हायरे छोटानागपुर हायरे हीरा बरवे।। Hayre Chotanagpur Heera Barway।

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  • Опубликовано: 9 окт 2024
  • आदिवासी नाच आदिवासी समाज के जीवन मूल्यों को दर्शाता है। सबका एक साथ हाथ पकड़कर ताल से ताल मिलाकर नाचना सामूहिकता का प्रतीक है। सभी का गोलाकार घेरा बनाकर नाचना यह दिखाता है कि आदिवासी समाज में सभी को बराबरी का दर्जा दिया जाता है। क्या ये मूल्य हमारे समाज में आज भी मौजूद हैं या आधुनिकता की दौड़ में हम इन मूल्यों को भूल रहे हैं?
    इस वीडियो में आपको दो तरह की नाच शैली देखने को मिलेेंगे। पहली शैली में मांदर और नगाड़े की ताल पर नाच होता है, जो आनन्द और उल्लास के मौकों के लिए उपयुक्त है। दूसरी शैली में किसी भी प्रकार का वाद्य यंत्र का उपयोग नहीं हुआ है, क्योंकि यह नाच युद्ध अथवा शिकार के मौकों पर लोगों को ललकारने और उनमें जोश भरने के लिए के लिए किया जाता है।
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