गीता अध्याय 8 के श्लोक 16 में स्पष्ट किया है कि ब्रह्मलोक में गए साधक भी लौटकर संसार में जन्म लेते हैं। युद्ध जैसे भयंकर कर्म भी करने पड़ेंगे। जिस कारण से काल ब्रह्म के पुजारियों को न तो शांति मिलेगी, न सनातन परम धाम।
EK time thaa jab log dukhi hote thee to riishi aur baba logo k pass jaa k apni samasya mita te thee,,lekin aaj kal to baba,,maulavi,,paadrii, sab aam janta ka shoshan kar rahe hain,,,,
iye tumhara dharna galat hai sabhi baba ek jaise nahin hote hain na to kisi ke prati galat drishti se nahin dekhte hain yeh sab hamari tumhaari Or mahilaon ke karan sab galat dharna hote hain👌🙏
शुक्राचार्य का दस्यु असुर अरबों से कोई संबंध नहीं नहीं⛔🚫❌❌❌❌ बल्कि आर्यों की जाति राक्षस हब्शी से संबंध था राक्षसों के वे गुरु थे ; देवता समाज आर्यों की एक जाति थी जो स्वभाव से मधुर थी. पामीर मेरु पर्वत जिस पर वैवस्वत मनू और महाभारत काल में ऋषि व्यास का निवास था उसके चारों और के प्रदेश को इलावृत कहते थे. तारिम सीता नदी के एक और ऋषिक दूसरी तरफ तुषार वंश थे दोनों ऋषिक तुषार यूची वंश प्रथम सर्वप्रसिद्ध देवराज इन्द्र के वंश थे , देवराज इन्द्र त्रिविष्टप तिब्बत यानि स्वरृग के देवताओं और आर्यों का सर्वोच्च पद था, देवराज इन्द्र की सभा में 1000 ऋषि थे इसलिए देवराज इन्द्र के 2000 नेत्र थे जो उन्हें राजनीति आदि की सभी समस्याओं का निवार्ण करते थे , इन्हीं प्रदेशों में यम वरुण अग्नि ब्रह्म विष्णु शिव कुबेर आदि की सभाएं भी थी जो महाभारत में वर्णित हैं कुबेर अलकापुरी में रहते थे . नीचे आर्यव्रत और जम्बूद्वीप एशिया में मनुष्य जाति के आर्य थे. देवताओं के साथ गंधर्व अफगानिस्तान में, और साथ में किसी जगह यक्ष थे यक्षों के अनेक वंश पापी प्रवृत्ति के थे उन्हें अलग करके राक्षस जाति बनाई गई देवताओं द्वारा राक्षस अफ्रीका में खदेडे ग ए अफ्रीका में इजिप्ट में भगवान विष्णु की मूर्तियां भी पाई जाति हैं हो सकता है इनको अफ्रीका में भगवान विष्णु ने ही खदेडा हो, इस प्रकार राक्षस आर्यों की ही एक जाति थी जिसका पेशा पशपालन पशुओं की रक्षा खेती बाडी था , स्वामी दयानंद सत्यार्थ प्रकाश प्रथम संस्करण के अनुसार आज के हब्शी ही प्राचीन राक्षस जाति है. सिंहल को श्रीलंका स्वीकार करना कठिन है क्योंकि ये भारत से 20-25 किलोमीटर दूर है बस , जबकि सुमाली राक्षस के देश सोमालिया के पास कहीं प्राचीन लंका थी ये सही जचता है और 100 योजन भी फिट बैठता है, राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य थे , देवताओं और राक्षसों में आपस में वैर हो गया था, राक्षस और देवताओं के युद्ध को देवासुर संग्राम कहा जाता है. अब बात असुरों अरबों की, हरामखोर मादरचोद अनपढ विद्याद्वेषी असुर अरब आरृय नहीं बल्कि दस्यु दुष्ट वर्ग के थे . शुक्राचार्य से अरबों असुरों का कोई संबंध नहीं.🚫❌❌⛔ .
Bhargav shukracharya and vishvamitra ji both are most powerful 🙏🙏🙏
जय दैत्यगुरू शुक्राचार्य
Jai guru biswamit
Very nice 👍👌
गीता अध्याय 8 के श्लोक 16 में स्पष्ट किया है कि ब्रह्मलोक में गए साधक भी लौटकर संसार में जन्म लेते हैं। युद्ध जैसे भयंकर कर्म भी करने पड़ेंगे। जिस कारण से काल ब्रह्म के पुजारियों को न तो शांति मिलेगी, न सनातन परम धाम।
ऊंँ गणेशाय नमः शिवाय
Good evening sir
Om Nomoh Shivay❤️❤️🙏🙏
Jai Shree Ganesha ji🙏🙏🙏🙏🙏
EK time thaa jab log dukhi hote thee to riishi aur baba logo k pass jaa k apni samasya mita te thee,,lekin aaj kal to baba,,maulavi,,paadrii, sab aam janta ka shoshan kar rahe hain,,,,
iye tumhara dharna galat hai sabhi baba ek jaise nahin hote hain na to kisi ke prati galat drishti se nahin dekhte hain yeh sab hamari tumhaari Or mahilaon ke karan sab galat dharna hote hain👌🙏
वह इसलिए कि आप सभी जाति के लोग अपना अपना धर्म चलाते हैं खुद बाबा बनेंगे खुद का मंत्र देंगे वेदों से कोई मतलब नहीं होता है किसी को इसीलिए ऐसा हो रहा है
Today Muslims r Shishyaa of Guru Shukracharya 🙂
😎
Har Har Mahadev 🙏🏻🙏🏻
Omm Nama Shivay
जय माता दी गुरुदेव 🙏🙏🙏
विश्वामित्र ब्राह्मण बना और ब्रह्मॠषि बनने के बाद ही शुक्राचार्य को पराजित कर पाया
विश्वामित्र एक क्षत्रिय राजा था.. घोर तपस्या के बाद वो ब्रह्मऋषि बना.. ऐसा किसने कहा की सिर्फ ब्राह्मण ही ब्रह्मऋषि बन सकते हैं
@@abhishekchauhan3328 ब्राह्मण ही ब्रह्मर्षि हो सकता है अन्य नहीं ,
@@pradeepkumar-qo7nmफिर विश्वामित्र कैसे ब्रह्मऋषि बना बता
@@pradeepkumar-qo7nm ऐसा कोन से पुराण मै लिखा है मुझे बता..सबूत दिखा
@@abhishekchauhan3328 कितने पुराण पढ़े हो ?
Jay mahakal
Jay ma Gayatri
शुक्राचार्य का दस्यु असुर अरबों से कोई संबंध नहीं नहीं⛔🚫❌❌❌❌ बल्कि आर्यों की जाति राक्षस हब्शी से संबंध था राक्षसों के वे गुरु थे ; देवता समाज आर्यों की एक जाति थी जो स्वभाव से मधुर थी. पामीर मेरु पर्वत जिस पर वैवस्वत मनू और महाभारत काल में ऋषि व्यास का निवास था उसके चारों और के प्रदेश को इलावृत कहते थे. तारिम सीता नदी के एक और ऋषिक दूसरी तरफ तुषार वंश थे दोनों ऋषिक तुषार यूची वंश प्रथम सर्वप्रसिद्ध देवराज इन्द्र के वंश थे , देवराज इन्द्र त्रिविष्टप तिब्बत यानि स्वरृग के देवताओं और आर्यों का सर्वोच्च पद था, देवराज इन्द्र की सभा में 1000 ऋषि थे इसलिए देवराज इन्द्र के 2000 नेत्र थे जो उन्हें राजनीति आदि की सभी समस्याओं का निवार्ण करते थे , इन्हीं प्रदेशों में यम वरुण अग्नि ब्रह्म विष्णु शिव कुबेर आदि की सभाएं भी थी जो महाभारत में वर्णित हैं कुबेर अलकापुरी में रहते थे . नीचे आर्यव्रत और जम्बूद्वीप एशिया में मनुष्य जाति के आर्य थे.
देवताओं के साथ गंधर्व अफगानिस्तान में, और साथ में किसी जगह यक्ष थे यक्षों के अनेक वंश पापी प्रवृत्ति के थे उन्हें अलग करके राक्षस जाति बनाई गई देवताओं द्वारा राक्षस अफ्रीका में खदेडे ग ए अफ्रीका में इजिप्ट में भगवान विष्णु की मूर्तियां भी पाई जाति हैं हो सकता है इनको अफ्रीका में भगवान विष्णु ने ही खदेडा हो, इस प्रकार राक्षस आर्यों की ही एक जाति थी जिसका पेशा पशपालन पशुओं की रक्षा खेती बाडी था , स्वामी दयानंद सत्यार्थ प्रकाश प्रथम संस्करण के अनुसार आज के हब्शी ही प्राचीन राक्षस जाति है. सिंहल को श्रीलंका स्वीकार करना कठिन है क्योंकि ये भारत से 20-25 किलोमीटर दूर है बस , जबकि सुमाली राक्षस के देश सोमालिया के पास कहीं प्राचीन लंका थी ये सही जचता है और 100 योजन भी फिट बैठता है, राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य थे , देवताओं और राक्षसों में आपस में वैर हो गया था, राक्षस और देवताओं के युद्ध को देवासुर संग्राम कहा जाता है. अब बात असुरों अरबों की, हरामखोर मादरचोद अनपढ विद्याद्वेषी असुर अरब आरृय नहीं बल्कि दस्यु दुष्ट वर्ग के थे . शुक्राचार्य से अरबों असुरों का कोई संबंध नहीं.🚫❌❌⛔ .
Om Shree Ganeshay Nama Namah Pronam Nio Baba Ashirwad Dio Baba
Anoop
Kya mai apke channel ke videos ko facebook me live dikha sakta hu?
yes
Hummm.....
अगला भाग भी प्रकाशित करें
Om namah shivaya
Ok
Jay shri Hari Vishnu
Shakti hona koi anuchit nahi magar ooska sahi prayog nahi kiya jaaye toh vah atamghati sidh hoti ha
Wonderful 🌟
Jai Mahakal 🙏🏼😍
Y yyyyyyyY
ruclips.net/video/sY5plb8CccI/видео.html
जाने आदित्य ह्रदय स्तोत्र के बारे में कैसे मिलेगी सफलता
Sabka Aaradhya the greatest - Shivji hi kyu ha
Kyunki vo bhole bhendare hai.jaldi Khush ho Jate hai
Har Har mahadev
@@drprashantmathur5156 इसलिए उनकी उदारता से उत्पन्न राक्षसों को समाप्त करने के लिए विष्णु भगवान को अवतार लेने पड़ते थे।
जय शिव शम्भु जय श्री विष्णु।
Veeri nice
llow voice from video
Om namo vishwamitra
Samjh mai nahin aa raha aaj kal hamare purwaj vishwamitra ko bahut yaad kar rahe ho 🙏
Niceapisode
गुड इस सिरियल
Pehle drone ki bhi jarurat nahi padhti thi
Daty guru ki hi den hai jumma
Uu
Shukracharya ka bap hai Vishwamitra
shi baat
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പ്പ്പ് അത്
Next episode plz
PARTH DEPANI
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Serial ka naam kya hai?
Shree Ganesh