लैंटाना जड़ी-बूटियों सहित कई देसी प्रजातियों की विविधता को रोकता है।” यह पौधा देसी प्रजातियों की तुलना में तेजी से पानी और पोषक तत्वों को ग्रहण करके मिट्टी की उर्वरता को भी कम करता है। मुंगी का कहना है कि बदलती जलवायु के बीच जैव विविधता को बनाए रखने के लिए देशी प्रजातियों का संरक्षण महत्वपूर्ण है। लैंटाना इस लचीलेपन को कमजोर करता है। मुंगी कहते हैं, “मौसमी शुष्कजंगलों के अंडरस्टोरी (जंगल की मुख्य छतरी के नीचे वनस्पति की एक परत) में लैंटाना का घना आक्रमण जंगल में आग की घटनाओं को बढ़ा रहा है। प्राकृतिक प्रणालियों में मौसमी आग आम रही है लेकिन यह अंडरस्टोरी घास में अपेक्षाकृत कम जलती है। घासनुमा अंडरस्टोरी और पेड़ों की छांव के बीच लैंटाना के फैलने के कारण आग ऊंचाई में बढ़ती जाती है और लंबे समय तक जलती रहती है।” मुंगी कहते हैं कि लैंटाना को रोकने के लिए भारत सालाना 18,700 अमेरिकी डॉलर (लगभग 15.5 लाख रुपए) प्रति वर्ग किमी खर्च करता है। उन्होंने कहा कि अगर इसका आक्रमण और विस्तार अनियंत्रित रहा, तो देश को प्रति वर्ष 5.5 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लैंटाना की बदलती प्रकृति प्रजातियों के प्रबंधन की चुनौती को बढ़ाएगी।
लैंटाना जड़ी-बूटियों सहित कई देसी प्रजातियों की विविधता को रोकता है।” यह पौधा देसी प्रजातियों की तुलना में तेजी से पानी और पोषक तत्वों को ग्रहण करके मिट्टी की उर्वरता को भी कम करता है। मुंगी का कहना है कि बदलती जलवायु के बीच जैव विविधता को बनाए रखने के लिए देशी प्रजातियों का संरक्षण महत्वपूर्ण है। लैंटाना इस लचीलेपन को कमजोर करता है। मुंगी कहते हैं, “मौसमी शुष्कजंगलों के अंडरस्टोरी (जंगल की मुख्य छतरी के नीचे वनस्पति की एक परत) में लैंटाना का घना आक्रमण जंगल में आग की घटनाओं को बढ़ा रहा है। प्राकृतिक प्रणालियों में मौसमी आग आम रही है लेकिन यह अंडरस्टोरी घास में अपेक्षाकृत कम जलती है। घासनुमा अंडरस्टोरी और पेड़ों की छांव के बीच लैंटाना के फैलने के कारण आग ऊंचाई में बढ़ती जाती है और लंबे समय तक जलती रहती है।” मुंगी कहते हैं कि लैंटाना को रोकने के लिए भारत सालाना 18,700 अमेरिकी डॉलर (लगभग 15.5 लाख रुपए) प्रति वर्ग किमी खर्च करता है। उन्होंने कहा कि अगर इसका आक्रमण और विस्तार अनियंत्रित रहा, तो देश को प्रति वर्ष 5.5 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लैंटाना की बदलती प्रकृति प्रजातियों के प्रबंधन की चुनौती को बढ़ाएगी।
भारत के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है लैंटाना अपने व्यापक फैलाव के लिए कुख्यात लैंटाना झाड़ी अपनी प्रवृत्ति बदल रही है और तेजी से भारत के जंगलों में फैल रही है
लैंटाना जड़ी-बूटियों सहित कई देसी प्रजातियों की विविधता को रोकता है।” यह पौधा देसी प्रजातियों की तुलना में तेजी से पानी और पोषक तत्वों को ग्रहण करके मिट्टी की उर्वरता को भी कम करता है। मुंगी का कहना है कि बदलती जलवायु के बीच जैव विविधता को बनाए रखने के लिए देशी प्रजातियों का संरक्षण महत्वपूर्ण है। लैंटाना इस लचीलेपन को कमजोर करता है। मुंगी कहते हैं, “मौसमी शुष्कजंगलों के अंडरस्टोरी (जंगल की मुख्य छतरी के नीचे वनस्पति की एक परत) में लैंटाना का घना आक्रमण जंगल में आग की घटनाओं को बढ़ा रहा है। प्राकृतिक प्रणालियों में मौसमी आग आम रही है लेकिन यह अंडरस्टोरी घास में अपेक्षाकृत कम जलती है। घासनुमा अंडरस्टोरी और पेड़ों की छांव के बीच लैंटाना के फैलने के कारण आग ऊंचाई में बढ़ती जाती है और लंबे समय तक जलती रहती है।” मुंगी कहते हैं कि लैंटाना को रोकने के लिए भारत सालाना 18,700 अमेरिकी डॉलर (लगभग 15.5 लाख रुपए) प्रति वर्ग किमी खर्च करता है। उन्होंने कहा कि अगर इसका आक्रमण और विस्तार अनियंत्रित रहा, तो देश को प्रति वर्ष 5.5 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लैंटाना की बदलती प्रकृति प्रजातियों के प्रबंधन की चुनौती को बढ़ाएगी।
भारत के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है लैंटाना अपने व्यापक फैलाव के लिए कुख्यात लैंटाना झाड़ी अपनी प्रवृत्ति बदल रही है और तेजी से भारत के जंगलों में फैल रही है
Very beutiful, nd low maintenance plant, nice sharing bro👍👍good3 job
Thanku dear
लैंटाना जड़ी-बूटियों सहित कई देसी प्रजातियों की विविधता को रोकता है।” यह पौधा देसी प्रजातियों की तुलना में तेजी से पानी और पोषक तत्वों को ग्रहण करके मिट्टी की उर्वरता को भी कम करता है।
मुंगी का कहना है कि बदलती जलवायु के बीच जैव विविधता को बनाए रखने के लिए देशी प्रजातियों का संरक्षण महत्वपूर्ण है। लैंटाना इस लचीलेपन को कमजोर करता है। मुंगी कहते हैं, “मौसमी शुष्कजंगलों के अंडरस्टोरी (जंगल की मुख्य छतरी के नीचे वनस्पति की एक परत) में लैंटाना का घना आक्रमण जंगल में आग की घटनाओं को बढ़ा रहा है।
प्राकृतिक प्रणालियों में मौसमी आग आम रही है लेकिन यह अंडरस्टोरी घास में अपेक्षाकृत कम जलती है। घासनुमा अंडरस्टोरी और पेड़ों की छांव के बीच लैंटाना के फैलने के कारण आग ऊंचाई में बढ़ती जाती है और लंबे समय तक जलती रहती है।”
मुंगी कहते हैं कि लैंटाना को रोकने के लिए भारत सालाना 18,700 अमेरिकी डॉलर (लगभग 15.5 लाख रुपए) प्रति वर्ग किमी खर्च करता है। उन्होंने कहा कि अगर इसका आक्रमण और विस्तार अनियंत्रित रहा, तो देश को प्रति वर्ष 5.5 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लैंटाना की बदलती प्रकृति प्रजातियों के प्रबंधन की चुनौती को बढ़ाएगी।
Nice video and information 🙂🙂🙂👍🙂
thanku dear
I am your new subscriber
Thanku
Nice
Thanku
March starting me cutting chal sakti hai?
Thoda muskil rhti hai pr aap ese vha rakhe jha aas paas plants ho
लैंटाना जड़ी-बूटियों सहित कई देसी प्रजातियों की विविधता को रोकता है।” यह पौधा देसी प्रजातियों की तुलना में तेजी से पानी और पोषक तत्वों को ग्रहण करके मिट्टी की उर्वरता को भी कम करता है।
मुंगी का कहना है कि बदलती जलवायु के बीच जैव विविधता को बनाए रखने के लिए देशी प्रजातियों का संरक्षण महत्वपूर्ण है। लैंटाना इस लचीलेपन को कमजोर करता है। मुंगी कहते हैं, “मौसमी शुष्कजंगलों के अंडरस्टोरी (जंगल की मुख्य छतरी के नीचे वनस्पति की एक परत) में लैंटाना का घना आक्रमण जंगल में आग की घटनाओं को बढ़ा रहा है।
प्राकृतिक प्रणालियों में मौसमी आग आम रही है लेकिन यह अंडरस्टोरी घास में अपेक्षाकृत कम जलती है। घासनुमा अंडरस्टोरी और पेड़ों की छांव के बीच लैंटाना के फैलने के कारण आग ऊंचाई में बढ़ती जाती है और लंबे समय तक जलती रहती है।”
मुंगी कहते हैं कि लैंटाना को रोकने के लिए भारत सालाना 18,700 अमेरिकी डॉलर (लगभग 15.5 लाख रुपए) प्रति वर्ग किमी खर्च करता है। उन्होंने कहा कि अगर इसका आक्रमण और विस्तार अनियंत्रित रहा, तो देश को प्रति वर्ष 5.5 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लैंटाना की बदलती प्रकृति प्रजातियों के प्रबंधन की चुनौती को बढ़ाएगी।
भारत के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है लैंटाना
अपने व्यापक फैलाव के लिए कुख्यात लैंटाना झाड़ी अपनी प्रवृत्ति बदल रही है और तेजी से भारत के जंगलों में फैल रही है
Fungiside ka rate kia bro
Online check kr lena... approxy. 100gm 150 rs ka hona chahiye
Iske seeds kis month me taiyar hote hai
लैंटाना जड़ी-बूटियों सहित कई देसी प्रजातियों की विविधता को रोकता है।” यह पौधा देसी प्रजातियों की तुलना में तेजी से पानी और पोषक तत्वों को ग्रहण करके मिट्टी की उर्वरता को भी कम करता है।
मुंगी का कहना है कि बदलती जलवायु के बीच जैव विविधता को बनाए रखने के लिए देशी प्रजातियों का संरक्षण महत्वपूर्ण है। लैंटाना इस लचीलेपन को कमजोर करता है। मुंगी कहते हैं, “मौसमी शुष्कजंगलों के अंडरस्टोरी (जंगल की मुख्य छतरी के नीचे वनस्पति की एक परत) में लैंटाना का घना आक्रमण जंगल में आग की घटनाओं को बढ़ा रहा है।
प्राकृतिक प्रणालियों में मौसमी आग आम रही है लेकिन यह अंडरस्टोरी घास में अपेक्षाकृत कम जलती है। घासनुमा अंडरस्टोरी और पेड़ों की छांव के बीच लैंटाना के फैलने के कारण आग ऊंचाई में बढ़ती जाती है और लंबे समय तक जलती रहती है।”
मुंगी कहते हैं कि लैंटाना को रोकने के लिए भारत सालाना 18,700 अमेरिकी डॉलर (लगभग 15.5 लाख रुपए) प्रति वर्ग किमी खर्च करता है। उन्होंने कहा कि अगर इसका आक्रमण और विस्तार अनियंत्रित रहा, तो देश को प्रति वर्ष 5.5 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लैंटाना की बदलती प्रकृति प्रजातियों के प्रबंधन की चुनौती को बढ़ाएगी।
I have no information regarding seeds of lantana
Yes
भारत के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है लैंटाना
अपने व्यापक फैलाव के लिए कुख्यात लैंटाना झाड़ी अपनी प्रवृत्ति बदल रही है और तेजी से भारत के जंगलों में फैल रही है