मेरा एक जिज्ञासा हैं आचार्य जी 🙏, कि रामजी, कृष्णजी या कल्कि भगवान का अवतार कल्प कि किसी एक युग मे होता हैं तो फिर कल्प के बाकि त्रेता, द्वापर, कलियुग मे कैसे धर्म का संरक्षण होता हैं या तब कोई विवधान नहीं होता.
"सम्भवामि युगे युगे" प्रत्येक युग में भगवान् अवतारों के अनेकों प्रभेदों को धारण कर रक्षा करते हैं। अवतार केवल २४ नहीं हैं। इसके अतिरिक्त भी पृश्निगर्भ, सहस्रबाहु, सत्यसेनादि अनेक अवतार हुए हैं जिनका वर्णन शस्त्रों में अल्पमात्रा में उपलब्ध हैं, कई के नहीं हैं क्योंकि "अवतारा ह्यसंख्येयाः"।
कृष्ण की कथा सहित कई कथाओं को ग्रीक इतिहासकारों ने ग्रीस सभ्यता संस्कृति के रूप में लिखा होगा क्योंकि जब वह भारत आय तो भारतीय परंपरा की अद्भुत पोराणिक कहानियों को सुना और उससे प्रभावित हुए होंगे।
@@reebij रामायण एवं श्रीरामचरितमानस काव्य के माध्यम से उन स्थानों का प्रमाण मिलता है। बिल्कुल सही। तथापि कोई लिखित शिलालेख बुद्ध काल से बाद नहीं मिलता। यदि श्री राम एवं कृष्ण बुद्ध काल से पहले थे तो उनका नाम शिलालेख में बुद्ध से पहले आना चाहिए।
कृष्ण के ऐतिहासिक प्रमाणों की चर्चा इस वीडियो में ही हुई है। बात राम की करें तो वह इतनी प्राचीन घटना है कि पाषाण प्रमाण भी ध्वस्त हो गए हैं। उसकी प्राचीनता व्यक्ति तबतक नहीं समझ सकता जबतक उसका मन अंग्रेजी कालगणना से स्वतंत्र न हो। हर विषय को प्रमाणों की मापनी से नहीं तोला जा सकता। यह गहन विषय है। हमारे ग्रंथों की आयु ही कम आंकी गई है। क्योंकि उनके आंकने हेतु माध्यम लिखित विषय हैं जिनकी आयु कम हो सकती है किन्तु उसका क्या जो लोगों के स्मरण में रही? रामायण का लिखित स्वरूप बुद्ध के बाद का हो सकता है किन्तु उसका क्या जो लोगों के मस्तिष्क में रहा??
प्रणाम पंडित जी🙏,हमे ऐसा लगता है इस विषय में हमे भविष्य पुराण की सहायता लेनी चाहिए जहां पर उसमें मल्लेच्छ राजवंशों का वर्णन है। पहले हम सबको ऐसा लगता था कि आदम और हव्वा की कहानी मनु शतरूपा से चुराई हुई है,लेकिन बाद में भविष्य पुराण ये ही यह सिद्ध हो गया कि आदम और हव्वा अलग है और उनकों कलीपुरुष के ही आग्रह पर मल्लेच्छ वंश की वृद्धि के लिए भगवान श्री हरि ने उत्पन्न किया था,और वह कथा पूरी पूरी bibel के old testament से मैच करती है।
मुझे तो इन दिनों उतरी यूरोप की Norse Mythology बहुत अजीब लग रही है जिसमें ये बताया गया है कि सृष्टि की रचना एक गाय जिसका नाम Audhmbla है से हुई जिससे तरह तरह के देवी देवता जैसे Odin, thor उत्पन हुए और दैत्य भी - पता नहीं, वैसे ये कहानियां prose edda ग्रंथ में है-पता नहीं आचार्य जी
Whether Krishna is Hercules or not, these both guys are better then Buddha. 😊 we the aryans are stronger then these moolnivasis. Very very very simple.
How heracles is better than buddha? By the way, the concept of Moolnivasi is just a fantasy. And it has nothing to do with Buddha. In fact, Buddha was a Kshatriya. The Buddhas before him were also born in Brahmin or Kshatriya families and not in the families of these so-called Moolnivasis. In fact, Ambedkar has even considered Brahmins as Moolniwasi in his books. Stay connected - whatsapp.com/channel/0029Va6ABay77qVOD9UEDN11
@@Kaushalendrakrishna budha is also aryan, we know tribals can't be ever smart look at modern india even after 75 years of support they are still in jungles 😂
Mai jada kuchh nhi boluga par sanatan hi satya hai kyu ki sanatan me ak hi iswar ka aradhana thi pooja nhi hoti yah parampara bedik hai murti banana pooja karna
थंबनेल का महत्व लोगों को आकर्षित करने के अतिरिक्त कुछ नहीं। अनुचितता से प्रोत थंबनेल लोगों को अधिक आकर्षित करते हैं। इसका औचित्य उचितता को लोगों तक फैलाना ही है।
देखो आचार्य तुम और अपने इतिहास कार को तुरन्त लावो। क्या तुम शास्त्रार्थ करोगे या कायर बन जावोगे,हम श्री कृष्ण योगेश्वर के द्वितीय शिष्य हैं समझा आचार्य।
फटीचर, पहले लिखना सीख ले। फिर संस्कृत सीख ले। फिर योगेश्वर का अर्थ समझ ले और आजा शास्त्रार्थ करने हमारे गांव। चुनौती देने वाला आता है, लेने वाला नहीं जाता।
16000 राजकन्याओं को नरकासुर ने बन्दी बनाकर रखा था जिसे द्वारिकाधीश ने मुक्त किया। उन कन्याओं ने यह चिंता करके आत्मदाह का प्रयत्न किया कि इतने दिनों तक दैत्य के घर में निवास की हुई कन्याओं की अशुद्धि की आशंका से उन्हे उनका परिवार निष्कासित कर देगा अतः मृत्यु ही श्रेयस्कर है। या तो कृष्ण उन्हें स्वीकार लें। तब कृष्ण ने उनसे विवाह किया। क्या यह हेराक्लीज़ जैसे आक्रमणकारी की संस्कृति थी जिसने अपनी बेटी तक से शादी रचाई थी?? अब व्यक्ति कहेगा कि बंदी बनी कन्याओं का क्या प्रमाण? पंडो ने ये कहानी रची होगी। तब ये भी कहा जा सकता है कि यदि कृष्ण का प्रमाण नहीं मानना तो हेराक्लीज़ की कथा भी तो कागज़ी ही है। उसे किस आधार पर मानें??
Vasudev ne unse shadi hi kyu ki.....kya unhe bahan bna kr nhi rkha jaa skta tha....or unhe bhakti nhi di Jaa skti thi....vo to swayam bhagwan bolte the apne aap ko.,... To unhe bahan kyu nhi bnaya....kya shadi hi jarrori thi
Indian history me bhi apni putri se vivah ke kayi ullakh hai, Bhrama ne apni putri Saraswati (satrupa) se vivah kiya tha, manu inhi ka Putra hai. Source: - social and economic history of ancient India - pro. Ramsaran sharma
तुम्हें संदर्भित करने की आवश्यकता नहीं है हमने भी पढ़ा है। किन्तु तुम समझो। क्या सरस्वती योनि से उत्पन्न हुई कन्या थी? उसकी माता को जानते हो? या जिस सोर्स से तुम ये बता रहे हो उन्होंने इसका वर्णन किया है? नहीं। सरस्वती अयोनिजा थी, ऐसे में तुम सांसारिक बंधनों की बात क्यों करते हो? दूसरी बात, क्या ब्रह्मा के इस उद्यम में उनकी निंदा नहीं हुई? हुई। कई देवताओं ने उनकी निंदा की तब जाकर ब्रह्मा ने अपने उस देह को त्यागकर नया देह धारण किया। किन्तु यूनानी सभ्यता में निंदा नहीं होती थी। हम यदि किसी वीडियो में कुछ बोल रहे हैं तो सोंच समझकर बोल रहे हैं।
gurujee bhagavaan shree krshn bhagavaan shreemannaaraayan ke 20 ven avataar hai svayam bhagavaan hai. raadha krshn
सुन्दर
जय बोधिसत्त्व कृष्ण घत पंडित जी 🙏🙏🙏🙏
मेरा एक जिज्ञासा हैं आचार्य जी 🙏, कि रामजी, कृष्णजी या कल्कि भगवान का अवतार कल्प कि किसी एक युग मे होता हैं तो फिर कल्प के बाकि त्रेता, द्वापर, कलियुग मे कैसे धर्म का संरक्षण होता हैं या तब कोई विवधान नहीं होता.
"सम्भवामि युगे युगे" प्रत्येक युग में भगवान् अवतारों के अनेकों प्रभेदों को धारण कर रक्षा करते हैं। अवतार केवल २४ नहीं हैं। इसके अतिरिक्त भी पृश्निगर्भ, सहस्रबाहु, सत्यसेनादि अनेक अवतार हुए हैं जिनका वर्णन शस्त्रों में अल्पमात्रा में उपलब्ध हैं, कई के नहीं हैं क्योंकि "अवतारा ह्यसंख्येयाः"।
कृष्ण की कथा सहित कई कथाओं को ग्रीक इतिहासकारों ने ग्रीस सभ्यता संस्कृति के रूप में लिखा होगा क्योंकि जब वह भारत आय तो भारतीय परंपरा की अद्भुत पोराणिक कहानियों को सुना और उससे प्रभावित हुए होंगे।
आप ये बताए कि यदि ग्रीक लोगो ने ये कॉपी किया तो ऐतिहासिक प्रमाण कृष्ण का या राम का यहां भारत में एक भी नहीं है।।। ऐसा क्यों है??
@mansri9035 भारत के पग पग पर भरे पड़े हैं भगवान राम 14000 वर्ष पहले हूं थे कृष्ण 5000 वर्ष पहले। और दोनों के इतिहास के पद चिन्ह और शहर मौजूद है
@@reebij रामायण एवं श्रीरामचरितमानस काव्य के माध्यम से उन स्थानों का प्रमाण मिलता है। बिल्कुल सही। तथापि कोई लिखित शिलालेख बुद्ध काल से बाद नहीं मिलता। यदि श्री राम एवं कृष्ण बुद्ध काल से पहले थे तो उनका नाम शिलालेख में बुद्ध से पहले आना चाहिए।
कृष्ण के ऐतिहासिक प्रमाणों की चर्चा इस वीडियो में ही हुई है। बात राम की करें तो वह इतनी प्राचीन घटना है कि पाषाण प्रमाण भी ध्वस्त हो गए हैं। उसकी प्राचीनता व्यक्ति तबतक नहीं समझ सकता जबतक उसका मन अंग्रेजी कालगणना से स्वतंत्र न हो। हर विषय को प्रमाणों की मापनी से नहीं तोला जा सकता। यह गहन विषय है। हमारे ग्रंथों की आयु ही कम आंकी गई है। क्योंकि उनके आंकने हेतु माध्यम लिखित विषय हैं जिनकी आयु कम हो सकती है किन्तु उसका क्या जो लोगों के स्मरण में रही? रामायण का लिखित स्वरूप बुद्ध के बाद का हो सकता है किन्तु उसका क्या जो लोगों के मस्तिष्क में रहा??
एकदम सही बात कही हैं आप ने . क्यो की वो बाहार का आदमी था तो उसने
अपनी तरिकेसे किताब में कूच भी लिखा था . आऊर हम सब जानते हे की कृष्ण के 5 बेतेही थे
प्रणाम पंडित जी🙏,हमे ऐसा लगता है इस विषय में हमे भविष्य पुराण की सहायता लेनी चाहिए जहां पर उसमें मल्लेच्छ राजवंशों का वर्णन है।
पहले हम सबको ऐसा लगता था कि आदम और हव्वा की कहानी मनु शतरूपा से चुराई हुई है,लेकिन बाद में भविष्य पुराण ये ही यह सिद्ध हो गया कि आदम और हव्वा अलग है और उनकों कलीपुरुष के ही आग्रह पर मल्लेच्छ वंश की वृद्धि के लिए भगवान श्री हरि ने उत्पन्न किया था,और वह कथा पूरी पूरी bibel के old testament से मैच करती है।
इसका वर्णन भविष्यपुराण में नहीं है।
हेरा क्लीज
हर क्युलास
हरी कलश
हरी किशन
whatsapp.com/channel/0029Va6ABay77qVOD9UEDN11
Hercules aur Balram same he sayad.both are associated with Lions.
नहीं।
मुझे तो इन दिनों उतरी यूरोप की Norse Mythology बहुत अजीब लग रही है जिसमें ये बताया गया है कि सृष्टि की रचना एक गाय जिसका नाम Audhmbla है से हुई जिससे तरह तरह के देवी देवता जैसे Odin, thor उत्पन हुए और दैत्य भी - पता नहीं, वैसे ये कहानियां prose edda ग्रंथ में है-पता नहीं आचार्य जी
Satya hai, sabhi devi devta unani, Iranian, bacterian, Greek invaders india me aaye the aur thop gaye, jisko hum Satya samajhte hai
पहले पूरा वीडियो तो देख ले
Kya bina Diksha ke Saptsathi ka path kar sakte hai
Whether Krishna is Hercules or not, these both guys are better then Buddha. 😊 we the aryans are stronger then these moolnivasis. Very very very simple.
No
How heracles is better than buddha? By the way, the concept of Moolnivasi is just a fantasy. And it has nothing to do with Buddha. In fact, Buddha was a Kshatriya. The Buddhas before him were also born in Brahmin or Kshatriya families and not in the families of these so-called Moolnivasis. In fact, Ambedkar has even considered Brahmins as Moolniwasi in his books.
Stay connected - whatsapp.com/channel/0029Va6ABay77qVOD9UEDN11
@@Kaushalendrakrishna budha is also aryan, we know tribals can't be ever smart look at modern india even after 75 years of support they are still in jungles 😂
हैराक्लीज ही कृष्ण है, ये अकाट्य सत्य है
मेरी मुर्गी एक टांग
Sahi kaha mere bhai......😂.........hinduwo me chhinara nahi hota isse ye sabit hota hai Hercules hi krisna hai😅
Krishn tera Baap h ❤
Kitna hi try karlo we know the real history
Heracles = krishna 😅
बिन प्रमाण के मेरी मुर्गी एक टांग हमारे इधर दरुहे (दारूबाज) करते हैं।
@Kaushalendrakrishna tereko proof chahiye , abe sharam karle, ye bolte huye
Krishna ka samaya kya hai bta.
Mai jada kuchh nhi boluga par sanatan hi satya hai kyu ki sanatan me ak hi iswar ka aradhana thi pooja nhi hoti yah parampara bedik hai murti banana pooja karna
whatsapp.com/channel/0029Va6ABay77qVOD9UEDN11
Pranam Maharaj ji
jay shree sita ram maharaj ji aapko pranam
whatsapp.com/channel/0029Va6ABay77qVOD9UEDN11
Please thumbnail shi banaye krishna ko herakleez banana gya
थंबनेल का महत्व लोगों को आकर्षित करने के अतिरिक्त कुछ नहीं। अनुचितता से प्रोत थंबनेल लोगों को अधिक आकर्षित करते हैं। इसका औचित्य उचितता को लोगों तक फैलाना ही है।
देखो आचार्य तुम और अपने इतिहास कार को तुरन्त लावो। क्या तुम शास्त्रार्थ करोगे या कायर बन जावोगे,हम श्री कृष्ण योगेश्वर के द्वितीय शिष्य हैं समझा आचार्य।
फटीचर, पहले लिखना सीख ले। फिर संस्कृत सीख ले। फिर योगेश्वर का अर्थ समझ ले और आजा शास्त्रार्थ करने हमारे गांव। चुनौती देने वाला आता है, लेने वाला नहीं जाता।
Asaliyat jagjahir hone se dharm ke thekedar sakte me 😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮
प्रत्युत्तर के अभाव में धूर्तों का यही वाक्य होता है।
Gangadhar hi Shaktiman hai 😂
Just like that but not.
16hajar raniyan thi hercliz
16000 राजकन्याओं को नरकासुर ने बन्दी बनाकर रखा था जिसे द्वारिकाधीश ने मुक्त किया। उन कन्याओं ने यह चिंता करके आत्मदाह का प्रयत्न किया कि इतने दिनों तक दैत्य के घर में निवास की हुई कन्याओं की अशुद्धि की आशंका से उन्हे उनका परिवार निष्कासित कर देगा अतः मृत्यु ही श्रेयस्कर है। या तो कृष्ण उन्हें स्वीकार लें। तब कृष्ण ने उनसे विवाह किया। क्या यह हेराक्लीज़ जैसे आक्रमणकारी की संस्कृति थी जिसने अपनी बेटी तक से शादी रचाई थी??
अब व्यक्ति कहेगा कि बंदी बनी कन्याओं का क्या प्रमाण? पंडो ने ये कहानी रची होगी। तब ये भी कहा जा सकता है कि यदि कृष्ण का प्रमाण नहीं मानना तो हेराक्लीज़ की कथा भी तो कागज़ी ही है। उसे किस आधार पर मानें??
Vasudev ne unse shadi hi kyu ki.....kya unhe bahan bna kr nhi rkha jaa skta tha....or unhe bhakti nhi di Jaa skti thi....vo to swayam bhagwan bolte the apne aap ko.,...
To unhe bahan kyu nhi bnaya....kya shadi hi jarrori thi
नकली कहानियों का भंडार।
कथा वाचक बन जाओ
हैं
बहुत पुराने ज़माने में यह सब था । कौन कहा था किसीको पता नहीं है ।
ऐसी स्थिति में ही प्राचीन प्रमाणों का चिन्तन होता है। इस विषय पर समस्त प्रमाणों के निष्कर्ष का प्रतिपादन इस वीडियो में हुआ है।
Indian history me bhi apni putri se vivah ke kayi ullakh hai, Bhrama ne apni putri Saraswati (satrupa) se vivah kiya tha, manu inhi ka Putra hai. Source: - social and economic history of ancient India - pro. Ramsaran sharma
तुम्हें संदर्भित करने की आवश्यकता नहीं है हमने भी पढ़ा है। किन्तु तुम समझो। क्या सरस्वती योनि से उत्पन्न हुई कन्या थी? उसकी माता को जानते हो? या जिस सोर्स से तुम ये बता रहे हो उन्होंने इसका वर्णन किया है? नहीं। सरस्वती अयोनिजा थी, ऐसे में तुम सांसारिक बंधनों की बात क्यों करते हो? दूसरी बात, क्या ब्रह्मा के इस उद्यम में उनकी निंदा नहीं हुई? हुई। कई देवताओं ने उनकी निंदा की तब जाकर ब्रह्मा ने अपने उस देह को त्यागकर नया देह धारण किया। किन्तु यूनानी सभ्यता में निंदा नहीं होती थी। हम यदि किसी वीडियो में कुछ बोल रहे हैं तो सोंच समझकर बोल रहे हैं।
😅😅😊😊
🫏🫏🫏🫏🫏🫏🫏🫏
Budhh dharm me bhi milti hai ghat jatak katha basudev ki krishna ki kahani
क्यों नहीं मिलेगी? मिलेगी ही।
No
Kuchh bhi 😂😂
वही तो