सरकारों को सोनदरय व छाया मात्र वाले जल्दी बडे होने वाले पोधों की अपेक्षा जडीबुटी व फलों के पेड़ लगवाने चाहिए ताकि देश का कोई भी वरग का नागरिक भुखे या पुरण पोषण पुरा ना हो पाने की वजह से कूपोषण के कारण दुखद दर्द भरी असमय मौत से मरने की अपेक्षा अपना पुरा पोषण अपने व अपने परिवार का कर सकें आप व आप की टीम को सपरेम धन्यवाद🙏💕
@@LUCIFER_alt nikal libarandu. Phle apne jaati ke naam par arakshan khatam kar. Hindu dharm hi brahmano se hai. Bilkul proud hai or rahega jaati ka. Vidvan ke vanshaj hai. Muft me mewa nhi khaate hain.
Lol I opened the comment to write that. Only who knows Brahman not by books. Modern books and interpretations are written by kalyugi brahmans for there own gains.
3%wala jaati ke log apna jaati bhagwan ko puje 80%obc mahan samrat Chatrapati Shahoo ji maharaj ke jay jay kare kyo kalyan Singh uma bharti ashok singhal bainay katiyar ye log ko apne bhagwan ko nahi pujkar aaj pachta rahe hai trustee aur cm uma bhakti ko nahi banaya?
गुरु जी को सादर प्रणाम आपने अच्छा काम किया जो लोगों को जानकारी दे दिया और मुझे भी जानकारी दे दिया मुझे जानकारी था पर 50% तक था आपने 50% को 100% करके बता दिया धन्यवाद बताने के लिए
@@karmabeliever3542Salle tu pdha nhi h to hmari koi galti nhi h or tu Salle pandit h padhi Patra wala smjhe brahman ka arth pta h tum jaiso ne badal h Salle dimag chahiye smaaj ko bdaaya h hmane or pahle padh k aa
@@karmabeliever3542 ब्राह्मणोत्पत्तीमार्तण्ड ‘ ग्रंथ जो ब्राह्मणों की जगत प्रसिद्ध पुस्तक है उसके लेखक पं.हरिकृष्ण शास्त्री जी थे। यह पुस्तक लगभग 100 वर्ष पुरानी है। जिसमें समस्त विश्व के मुख्य ब्राह्मणों का उल्लेख है उसमें पृष्ठ ५६२ - ५६८ तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों का उल्लेख ‘ अथ पांचालब्राह्मणोंत्पत्ती प्रकरण ‘ बताकर दिया गया है। जिसमें शिल्प कर्म करने वाली पांचों शिल्पी उपजातियों जिसमें लौहकार(लोहार) , काष्टकार(बढ़ई), ताम्रकार, शिल्पकार औऱ स्वर्णकार को ब्राह्मण मानकर उन्हें ब्राह्मणों के प्रमुख कर्म षटकर्म एवं अन्य ब्राह्मण कर्मो के करने का अधिकारी कहा गया है। ब्राह्मण विद्वान पं.ज्वालाप्रसाद मिश्र ने अपनी पुस्तक ‘ जाति भास्कर ‘ के पृष्ठ २०३-२०७ में शिल्पकर्म को ब्राह्मणों कर्म मानते हुये एवं विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों को ब्राह्मण जाति कुल का स्वीकार करते हुये उन्हें षटकर्म अर्थात यज्ञ करना , यज्ञ कराना , वेद पढ़ना , वेद पढ़ाना , दान देना औऱ दान लेने के अधिकार के साथ अन्य ब्राह्मणों के कर्म करने का अधिकारी माना है। ‘ब्राह्मणवंशेतिवृत्तम’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक जिसके लेखक वेदरत्न पं.परशुराम शास्त्री विद्यासागर थे। जिसमें मुख्य ब्राह्मणों का प्राचीन एवं अर्वाचीन इतिहास का उल्लेख है। इसमें भी विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को मूलरूप से ब्राह्मण माना गया है। आप लोग इसमें जांगिड़ ब्राह्मण (विश्वकर्मा ब्राह्मण) का विस्तृत परीचय पृष्ठ 116 से 130 में हैं इसे पढ़ सकते हैं। इसी प्रसिद्ध पुस्तक में पृष्ठ 182 से 186 के बीच शिल्प कर्म करने वाले मत्स्य पुराण के अनुसार 18 शिल्पकर्म के उपदेशक ऋषि ब्राह्मणों का भी उल्लेख है। त्वष्टा विश्वकर्मा अर्थात देवों के आचार्य देवशिल्पी विश्वकर्मा का भी विस्तृत परिचय है। साथ ही इसमें वैदिक शिल्पी ब्राह्मण अर्थात रथकार ब्राह्मण ,पांचाल ब्राह्मण तक्षा ब्राह्मण आदि शिल्पियों को ब्राह्मण मानते हुए उनका प्रमाण है। ‘ब्राह्मणोंत्पत्ति दर्पण ‘ नामक पुस्तक जिसके लेखक डॉ पंडित मक्खनलाल मिश्र ‘मैथिल ‘ जी है। जिनकी पुस्तक में विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण उत्पत्ति में पृष्ठ क्रमांक 358 से 361 तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति बताई गई है जिसमें स्पष्ट रूप से यह उल्लेख आया है कि विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण समाज मूल रूप से ब्राह्मण समाज है और इन्हें षटकर्म के साथ-साथ ब्रह्म यज्ञ, देव यज्ञ, पितृ यज्ञ ,भूत यज्ञ और जप यज्ञ का पूर्ण रूप से अधिकार है। ‘ ब्राह्मण गोत्रावली ‘ नामक पुस्तक जिसके लेखक ज्योतिषाचार्य पंडित राजेंद्र देवलाल जो उत्तराखंड से छपी थी। इस पुस्तक के पृष्ठ 114 से 117 के बीच विश्वकर्मा शिल्पी ब्राह्मणों में जांगिड़ ब्राह्मणों की उत्पत्ति एवं पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति का वर्णन है। ‘ वंश मल्लिका ‘ नामक ग्रंथ जिसके रचयिता प्रसिद्ध विद्वान पंडित मन्नूलाल शर्मा थे। यह पुस्तक भी लगभग 80 से 100 वर्ष पुरानी है। इसमें विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों के अनेक वर्गों का उल्लेख है। जैसे विश्वकर्मा ब्राह्मण , रथकार ब्राह्मण, पांचाल ब्राह्मण, जांगिड़ ब्राह्मण, धीमान ब्राह्मण , आचार्य ब्राह्मण, ओझा या झा मैथिल ब्राह्मण आदि। इस पुस्तक में इनकी शास्त्रो के अनुसार उत्पत्ति ,वंशावली एवं गोत्रावली का विस्तृत वर्णन है। इस पुस्तक में विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को वेदों के अनुसार एवं अन्य शास्त्रों के अनुसार सभी प्रकार के ब्राह्मणों के मूल कर्म का पूर्ण अधिकारी शास्त्रीय प्रधानों के आधार पर बताया गया है।
Bhagwat Geeta me Likha hai ki Insaan Apne Karam aur gun se Brahmin Kshatriya Vyash aur shudra hota hai Janam se Nahi 🙏🏻 Bhagwat Geeta chapter 4 shlok 13 🕉️
ब्राह्मणोत्पत्तीमार्तण्ड ‘ ग्रंथ जो ब्राह्मणों की जगत प्रसिद्ध पुस्तक है उसके लेखक पं.हरिकृष्ण शास्त्री जी थे। यह पुस्तक लगभग 100 वर्ष पुरानी है। जिसमें समस्त विश्व के मुख्य ब्राह्मणों का उल्लेख है उसमें पृष्ठ ५६२ - ५६८ तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों का उल्लेख ‘ अथ पांचालब्राह्मणोंत्पत्ती प्रकरण ‘ बताकर दिया गया है। जिसमें शिल्प कर्म करने वाली पांचों शिल्पी उपजातियों जिसमें लौहकार(लोहार) , काष्टकार(बढ़ई), ताम्रकार, शिल्पकार औऱ स्वर्णकार को ब्राह्मण मानकर उन्हें ब्राह्मणों के प्रमुख कर्म षटकर्म एवं अन्य ब्राह्मण कर्मो के करने का अधिकारी कहा गया है। ब्राह्मण विद्वान पं.ज्वालाप्रसाद मिश्र ने अपनी पुस्तक ‘ जाति भास्कर ‘ के पृष्ठ २०३-२०७ में शिल्पकर्म को ब्राह्मणों कर्म मानते हुये एवं विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों को ब्राह्मण जाति कुल का स्वीकार करते हुये उन्हें षटकर्म अर्थात यज्ञ करना , यज्ञ कराना , वेद पढ़ना , वेद पढ़ाना , दान देना औऱ दान लेने के अधिकार के साथ अन्य ब्राह्मणों के कर्म करने का अधिकारी माना है। ‘ब्राह्मणवंशेतिवृत्तम’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक जिसके लेखक वेदरत्न पं.परशुराम शास्त्री विद्यासागर थे। जिसमें मुख्य ब्राह्मणों का प्राचीन एवं अर्वाचीन इतिहास का उल्लेख है। इसमें भी विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को मूलरूप से ब्राह्मण माना गया है। आप लोग इसमें जांगिड़ ब्राह्मण (विश्वकर्मा ब्राह्मण) का विस्तृत परीचय पृष्ठ 116 से 130 में हैं इसे पढ़ सकते हैं। इसी प्रसिद्ध पुस्तक में पृष्ठ 182 से 186 के बीच शिल्प कर्म करने वाले मत्स्य पुराण के अनुसार 18 शिल्पकर्म के उपदेशक ऋषि ब्राह्मणों का भी उल्लेख है। त्वष्टा विश्वकर्मा अर्थात देवों के आचार्य देवशिल्पी विश्वकर्मा का भी विस्तृत परिचय है। साथ ही इसमें वैदिक शिल्पी ब्राह्मण अर्थात रथकार ब्राह्मण ,पांचाल ब्राह्मण तक्षा ब्राह्मण आदि शिल्पियों को ब्राह्मण मानते हुए उनका प्रमाण है। ‘ब्राह्मणोंत्पत्ति दर्पण ‘ नामक पुस्तक जिसके लेखक डॉ पंडित मक्खनलाल मिश्र ‘मैथिल ‘ जी है। जिनकी पुस्तक में विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण उत्पत्ति में पृष्ठ क्रमांक 358 से 361 तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति बताई गई है जिसमें स्पष्ट रूप से यह उल्लेख आया है कि विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण समाज मूल रूप से ब्राह्मण समाज है और इन्हें षटकर्म के साथ-साथ ब्रह्म यज्ञ, देव यज्ञ, पितृ यज्ञ ,भूत यज्ञ और जप यज्ञ का पूर्ण रूप से अधिकार है। ‘ ब्राह्मण गोत्रावली ‘ नामक पुस्तक जिसके लेखक ज्योतिषाचार्य पंडित राजेंद्र देवलाल जो उत्तराखंड से छपी थी। इस पुस्तक के पृष्ठ 114 से 117 के बीच विश्वकर्मा शिल्पी ब्राह्मणों में जांगिड़ ब्राह्मणों की उत्पत्ति एवं पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति का वर्णन है। ‘ वंश मल्लिका ‘ नामक ग्रंथ जिसके रचयिता प्रसिद्ध विद्वान पंडित मन्नूलाल शर्मा थे। यह पुस्तक भी लगभग 80 से 100 वर्ष पुरानी है। इसमें विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों के अनेक वर्गों का उल्लेख है। जैसे विश्वकर्मा ब्राह्मण , रथकार ब्राह्मण, पांचाल ब्राह्मण, जांगिड़ ब्राह्मण, धीमान ब्राह्मण , आचार्य ब्राह्मण, ओझा या झा मैथिल ब्राह्मण आदि। इस पुस्तक में इनकी शास्त्रो के अनुसार उत्पत्ति ,वंशावली एवं गोत्रावली का विस्तृत वर्णन है। इस पुस्तक में विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को वेदों के अनुसार एवं अन्य शास्त्रों के अनुसार सभी प्रकार के ब्राह्मणों के मूल कर्म का पूर्ण अधिकारी शास्त्रीय प्रधानों के आधार पर बताया गया है।
हर मनुष्य में चारों वर्णों के गुण होते है, और जीवन भर हर मनुष्य चारों वर्णों को समय समय पर अपनाता है, परिवार की सेवा -शुद्र परिवार का भरण पोषण - वैश्य परिवार की शिक्षा एवं ईश्वर भक्ति - ब्राम्हण परिवार की रक्षा क्षत्रियशुद
दीपोत्सव के पवित्र अवसर पर आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं... आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि सदैव स्थापित रहे। 🪔🪔 🙏🙏Regards 🙏 SC SHARMA
जाति के आधार पर ऊंच नीच का भेद भाव मिटाओ. (ये समाज को आदत मे लाना पड़ेगा) जन्म से ही उसके कर्म की सीमाए ना बांधी जाये (संविधान ने खुली छुट दी है) व्यक्ति अपनी रुचि के अनुसार कर्म चुन सकता है. (अपने वर्ण का निर्धारण करेगा और जाति कुछ भी हो) यदि किसी व्यक्ति को संविधान मे निचले बर्ग मे रखे जाने पर शर्म महसूस हो रही है तो वह अपना cast Certificate ना बनवाकर सामान्य वर्ग के दायरे मे आ सकता है, संविधान नीचे के बर्ग को समान्य वर्ग मे आने से नही रोक सकता बस आपको तय करना है की निचले वर्ग मे रह कर लाभ लेने हैं या नही . आर्थिक रूप से मजबूत हो चुके लोगो को स्वत: की समान्य वर्ग मे आ जाना चाहिए ताकि आरक्षण का फायदा आपके अन्य भाईयो को मिल सके जो अभी भी पीछे रह गए हैं
@@vve2059 किसी के कहने ना कहने से कोई फरक नहीं पड़ता जिसको जो काम करना हो करे, bramhan का कार्य कर पाना भी आसान नहीं है, पढ़ लिख कर gov officer, Business man आदि बनने का प्रयास करना चाहिए
I'm stunned. My horizons of knowledge have opened. Aap apne karm se define hote ho naa ki apne janam se. Just wow. This means I can be anything if I work for it. My work and actions will define who I am and not my place of birth and background.
@@aamchasindhudurgaparivar7914aur jo mas machhi to dur pyaj ar lasan bhi nahi khate,,, nit Puja path satvik jivan jite hai,,,aise logo ko aap kya kahenge jo Brahman nahi balki sc jaat kahte hai,,, bataya
are bahen tu samjhi hi nhi phir video brahman ka khoon toh brahman rahega kul tumhara brahman hi rahega chaye phir tum chandal kyu na banjao buss krm tumhare pandit wale nhi honge brahman ek race hai race jisse tum badal nhi sakte kyuki ye 8 brahmrishi or manasputr ke bache hai haa agr tum intercaste shadi krti ho toh tumhare bache brahman race ke nhi honge vo phir apne pita ke khoon ke honge
अति सुंदर रूप में आपने ब्राह्मण वर्ग की जानकारी दी।कोटिशः प्रणाम। राजस्थान में छह न्याति ब्राह्मण का जो समूह समुदाय ,जिसमें सारस्वत गोड़, गुज़र गोड़ दायमा ,पारीक व खंडेलवाल आते हैं के अतिरिक्त पुष्टि कर या पुष्करणा ,पालिवाल ,व औदीच्य, और सिखवाल इत्यादि ब्राह्मण समुदाय हैं ,इनकी सृजना व उतपत्ति की जानकारियां भी देने की कृपा करें।प्रणाम।
ब्राह्मणोत्पत्ति मार्तण्ड में ब्राह्मणों के प्रकार और गौत्र की विस्तृत जानकारी है। नेट पर भी उपलब्ध है । स्थानीय तौर पर भी पुराने बड़े बुजुर्ग भी विस्तार पूर्वक समझ सकते हैं । पर अधिकतर युवा पीढ़ी इन सब से बहुत कम परिचित है।
Thanapati jati ka kanha se utpatti hui please bataiye . Ham log jati thanapati surname mahapatra likhte h shiw sankar ki puja karte h. Please bataiye please
Very Right.Absolute TRUTH.Brahman is always ONE.Yeh BHED Samasyaon ko utpann karta hai.No Category after one pls.The ONE is Top Power and not to be called GOD.The Supreme One ,MLIK of Entire COSMOS.Is Top Power ke liye kaha gaya hai..JIN KHOJA TIN PAHIYA..GAHRO PANI PAITH.Jisko jankar saari vikritian dosh samapt ho jate hai.Number jaal nahin hai yeh,n 2 n 10.Lets grasp it as ONE and ONLY ONE.Remain Happy plus Bblessed.
Advaita vedanta padhlo phle kyunki ekbaar agar koi tumko bewkoof aur nafrat bhar dega toh tum bhi bheem chilaoge Aur bhai Sufism islam ke saint an Al haq mansour ke story sunlo please aur advaita vedanta nirakar bhagwan Jaan lo aur asli Sanatan dharm me kuch bura nhi Mai to Sufism islam Jo hai usko bhi apna samjha Mai ek bhagwan ko manta hu lekin jo bhot murti ko mante unse problem nahi Reality to hai ki there is no other only one Krishna ekmam satyam - iam only truth Aur Advaita srif ek bhagwan ko mante jiska koi roop nhi but hume koi dikkat nahi Jo krishna ko mante hai ulta mujhe to bhot accha lgta hai but mujhe Advaita vedanta sahi lgta hai Aur jo Advaita vedanta hai aise log agar Mane ek bhagwan ko akar wale bhagwan ko lekin unka mtlb samjho There is no other only one ka mtlb sab ek hai toh ladna kya bewkofo ki trah aur daita vedanta accha hai aur sabse accha form Krishna bhakti hai Mujhe kafi accha lgta jab weh nachte hate Khushi baatte but mujhe pta hai Bhagwan ek hai uska koi akar nahi hai lekin yeh bhi krishna ne bola hai ki jis bhi roop se manoge use roop me dekhege Toh Advaita vedanta merr hisab se mannewale ne sabse acche ideal worshipper ko pujne wake ban sakte Har dharm me galt likha hai kuch dusro ne jaise ish vedio me bhi bataya karm se hota hai Toh Maine pta Kiya Hinduism me bhot fakt cheez likhi mujhe sabse accha religon buddhism laga aur uske baad phir maine Jaan bus ke burai dhudi Buddhism ki toh woh bhi mil gaya toh mai Maan Gaya ki koi asli nahi sab corrupt krdiya Gaya religion but ab dubara revive kar rahe hai sab sanatan ko 🛐 Aur asli Buddhism hinduism koi alag nahi
वैद्य ब्राह्मण, बंगाल के सेनगुप्ता दासगुप्ता सेनशर्मा दासशर्मा इत्यादि वैद्य ब्राह्मण की श्रेणि में आते हैं। ये प्राचीन काल से आयुर्वेद विशेषज्ञ और चिकित्सा शास्त्र में पारंगत थे| जय श्री धन्वन्तरि नारायण की जय 🙏🌺🌺🌺
Me ek dusnam sanyasi brahhman goswami hu mere samaj me dusnam hote hai giri,puri ,van ,parvat saraswati,Sagar,aranya, teerth ,yati ,aashram humari samaaj shiv ji ki pooja krte hai hmare Aradhya shiv ji hai aur humare samaaj nirmata Sri aadi guru Shankaracharya ji 🙏🏼🙏🏼
Hum jagat k uchh barahman kul k thea fir aaj ke 2500 sal pahale bhagwan jagat guru shree adi shankaracharya ji ne dasnami sanyasi /goswami sampradaye aur upadhi ka banaya dharm sanatan ko bachane k liye. 🕉️🙏
Very good news 👍👍👍 Namaste sir ji 🙏🙏🙏🍒🍒🍒🌻🌻🌻🌴🌴🌴🌹🌹🌹🍈🍈🍈🍓🍓🍓🍋🍋🍋🥀🥀🥀🥦🥦🥦🌋🌋🌋🥑🥑🥑🍓🍓🍓🥬🥬🥬 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩
@@roopeshvishvakarma9991 ब्राह्मणोत्पत्तीमार्तण्ड ‘ ग्रंथ जो ब्राह्मणों की जगत प्रसिद्ध पुस्तक है उसके लेखक पं.हरिकृष्ण शास्त्री जी थे। यह पुस्तक लगभग 100 वर्ष पुरानी है। जिसमें समस्त विश्व के मुख्य ब्राह्मणों का उल्लेख है उसमें पृष्ठ ५६२ - ५६८ तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों का उल्लेख ‘ अथ पांचालब्राह्मणोंत्पत्ती प्रकरण ‘ बताकर दिया गया है। जिसमें शिल्प कर्म करने वाली पांचों शिल्पी उपजातियों जिसमें लौहकार(लोहार) , काष्टकार(बढ़ई), ताम्रकार, शिल्पकार औऱ स्वर्णकार को ब्राह्मण मानकर उन्हें ब्राह्मणों के प्रमुख कर्म षटकर्म एवं अन्य ब्राह्मण कर्मो के करने का अधिकारी कहा गया है। ब्राह्मण विद्वान पं.ज्वालाप्रसाद मिश्र ने अपनी पुस्तक ‘ जाति भास्कर ‘ के पृष्ठ २०३-२०७ में शिल्पकर्म को ब्राह्मणों कर्म मानते हुये एवं विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों को ब्राह्मण जाति कुल का स्वीकार करते हुये उन्हें षटकर्म अर्थात यज्ञ करना , यज्ञ कराना , वेद पढ़ना , वेद पढ़ाना , दान देना औऱ दान लेने के अधिकार के साथ अन्य ब्राह्मणों के कर्म करने का अधिकारी माना है। ‘ब्राह्मणवंशेतिवृत्तम’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक जिसके लेखक वेदरत्न पं.परशुराम शास्त्री विद्यासागर थे। जिसमें मुख्य ब्राह्मणों का प्राचीन एवं अर्वाचीन इतिहास का उल्लेख है। इसमें भी विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को मूलरूप से ब्राह्मण माना गया है। आप लोग इसमें जांगिड़ ब्राह्मण (विश्वकर्मा ब्राह्मण) का विस्तृत परीचय पृष्ठ 116 से 130 में हैं इसे पढ़ सकते हैं। इसी प्रसिद्ध पुस्तक में पृष्ठ 182 से 186 के बीच शिल्प कर्म करने वाले मत्स्य पुराण के अनुसार 18 शिल्पकर्म के उपदेशक ऋषि ब्राह्मणों का भी उल्लेख है। त्वष्टा विश्वकर्मा अर्थात देवों के आचार्य देवशिल्पी विश्वकर्मा का भी विस्तृत परिचय है। साथ ही इसमें वैदिक शिल्पी ब्राह्मण अर्थात रथकार ब्राह्मण ,पांचाल ब्राह्मण तक्षा ब्राह्मण आदि शिल्पियों को ब्राह्मण मानते हुए उनका प्रमाण है। ‘ब्राह्मणोंत्पत्ति दर्पण ‘ नामक पुस्तक जिसके लेखक डॉ पंडित मक्खनलाल मिश्र ‘मैथिल ‘ जी है। जिनकी पुस्तक में विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण उत्पत्ति में पृष्ठ क्रमांक 358 से 361 तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति बताई गई है जिसमें स्पष्ट रूप से यह उल्लेख आया है कि विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण समाज मूल रूप से ब्राह्मण समाज है और इन्हें षटकर्म के साथ-साथ ब्रह्म यज्ञ, देव यज्ञ, पितृ यज्ञ ,भूत यज्ञ और जप यज्ञ का पूर्ण रूप से अधिकार है। ‘ ब्राह्मण गोत्रावली ‘ नामक पुस्तक जिसके लेखक ज्योतिषाचार्य पंडित राजेंद्र देवलाल जो उत्तराखंड से छपी थी। इस पुस्तक के पृष्ठ 114 से 117 के बीच विश्वकर्मा शिल्पी ब्राह्मणों में जांगिड़ ब्राह्मणों की उत्पत्ति एवं पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति का वर्णन है। ‘ वंश मल्लिका ‘ नामक ग्रंथ जिसके रचयिता प्रसिद्ध विद्वान पंडित मन्नूलाल शर्मा थे। यह पुस्तक भी लगभग 80 से 100 वर्ष पुरानी है। इसमें विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों के अनेक वर्गों का उल्लेख है। जैसे विश्वकर्मा ब्राह्मण , रथकार ब्राह्मण, पांचाल ब्राह्मण, जांगिड़ ब्राह्मण, धीमान ब्राह्मण , आचार्य ब्राह्मण, ओझा या झा मैथिल ब्राह्मण आदि। इस पुस्तक में इनकी शास्त्रो के अनुसार उत्पत्ति ,वंशावली एवं गोत्रावली का विस्तृत वर्णन है। इस पुस्तक में विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को वेदों के अनुसार एवं अन्य शास्त्रों के अनुसार सभी प्रकार के ब्राह्मणों के मूल कर्म का पूर्ण अधिकारी शास्त्रीय प्रधानों के आधार पर बताया गया है।
क्या ज्ञान को ब्राह्मण माना जाए? ऐसा भी नहीं हो सकता; क्योंकि बहुत से क्षत्रिय (राजा जनक) आदि भी परमार्थ दर्शन के ज्ञाता हुए हैं (होते हैं)। अस्तु, ज्ञान भी ब्राह्मण नहीं हो सकता l तो क्या कर्म को ब्राह्मण कहा जाए? नहीं, ऐसा भी सम्भव नहीं है; क्योंकि समस्त प्राणियों के संचित, प्रारब्ध और आगामी कर्मों में साम्य प्रतीत होता है तथा कर्माभिप्रेरित होकर ही व्यक्ति क्रिया करते हैं। अतः कर्म को भी ब्राह्मण नहीं कहा जा सकता l क्या धार्मिक ब्राह्मण हो सकता है? यह भी सुनिश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता; क्योंकि क्षत्रिय आदि बहुत से लोग स्वर्ण आदि का दान करते रहते हैं। अतः धार्मिक भी ब्राह्मण नहीं हो सकता l तब ब्राह्मण किसे माना जाय .. ??
@@Trish21_ kisi ke manne se kuch nhi hota agr hum sab dharmik karm kand kre yag kre puja kre ved pade sastra pade sikha rakhe toh hum brahmin h wiase brahmin toh hum h hi
@@Trish21_ brahminuttpati darpan ,brahminuttpati marktand ye do sastra main panchal brahmin main bhagwan panch mukhi shiv se utpaann hue panchal jinke up panchal hue lohar lohe kaam krne wale , badhai lakdi ka kaam krne wale ,sonar sone ka kaam krne wale ,or shilpkar mandir or bhagwan ki murti banane wale ,or tamrkar tambe ka kaam krne wale ye sab panchal brahmin h or ye sikha rakhne,sastra padne (jo krm bhagwan ne batya )or yagyopabit dharan krne ke adhikari h Or astang yug or sathkarm bhi krna batya gya h Isme gotra ka bhi barnan milta h (koudiya gotra,bharatdwaj gotra,atri gotra,kasyap gotra, bharatdwaj gotra) aadi gotra aate h Jo ye niyam mane samajhna wahi panchal brahmin h
Kon kon Brahman hain like karo
Saraswat Brahmin
@Surya don't know. My Gotra is Kaushik
Bhardwaj Brahmin
Vishwbramhin 🌍🔱
👍
सरकारों को सोनदरय व छाया मात्र वाले जल्दी बडे होने वाले पोधों की अपेक्षा जडीबुटी व फलों के पेड़ लगवाने चाहिए ताकि देश का कोई भी वरग का नागरिक भुखे या पुरण पोषण पुरा ना हो पाने की वजह से कूपोषण के कारण दुखद दर्द भरी असमय मौत से मरने की अपेक्षा अपना पुरा पोषण अपने व अपने परिवार का कर सकें
आप व आप की टीम को
सपरेम धन्यवाद🙏💕
Proud to be maithil brahman.
Bhag
@@fallen2394 nikal dalit sale achut
हिन्दू pe proud karo जाति pe nhi
@@LUCIFER_alt nikal libarandu. Phle apne jaati ke naam par arakshan khatam kar. Hindu dharm hi brahmano se hai. Bilkul proud hai or rahega jaati ka. Vidvan ke vanshaj hai. Muft me mewa nhi khaate hain.
@@fallen2394 baap ko bol. Achoot sale.
ज्ञान प्रदान करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏
शंकराचार्य जी के चरणों में सादर प्रणाम 🙏
Lawrence vishnoi 😂 salman khan 😂 bhai i am also bishnoi fan👿
Love from nepali brahaman 🇳🇵🇳🇵 upadhaya
Chitpavan Brahmn hu bete mai auur tu nich yhi ka converted brahmn hai 😂😂
Same from Nepal🇳🇵we are are the children of bhardwaj.
Nepali brahmin me too 🇳🇵🇳🇵
जो ब्रह्म तत्व को जान जाए, केवल वही वास्तव में ब्राह्मण है (जिसका मन ब्रह्म में लीन हो जाए)
Par aajkal to pet se hi bhraman paida ho rhe h 😂
@@kunaltandan9598 हर जीव पेट से ही निकलता है; कोई गर्भ अनोखी नहीं होती, या अधिक पवित्र।
@@RandhirDhir janam se sab sudr hi hote h to bhraman kshtriya vaishya kaise ho skte h ye to unke guno se pata chalna chahiye ki wo asal m hai kya
Yakkk 🤮learn some shastras noob ,Brahmins are only born...
Lol I opened the comment to write that. Only who knows Brahman not by books. Modern books and interpretations are written by kalyugi brahmans for there own gains.
For me, any person is brahman who devoted his whole life for god and dharma
Then all those person should fill the form as Brahmin not any other category
for me anyone powerful and rich then me is god even the arabs
Guruji ki charno mein koti koti pranam 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
मैथिल ब्राह्मण🙏🚩
Shauv bhramin ...🚩 Har har Mahadev 🚩 🕉️ jay adiguru shankaracharya
ओह्ह😮धन्यवाद शंकराचार्य जी। प्रणाम
Great informative video
("जय बलराम, जय श्री राम, जय बाबा परशुराम")
भगवान शंकराचार्य जी के श्रीचरणों में शत शत नमन शत शत वंदन शत शत प्रणाम जय गुरु जी नमो नारायण गुरु जी
Maithil Brahmin be like ❤
बहुत अच्छी जानकारी 🙏🙏
Yes
Vishwakarma brihman
Panchal Brahmin ❤
Jai dada vishwakarma 🙏
जय श्री भगवान परशुराम जी 🙏🙏
3%wala jaati ke log apna jaati bhagwan ko puje 80%obc mahan samrat Chatrapati Shahoo ji maharaj ke jay jay kare kyo kalyan Singh uma bharti ashok singhal bainay katiyar ye log ko apne bhagwan ko nahi pujkar aaj pachta rahe hai trustee aur cm uma bhakti ko nahi banaya?
Jay bhagwaan parshuram 🚩🏹💪
😂
@@Alok_kumar835 brahmin bhudev yoni hoti hai. now cope harder brahmin devta will always be above you
💗✨😇🙏🏻 ॥ हर हर महादेव ॥ 🙏🏻😇✨💗
🙏👍 बहुत सुन्दर.
Very useful information 🙏
राजगुरु श्रीः गर्ग ब्राह्मणों के बारे में बताने की कृपा करें।।
Thanks for sharing this knowledge.
जगद्गुरु जी को दंडवत प्रणाम्
जानकारी अच्छा लगा
गुरु जी को सादर प्रणाम आपने अच्छा काम किया जो लोगों को जानकारी दे दिया और मुझे भी जानकारी दे दिया मुझे जानकारी था पर 50% तक था आपने 50% को 100% करके बता दिया धन्यवाद बताने के लिए
विश्वकर्मा ब्राह्मण
TYAGI KHADE SARKAR SE BADE 💪💪
Sunder Mahiti dhanyawad
Bahut bahut dhanyavad aap ka🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
GOOD INFORMATION ON ORIGINATION AND CLASSIFICATION OF 10 BRAHMINS.
🙏 thanks for discussion I am Brahmin by caste Bharadwaj
You are Bengali Brahmin?
Mithla wasi apne sabgota ke abhinandan karaith acchi
TQ aapne mere sare concept clear kr diye tq
Vishwakarma brahman
Kuch bhi 😂 vishwakarma brhman nahi hote
आजकल सबको ब्राह्मण ही बनना है 😆😆😆 पर caste certificate में बढ़ई और लोहार ही लिखवाएंगे ।
बहुत ही शानदार जानकारी स्वामी जी , जय हिन्दुत्व , जय सनातनी , जय हिन्दूतव हिन्दु सनातनी भारतवंशी 🙏🚩🙏🚩🙏🚩🙏🚩
HINDU KOI DHARM NAHI HINDU EK PUJA HAI
SANATAN EK DHARM HAI USKE JAISA KOI NA DUJA HAI
सादर चरण स्पर्श गुरुदेव।
🚩🙏🕉️☀️🌳🍀🚴
ఓం శ్రీ గురుభ్యోనమః 🙏🙏🙏🙏🙏 నమో విశ్వ కర్మణే 🛕🕉️⛳🛕🙏 జన్మతఃబ్రాహ్మణ్యమ్🙏 బ్రహ్మవిద్య తో బ్రాహ్మణ్యం,👌పండితశిష్యపరంపరబ్రాహ్మణ్యమ్⛳పెంచినవారిద్వారా బ్రాహ్మణ్యం🕉️ఏది బ్రాహ్మణ్యం నిర్ధారణ?వంశంలోబ్రహ్మత్వం,, వారసత్వం లో బ్రహ్మత్వం,,గోత్రంలో బ్రహ్మత్వం,,సూత్రంలో బ్రహ్మత్వం,,వృత్తిలో బ్రహ్మత్వం,,ప్రవుత్తిలోబ్రహ్మత్వం,,మనసులో బ్రహ్మత్వం,,మాటల్లో,,చేతుల్లో బ్రహ్మత్వం,,పేరు ముందు బ్రహ్మత్వం,,పేరు మద్యలో,,పేరు చివర్లో బ్రహ్మత్వం,నరనరాల్లోనిఃడి నవంశబ్రాహ్మణ్యం,,,మీకేమయ్యా సృష్టకర్తలు అనిపిలిపించుకోవటంలో బ్రహ్మత్వం,,వంశపారంపర్య పేర్లు పెట్టుకోవడం లో,,బ్రహ్మవంశపేర్లు,పెట్టించడంలోబ్రహ్మత్వం,,పుట్టినపుడు తల్లితండ్రులు ద్వారా,,పెరిగి ఉపనయన సంస్కారం ద్వారాబ్రహ్మోపదేశ,,గాయత్రి మహా మంత్రోపదేశం,,ద్వారాతలితండ్రలే,గురువులుగా పరంపరగా,,,,చివరకు మరణంలోకూడాబ్రహ్మైక్యసిధ్ధిద్వారాబ్రహ్మత్వం,,ప్రత్యేక,, గురుపరంపర ఖననమ్,,విమానము,,గుమ్మటమ్ లోపరబ్రహ్మధామ్ చేర్చి,నందిప్రతిష్టద్వారా బ్రహ్మత్వం ఇదీ అసలైన ,,బ్రాహ్మణ్యం మంచి. అదే,,విశ్వబ్రాహ్మణ ఐయామ్,,🙏🙏🙏🙏🙏👌⛳🕉️🌎🌍
Vishkarma barhaman samaj jankari guru ji
Vishwakarama koi bramhan nhi hote h samjhe aap badhai ho badhai jaise raho Sharma likhne se koi 13 pta k bramhan nhi bn jaoge
@@karmabeliever3542dimag thik hai
@@karmabeliever3542Salle tu pdha nhi h to hmari koi galti nhi h or tu Salle pandit h padhi Patra wala smjhe brahman ka arth pta h tum jaiso ne badal h Salle dimag chahiye smaaj ko bdaaya h hmane or pahle padh k aa
@@karmabeliever3542read brahmanutpatti martand page no 562
@@karmabeliever3542 ब्राह्मणोत्पत्तीमार्तण्ड ‘ ग्रंथ जो ब्राह्मणों की जगत प्रसिद्ध पुस्तक है उसके लेखक पं.हरिकृष्ण शास्त्री जी थे। यह पुस्तक लगभग 100 वर्ष पुरानी है। जिसमें समस्त विश्व के मुख्य ब्राह्मणों का उल्लेख है उसमें पृष्ठ ५६२ - ५६८ तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों का उल्लेख ‘ अथ पांचालब्राह्मणोंत्पत्ती प्रकरण ‘ बताकर दिया गया है। जिसमें शिल्प कर्म करने वाली पांचों शिल्पी उपजातियों जिसमें लौहकार(लोहार) , काष्टकार(बढ़ई), ताम्रकार, शिल्पकार औऱ स्वर्णकार को ब्राह्मण मानकर उन्हें ब्राह्मणों के प्रमुख कर्म षटकर्म एवं अन्य ब्राह्मण कर्मो के करने का अधिकारी कहा गया है।
ब्राह्मण विद्वान पं.ज्वालाप्रसाद मिश्र ने अपनी पुस्तक ‘ जाति भास्कर ‘ के पृष्ठ २०३-२०७ में शिल्पकर्म को ब्राह्मणों कर्म मानते हुये एवं विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों को ब्राह्मण जाति कुल का स्वीकार करते हुये उन्हें षटकर्म अर्थात यज्ञ करना , यज्ञ कराना , वेद पढ़ना , वेद पढ़ाना , दान देना औऱ दान लेने के अधिकार के साथ अन्य ब्राह्मणों के कर्म करने का अधिकारी माना है।
‘ब्राह्मणवंशेतिवृत्तम’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक जिसके लेखक वेदरत्न पं.परशुराम शास्त्री विद्यासागर थे। जिसमें मुख्य ब्राह्मणों का प्राचीन एवं अर्वाचीन इतिहास का उल्लेख है। इसमें भी विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को मूलरूप से ब्राह्मण माना गया है। आप लोग इसमें जांगिड़ ब्राह्मण (विश्वकर्मा ब्राह्मण) का विस्तृत परीचय पृष्ठ 116 से 130 में हैं इसे पढ़ सकते हैं। इसी प्रसिद्ध पुस्तक में पृष्ठ 182 से 186 के बीच शिल्प कर्म करने वाले मत्स्य पुराण के अनुसार 18 शिल्पकर्म के उपदेशक ऋषि ब्राह्मणों का भी उल्लेख है। त्वष्टा विश्वकर्मा अर्थात देवों के आचार्य देवशिल्पी विश्वकर्मा का भी विस्तृत परिचय है। साथ ही इसमें वैदिक शिल्पी ब्राह्मण अर्थात रथकार ब्राह्मण ,पांचाल ब्राह्मण तक्षा ब्राह्मण आदि शिल्पियों को ब्राह्मण मानते हुए उनका प्रमाण है।
‘ब्राह्मणोंत्पत्ति दर्पण ‘ नामक पुस्तक जिसके लेखक डॉ पंडित मक्खनलाल मिश्र ‘मैथिल ‘ जी है। जिनकी पुस्तक में विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण उत्पत्ति में पृष्ठ क्रमांक 358 से 361 तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति बताई गई है जिसमें स्पष्ट रूप से यह उल्लेख आया है कि विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण समाज मूल रूप से ब्राह्मण समाज है और इन्हें षटकर्म के साथ-साथ ब्रह्म यज्ञ, देव यज्ञ, पितृ यज्ञ ,भूत यज्ञ और जप यज्ञ का पूर्ण रूप से अधिकार है।
‘ ब्राह्मण गोत्रावली ‘ नामक पुस्तक जिसके लेखक ज्योतिषाचार्य पंडित राजेंद्र देवलाल जो उत्तराखंड से छपी थी। इस पुस्तक के पृष्ठ 114 से 117 के बीच विश्वकर्मा शिल्पी ब्राह्मणों में जांगिड़ ब्राह्मणों की उत्पत्ति एवं पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति का वर्णन है।
‘ वंश मल्लिका ‘ नामक ग्रंथ जिसके रचयिता प्रसिद्ध विद्वान पंडित मन्नूलाल शर्मा थे। यह पुस्तक भी लगभग 80 से 100 वर्ष पुरानी है। इसमें विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों के अनेक वर्गों का उल्लेख है। जैसे विश्वकर्मा ब्राह्मण , रथकार ब्राह्मण, पांचाल ब्राह्मण, जांगिड़ ब्राह्मण, धीमान ब्राह्मण , आचार्य ब्राह्मण, ओझा या झा मैथिल ब्राह्मण आदि। इस पुस्तक में इनकी शास्त्रो के अनुसार उत्पत्ति ,वंशावली एवं गोत्रावली का विस्तृत वर्णन है। इस पुस्तक में विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को वेदों के अनुसार एवं अन्य शास्त्रों के अनुसार सभी प्रकार के ब्राह्मणों के मूल कर्म का पूर्ण अधिकारी शास्त्रीय प्रधानों के आधार पर बताया गया है।
Bhagwat Geeta me Likha hai ki Insaan Apne Karam aur gun se Brahmin Kshatriya Vyash aur shudra hota hai Janam se Nahi 🙏🏻 Bhagwat Geeta chapter 4 shlok 13 🕉️
चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागशः।
तस्य कर्तारमपि मां विद्ध्यकर्तारमव्ययम्।।4.13।। 🙏😊🧡🤗🙏
Don't misquote, that shlok means that according to the karma, lord Vishnu ensures the birth of a man in a particular varn.
Learn from a learned pandit but not on reading books
With due respect Sri Bhagwat gita......
Aaj jnm se nirdharit ho rhi jati.....
Aor jati wyastha sanatan dharm k liye sabse bada kalank he..........
Ye nahi bataenge
Jangid Brahmins ke bare me bataiye !!!
ब्राह्मणोत्पत्तीमार्तण्ड ‘ ग्रंथ जो ब्राह्मणों की जगत प्रसिद्ध पुस्तक है उसके लेखक पं.हरिकृष्ण शास्त्री जी थे। यह पुस्तक लगभग 100 वर्ष पुरानी है। जिसमें समस्त विश्व के मुख्य ब्राह्मणों का उल्लेख है उसमें पृष्ठ ५६२ - ५६८ तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों का उल्लेख ‘ अथ पांचालब्राह्मणोंत्पत्ती प्रकरण ‘ बताकर दिया गया है। जिसमें शिल्प कर्म करने वाली पांचों शिल्पी उपजातियों जिसमें लौहकार(लोहार) , काष्टकार(बढ़ई), ताम्रकार, शिल्पकार औऱ स्वर्णकार को ब्राह्मण मानकर उन्हें ब्राह्मणों के प्रमुख कर्म षटकर्म एवं अन्य ब्राह्मण कर्मो के करने का अधिकारी कहा गया है।
ब्राह्मण विद्वान पं.ज्वालाप्रसाद मिश्र ने अपनी पुस्तक ‘ जाति भास्कर ‘ के पृष्ठ २०३-२०७ में शिल्पकर्म को ब्राह्मणों कर्म मानते हुये एवं विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों को ब्राह्मण जाति कुल का स्वीकार करते हुये उन्हें षटकर्म अर्थात यज्ञ करना , यज्ञ कराना , वेद पढ़ना , वेद पढ़ाना , दान देना औऱ दान लेने के अधिकार के साथ अन्य ब्राह्मणों के कर्म करने का अधिकारी माना है।
‘ब्राह्मणवंशेतिवृत्तम’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक जिसके लेखक वेदरत्न पं.परशुराम शास्त्री विद्यासागर थे। जिसमें मुख्य ब्राह्मणों का प्राचीन एवं अर्वाचीन इतिहास का उल्लेख है। इसमें भी विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को मूलरूप से ब्राह्मण माना गया है। आप लोग इसमें जांगिड़ ब्राह्मण (विश्वकर्मा ब्राह्मण) का विस्तृत परीचय पृष्ठ 116 से 130 में हैं इसे पढ़ सकते हैं। इसी प्रसिद्ध पुस्तक में पृष्ठ 182 से 186 के बीच शिल्प कर्म करने वाले मत्स्य पुराण के अनुसार 18 शिल्पकर्म के उपदेशक ऋषि ब्राह्मणों का भी उल्लेख है। त्वष्टा विश्वकर्मा अर्थात देवों के आचार्य देवशिल्पी विश्वकर्मा का भी विस्तृत परिचय है। साथ ही इसमें वैदिक शिल्पी ब्राह्मण अर्थात रथकार ब्राह्मण ,पांचाल ब्राह्मण तक्षा ब्राह्मण आदि शिल्पियों को ब्राह्मण मानते हुए उनका प्रमाण है।
‘ब्राह्मणोंत्पत्ति दर्पण ‘ नामक पुस्तक जिसके लेखक डॉ पंडित मक्खनलाल मिश्र ‘मैथिल ‘ जी है। जिनकी पुस्तक में विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण उत्पत्ति में पृष्ठ क्रमांक 358 से 361 तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति बताई गई है जिसमें स्पष्ट रूप से यह उल्लेख आया है कि विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण समाज मूल रूप से ब्राह्मण समाज है और इन्हें षटकर्म के साथ-साथ ब्रह्म यज्ञ, देव यज्ञ, पितृ यज्ञ ,भूत यज्ञ और जप यज्ञ का पूर्ण रूप से अधिकार है।
‘ ब्राह्मण गोत्रावली ‘ नामक पुस्तक जिसके लेखक ज्योतिषाचार्य पंडित राजेंद्र देवलाल जो उत्तराखंड से छपी थी। इस पुस्तक के पृष्ठ 114 से 117 के बीच विश्वकर्मा शिल्पी ब्राह्मणों में जांगिड़ ब्राह्मणों की उत्पत्ति एवं पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति का वर्णन है।
‘ वंश मल्लिका ‘ नामक ग्रंथ जिसके रचयिता प्रसिद्ध विद्वान पंडित मन्नूलाल शर्मा थे। यह पुस्तक भी लगभग 80 से 100 वर्ष पुरानी है। इसमें विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों के अनेक वर्गों का उल्लेख है। जैसे विश्वकर्मा ब्राह्मण , रथकार ब्राह्मण, पांचाल ब्राह्मण, जांगिड़ ब्राह्मण, धीमान ब्राह्मण , आचार्य ब्राह्मण, ओझा या झा मैथिल ब्राह्मण आदि। इस पुस्तक में इनकी शास्त्रो के अनुसार उत्पत्ति ,वंशावली एवं गोत्रावली का विस्तृत वर्णन है। इस पुस्तक में विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को वेदों के अनुसार एवं अन्य शास्त्रों के अनुसार सभी प्रकार के ब्राह्मणों के मूल कर्म का पूर्ण अधिकारी शास्त्रीय प्रधानों के आधार पर बताया गया है।
Ram ram guru g
पालीमे बमण माने ज्ञानी मनुष्य, आरिय माने सज्जन. यह दोनो तथा अन्य बहोत सारे शब्द, प्रथा आक्रमकोने अपने नाम किये बिना किसी कृतज्ञता के, बापका माल जैसा.
Guru Ji Pranam
Bahut sunder Jankari Di
ज्ञानप्रद जानकारी देने पर नमन
हर मनुष्य में चारों वर्णों के गुण होते है, और जीवन भर हर मनुष्य चारों वर्णों को समय समय पर अपनाता है,
परिवार की सेवा -शुद्र
परिवार का भरण पोषण - वैश्य
परिवार की शिक्षा एवं ईश्वर भक्ति - ब्राम्हण
परिवार की रक्षा क्षत्रियशुद
Namaskar Guru ji. Kripya kuchh shradhon ke bare jaroor likhie. Agar pehle likha hai to kripya btayen ke pehle wale ko kaise dhoonde.
har insaan janma s Sudra hota hai ap karm krey brahmin chatriya vaishya kuch ni ban skte hai
दीपोत्सव के पवित्र अवसर पर आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं... आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि सदैव स्थापित रहे।
🪔🪔
🙏🙏Regards 🙏
SC SHARMA
Dhanyavaad Gurudev.🌷
Very nice brahamman whi jo brammh ko jane
जाति के आधार पर ऊंच नीच का भेद भाव मिटाओ. (ये समाज को आदत मे लाना पड़ेगा)
जन्म से ही उसके कर्म की सीमाए ना बांधी जाये (संविधान ने खुली छुट दी है) व्यक्ति अपनी रुचि के अनुसार कर्म चुन सकता है. (अपने वर्ण का निर्धारण करेगा और जाति कुछ भी हो)
यदि किसी व्यक्ति को संविधान मे निचले बर्ग मे रखे जाने पर शर्म महसूस हो रही है तो वह अपना cast Certificate ना बनवाकर सामान्य वर्ग के दायरे मे आ सकता है, संविधान नीचे के बर्ग को समान्य वर्ग मे आने से नही रोक सकता बस आपको तय करना है की निचले वर्ग मे रह कर लाभ लेने हैं या नही .
आर्थिक रूप से मजबूत हो चुके लोगो को स्वत: की समान्य वर्ग मे आ जाना चाहिए ताकि आरक्षण का फायदा आपके अन्य भाईयो को मिल सके जो अभी भी पीछे रह गए हैं
Hnn kro pr bhraman hmsa bhramn h koun ka rang dik. Jata h aj v sc wale 30nmr. Pr nokri. Pate hn hm. Aj v 100se oper rank. Lake nokri pateh
Bhai fir to mleecha k2a bhi khudko brahman kehne lga jayega
@@manidimri1355 भाई जातिवाद( sc st obc ये सब)मिटेगा, जातिगत आरक्षण भी मिटेगा, आरक्षण सिर्फ गरीब को मिलेगा तो cutoff मे इतना diff नहीं रहेगा
@@vve2059 किसी के कहने ना कहने से कोई फरक नहीं पड़ता जिसको जो काम करना हो करे, bramhan का कार्य कर पाना भी आसान नहीं है,
पढ़ लिख कर gov officer, Business man आदि बनने का प्रयास करना चाहिए
जाति जन्म से ही होता है, ऐसा विज्ञान ने भी माना है।
I'm stunned. My horizons of knowledge have opened. Aap apne karm se define hote ho naa ki apne janam se. Just wow. This means I can be anything if I work for it. My work and actions will define who I am and not my place of birth and background.
Mans machi khanewale brahman ko sarswsat bolte hai kya?
@@aamchasindhudurgaparivar7914aur jo mas machhi to dur pyaj ar lasan bhi nahi khate,,, nit Puja path satvik jivan jite hai,,,aise logo ko aap kya kahenge jo Brahman nahi balki sc jaat kahte hai,,, bataya
@@pinkiprasad866Karma ke anusar jati hoti he. Pehle kucch group ek kam karne lage. Uske anusar unki piddhi bohi kam karne lage.
are bahen tu samjhi hi nhi phir video brahman ka khoon toh brahman rahega kul tumhara brahman hi rahega chaye phir tum chandal kyu na banjao buss krm tumhare pandit wale nhi honge brahman ek race hai race jisse tum badal nhi sakte kyuki ye 8 brahmrishi or manasputr ke bache hai haa agr tum intercaste shadi krti ho toh tumhare bache brahman race ke nhi honge vo phir apne pita ke khoon ke honge
@@GuruGranthGovind ein unpado ko kuch pata toh hai nhi scriptures history buss jhatu ekta me apnk community ko hi marwadenge
प्रणाम महाराज जी सादर - साष्टाङ्ग - प्रणाम ! चरण - स्पर्श !
अति सुंदर रूप में आपने ब्राह्मण वर्ग की जानकारी दी।कोटिशः प्रणाम।
राजस्थान में छह न्याति ब्राह्मण का जो समूह समुदाय ,जिसमें सारस्वत गोड़, गुज़र गोड़ दायमा ,पारीक व खंडेलवाल आते हैं के अतिरिक्त पुष्टि कर या पुष्करणा ,पालिवाल ,व औदीच्य, और सिखवाल इत्यादि ब्राह्मण समुदाय हैं ,इनकी सृजना व उतपत्ति की जानकारियां भी देने की कृपा करें।प्रणाम।
Pachouri brahmin hote hai?
Bhai rajestan mai prasad bhi bramin hote hai kya..... Jese pawan prsaad
@@ranitiwari9076 haan
ब्राह्मणोत्पत्ति मार्तण्ड में ब्राह्मणों के प्रकार और गौत्र की विस्तृत जानकारी है।
नेट पर भी उपलब्ध है ।
स्थानीय तौर पर भी पुराने बड़े बुजुर्ग भी विस्तार पूर्वक समझ सकते हैं ।
पर अधिकतर युवा पीढ़ी इन सब से बहुत कम परिचित है।
Namboodri pad ke bare me nahi bataya inhone jo svaym shankracharya the
Jammu se (Dogri speaking) Saraswat Brahmin (Vashishth gotra) ka Guru ji ko pranam 🙏
Konse Brahman ho Sangotra, Pangotra, Uppal Bral ja koi aur
@@rockeySharma357Jammu may jaail gotra brahman bhi hote h?
@@s..2698 jaail gotra maine to nhi suna, mgr kya pta ho b
❤
Jaigurudev kotikoti prnam🌹
Thanapati jati ka kanha se utpatti hui please bataiye . Ham log jati thanapati surname mahapatra likhte h shiw sankar ki puja karte h. Please bataiye please
We r from mithila
महाराज जी प्रणाम करता हूं महाराज जी इनके जो श्लोक है उस श्लोक आप कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं क्या
Jai jai siya ram jai Hanuman ji bajrangbali ji Baba ji ki jai jai ho 🙏🥰
Very Right.Absolute TRUTH.Brahman is always ONE.Yeh BHED Samasyaon ko utpann karta hai.No Category after one pls.The ONE is Top Power and not to be called GOD.The Supreme One ,MLIK of Entire COSMOS.Is Top Power ke liye kaha gaya hai..JIN KHOJA TIN PAHIYA..GAHRO PANI PAITH.Jisko jankar saari vikritian dosh samapt ho jate hai.Number jaal nahin hai yeh,n 2 n 10.Lets grasp it as ONE and ONLY ONE.Remain Happy plus Bblessed.
धर्म की रक्षा सिर्फ बातों से नहीं की जा सकती !
Na mujhe Brahman banana naa he Rajput na kisi jati se matlb kyoki mujhe Pata Hai ki bahgban to mujhe dekhege na ki meri jaati😇
Advaita vedanta padhlo phle kyunki ekbaar agar koi tumko bewkoof aur nafrat bhar dega toh tum bhi bheem chilaoge
Aur bhai Sufism islam ke saint an Al haq mansour ke story sunlo please aur advaita vedanta nirakar bhagwan Jaan lo aur asli Sanatan dharm me kuch bura nhi Mai to Sufism islam Jo hai usko bhi apna samjha
Mai ek bhagwan ko manta hu lekin jo bhot murti ko mante unse problem nahi
Reality to hai ki there is no other only one
Krishna ekmam satyam - iam only truth
Aur Advaita srif ek bhagwan ko mante jiska koi roop nhi but hume koi dikkat nahi Jo krishna ko mante hai ulta mujhe to bhot accha lgta hai but mujhe Advaita vedanta sahi lgta hai
Aur jo Advaita vedanta hai aise log agar Mane ek bhagwan ko akar wale bhagwan ko lekin unka mtlb samjho
There is no other only one ka mtlb sab ek hai toh ladna kya bewkofo ki trah aur daita vedanta accha hai aur sabse accha form Krishna bhakti hai
Mujhe kafi accha lgta jab weh nachte hate Khushi baatte but mujhe pta hai Bhagwan ek hai uska koi akar nahi hai lekin yeh bhi krishna ne bola hai ki jis bhi roop se manoge use roop me dekhege
Toh Advaita vedanta merr hisab se mannewale ne sabse acche ideal worshipper ko pujne wake ban sakte
Har dharm me galt likha hai kuch dusro ne jaise ish vedio me bhi bataya karm se hota hai
Toh Maine pta Kiya Hinduism me bhot fakt cheez likhi mujhe sabse accha religon buddhism laga aur uske baad phir maine Jaan bus ke burai dhudi Buddhism ki toh woh bhi mil gaya toh mai Maan Gaya ki koi asli nahi sab corrupt krdiya Gaya religion but ab dubara revive kar rahe hai sab sanatan ko 🛐
Aur asli Buddhism hinduism koi alag nahi
@@joebidenukrainian मै भी विश्वकर्मा हूं ,,, और जय भीम तो हम बोलेंगे ।।।।।
और जो रोकेगा उसे रगड़ देंगे
Bilkul swaami ji aspne sahi kahaa.
Karm hi shreshth hai.
Jai shri Krishna
सुन्दर प्रस्तुति
गौड़ ब्राह्मण ❤️
माँ💐
Acharya G !
Sashatang Pranaam 🙏
Pushkarna Brahman samaj p bhi thoda prakash daalne ki kripa Kare , hmara ashtitav kaha h or kaise h or kya h
🙏
Jay shree vishwakarma bhagwan,jay brahaman samaj
वैद्य ब्राह्मण, बंगाल के सेनगुप्ता दासगुप्ता सेनशर्मा दासशर्मा इत्यादि वैद्य ब्राह्मण की श्रेणि में आते हैं। ये प्राचीन काल से आयुर्वेद विशेषज्ञ और चिकित्सा शास्त्र में पारंगत थे| जय श्री धन्वन्तरि नारायण की जय 🙏🌺🌺🌺
Shankaracharya ji yeh batane ki kripa kijeye ki Kayastha kis varn me aate hai
Beautiful
Me ek dusnam sanyasi brahhman goswami hu mere samaj me dusnam hote hai giri,puri ,van ,parvat saraswati,Sagar,aranya, teerth ,yati ,aashram humari samaaj shiv ji ki pooja krte hai hmare Aradhya shiv ji hai aur humare samaaj nirmata Sri aadi guru Shankaracharya ji 🙏🏼🙏🏼
😀
Jay Goswami aekta Goswami devta
Mai v puri hu
Hum jagat k uchh barahman kul k thea fir aaj ke 2500 sal pahale bhagwan jagat guru shree adi shankaracharya ji ne dasnami sanyasi /goswami sampradaye aur upadhi ka banaya dharm sanatan ko bachane k liye. 🕉️🙏
@@sashbedpuri6442 right 👍🏼 where are you from brother give me your insta I'd if u've no problem
🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🕉
Jai shree parsuram ji ❤️💞💞♥️♥️
Waah guru ji .....dhanyawad
ruclips.net/video/-bqt1UgORyk/видео.html
मायावती की जय हो
नमो नारायण गुरुदेव नमो नारायण।
ruclips.net/video/-bqt1UgORyk/видео.html
Sadhuwaad maharaj.
Brahmbhatt Brahman ke bare mein bataiye Shankaracharya ji
Bhumihar Brahmins ke bare me bataie
Bhumihar Sudra hai Brahmin nhi.
Bhumihar and tyagi kshatriya bhramin h
@@harishprabhakar9744 Ekdm sahi Yadav, Chamar, Kurmi bhi Kshatriya hai aur Nai, Viswakarma bhi Brahmin 😂
Jai shree Ram ji vishvkarma logo sab sa bada Brahman hai
Yes Read brahmanutpatti martand page no 562
dhiman brahman hote h ?
@@jnbhajanvlogsyes
Very good news 👍👍👍 Namaste sir ji 🙏🙏🙏🍒🍒🍒🌻🌻🌻🌴🌴🌴🌹🌹🌹🍈🍈🍈🍓🍓🍓🍋🍋🍋🥀🥀🥀🥦🥦🥦🌋🌋🌋🥑🥑🥑🍓🍓🍓🥬🥬🥬 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree krishna ji ki 🚩🚩🚩 Jai Jai shree Ram ji ki 🚩🚩🚩
Jai ho
गुरु जी पांचाल ब्राह्मण के बारे में भी बता दीजिए कृपया
Bhai a fack hai enhe pta nhe hai कुछ
@@pandit_aman_sharma2625 मुंह से लोग उल्टी करते हैं
इसका मतलब ब्राह्मण उल्टी करने से पैदा हुए
Sahi kah rahe ho aap
Read brahmanutpatti martand page no 562
@@roopeshvishvakarma9991 ब्राह्मणोत्पत्तीमार्तण्ड ‘ ग्रंथ जो ब्राह्मणों की जगत प्रसिद्ध पुस्तक है उसके लेखक पं.हरिकृष्ण शास्त्री जी थे। यह पुस्तक लगभग 100 वर्ष पुरानी है। जिसमें समस्त विश्व के मुख्य ब्राह्मणों का उल्लेख है उसमें पृष्ठ ५६२ - ५६८ तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों का उल्लेख ‘ अथ पांचालब्राह्मणोंत्पत्ती प्रकरण ‘ बताकर दिया गया है। जिसमें शिल्प कर्म करने वाली पांचों शिल्पी उपजातियों जिसमें लौहकार(लोहार) , काष्टकार(बढ़ई), ताम्रकार, शिल्पकार औऱ स्वर्णकार को ब्राह्मण मानकर उन्हें ब्राह्मणों के प्रमुख कर्म षटकर्म एवं अन्य ब्राह्मण कर्मो के करने का अधिकारी कहा गया है।
ब्राह्मण विद्वान पं.ज्वालाप्रसाद मिश्र ने अपनी पुस्तक ‘ जाति भास्कर ‘ के पृष्ठ २०३-२०७ में शिल्पकर्म को ब्राह्मणों कर्म मानते हुये एवं विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों को ब्राह्मण जाति कुल का स्वीकार करते हुये उन्हें षटकर्म अर्थात यज्ञ करना , यज्ञ कराना , वेद पढ़ना , वेद पढ़ाना , दान देना औऱ दान लेने के अधिकार के साथ अन्य ब्राह्मणों के कर्म करने का अधिकारी माना है।
‘ब्राह्मणवंशेतिवृत्तम’ नामक प्रसिद्ध पुस्तक जिसके लेखक वेदरत्न पं.परशुराम शास्त्री विद्यासागर थे। जिसमें मुख्य ब्राह्मणों का प्राचीन एवं अर्वाचीन इतिहास का उल्लेख है। इसमें भी विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को मूलरूप से ब्राह्मण माना गया है। आप लोग इसमें जांगिड़ ब्राह्मण (विश्वकर्मा ब्राह्मण) का विस्तृत परीचय पृष्ठ 116 से 130 में हैं इसे पढ़ सकते हैं। इसी प्रसिद्ध पुस्तक में पृष्ठ 182 से 186 के बीच शिल्प कर्म करने वाले मत्स्य पुराण के अनुसार 18 शिल्पकर्म के उपदेशक ऋषि ब्राह्मणों का भी उल्लेख है। त्वष्टा विश्वकर्मा अर्थात देवों के आचार्य देवशिल्पी विश्वकर्मा का भी विस्तृत परिचय है। साथ ही इसमें वैदिक शिल्पी ब्राह्मण अर्थात रथकार ब्राह्मण ,पांचाल ब्राह्मण तक्षा ब्राह्मण आदि शिल्पियों को ब्राह्मण मानते हुए उनका प्रमाण है।
‘ब्राह्मणोंत्पत्ति दर्पण ‘ नामक पुस्तक जिसके लेखक डॉ पंडित मक्खनलाल मिश्र ‘मैथिल ‘ जी है। जिनकी पुस्तक में विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण उत्पत्ति में पृष्ठ क्रमांक 358 से 361 तक विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति बताई गई है जिसमें स्पष्ट रूप से यह उल्लेख आया है कि विश्वकर्मा पांचाल ब्राह्मण समाज मूल रूप से ब्राह्मण समाज है और इन्हें षटकर्म के साथ-साथ ब्रह्म यज्ञ, देव यज्ञ, पितृ यज्ञ ,भूत यज्ञ और जप यज्ञ का पूर्ण रूप से अधिकार है।
‘ ब्राह्मण गोत्रावली ‘ नामक पुस्तक जिसके लेखक ज्योतिषाचार्य पंडित राजेंद्र देवलाल जो उत्तराखंड से छपी थी। इस पुस्तक के पृष्ठ 114 से 117 के बीच विश्वकर्मा शिल्पी ब्राह्मणों में जांगिड़ ब्राह्मणों की उत्पत्ति एवं पांचाल ब्राह्मणों की उत्पत्ति का वर्णन है।
‘ वंश मल्लिका ‘ नामक ग्रंथ जिसके रचयिता प्रसिद्ध विद्वान पंडित मन्नूलाल शर्मा थे। यह पुस्तक भी लगभग 80 से 100 वर्ष पुरानी है। इसमें विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों के अनेक वर्गों का उल्लेख है। जैसे विश्वकर्मा ब्राह्मण , रथकार ब्राह्मण, पांचाल ब्राह्मण, जांगिड़ ब्राह्मण, धीमान ब्राह्मण , आचार्य ब्राह्मण, ओझा या झा मैथिल ब्राह्मण आदि। इस पुस्तक में इनकी शास्त्रो के अनुसार उत्पत्ति ,वंशावली एवं गोत्रावली का विस्तृत वर्णन है। इस पुस्तक में विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों को वेदों के अनुसार एवं अन्य शास्त्रों के अनुसार सभी प्रकार के ब्राह्मणों के मूल कर्म का पूर्ण अधिकारी शास्त्रीय प्रधानों के आधार पर बताया गया है।
क्या ज्ञान को ब्राह्मण माना जाए? ऐसा भी नहीं हो सकता; क्योंकि बहुत से क्षत्रिय (राजा जनक) आदि भी परमार्थ दर्शन के ज्ञाता हुए हैं (होते हैं)। अस्तु, ज्ञान भी ब्राह्मण नहीं हो सकता l
तो क्या कर्म को ब्राह्मण कहा जाए? नहीं, ऐसा भी सम्भव नहीं है; क्योंकि समस्त प्राणियों के संचित, प्रारब्ध और आगामी कर्मों में साम्य प्रतीत होता है तथा कर्माभिप्रेरित होकर ही व्यक्ति क्रिया करते हैं। अतः कर्म को भी ब्राह्मण नहीं कहा जा सकता l
क्या धार्मिक ब्राह्मण हो सकता है? यह भी सुनिश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता; क्योंकि क्षत्रिय आदि बहुत से लोग स्वर्ण आदि का दान करते रहते हैं। अतः धार्मिक भी ब्राह्मण नहीं हो सकता l
तब ब्राह्मण किसे माना जाय .. ??
जय श्री कृष्ण राधे राधे राधे राधे
🙏🚩
Plz elaborate SARASWATA BRAHMAN at Odisha history
Jo saraswati nadi ke pass rhte the
Jay bhim
Jai Bhim 💙
Namo Vishwakarmane 🙏🏻🌺
प्रणाम गुरुवर
Jai Shree Bhagwaan Virat Vishwakarma❤
Tora details de bhai main bhi vishvakarma hoon par log hume Brahmins ni maante
@@Trish21_ kisi ke manne se kuch nhi hota agr hum sab dharmik karm kand kre yag kre puja kre ved pade sastra pade sikha rakhe toh hum brahmin h wiase brahmin toh hum h hi
@@Trish21_ brahminuttpati darpan ,brahminuttpati marktand ye do sastra main panchal brahmin main bhagwan panch mukhi shiv se utpaann hue panchal jinke up panchal hue lohar lohe kaam krne wale , badhai lakdi ka kaam krne wale ,sonar sone ka kaam krne wale ,or shilpkar mandir or bhagwan ki murti banane wale ,or tamrkar tambe ka kaam krne wale ye sab panchal brahmin h or ye sikha rakhne,sastra padne (jo krm bhagwan ne batya )or yagyopabit dharan krne ke adhikari h
Or astang yug or sathkarm bhi krna batya gya h
Isme gotra ka bhi barnan milta h (koudiya gotra,bharatdwaj gotra,atri gotra,kasyap gotra, bharatdwaj gotra) aadi gotra aate h
Jo ye niyam mane samajhna wahi panchal brahmin h
@@Trish21_read brahmanutpatti martand page no 562
अजय मिश्र टोनी किस प्रकार का ब्राह्मण है ये तो बताओ ।
Bhumihar k bare m bnye video
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M bhi saraswat bharaman hoon
Guru ji ko ram ram mera naam Amit he or me methil behraman hu or mera gotr warmaniya he or me kis risi ki santan hu
Shandilya rishi Gotra hai apka
Nice video