हर पल गुरु की याद मुझे आती है

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  • Опубликовано: 8 сен 2024
  • परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विद्यासागर जी महा मुनिराज महाराज की असीम अनुकम्पा से
    आर्यिका रत्न श्री पूर्ण मति माताजी द्वारा रचित अध्यात्मिक भजनमाला प्रस्तुत है।
    हर पल गुरु की याद मुझे आती है
    हर पल गुरु की याद मुझे आती है
    दर्शन की ही आश मुझे रहती है
    हर पल गुरु की याद मुझे आती है
    हर एक कण कण में गुरु मुरत दिखती है
    कुछ काम करु वोही सुरत झलकती है
    वह रात सपनों में दर्शन दे जाते हैं
    जब आंख खुलती हैं ये नयन तरसते हैं
    मेरे प्राणों के तुम प्राण यह जिह्वा रटती है
    हर पल गुरु की याद मुझे आती है
    दर्शन की ही आश मुझे रहती है
    हर पल गुरु की याद मुझे आती है
    भवसागर अति गहरा कैसे साहिल पाऊं
    बस मुदंकर आंखे तुमको ही मैं ध्याऊ
    मेरी टुटी नैया के तुम खेवन हारे हो
    मेरी चेतन परिणती के तुम जानन हारे हो
    मेरे सांसो की सरगम गुरु गीत गाती है
    हर पल गुरु की याद मुझे आती है
    दर्शन की ही आश मुझे रहती है
    हर पल गुरु की याद मुझे आती है

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