर गुरु का गाते हो
क्या सवारियां दादा लिखते हैं
मन प्रसन्न हों जाता हैं
क्या बात है विजय भैया
Bahut.sunder
ौौऔौौऔऔौऔऔऔौौौ
ौौ
सचदेवा जी बहुत ही बेहतरीन गाते है भाई
बहुत ही सुंदर भाई जी,,,,, जय श्री राम
Very good kirtan
Sachdeva shararti bahut bahut sunder
Qqqqqqqqqlqqqlqqqqqqqqqqqqqqlqqqqlqqqqqqqqqqqqqqqqq
नौकरी नही मिली तो अब कीर्तन गाते हैं 😁😁😁🙄🙄😜🤣🤣
Saca dava ji bahas bhuta karta ho
😊
Bahut sundar
सीता अष्टमी होती है है नौवीं नहीं
मेरे तीन अनमोल रतन
Roshani Ji ko bata do har vyanjan mein ekmatra chhupi hoti hai Bina Bina Matra ke vyanjan bola
अ, उ ,म ॐ होता है
😮
Roshani ji se ye puncho ki tumhare nam main kitne bynjan hai ydi ram ke nam teen bynjan hai kaisee pdai kartee ho bahan ji
Very very nice kirtan
Nice
Nice.schideva.g
सचदेवा जी आपने जवाब में कहा कि लोक लज्जा के कारण जनक जी ने रात्रि में हल चलाया था और प्रसंग में गाया दिन के प्रथम पहर में हल चला था । बाकी का तो हमको नहीं पता है पर दिन का प्रथम पहर साबित नही होगा । कथन आपका गलत है । बाकी जवाब के दो प्रसंग सही हैं या गलत ज्ञानी लोग आपको बताएंगे । हमको पता है सनातन धर्म में दिन के प्रथम पहर में रात्रि कभी न होती थी और न होगी ।
मेरा कमेंट ज्ञान के लिए है किसी के अपमान के लिए नही 👏👏
52 buddi lagao
14 chakkar nhi
Thank you. Very good
रोशनी जी अभी दादा लालमन ने आइना दिखाया था। लेकिन बात लगता है पल्ले पड़ी नही है।
Itni bejati na Karo bhai ji
कीर्तन हो रहा है कि पढ़ाई बताई जा रही है
समझ में नहीं आ रहा है यार एक दम टोपा हों क्या
AqqaA,
भाई सचदेवा जी जिसने भी जूते की बात की है चाहे आप हो या रोशनी जी बहुत गलत की है आप लोग हरि कीर्तन कर रहे हो उसमे ऐसी असभ्य बातै शोभा नहीं देती
Bjp ke ajent
घमंड चूर हो जाता हैं बहुत जलदी shd