आज के जैन समाज के लिए ये सबसे ज़रूरी सन्देश है । जैन धर्म कितना पुराना है । और कोई भी जैन बन सकता है। एक इच्छा है कि हो सके तो कृपया subtitles English में हो जाये तो हिंदी नही जानने वाले दक्षिण भारतीय और विदेशी भी देख कर समझ सकें। बहुत बहुत आभार 🙏🙏..
I am a hindu by birth but I always believe that hinduism is my first religion and Jainism is my second religion, I practice both religions to some extent, I visit both hindu temples and shwetambar Jain derasars as well and just recently I have also stopped my habit of eating food after sunset and also i am pure vegetarian. Jainism and Hinduism are best religions in the world . Jai swaminarayan Jai Jinendra
आपने अच्छी जानकारी देनेवाला बहुत ही ज्ञानवर्धक वीडियो बनाया है। मैं जन्म से जैन नहीं हूँ।हिंदू ब्राह्मण हूँ। परंतु जैनधर्म ,उसके तीर्थंकरों और विशेष रूप से भगवान महावीर के प्रति बहुत ही अधिक श्रद्धा रखता हूँ।भगवान महावीर के निर्वाण के बाद आज उनकी कमी को कोई भी दूसरा महापुरुष पूरा नहीं कर सकता है।परंतु आज के युग में बहुत कुछ भगवान महावीर के समय की शांति और पूर्णता लगभग मुझे भगवान श्रीरामकृष्ण परमहंस और उनके शिष्य जगद्गुरु स्वामी विवेकानंदजी के जीवन चरित्र और उनके उपदेशों से मिलती है।मैं अपने अंतर्जगत में अपने मन की शांति के लिये भगवान रामकृष्ण को भगवान महावीर के बाद का पच्चीसवाँ तीर्थंकर ही मानता हूँ।परंतु यह केवल मेरी अपनी अनुभूति है।ऐंसा बिल्कुल जरूरी नहीं है कि दूसरे लोगों की भी भगवान रामकृष्णदेव और स्वामी विवेकानंदजी के प्रति ऐंसी ही अनुभूति हो।और न ही मैं अपने विचार किसी अन्य पर लादना पसंद करता हूँ। परंतु भविष्य में अनुकूल परिस्थितियाँ और अनुकूल वातावरण मिलने पर अपने मन की इस अनुभूति को तर्कों के द्वारा सिद्ध करने का अवश्य प्रयास करूँगा। जय जिनशासन। जय भगवान महावीर। जय श्रीरामकृष्णदेव। जय स्वामी विवेकानंद। 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Bhai aapko bhul kar bhi kisi manushya ko tirthankar ke barabar nahi manna chahiye, bhale hi swami vivekanand aur ramkrishna paramhansa ne apne jeevan me ache karya kiye ho kintu weh panchmahavrat dhari nahi hai isiliye unko pujne se mithyatva ka dosh lagta hai
@@aryajain5311 भगवान महावीर,भगवान बुद्ध और भगवान रामकृष्ण परमहंस ये तीनों ही सर्वोच्च आध्यात्मिक अवस्था को प्राप्त करने वाली महान ईश्वरीय विभूतियाँ हैंं।इन तीनों की ही अपनी अलग अलग मौलिकतायें हैं।अतः तीनों की तुलना नहीं की जा सकती है।परंतु रात्रि काल में सूर्य की अनुपस्थिति के कारण मनुष्य चंद्र,अग्नि,बिजली से चलनेवाली लाइट आदि का सहारा लेकर प्रकाश प्राप्त करता है।या गुरु कभी भी ईश्वर का स्थान नहीं ले सकता है।परंतु ईश्वर तक पहुँच नहीं होने के कारण साधक गुरु को ही ईश्वर या ईश्वर से भी बढ़कर मान लेता है। और उस गुरु भक्ति के कारण उसे ईश्वर की प्राप्ति भी हो जाती है।यहाँ मेरे कहने का तात्पर्य भी कुछ ऐंसा ही है।कौन किसका शरणागत बनेगा यह ईश्वर या प्रकृति के द्वारा पहले से तय रहता है। जैंसे श्रेणिक राजा बिंबिसार की भगवान महावीर और भगवान बुद्ध दोनों के प्रति अपार श्रद्धा थी।परंतु अंत में वे भगवान महावीर के ही पूर्ण शरणागत बने।इसी प्रकार आम्रपाली की भी भगवान महावीर और भगवान बुद्ध दोनों के प्रति अपार श्रद्धा थी।परंतु अंत में वह भगवान बुद्ध की ही पूर्ण शरणागत बनी।उसी प्रकार मैं भी भगवान रामकृष्ण को तीर्थंकर सिद्ध नहीं करना चाहता हूँ।परंतु अपने मन की पूर्ण शांति और श्रद्धा के लिये ही चौबीस तीर्थंकरों के साथ भगवान रामकृष्ण का स्मरण करता हूँ। 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Ramakrishna hi ak mat se KALKI hai. Gyaan rupi ashwa par sawar ho kar Saty ki talwaar se unhone sukshma rup se adharm ka vinash kar diya hai. Sabhi ashubh saktiya aapas me lad kar khatm ho jayengi. Ramakrishna ke mahan shishya Bhupati nath aisa kaha karte the. Tirthankar Moksh ki dristi se bare hai. Avtaar vishwa kalyaan ki drishti se bara hai. Waise Antim lakshya Moksha hi hai.
Ap unhe apna gurudev mante he ye bt sahi he lekin tirthankar 24 hi hote he. Jb wo prithvi pe vichran kar rahe hote he to khuch bate he jo keval unke hone se hi hoti he. 34 atishay, 35 Vani ke gun ityadi. Aur pranimatra ko keval unke darshan se hi esi sukhad anubhuti hoti he ki wo sab khuch bhul jate he aur sabhi manushya, praniyon ko yahi atmik anubhuti hoti he. Apko bhagwan mahavir ke prati shradha he ye bahot achhi bt he parantu please ramkrishna paramhans ko tirthankar ke saman na mane. Keval vyaktigat anubhav ko sabhi ke liye grahya nahi mana jata he.
@@rakeshmishra679 जी भविष्य में आनेवाले कुछ सैकड़ों वर्षों तक भगवान रामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद जी के विचार और जीवन चरित्र भारत और पूरे विश्व में बहुत तेजी से लगातार फैलते ही चले जायेंगे ।यह तो अभी से ऐंसा होने लगा है।इसी प्रकार भगवान महावीर के विचार और जीवन चरित्र भी देश काल और धर्म की सीमाओं को लांघकर पूरे विश्व में फैल जायेंगे।
विश्व में जातनी भी विचारधारा है सभी जब से मानव जीवन का अस्तित्व है तभी से है ...यह बात हास्यास्पद है कि प्रत्येक विचारधारा को मानने वालों का कहना है कि उनकी विचारधारा सबसे पूरानी है... सनातन धर्म ही प्राचीनतम है, वेदों में सभी विचारधाराओं का समावेश है।
जैन धर्म की prbhaavna का सुन्दर वर्णन किया है कि ज्यादा से ज्यादा लोगो तक इस माघ्यम से पहुचाए शासन सेवा का शुभ अवसर मिला है इसका पूरा पूरा लाभ लेवे तीर्थंकर गोत्र कर्म बांधने वाले बने यही मंगल कामना करता हूँ महावीर प्रसाद जैन प्रधान श्री एस एस जैन सभा त्रि नगर
I am a Buddhist and I know Bhagavan Mahavir and Bhagavan Buddha were contemporary religious and social reformers who belonged to the "Shramana" tradition at that time. Buddhism also has many Buddhas; the present Gotam Buddha is the 28th. There will be many more Buddhas will appear in the future. Let's say those Buddhas or Thirtankaras were born in different world cycles which means in uncountable past. Now, let's look at the world through scientific eyes. Let's think it gets destroyed and reformed again and again. Humans evolved from another "being" to become the modern human. According to science, the universe is 14 billion years old whereas our earth is 4.54 billion years old, and the sun is 4.6 billion. My question is, how do we match up those "Anadi Kal" world cycles? In fact, the modern form of humans, Homo sapiens, evolved approximately 200,000 years ago in East Africa. These early humans developed a capacity for language about 50,000 years ago and began moving outside of Africa around 70,000-100,000 years ago. Civilization as we know it is only about 6,000 years old, and industrialization started earnestly in the 1800s. So, how do we count those ages of old Thirtankars or Buddhas if human civilization only started 6000 years ago?
Realyy jain people are very kind hearted and truth speaker how u explain this topic about jainisim with ex of Constitution and babasaheb is awesome... My fav religion is jainisim and budhisim they have mnay similarities
जय जिनेन्द्र भाई आपने बहुत ही सुन्दर ठंग समझाया है इसके लिए हम आपके लिए बहुत बहुत धन्यवाद ज्ञानी से ज्ञानी मिले होय ज्ञान की बात और मूर्ख से मूर्ख मिले तो दे घूंसा या लात आपकी इस बिडियो से मूर्खों की कुछ समझ में नहीं आयेगा चाहे उन्हें कितना भी समझाओं
Respect is good. But, i want to warn you that Jainism rejects Vedas which are the base of our Sanatan Dharm. So, following Jainism will take you away from Sanatan Dharma
आज के जैन समाज के लिए ये सबसे ज़रूरी सन्देश है । जैन धर्म कितना पुराना है । और कोई भी जैन बन सकता है। एक इच्छा है कि हो सके तो कृपया subtitles English में हो जाये तो हिंदी नही जानने वाले दक्षिण भारतीय और विदेशी भी देख कर समझ सकें। बहुत बहुत आभार 🙏🙏..
ruclips.net/user/shortsg8nRR_1MY2o?feature=share
I am a hindu by birth but I always believe that hinduism is my first religion and Jainism is my second religion, I practice both religions to some extent, I visit both hindu temples and shwetambar Jain derasars as well and just recently I have also stopped my habit of eating food after sunset and also i am pure vegetarian. Jainism and Hinduism are best religions in the world .
Jai swaminarayan
Jai Jinendra
Gratitude jai jinendra 🙏
@@RS-oe5cz Jai Jinendra
this is funny cause my dad's swaminarayan and mom's jain😂although i follow jainism 99% of the days but yes
@hsk406 yeah both ways it's common
@hsk406 no some are vaishnav,some are swaminaryan in 15 th to 18 th century majority of jains in gujarat converted to pushti marg or swaminarayan sect
Thankyou Mehul Bhaiya Aaj is video ko dekh kr
Mere bhaut se questions k Ans Mil gye..... Jain Sangh Ko aap jese anek Shravako ki jarurat Hain ✨🙏🏻❤️
मेहुल भाई ऐंसे जैन धर्म के बारे में ठोस जानकारी देनेवाले वीडियो बनाकर सचमुच में एक महान कार्य कर रहे है।
🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Bahot bahot anubodhna 🙏🙏 Mehul bhaiya ko
Thank you apje yah video bahut hi achha hai main jain to nahi hu par adinath bhagvan ki bhakt hu jai jinendra
Jai Jinendra
Agar aap bhagwan adinath ke bhakt hai toh aap jain hue, kya aap jaina dharma ke siddhanto par nahi chalte?
Ha mera ek hi siddhant hai Ahinsa
ruclips.net/video/6o45Bzls7SQ/видео.htmlsi=SHdZgH0e9wnPmYQz
Love jinshasana love navkar mantra ♥️ love bhagwan mahaveer really proud to a jain jai jinshasana jai navkar mantra ♥️ jai mahaveer
Bhai Assam ka Gualpara district ka Surya Pahar mee kafi sara Jain mandir ka itihaas hai..
Samrat Ashok ka time ka hoga..
ruclips.net/user/shortsg8nRR_1MY2o?feature=share
आपने अच्छी जानकारी देनेवाला बहुत ही ज्ञानवर्धक वीडियो बनाया है। मैं जन्म से जैन नहीं हूँ।हिंदू ब्राह्मण हूँ। परंतु जैनधर्म ,उसके तीर्थंकरों और विशेष रूप से भगवान महावीर के प्रति बहुत ही अधिक श्रद्धा रखता हूँ।भगवान महावीर के निर्वाण के बाद आज उनकी कमी को कोई भी दूसरा महापुरुष पूरा नहीं कर सकता है।परंतु आज के युग में बहुत कुछ भगवान महावीर के समय की शांति और पूर्णता लगभग मुझे भगवान श्रीरामकृष्ण परमहंस और उनके शिष्य जगद्गुरु स्वामी विवेकानंदजी के जीवन चरित्र और उनके उपदेशों से मिलती है।मैं अपने अंतर्जगत में अपने मन की शांति के लिये भगवान रामकृष्ण को भगवान महावीर के बाद का पच्चीसवाँ तीर्थंकर ही मानता हूँ।परंतु यह केवल मेरी अपनी अनुभूति है।ऐंसा बिल्कुल जरूरी नहीं है कि दूसरे लोगों की भी भगवान रामकृष्णदेव और स्वामी विवेकानंदजी के प्रति ऐंसी ही अनुभूति हो।और न ही मैं अपने विचार किसी अन्य पर लादना पसंद करता हूँ।
परंतु भविष्य में अनुकूल परिस्थितियाँ और अनुकूल वातावरण मिलने पर अपने मन की इस अनुभूति को तर्कों के द्वारा सिद्ध करने का अवश्य प्रयास करूँगा।
जय जिनशासन।
जय भगवान महावीर।
जय श्रीरामकृष्णदेव।
जय स्वामी विवेकानंद।
🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Bhai aapko bhul kar bhi kisi manushya ko tirthankar ke barabar nahi manna chahiye, bhale hi swami vivekanand aur ramkrishna paramhansa ne apne jeevan me ache karya kiye ho kintu weh panchmahavrat dhari nahi hai isiliye unko pujne se mithyatva ka dosh lagta hai
@@aryajain5311 भगवान महावीर,भगवान बुद्ध और भगवान रामकृष्ण परमहंस ये तीनों ही सर्वोच्च आध्यात्मिक अवस्था को प्राप्त करने वाली महान ईश्वरीय विभूतियाँ हैंं।इन तीनों की ही अपनी अलग अलग मौलिकतायें हैं।अतः तीनों की तुलना नहीं की जा सकती है।परंतु रात्रि काल में सूर्य की अनुपस्थिति के कारण मनुष्य चंद्र,अग्नि,बिजली से चलनेवाली लाइट आदि का सहारा लेकर प्रकाश प्राप्त करता है।या गुरु कभी भी ईश्वर का स्थान नहीं ले सकता है।परंतु ईश्वर तक पहुँच नहीं होने के कारण साधक गुरु को ही ईश्वर या ईश्वर से भी बढ़कर मान लेता है। और उस गुरु भक्ति के कारण उसे ईश्वर की प्राप्ति भी हो जाती है।यहाँ मेरे कहने का तात्पर्य भी कुछ ऐंसा ही है।कौन किसका शरणागत बनेगा यह ईश्वर या प्रकृति के द्वारा पहले से तय रहता है। जैंसे श्रेणिक राजा बिंबिसार की भगवान महावीर और भगवान बुद्ध दोनों के प्रति अपार श्रद्धा थी।परंतु अंत में वे भगवान महावीर के ही पूर्ण शरणागत बने।इसी प्रकार आम्रपाली की भी भगवान महावीर और भगवान बुद्ध दोनों के प्रति अपार श्रद्धा थी।परंतु अंत में वह भगवान बुद्ध की ही पूर्ण शरणागत बनी।उसी प्रकार मैं भी भगवान रामकृष्ण को तीर्थंकर सिद्ध नहीं करना चाहता हूँ।परंतु अपने मन की पूर्ण शांति और श्रद्धा के लिये ही चौबीस तीर्थंकरों के साथ भगवान रामकृष्ण का स्मरण करता हूँ।
🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Ramakrishna hi ak mat se KALKI hai. Gyaan rupi ashwa par sawar ho kar Saty ki talwaar se unhone sukshma rup se adharm ka vinash kar diya hai. Sabhi ashubh saktiya aapas me lad kar khatm ho jayengi. Ramakrishna ke mahan shishya Bhupati nath aisa kaha karte the. Tirthankar Moksh ki dristi se bare hai. Avtaar vishwa kalyaan ki drishti se bara hai. Waise Antim lakshya Moksha hi hai.
Ap unhe apna gurudev mante he ye bt sahi he lekin tirthankar 24 hi hote he. Jb wo prithvi pe vichran kar rahe hote he to khuch bate he jo keval unke hone se hi hoti he. 34 atishay, 35 Vani ke gun ityadi. Aur pranimatra ko keval unke darshan se hi esi sukhad anubhuti hoti he ki wo sab khuch bhul jate he aur sabhi manushya, praniyon ko yahi atmik anubhuti hoti he. Apko bhagwan mahavir ke prati shradha he ye bahot achhi bt he parantu please ramkrishna paramhans ko tirthankar ke saman na mane. Keval vyaktigat anubhav ko sabhi ke liye grahya nahi mana jata he.
@@rakeshmishra679 जी भविष्य में आनेवाले कुछ सैकड़ों वर्षों तक भगवान रामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद जी के विचार और जीवन चरित्र भारत और पूरे विश्व में बहुत तेजी से लगातार फैलते ही चले जायेंगे ।यह तो अभी से ऐंसा होने लगा है।इसी प्रकार भगवान महावीर के विचार और जीवन चरित्र भी देश काल और धर्म की सीमाओं को लांघकर पूरे विश्व में फैल जायेंगे।
खूब खूब अनुमोदना । बहुत सुन्दर तरीक़े से समझाया🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बहुत खूब । बहुत ही अच्छी तरह से समझाया अपने कि जैन , और जैनेतर में क्या अंतर होता है। और जैन धर्म कितना पुराना है , धन्यवाद 🙏
🙏🙏🙏
Jai jinendra 🙏🙏😌🚩
ruclips.net/user/shortsp9C7r05d1N0?feature=share
ruclips.net/user/shortsg8nRR_1MY2o?feature=share
आपने बाबासाहेब का उदाहरण देकर बहुत अच्छी तरीके से समझाया❤❤
Thank you. Making this amazing video jai jai jinshasana jai jai shree navkar mantra ♥️ jai jai shree mahaveer
Bhai Assam ka Gualpara district ka Surya Pahar mee kafi sara Jain mandir ka itihaas hai..
Samrat Ashok ka time ka hoga..
Proud to be a jain
Great👍
m bhi jain Janm s nhi Karmo s hu ..mera pprivar bhi krmo s jain h ...or mera gao bhi krmo s jain h jay jinender jay jinsasn
Isse adbut explanation aur kuch nahi ho sakti!
Wonderful!
Jai Mahavir!
Thanks So much..Jai Mahaveer
बहुत खूब गुरुवर जैन धर्म को इतना esaly समझाने के लिए 👌👌👌👌👌🙏🙏
As a Hindu
I really love Jainism
ruclips.net/user/shortsg8nRR_1MY2o?feature=share
जय jinendra
हो सक ते आप पूर्व जनममे आप जैन हो.आप इस जन्म ने भी जैन धर्म का पालन कर सकते 3:52
Wonderfully conceptualized illustration!
ruclips.net/user/shortsg8nRR_1MY2o?feature=share
JAI Ho Bhagwan Shri Rishab Dev ji ki Bagwan Shri Mahaveer ji ki ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏
Great work done and very well explained 🙏❤️
विश्व में जातनी भी विचारधारा है सभी जब से मानव जीवन का अस्तित्व है तभी से है ...यह बात हास्यास्पद है कि प्रत्येक विचारधारा को मानने वालों का कहना है कि उनकी विचारधारा सबसे पूरानी है... सनातन धर्म ही प्राचीनतम है, वेदों में सभी विचारधाराओं का समावेश है।
Brilliant video, eye opener for the viewers 😍
ruclips.net/user/shortsg8nRR_1MY2o?feature=share
जैन धर्म की prbhaavna का सुन्दर वर्णन किया है कि ज्यादा से ज्यादा लोगो तक इस माघ्यम से पहुचाए शासन सेवा का शुभ अवसर मिला है इसका पूरा पूरा लाभ लेवे तीर्थंकर गोत्र कर्म बांधने वाले बने यही मंगल कामना करता हूँ महावीर प्रसाद जैन प्रधान श्री एस एस जैन सभा त्रि नगर
Nice explanation jai Jain shasan, jai mahavir 🙏🏽
Well explained .ysss we believe in jain religion . Though not born in jain family
Thank you your video is so informative 💫💯
बहुत खूब बहुत अच्छी तरह समझाया आपने Jay Shri Shyam Jay Bajrangbali Jay Hanuman Ji
आपने बहुत अच्छे से समझाया आपका बहुत बहुत धन्यवाद जय जिनेन्द्र 🙏🙏🙏🙏
जय जिनेन्द्र 🙏🏻♥️
इतनी सरल भाषा मै बताने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Aap ki chanel ke madhyam se muje mere jain dharam ke bare me bahot kuch janne ko mila best channel ever..keep it up
Bahut achha explain Kiya hai..l love Jain religion....
Well explained video 🙏 🙏
I brought the principles of Gautam Buddha into practice since childhood, but for a few years now I have been more influenced by Jainism.
Budhism ko bhimton ne badnam kar rakha hai nakli baudh bankar ke
Both Buddhism and jainism have similar philosophy
All comes under dharma
ruclips.net/user/shortsg8nRR_1MY2o?feature=share
@@Rajraj-qm7kj no please correct your self If you do not have that ability, then let it be, brother, give people wrong information or knowledge
Watching from 🇧🇩
Jay jinendra
I am a Buddhist and I know Bhagavan Mahavir and Bhagavan Buddha were contemporary religious and social reformers who belonged to the "Shramana" tradition at that time. Buddhism also has many Buddhas; the present Gotam Buddha is the 28th. There will be many more Buddhas will appear in the future. Let's say those Buddhas or Thirtankaras were born in different world cycles which means in uncountable past.
Now, let's look at the world through scientific eyes. Let's think it gets destroyed and reformed again and again. Humans evolved from another "being" to become the modern human.
According to science, the universe is 14 billion years old whereas our earth is 4.54 billion years old, and the sun is 4.6 billion.
My question is, how do we match up those "Anadi Kal" world cycles? In fact, the modern form of humans, Homo sapiens, evolved approximately 200,000 years ago in East Africa. These early humans developed a capacity for language about 50,000 years ago and began moving outside of Africa around 70,000-100,000 years ago. Civilization as we know it is only about 6,000 years old, and industrialization started earnestly in the 1800s.
So, how do we count those ages of old Thirtankars or Buddhas if human civilization only started 6000 years ago?
बहुत खूब 👌👌👌
Very beautiful explanation...khub khub Anumodna 🙏
Good knowledge JAI JINEDRA...📚❤
Realyy jain people are very kind hearted and truth speaker how u explain this topic about jainisim with ex of Constitution and babasaheb is awesome... My fav religion is jainisim and budhisim they have mnay similarities
जय जिनेन्द्र भाई आपने बहुत ही सुन्दर ठंग समझाया है इसके लिए हम आपके लिए बहुत बहुत धन्यवाद ज्ञानी से ज्ञानी मिले होय ज्ञान की बात और मूर्ख से मूर्ख मिले तो दे घूंसा या लात आपकी इस बिडियो से मूर्खों की कुछ समझ में नहीं आयेगा चाहे उन्हें कितना भी समझाओं
Namo jinanam
Jai Nemrajul Sena Devi Mata Samundra Pati Pita ❤
आपने तो गागर में सागर को भर दिया। धन्यवाद जी।
Jainism is the religion which whole world will follow some day that's for sure.
Jain धर्म की यथार्थ जानकारी देने के लिए धन्यवाद
Captions me english, marathi,kannad language me translation set kijie 🙏
Bahut achchi tarah bataya . Bahut bahut anumodana
.
जय जिनेन्द्र शानी ओम .
Bahut saral tarike se aapane samajhaya jain dharm k bareme
Nicely explained from legal point of view.
👌👌 *શ્રમણ પ્રધાન ચતુર્વિધ સંઘ... very true*
ओम श्री महाप्रभु जी....श्री शांतिनाथाय नमः जय हो🙏🙏🙏
JAI JINEDRA ...AAP KA BAHUT BAHUT DHANYAVAAD
So well explained thankyou so much 🙏🙏🙏💐💐💐.
Very nice teaching and message, Thank you Brother
Very Great Video. I am proud to be a Jain.
Jai Parasnath baba Jain digambar Jain setamber 🌺🌲🌴🌳☘️🌿🐇🕊️🐦🦉🦉🦍🐆🐘🦗🐛🦆🐜🦂🦋👣🐞💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅💅 pranam
जय जिनेंद्र जय हो भगवान महावीर जी की
Jain bharm ke anusar vivah kis trh kiya jana chahiye es pr bhi ek video bnao bhai sahb 🙏🙏🙏
Jai mahavir Jain. I am a Hindu. I love Jain religion for their decipline and peace.
Respect is good. But, i want to warn you that Jainism rejects Vedas which are the base of our Sanatan Dharm. So, following Jainism will take you away from Sanatan Dharma
Classic explanation
Aapka samjhane ki shaili bahut achi hai 🙏
Really u have explain jainism v.nicely
Examples that you use to clarify points are the best
Very well explained Saa 🙏👏👏👏 nicely scripted 👌👍
जय जिनेद्र सनातन धर्म 🚩🚩🚩🚩🚩
विजय हो जैन धर्म की
Jay jay jindhram❤❤
❤️
*You explained so beautifully & logically 👏👏👏😇😇😇*
Jai jinendra sa🙏🙏
Excellent .
Jain Dharm kaise Bane aur uske kya-kya Kanoon hote Hain
Sabhi dharm ke aadinath bhagwan shiv hai aur Mata Shakti yahi Satya hai
Jay Jinshashan 🙏🏻 Jay Adinath🙏🏻Jay Mahavir 🙏🏻
Jai Jinendra 🙏🙏
Jai jinendra❤
जय जिनेन्द्र🙏🙏
Nice . thanks
Good
Best video i have ever seen❤❤❤
Very well explained
Namo Buddhay Jay Jainendra Jay Bheem .😊😊
Bahut helpful video he
जय सच्चिदानंद
Good examples..👌👌
We Support 🙏🙏🙏🙏
Jai jinendra
Love from Hindu❤️
I love jain
Thanks for such an information sir🥰
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jay mahaveer 🙏🙏🙏
Proud to be a Jain,🙏🙏🙏
आपने बाबा साहेब का नाम लिया बहुत बहुत बढ़िया..
🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Sir hame ye janna hai ki jinsasan me panyas ke upar acharya uske upar gaachadhipati ase kya ata hai voh Janna hai
जय जिनेंद्र...!
Rich n rich heavenly feels worship lyrics n rich heavenly history..
Jai jinshashan jai mahaveer ❤️🙏
Bhai Assam ka Gualpara district ka Surya Pahar mee kafi sara Jain mandir ka itihaas hai..
Samrat Ashok ka time ka hoga..
Chittor se leke.madhapradesh tak ke 100 sal pehle khatik se jain huve the jise aj virval or dharm vala jain vansh se jana jata he aj kafi samridh he
👍❤️