आपका हृदय से आभार ज्ञान श्रेष्ठ मान्यवर! आपके मुख से ब्रह्म ऋषियों के बारे में ज्ञान प्राप्त कर अत्यंत उत्तम अनुभूति को प्राप्त हो रहा हूँ। आशा है आपसे भेंट शीघ्र होगी और आपका सानिध्य,प्रेम व मार्गदर्शन हम जैसे भक्त उपासकों को प्राप्त हो सकेगा। महर्षि दयानंद जी के जीवन पर प्रकाश डालने के लिये पुनः आभार व धन्यवाद।
स्वामी जी सत सत नमन स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने देह त्याग 1875 में नहीं 1883 में किया था। 1875 में उन्हों ने आर्य समाज की स्थापना किया था। केशव चन्द्र सेन के कहने पर कोपीन का त्याग किया था।
Dhanyvad Gurudev , Rishi Dayanand Saraswatiji ka mere Jeevan me bara mahatva Raha hai , Naman aap ok koty Katy. Ese hi the swami Stayanand Saraswati whom we met in the Netherlands in 1968. These two have influenced me a lot?
Thank you Maharaj, through you I am able to take darshan of these rishis who have gone in body but exist in their words, books, literature and most importantly their subtle forms. You've been the medium through which a lot of people can acquire the grace of these Mahatma's!
सादर प्रणाम आप उच्चकोटी के आध्यात्मिक सरिता के वाहक हैं, आप द्वारा स्वामी दयानंद सरस्वती पर किया गया विश्लेषण आप की महानता है , यद्द्यपि दयानंद सरस्वती जी की सामाजिक सुधारों वैदिक उत्थान या स्वातंत्र्य प्राप्ति के लिए किए गए कार्य महान हैं। परन्तु इस एक व्यक्ति ने जितना सनातन धर्म को क्षति पहुंचाया सम्भवतः दूसरा कोई न हुआ ,जीवन की सम्पूर्ण ऊर्जा कर्मकांड, मूर्ति पूजा, मंदिरों आदि के विरोध उनके जीवन का एकमेव उद्देश्य रहा जिससे बड़े पैमाने पर हिन्दू सनातन व्यवस्था को आघात पहुंचा । मैं मानता हूँ वह एक ब्रह्मवेत्ता थे परंतु उन्हें किसने अधिकार दिया उस भक्ति को चुनौती देने की जो ब्रह्म रूप में सभी विग्रहों ,देवालयों के माध्यम से श्रद्धालुओं में प्रवाहमान होती है ,जिस भक्ति ने समाज को सदियों से एक सूत्र में पिरोया था क्योंकि भक्ति में ज्ञानवान, पढालिखा, होने की आवश्यकता नहीं होती वह तो सिर्फ एक सरल सपाट भावना होती है जिसकी शक्ति ने आदिजगतगुरु शंकराचार्य को भी चमत्कृत कर दिया जिसका ज्ञान उन्हें कोई और नहीं अपितु प्राण त्यागती उनकी माँ ने ही कराया था ,जिस कारण पूर्व और उत्तर मीमांसा के वह साक्षात सेतु बनकर ऐसी व्यवस्था की नींव डाल गए जिसकी ईंटे हज़ारों आघात सहने बाद भी अक्षुण्ण हैं । जीवन को सिर्फ तर्क, बुद्धि, या ज्ञान की कसौट पर कसने वाला व्यक्ति सामंजस्य के अभाव में अंततः अपने तर्को, बुद्धि और अर्जित ज्ञान के साथ एकांगी होजाता है । ऐसे एकांगी मानसिकता के शिकार दयानंद सरस्वती जी थे जिन्होंने अपने अनुयायीयों को इतने बड़े संकट में डाल दिया कि वह ना तो सनातनी रह गए न ही आर्य समाजी। एक पक्ष और वेदों का प्रतिपादन दयानन्द जी ने नहीं किया था कि उसपर एकाधिकार उनका साबित कर दिया जाय जैसे की उनके परम्परा के लोग करते हैं दरअसल उनतक यह वेदों की निर्बाध पहुंच श्रुतियों के माध्यम से ही पहुंची जिसमें कर्मकांडियों का ही योगदान है क्योंकि ऋत्विजों ने श्रुति, स्मृति ही इस प्रवाहमान ज्ञान गंगा के वाहक रहे । त्रुटि हेतु क्षमाप्रार्थी हूँ।
हम और आप अभी उनके पैरों के धूल के लायक भी नही है, हम होते कौन है उनका आंकलन करने वाले। हम तब उनकी आलोचना कर सकते है जब हमारा व्यक्तित्व भी उनके जितना विशाल हो।
एक बात और कि मैने गायत्री परिवार शांति कुंज की site पर पढ़ा कि जब उन्होंने संस्थान आरंभ किया तो कितने ही so called धर्म रक्षकों ने ये कह कर आंदोलन आरंभ कर दिया कि ये मंत्र केवल ब्राह्मणों के लिए ही है लेकिन ये क्रम अब तक भी mail से चल रहा है
Srimanji pp sri yogiraj wamanrao gulvani maharaj ji par program banaye ye pp sri vasudevanand saraswati maharaj ji ke brahamchari shishya the inka ashram vasudev niwas pune erandvan maharishi karve road pune 4 par hain dhanyawad
Osho kya braham rishi the. Osho k upr bhi video bnaiye. isliye khe rha hu kyo k mere papa Arya samaj me jaya krte the or me unko roka krta tha kyoki muje swami dyanand pasand nai the kyoki unhone murti puja ka khandan kiya. pr ajj me unko samaj gya hu swami dyanand ko apki kripa se. To apse request krta hu ki app J krisnamurti or osho k bare me bhi btaiye plz kyoki unke bare me bhi muje kuch confusion hai.
Srimanji pp sri yogiraj wamanrao gulvani maharaj ji par program banaye ye pp sri vasudevanand saraswati maharaj ji ke brahamchari shishya the inka ashram vasudev niwas pune erandvan maharishi karve road pune 4 par hain dhanyawad
हरी हरी श्री हरी ॐ
Swami Dayanand jiko pakar Bharat bhumi dhanyahe,.
Yogiraj maharshi swami Dayanand Saraswati ko koti koti naman vandan
स्वामी दयानंद सरस्वती जी के जीवन पर उत्तम विचार, धन्यवाद
ॐ ॐ ॐ प्रभु जी
Koti Koti Pranam Adhyapakji🙏
Permam pujye Rishivar चरण स्पर्श 🎉🎉🎉
गुरुदेव को कोटि कोटि प्रणाम
ॐ नमः शिवाय, गुरुदेव
Bhaimama na bhavpurna aadharanjali 🙏🙏
Bhaimama na bhavpurna aadharanjali 🙏🙏
ओ३म्
🙏🙏🙏👌👌👌
अद्भुत चरित्र, पहली बार सुन के अति प्रसन्नता हुई। शत शत नमन इनके लिए।
HMareaadarsh
Wonderful
speech less
जय श्री गुरुदेव 🌹 🌹 🌹 🙏 🙏 🙏
शत शत प्रणाम गुरु जी
आपके मुख से स्वामी जी के बारे में सुनना अद्भुत लगा ।
🙏🙏🙏🙏🙏
मै अपने परम पूजनीय ऋषि राज दया नन्द सरस्वती गुरु जी को कोटि कोटि प्रणाम करता हू.
उसे साकार होने की आवश्यकता कतई नहीं है जी,न वह हो सकने के लायक है,साकार होना मतलब सीमित और अल्प सामर्थ्यमान हो जाना है।नमस्ते श्रीमान महोदय जी।🙏💐💐
Guru ji pranaam
*Jay Arya Jay Aryawart*
Jay gurudev namn
🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏
Dr anrudha joshi ji bapu ji in bombay महान संत साई बाबा जी के roop मे हे
ऊं नमः शिवाय
जय हो महा गुरु स्वामी दयानन्द सरसवती को कोटि कोटि प्रणाम🙏🙏🙏
Pranaam Guru Ji🙏🙏🙏🙏🙏
I am wonderstruck...
Pranam"
Feeling Speechless, Brilliant 🙏
आपका हृदय से आभार ज्ञान श्रेष्ठ मान्यवर! आपके मुख से ब्रह्म ऋषियों के बारे में ज्ञान प्राप्त कर अत्यंत उत्तम अनुभूति को प्राप्त हो रहा हूँ।
आशा है आपसे भेंट शीघ्र होगी और आपका सानिध्य,प्रेम व मार्गदर्शन हम जैसे भक्त उपासकों को प्राप्त हो सकेगा।
महर्षि दयानंद जी के जीवन पर प्रकाश डालने के लिये पुनः आभार व धन्यवाद।
Pujye Rishivar 🙏 n lots of thanking you for explaining about many Brahma Rishis.i feel very proud of myself that you are my eternal, divine Adhyap 👍
🌼🌼🌼🙏🏻✨
स्वामी जी सत सत नमन
स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने देह त्याग 1875 में नहीं 1883 में किया था। 1875 में उन्हों ने आर्य समाज की स्थापना किया था।
केशव चन्द्र सेन के कहने पर कोपीन का त्याग किया था।
आपका वाक्य सत्य है
Pujyaniy -Apaka karya bahut sarahaniya hai.aap ko sadar pradam.
सादर प्रणाम सर 🙏 बहुत दिनों से इंतज़ार था स्वामी दयानंद सरस्वती पर आपके वर्णन का... आभार .. 🙏
Dhanyvad Gurudev , Rishi Dayanand Saraswatiji ka mere Jeevan me bara mahatva Raha hai , Naman aap ok koty Katy. Ese hi the swami Stayanand Saraswati whom we met in the Netherlands in 1968. These two have influenced me a lot?
🙏🙏jay ma gaytri mataki 🙏🙏
Thank you Maharaj, through you I am able to take darshan of these rishis who have gone in body but exist in their words, books, literature and most importantly their subtle forms. You've been the medium through which a lot of people can acquire the grace of these Mahatma's!
Namaskar
Har har mahadev 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
ब्रह्म ऋषि स्वामी विवेकानंद जी के उपर भी एक व्याख्यान देने की कृपा करें।
एक चिंगारी कहीं से... इस दिए में तेल से भीगी हुई बाती... यह पंक्तियां बहुत अच्छी लगी सर.. अर्थ के रूप से.. और बहुत सटीक.. सच.. 🙏 अत्यंत कृतज्ञ 🙏
Namaskar Guriji, Aapse Bramha Rushiyo ke bare me sunana bahot achha lagta hai....nayi drushti milti hai guruji.....Namaskar
🙏🙏🙏
हे महात्मा जी ,,,,कभी वृंदावन के रसिक आचार्यों की भी चर्चा सुनाये ।राधे राधे 🙏🙏🙏
🌷🙏🙏🙏🌷
Gayan ganga ke bare me batlaye
Pp sri wamanrao gulvani maharaj ji shaktipat diksha ke adhikari the
नमस्ते सर वर्तमान समय में यदि कोई आपकी दृष्टि में ब्रह्म ऋषि है तो आप उनकी भी सत्संग कीजिए
गुरुजी हम सुबह आपके साथ ध्यान साधना करते है गुरुजी आप बताते ही की ओम नाद के समय कपाल पर ध्यान केंद्रित करना है हम करते है तो सर में दर्द होने लगता है
Please make video on maha Guru Gorakhnath Ji ,Majendranath ji ,Aadi Guru Shankaracharya,
आचार्यजी, कभी ज्ञान गंज या सिद्धाश्रम के बारे में कुछ बताने की कृपा करें ।
Dayanand jaisa n koi Rishi hua h n hoga
Vasudev niwas erandvan maharishi karve road pune 4 par ashram hain
आपके मुखारविन्द से बह्मऋषि स्वामी दयानंद सरस्वती जी के गुणों की चर्चा श्रवण की गर्व का अनुभव हुआ। आपको धन्यवाद व नमन।
Aapko sunta hu bus dhyan lag jaata hai bus lagta hai ki aapko soonta rahu
Aap se baat karna cahata hu kaise karu
सादर प्रणाम
आप उच्चकोटी के आध्यात्मिक सरिता के वाहक हैं,
आप द्वारा स्वामी दयानंद सरस्वती पर किया गया विश्लेषण आप की महानता है ,
यद्द्यपि दयानंद सरस्वती जी की सामाजिक सुधारों वैदिक उत्थान या स्वातंत्र्य प्राप्ति के लिए किए गए कार्य महान हैं।
परन्तु इस एक व्यक्ति ने जितना सनातन धर्म को क्षति पहुंचाया सम्भवतः दूसरा कोई न हुआ ,जीवन की सम्पूर्ण ऊर्जा कर्मकांड, मूर्ति पूजा, मंदिरों आदि के विरोध उनके जीवन का एकमेव उद्देश्य रहा जिससे बड़े पैमाने पर हिन्दू सनातन व्यवस्था को आघात पहुंचा ।
मैं मानता हूँ वह एक ब्रह्मवेत्ता थे परंतु उन्हें किसने अधिकार दिया उस भक्ति को चुनौती देने की जो ब्रह्म रूप में सभी विग्रहों ,देवालयों के माध्यम से श्रद्धालुओं में प्रवाहमान होती है ,जिस भक्ति ने समाज को सदियों से एक सूत्र में पिरोया था क्योंकि भक्ति में ज्ञानवान, पढालिखा, होने की आवश्यकता नहीं होती वह तो सिर्फ एक सरल सपाट भावना होती है जिसकी शक्ति ने आदिजगतगुरु शंकराचार्य को भी चमत्कृत कर दिया जिसका ज्ञान उन्हें कोई और नहीं अपितु प्राण त्यागती उनकी माँ ने ही कराया था ,जिस कारण पूर्व और उत्तर मीमांसा के वह साक्षात सेतु बनकर ऐसी व्यवस्था की नींव डाल गए जिसकी ईंटे हज़ारों आघात सहने बाद भी अक्षुण्ण हैं ।
जीवन को सिर्फ तर्क, बुद्धि, या ज्ञान की कसौट पर कसने वाला व्यक्ति सामंजस्य के अभाव में अंततः अपने तर्को, बुद्धि और अर्जित ज्ञान के साथ एकांगी होजाता है ।
ऐसे एकांगी मानसिकता के शिकार दयानंद सरस्वती जी थे जिन्होंने अपने अनुयायीयों को इतने बड़े संकट में डाल दिया कि वह ना तो सनातनी रह गए न ही आर्य समाजी।
एक पक्ष और वेदों का प्रतिपादन दयानन्द जी ने नहीं किया था कि उसपर एकाधिकार उनका साबित कर दिया जाय जैसे की उनके परम्परा के लोग करते हैं दरअसल उनतक यह वेदों की निर्बाध पहुंच श्रुतियों के माध्यम से ही पहुंची जिसमें कर्मकांडियों का ही योगदान है क्योंकि ऋत्विजों ने श्रुति, स्मृति ही इस प्रवाहमान ज्ञान गंगा के वाहक रहे ।
त्रुटि हेतु क्षमाप्रार्थी हूँ।
हम और आप अभी उनके पैरों के धूल के लायक भी नही है, हम होते कौन है उनका आंकलन करने वाले। हम तब उनकी आलोचना कर सकते है जब हमारा व्यक्तित्व भी उनके जितना विशाल हो।
एक बात और कि मैने गायत्री परिवार शांति कुंज की site पर पढ़ा कि जब उन्होंने संस्थान आरंभ किया तो कितने ही so called धर्म रक्षकों ने ये कह कर आंदोलन आरंभ कर दिया कि ये मंत्र केवल ब्राह्मणों के लिए ही है लेकिन ये क्रम अब तक भी mail से चल रहा है
Please explain Teachings of Maharshi.
gurude dhyan yogi narayan swaami se jarur miliye ajke samay me pran vidhya sikha rahe haikisiko ichha ho to sikh sakte hai
Srimanji pp sri yogiraj wamanrao gulvani maharaj ji par program banaye ye pp sri vasudevanand saraswati maharaj ji ke brahamchari shishya the inka ashram vasudev niwas pune erandvan maharishi karve road pune 4 par hain dhanyawad
Pl inform about sant sri param hamsa yogananda
Check videos unpe already video post Kar chuke Hain
Osho kya braham rishi the. Osho k upr bhi video bnaiye. isliye khe rha hu kyo k mere papa Arya samaj me jaya krte the or me unko roka krta tha kyoki muje swami dyanand pasand nai the kyoki unhone murti puja ka khandan kiya. pr ajj me unko samaj gya hu swami dyanand ko apki kripa se. To apse request krta hu ki app J krisnamurti or osho k bare me bhi btaiye plz kyoki unke bare me bhi muje kuch confusion hai.
Pranam Guruji, ky adhyatm ke prti lagav ke piche bhi janmptrika ka koi hath hota hy.
Mere guru kb milenge
Jay gurudev kya bram risikay ke bareme bataneki kast karte to acha lagta esse nari jati vi garv karti
🙏🙏🙏🌹😌
🙏🏻🙏🏻
Srimanji pp sri yogiraj wamanrao gulvani maharaj ji par program banaye ye pp sri vasudevanand saraswati maharaj ji ke brahamchari shishya the inka ashram vasudev niwas pune erandvan maharishi karve road pune 4 par hain dhanyawad
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