Sant Rampalji is giving insightful knowledge in spritual dimension with all the authenticity provided by the syllabus of our respective holy signature books, one can benefit by taking initiation of mantra dikshya from Sant Rampalji.
शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 9 में कहा गया है कि जो लोग शास्त्र विरुद्ध साधना अर्थात अविद्या (देवी-देवताओं की पूजा) में लगे रहते हैं, वे अंधकार में जाते हैं। जबकि वेदों के संक्षिप्त रूप गीता अध्याय 4 श्लोक 34, अध्याय 15 श्लोक 1 में कहा है कि तत्वदर्शी संत मिलने के पश्चात् परमेश्वर के परम पद अर्थात् सतलोक की खोज करनी चाहिए जहाँ गये हुए साधक फिर लौटकर संसार में नहीं आते अर्थात उनका पूर्ण मोक्ष हो जाता है। जोकि शास्त्र अनुकूल साधना से संभव है।
गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्, छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।।1।। ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला अविनाशी विस्तारित पीपल का वृक्ष है, जिसके जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से टहनियाँ व पत्ते कहे हैं। उस संसार रूपी वृक्ष को जो विस्तार से जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी संत है। वर्तमान समय में केवल रामपाल जी महाराज जी तत्वदर्सी सन्त का भूमिका निभारहा है।
शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 9 में कहा गया है कि जो लोग शास्त्र विरुद्ध साधना अर्थात अविद्या (देवी-देवताओं की पूजा) में लगे रहते हैं, वे अंधकार में जाते हैं। जबकि वेदों के संक्षिप्त रूप गीता अध्याय 4 श्लोक 34, अध्याय 15 श्लोक 1 में कहा है कि तत्वदर्शी संत मिलने के पश्चात् परमेश्वर के परम पद अर्थात् सतलोक की खोज करनी चाहिए जहाँ गये हुए साधक फिर लौ
🙏🏻🇳🇵❤️🇺🇸🙏
Satsaheb 🙏🙏
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सतगुरु देव जि कि जय हो। बन्दि छोद सतगुरु रामपाल जि गुरु महाराज भगवान जि कि जय हो। सतसाहेब जि।
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अति उत्तम जानकारी ❤
Satlokasram 🎉🎉
Sant Rampalji is giving insightful knowledge in spritual dimension with all the authenticity provided by the syllabus of our respective holy signature books, one can benefit by taking initiation of mantra dikshya from Sant Rampalji.
महान समाज सुधारक सन्त रामपाल जी महाराज को जय होस।।।🎉
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Jay Bandichhod🙏❤
Bhahut aacha interview
सभी धर्मों के सद ग्रंथों में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है।
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Sat sahib ji 🙏 parmatma
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Nice news
बहूतै राम्रो ज्ञान सत गूरू रामपाल जी महाराज को🙏🏼🙏🏼❤️❤️
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Very nice
You are right
Sat sahob ji🇳🇵🙏🙏
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अनमोल ज्ञान
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Nice
👏👏
आजसम्म कहाँ थिए म। हामी सत गुरू रामपाल जी महाराज। ले हामीमाथि दया गरेर हाम्रो भक्तिलाई सत्मार्गमा लगाइदिनुभयो। 🙏🏼🙏🏼❤️❤️😭😭
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कति राम्रो ग्यान हो सन्त रामपालजी माहाराज को🙏🙏🙏
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Great news
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शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना
यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 9 में कहा गया है कि जो लोग शास्त्र विरुद्ध साधना अर्थात अविद्या (देवी-देवताओं की पूजा) में लगे रहते हैं, वे अंधकार में जाते हैं।
जबकि वेदों के संक्षिप्त रूप गीता अध्याय 4 श्लोक 34, अध्याय 15 श्लोक 1 में कहा है कि तत्वदर्शी संत मिलने के पश्चात् परमेश्वर के परम पद अर्थात् सतलोक की खोज करनी चाहिए जहाँ गये हुए साधक फिर लौटकर संसार में नहीं आते अर्थात उनका पूर्ण मोक्ष हो जाता है। जोकि शास्त्र अनुकूल साधना से संभव है।
राम्रो जानकारी
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गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में तत्वदर्शी संत की पहचान बताते हुए गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि
ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्,
छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।।1।।
ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला अविनाशी विस्तारित पीपल का वृक्ष है, जिसके जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से टहनियाँ व पत्ते कहे हैं। उस संसार रूपी वृक्ष को जो विस्तार से जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी संत है।
वर्तमान समय में केवल रामपाल जी महाराज जी तत्वदर्सी सन्त का भूमिका निभारहा है।
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Kabir is supreme god
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शास्त्र विरुद्ध vs शास्त्र अनुकूल साधना
यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 9 में कहा गया है कि जो लोग शास्त्र विरुद्ध साधना अर्थात अविद्या (देवी-देवताओं की पूजा) में लगे रहते हैं, वे अंधकार में जाते हैं।
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सतगुरु देव जि कि जय हो। बन्दि छोद सतगुरु रामपाल जि गुरु महाराज भगवान जि कि जय हो। सतसाहेब जि।
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महान समाज सुधारक सन्त रामपाल जी महाराज को जय होस।।।🎉
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