पातालकोट : 3000 फीट नीचे रहस्यमयी दुनिया ! PATALKOAT ! Patallok ka Dwar

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  • Опубликовано: 29 ноя 2024

Комментарии • 14

  • @alishabhatiya4254
    @alishabhatiya4254 2 года назад

    keep continue to explore and present the hidden beauty

  • @rajeevranjan5455
    @rajeevranjan5455 2 года назад +1

    Thanks to you that you are not presenting this place as mysterious or scary. local people looks very supportive and this place is very Friendly for you

  • @RadhaSingh-rj3rd
    @RadhaSingh-rj3rd 2 года назад

    I like your simple and clear way of presentation without any special effect but lots of effort, please keep contunue

  • @udaybhansingh2298
    @udaybhansingh2298 Год назад

    आप ने बिलकुल सत्य कहा यह पाताल कोट पाताल लोक नाग लोक है भगवान शिव को समर्पित शिव नाग लोक है इसे राजा खोह कहा जाता है तमाम किंदनतीय दंत कथाएं भ्रामक फैलाई गई है भर भार भारशिव नाग राजभर क्षत्रिय राजवंश उत्पति की भारिया (भर भार भारिया भारशिव राजवंश ) भारशिव भर वंश के राजा कर्ण कर्णदेव के वंशज है। भार क्षेत्र महोबा बांधवगढ़ दहाल क्षेत्र से युद्ध के बाद निर्वासित हो कर पाताल कोट पाताल लोक नाग लोग दुर्गम वनादि क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से चले गए थे जिसे वंश इत्यादि के नाम से पाताल कोट पाताल लोग नाग लोक नागालय कहा जाता है।भर भार भारशिव नाग राजवंश की संतति होने के भर भार से भारिया कहलाए भर भारशिव की महान सभ्यता संस्कृति इतिहास है जिसे समझा पढ़ा जा सकता है।इन्ही शब्द से निकाला हुआ भारिया शब्द जाति जनजाति हो गया दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में बसने के कारण भारत मध्यप्रदेश की सरकार ने विकाश की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है भारिया की विशेष पहन संस्कृति है जो हिंदू संस्कृति शिव नाग की सभ्यता से जुड़ा हुआ है भार भारिया भारशिव की सभ्यता से अनभिज्ञ है यह वंश रहस्यों से परिपूर्ण है शिव को समर्पित राजवंश है पाताल कोट की भारिया के साथ गोंड जनजाति रहने के कारण इन पर कुछ विपरीत प्रभाव पड़ा है फिर भी भारियो गोंडा से अलग अपनी सभ्यता संस्कृति जाति वंश की अलग पहचान बनाए बचाए हुए है जिसका पालन करते है। यह भार का मतलब वजन को ढोना नही है भगवान शिव के लिंग के भार को ढोना स्थापित करना है जिसके कारण भारशिव कहलाते है भारिया का अन्य जनजाति में विवाह वर्जित है।इनके 51गोत्र है जिसमे रीति रिवाज विवाह की मान्यता है।सगोत्री विवाह मान्य नहीं है इत्यादि इत्यादि पाताल कोट अवलोकन अति रमाणिक प्रकृति सौंदर्य है भारिया का जीवन बहुत कठिन परिस्थितियों में शिक्षा प्रद जीवन जीने की कला है मैं भर भार भारिया भारशिव राजवंश को नमन प्रणाम करता हूं। जो सत्यता को प्रमाणित करता है।जय भारशिव राजवंश भारशिव राजभर क्षत्रिय उदयभान सिंह

  • @rabeenatandan3952
    @rabeenatandan3952 2 года назад +1

    आपका प्रयास काबिले तारीफ है वरना लोग इस जगह के बारे में सिर्फ अफवाह फैलाते हैं, कृपया नरसिंहगढ़ किले के लिए भी ऐसा ही वीडियो बनाएं

  • @roobinamansoori2454
    @roobinamansoori2454 2 года назад

    Beautiful place to track people make unnecessary rumors about Patalkoat, good to see the actuality

  • @dileeppawar2067
    @dileeppawar2067 2 года назад +1

    People create unnecessary rumors about this place this is very beautiful natural place and good for track, people are very helpful here but government is not developing properly else this is good tourism destination,

  • @SamunderHar
    @SamunderHar 4 месяца назад

    किसी भी धार्मिक स्थल पर एंजॉय के लिए ना जाए और ना किसी को जाने के लिए कहो
    यह धार्मिक स्थल होता है वहा सिर्फ पुजा पाठ करनी चाहिए
    हर हर महादेव

  • @AmarSingh-ug1gh
    @AmarSingh-ug1gh 2 года назад

    राज भैया देवगढ़ का वीडियो बनाया प्लीज हां ऐतिहासिक जगह को लोगो ने भूतिया बना रखा है

    • @DISCOVERINDIAA
      @DISCOVERINDIAA  2 года назад

      अवश्य सिंह साहब आपकी आज्ञा शिरोधार्य

  • @SamunderHar
    @SamunderHar 4 месяца назад

    आदिवासी कहते हैं यह मेघनाद का स्थल है और आप उनको हि झुठा साबित कर ने लग ग ए है