नाम तुम्हारा मैं गाता हूँ हर पल दिन या रात, धन्य हुआ है जीवन मेरा शरण में जीवननाथ।। इन आँखों में तुम बसते हो अन्तर में तुम ही रहते हो, हृदय-देवता सदा तुम्हारा वरद है मेरे माथ।। तुम हो मेरे परम सन्चय प्रीत तुम्हीं से करता निर्भय, दया तुम्हारी सक्षम करती होती है षड़ रिपु पर जय।। जग में तुम्हारा ही प्लावन है नीति शाश्वत अनुशासन है, भाग्यविधाता तुम हर लेते दुःख कष्ट आघात।। Lyrics - Dhritiman Singh
Bahut sundar joyguru 🙏🙏
Bahut hi sunder Bhajan
Jaiguru
Jay guru bahut sundar prastuti
Joy guru 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नाम तुम्हारा मैं गाता हूँ
हर पल दिन या रात,
धन्य हुआ है जीवन मेरा
शरण में जीवननाथ।।
इन आँखों में तुम बसते हो
अन्तर में तुम ही रहते हो,
हृदय-देवता सदा तुम्हारा
वरद है मेरे माथ।।
तुम हो मेरे परम सन्चय
प्रीत तुम्हीं से करता निर्भय,
दया तुम्हारी सक्षम करती
होती है षड़ रिपु पर जय।।
जग में तुम्हारा ही प्लावन है
नीति शाश्वत अनुशासन है,
भाग्यविधाता तुम हर लेते
दुःख कष्ट आघात।।
Lyrics - Dhritiman Singh
Name humhara gata rahu
I jivan gati hai
Name hi jiwin ki gati hai
Jaiguru
Joy guru🙏🙏
Joy guru dada
❤
Joy Guru
Joy guru
Joy Guru