Jay masih ki brother Vachan Samjhany Aur Batane ke liye Thank you brother Vachan Receive 👍👍 Hallelujah, Hallelujah Hallelujah Amen Ameeeeeeen Powerful👍 Vachan Brother and God bless you all Hallelujah Amen
Balley balley shaba shaba waali anyabhasha nhi bolni hai👍uska .... Aur pavitra aatma vishwas krne ke time pr hi milti hai aur pavitra aatma part part main nhi milti... Wo puri hi milti hai... Yaha koi pani nhi bharna hai... Pavitra aatma hamesha hamare saathi hi rhta hai... देह एक अंग😅 अनेक ye padhlo sb smjh main aa jayenga agr dimaag se aur smjh kr padho toh 1 Corinthians 12 1 "हे भाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक बरदानों के विषय में अज्ञात रहो।" 2 "तुम जानते हो, कि जब तुम अन्यजाति थे, तो गूंगी मूरतों के पीछे जेसे चलाए जाते थे वैसे चलते थे।" 3 "इसलिये मैं तुम्हें चितौनी देता हूं कि जो कोई परमेश्वर की आत्मा की अगुआई से बोलता है, वह नहीं कहता कि यीशु स्त्रापित है; और न कोई पवित्रा आत्मा के बिना कह सकता है कि यीशु प्रभु है।।" 4 "बरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है।" 5 "और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है।" 6 "और प्रभावशाली कारर्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमशॆवर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है।" 7 किन्तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है। 8 क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुद्वि की बातें दी जाती हैं; और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें। 9 और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का बरदान दिया जाता है। 10 फिर किसी को सामर्थ के काम करने की शक्ति; और किसी को भविष्यद्वाणी की; और किसी को अनेक प्रकार की भाषा; और किसी को भाषाओं का अर्थ बताना। 11 "परन्तु ये सब प्रभावशाली कारर्य वही एक आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।।" 12 "क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।" 13 "क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्वतंत्रा एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम एक को एक ही आत्मा पिलाया गया।" 14 "इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं।" 15 "यदि पांव कहे: कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?" 16 "और यदि कान कहे; कि मैं आंख का नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं।" 17 यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता? 18 परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है। 19 "यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?" 20 "परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है।" 21 "आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं।" 22 "परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।" 23 और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं। 24 "फिर भी हमारे शोभायमान अंगो केा इस का प्रयोजन नहीं, परन्तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो।" 25 "ताकि देह में फूट न पड़े, परन्तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्ता करें।" 26 "इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं।" 27 "इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।" 28 "और परमशॆवर ने कलीसिया में अलग अलग व्यक्ति नियुक्त किए हैं; प्रथम प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्ता, तीसरे शिक्षक, फिर सामर्थ के काम करनेवाले, फिर चंगा करनेवाले, और उपकार करनेवाले, और प्रधान, और नाना प्रकार की भाषा बालनेवाले।" 29 क्या सब प्रेरित हैं? क्या सब भविष्यद्वक्ता हैं? क्या सब उपदेशक हैं? क्या सब सामर्थ के काम करनेवाले हैं? 30 क्या सब को चंगा करने का बरदान मिला है? क्या सब नाना प्रकार की भाषा बोलते हैं? 31 क्या सब अनुवाद करते हैं? तुम बड़ी से बड़ी बरदानों की धुन में रहो! परन्तु मैं तुम्हें और भी सब से उत्तम मार्ग बताता हूं।।
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हम परमेश्वर से अन्य भाषा मांगते हैं तो वह अपने आप आ जाती है पवित्र आत्मा के द्वारा हम अन्य भाषा बोलतेहैं हमको खुद कुछ नहीं बोल सकते मुझे अन्य भाषा मिली थी प्रभु से प्रार्थना करते समय जब मैं बात करने लगीतो मैं सोच रही थी कि मैं यह नहीं बोल रही हू यह तो प्रभु का आत्मा मुझ में से बोल रहा है तब मैं बहुत ही खुशी से भर गई मेरी खुशी का ठिकानानहीं था मैं सबको पता नहीं लगी देखो मुझे अन्य भाषा मी लिहै,परमेश्वर के और से यह,भाषा मेरी नहीं है, पवित्र आत्मा की सहायता से अन्य भाषा बोलकर भूतों को भी निकलती थी फिर बाद में मैं प्रभु का धन्यवाद सब कुछ हमारे लिए उसने फ्री दे दिया है कि धनवानहो गए,
@@ChhayaKharat-go6me कुरिंथ की कलीसिया के अलावा किसी और पत्री में अन्य भाषा का जिक्र है पहले आप कूरिंथ की पत्री पढ़िए समझिए फिर आप 2कुरिंथ 7पढ़िए और साथ में 1कुरिंथ 14भी पढ़िए और ध्यान से खास कर उस कलिसिया के लोगों का जीवन कैसा था बाकी बाद में।
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Balley balley shaba shaba waali anyabhasha nhi bolni hai👍uska .... Aur pavitra aatma vishwas krne ke time pr hi milti hai aur pavitra aatma part part main nhi milti... Wo puri hi milti hai... Yaha koi pani nhi bharna hai... Pavitra aatma hamesha hamare saathi hi rhta hai... देह एक अंग😅 अनेक ye padhlo sb smjh main aa jayenga agr dimaag se aur smjh kr padho toh 1 Corinthians 12 1 "हे भाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक बरदानों के विषय में अज्ञात रहो।" 2 "तुम जानते हो, कि जब तुम अन्यजाति थे, तो गूंगी मूरतों के पीछे जेसे चलाए जाते थे वैसे चलते थे।" 3 "इसलिये मैं तुम्हें चितौनी देता हूं कि जो कोई परमेश्वर की आत्मा की अगुआई से बोलता है, वह नहीं कहता कि यीशु स्त्रापित है; और न कोई पवित्रा आत्मा के बिना कह सकता है कि यीशु प्रभु है।।" 4 "बरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है।" 5 "और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है।" 6 "और प्रभावशाली कारर्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमशॆवर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है।" 7 किन्तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है। 8 क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुद्वि की बातें दी जाती हैं; और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें। 9 और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का बरदान दिया जाता है। 10 फिर किसी को सामर्थ के काम करने की शक्ति; और किसी को भविष्यद्वाणी की; और किसी को अनेक प्रकार की भाषा; और किसी को भाषाओं का अर्थ बताना। 11 "परन्तु ये सब प्रभावशाली कारर्य वही एक आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।।" 12 "क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।" 13 "क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्वतंत्रा एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम एक को एक ही आत्मा पिलाया गया।" 14 "इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं।" 15 "यदि पांव कहे: कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?" 16 "और यदि कान कहे; कि मैं आंख का नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं।" 17 यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता? 18 परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है। 19 "यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?" 20 "परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है।" 21 "आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं।" 22 "परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।" 23 और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं। 24 "फिर भी हमारे शोभायमान अंगो केा इस का प्रयोजन नहीं, परन्तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो।" 25 "ताकि देह में फूट न पड़े, परन्तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्ता करें।" 26 "इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं।" 27 "इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।" 28 "और परमशॆवर ने कलीसिया में अलग अलग व्यक्ति नियुक्त किए हैं; प्रथम प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्ता, तीसरे शिक्षक, फिर सामर्थ के काम करनेवाले, फिर चंगा करनेवाले, और उपकार करनेवाले, और प्रधान, और नाना प्रकार की भाषा बालनेवाले।" 29 क्या सब प्रेरित हैं? क्या सब भविष्यद्वक्ता हैं? क्या सब उपदेशक हैं? क्या सब सामर्थ के काम करनेवाले हैं? 30 क्या सब को चंगा करने का बरदान मिला है? क्या सब नाना प्रकार की भाषा बोलते हैं? 31 क्या सब अनुवाद करते हैं? तुम बड़ी से बड़ी बरदानों की धुन में रहो! परन्तु मैं तुम्हें और भी सब से उत्तम मार्ग बताता हूं।।
Balley balley shaba shaba waali anyabhasha nhi bolni hai👍uska .... Aur pavitra aatma vishwas krne ke time pr hi milti hai aur pavitra aatma part part main nhi milti... Wo puri hi milti hai... Yaha koi pani nhi bharna hai... Pavitra aatma hamesha hamare saathi hi rhta hai... देह एक अंग😅 अनेक ye padhlo sb smjh main aa jayenga agr dimaag se aur smjh kr padho toh 1 Corinthians 12 1 "हे भाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक बरदानों के विषय में अज्ञात रहो।" 2 "तुम जानते हो, कि जब तुम अन्यजाति थे, तो गूंगी मूरतों के पीछे जेसे चलाए जाते थे वैसे चलते थे।" 3 "इसलिये मैं तुम्हें चितौनी देता हूं कि जो कोई परमेश्वर की आत्मा की अगुआई से बोलता है, वह नहीं कहता कि यीशु स्त्रापित है; और न कोई पवित्रा आत्मा के बिना कह सकता है कि यीशु प्रभु है।।" 4 "बरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है।" 5 "और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है।" 6 "और प्रभावशाली कारर्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमशॆवर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है।" 7 किन्तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है। 8 क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुद्वि की बातें दी जाती हैं; और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें। 9 और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का बरदान दिया जाता है। 10 फिर किसी को सामर्थ के काम करने की शक्ति; और किसी को भविष्यद्वाणी की; और किसी को अनेक प्रकार की भाषा; और किसी को भाषाओं का अर्थ बताना। 11 "परन्तु ये सब प्रभावशाली कारर्य वही एक आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।।" 12 "क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।" 13 "क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्वतंत्रा एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम एक को एक ही आत्मा पिलाया गया।" 14 "इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं।" 15 "यदि पांव कहे: कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?" 16 "और यदि कान कहे; कि मैं आंख का नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं।" 17 यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता? 18 परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है। 19 "यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?" 20 "परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है।" 21 "आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं।" 22 "परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।" 23 और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं। 24 "फिर भी हमारे शोभायमान अंगो केा इस का प्रयोजन नहीं, परन्तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो।" 25 "ताकि देह में फूट न पड़े, परन्तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्ता करें।" 26 "इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं।" 27 "इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।" 28 "और परमशॆवर ने कलीसिया में अलग अलग व्यक्ति नियुक्त किए हैं; प्रथम प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्ता, तीसरे शिक्षक, फिर सामर्थ के काम करनेवाले, फिर चंगा करनेवाले, और उपकार करनेवाले, और प्रधान, और नाना प्रकार की भाषा बालनेवाले।" 29 क्या सब प्रेरित हैं? क्या सब भविष्यद्वक्ता हैं? क्या सब उपदेशक हैं? क्या सब सामर्थ के काम करनेवाले हैं? 30 क्या सब को चंगा करने का बरदान मिला है? क्या सब नाना प्रकार की भाषा बोलते हैं? 31 क्या सब अनुवाद करते हैं? तुम बड़ी से बड़ी बरदानों की धुन में रहो! परन्तु मैं तुम्हें और भी सब से उत्तम मार्ग बताता हूं।।
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Hallelujah🙌 praise the Lord dhanwaad Prabhu yeshu aapki stuti ho aapka dhanwaad ho aapki mahima aprampaar ho Prabhu aapke har ek bhalaiyoke liye aapka koti koti dhanwaad karti hu Prabhu me aapke piche piche chalungi aapke Sare vachanoko pura krungi Prabhu aap mahan chamtkaari skatishali dayalu prameshavar ho aapka gorav hob❤❤❤❤❤❤❤you jesus Christ🙏🙏 Amen🙏🙏❤❤🙏❤🙏❤🙏❤🙏🙏🙏🙏
Bolna chahiye but jo khuda ki our se ho to transletor bhi hona chahiye isa baibal kehti hai १ करिंथ 14:13, 27 [13] अन्य भाषा बोलणार्याने आपणाला अर्थ सांगता यावा म्हणून प्रार्थना करावी. [27] अन्य भाषा बोलायच्या तर बोलणारे दोघे किंवा फार तर तिघे असावेत; अधिक नसावेत व त्यांनी पाळीपाळीने बोलावे; आणि एकाने अर्थ सांगावा.
Humari khud k vasa ko chhod kar others languages wo sab humare liye anya vasa hai or uska translation v hai, agar koi translate na kare to chup rahe, har vasa ka anuwad hota hai.
क्या पवित्र आत्मा आता जाता है नहीं वह हमारे साथ सर्वदा रहता है जिस दिन हमने अपना जीवन प्रभु को दिया उसी दिन हमारे अन्दर पवित्र आत्मा आ जाता है लिखा है बिना पवित्र आत्मा के यीशु को प्रभु कोई नहीं कह सकता
@@sushilkumarbage4248 मैं चाहता हूं, कि तुम सब अन्य भाषाओं में बातें करो, परन्तु अधिकतर यह चाहता हूं कि भविष्यद्वाणी करो: क्योंकि यदि अन्यान्य भाषा बोलने वाला कलीसिया की उन्नति के लिये अनुवाद न करे तो भविष्यद्ववाणी करने वाला उस से बढ़कर है। 1 कुरिन्थियों 14:5 इसलिये हे भाइयों, यदि मैं तुम्हारे पास आकर अन्य अन्य भाषा में बातें करूं, और प्रकाश, या ज्ञान, या भविष्यद्वाणी, या उपदेश की बातें तुम से न कहूं, तो मुझ से तुम्हें क्या लाभ होगा? 1 कुरिन्थियों 14:6 इस कारण जो अन्य भाषा बोले, तो वह प्रार्थना करे, कि उसका अनुवाद भी कर सके। 1 कुरिन्थियों 14:13 इसलिये यदि मैं अन्य भाषा में प्रार्थना करूं, तो मेरी आत्मा प्रार्थना करती है, परन्तु मेरी बुद्धि काम नहीं देती। 1 कुरिन्थियों 14:14 इसलिये अन्य अन्य भाषाएं विश्वासियों के लिये नहीं, परन्तु अविश्वासियों के लिये चिन्ह हैं, और भविष्यद्वाणी अविश्वासीयों के लिये नहीं परन्तु विश्वासियों के लिये चिन्ह हैं। 1 कुरिन्थियों 14:22 सो यदि कलीसिया एक जगह इकट्ठी हो, और सब के सब अन्य अन्य भाषा बोलें, और अनपढ़े या अविश्वासी लोग भीतर आ जाएं तो क्या वे तुम्हें पागल न कहेंगे? 1 कुरिन्थियों 14:23 यदि अन्य भाषा में बातें करनीं हों, तो दो दो, या बहुत हो तो तीन तीन जन बारी बारी बोलें, और एक व्यक्ति अनुवाद करे। 1 कुरिन्थियों 14:27 परन्तु यदि अनुवाद करने वाला न हो, तो अन्य भाषा बालने वाला कलीसिया में शान्त रहे, और अपने मन से, और परमेश्वर से बातें करे। 1 कुरिन्थियों 14:28
Agar sahi pavithra vachan bole toh hallelujah hi bolna hoga aap kisi ke bolne se vachan ko galat nahi keh sakthe Agar samajna hai toh pavithra aathma ke liye prathna kariye jarur prabhu aapko asish karenge koi pastor aapko nahi prabhu karega
Anya bhasha ko aj k christian teacher bahut hi galat tarike se le rhe. Abya bhasha thi lekin aj iski jarurat nhi rahi Anya bhasha ka vardan shuruaat k chiriastian teachers ko diya gaya tha jo wo sab Yahudi the. Prabhu Yeshu ne chelo se kaha saare jagat me suvarta pahuchao jiske liye unhe Anya bhasha ka vardan diya taki wo logo Anya bhasha yani ki Hindi, Tamil, Matathi, Gujarati, Japanese, chinese, jesi bhasha bol sake yeh bhasha Ye sab bhasha Un Yahudio ke liye Anya bhasha thi., na ki raba raba saba saba jaise bematabl ke words jiska koi matlab nhi nikalta Aj agar apko bahut si bhasha aati ho lekin saari yo nhi Agar koi Bharatiy person jisko Africa ke bhasha ka koi gyan nhi wo achanak Africa ke logo ko Africa ki bhasha me Susamachar sunane lge to to wo he asali anya bhasha ka vardan Muje Tamil nhi aati pr me Tamil mr Yeshu ka sandesh dene lagu to wo h anya bhasha ka vardan naa ki raba raba saba aise krke log Holy Spirit ka majak bna rhe h 😢
जिनके पास अन्य भाषा का वरदान ही नहीं है वह लोगों को अन्य भाषा का गलत परिभाषा देते रहते हैं और glossa और gibbirsh का पाठ पढ़ाते रहते हैं जब की बाइबल में 1 kr 14 : 1,2 में यह कहता है " क्योंकि जो अन्य भाषा में बातें करता है वह मनुष्य से नहीं वह परमेश्वर से बातें करता है, इसलिए की उसकी बातें कोई नहीं समझता, क्योंकि वह भेद की बातें आत्मा में होकर बोलता है ।"
Yes Brother, yes you are absolutely right. Christianity wants right teachers like you to teach the Gospel and the Holy Spirit GOD bless you my dear brother.
आजकल का अन्य भाषा बनाउटी होती है जब बाइबिल मे अन्य भाषा से एक शब्द नेही है तो लोगो को कैसे पता की यही प्रार्थना पौल या चेले बोला करते थे ? अन्य भाषा क्यू इतना जरूरी है जब परमेस्वर हर भाषा हर जाति की भाषा समझ लेता है ? अन्य भाषा आता है तो भी सिर्फ चार शब्द ,,राबा राबा साबा साबा लाबा लाबा साबा साबा क्या यही अन्य भाषा है ये जीभ की गड़बड़ी से होती है ये कोई अन्य भाषा नेही है धीरे और होस मे रह कर प्रार्थना करोगे तो अन्य भाषा नेही आएगी दौड़ दौड़ के तेज़ी से प्रार्थना करोगे तो अन्य भाषा जरूर मिल जाएगी 😂
मसीह यीशु के लोगों मसीह यीशु के आने का समय हो गया है उसके बाद क्या पवित्र आत्मा से भरे जाएंगे अब आने वाले दिनों में तो मसीह यीशु आ जाएगा सावधान रहें रहे कोई तुम्हें भरमाने न पाए पवित्र बाईबल बताता है कि वचन से और बातों से कथा और कहानी से तो मेरे प्रियो पवित्र बाईबल पढ़ते हुए हमें देखने को मिलता है पवित्र आत्मा हमें सहाय करता है सत्य जानने के लिए
Acts 2:17 is about the power of the Holy Spirit. Acts 2:17 "In the last days, God says, I will pour out my Spirit on all people; your sons and daughters will prophesy, your young men will see visions, your old men will dream dreams". Acts 2:17 is a prophecy that was partially fulfilled at Pentecost. The day when "all flesh" will have the chance to receive the Spirit has not yet occurred.❤✝️🙏
येशू ने कहा विश्वास करने वालो के लिये सबकुछ संभव है l ओ दिन आने वाला है, उसदिन हरकोई कहेगा हे गुरु हे गुरु हमने तेरे नामसे दुस्ट आत्मा को निकाल है और तेरे नामसे बडे बडे अद्भुत कार्य किये है l गुरु कहेंगा में तुम्हे नही जानता l बायबल का परमेश्वर कहता हे वै अपना प्रतिफळ पा चुके l बायबल का परमेश्वर प्रभू कहता है जिसको जितना दिया हे उसीमे आनंद करे l amen😂
मत्ती 3:7 जब उस ने बहुतेरे फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा के लिये अपने पास आते देखा, तो उन से कहा, कि हे सांप के बच्चों तुम्हें किस ने जता दिया, कि आने वाले क्रोध से भागो? और उपदेश करके उन से कहा, क्या यह नहीं लिखा है, कि मेरा घर सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा? पर तुम ने इसे डाकुओं की खोह बना दी है। मरकुस 11:17
व्यवस्था में लिखा है, कि प्रभु कहता है; मैं अन्य भाषा बोलने वालों के द्वारा, और पराए मुख के द्वारा इन लोगों से बात करूंगा तौभी वे मेरी न सुनेंगे। 1 कुरिन्थियों 14:21 इसलिये अन्य अन्य भाषाएं विश्वासियों के लिये नहीं, परन्तु अविश्वासियों के लिये चिन्ह हैं, और भविष्यद्वाणी अविश्वासीयों के लिये नहीं परन्तु विश्वासियों के लिये चिन्ह हैं। 1 कुरिन्थियों 14:22 सो यदि कलीसिया एक जगह इकट्ठी हो, और सब के सब अन्य अन्य भाषा बोलें, और अनपढ़े या अविश्वासी लोग भीतर आ जाएं तो क्या वे तुम्हें पागल न कहेंगे? 1 कुरिन्थियों 14:23 यदि अन्य भाषा में बातें करनीं हों, तो दो दो, या बहुत हो तो तीन तीन जन बारी बारी बोलें, और एक व्यक्ति अनुवाद करे। 1 कुरिन्थियों 14:27 परन्तु यदि अनुवाद करने वाला न हो, तो अन्य भाषा बालने वाला कलीसिया में शान्त रहे, और अपने मन से, और परमेश्वर से बातें करे। 1 कुरिन्थियों 14:28
Bible ke hisab se anya bhasa aj tak mojud hai . Par afsos wo bina soche samjhe kuch pracharak ki baatein me aajate hain.. bible Ke acording ye gift of the holy spirit hai or shaitan isse nafrat karta or isko nahi samajhta or Achanak uske kaamo me fire girte hain, isi liye usne isko band karne ke liye kuch logo ko rakha hai .. We need to pray always in spirit.. and thanks to be God for other tongues 🎉❤
Praise the lord Jay masih ki pastor ji 🙏🙏♥️♥️
Hallelujah 🙌 Prabhu ki mahima ho Amen 🙏🌹🌹🌹
Hallelujah
Amen hallelujah hallelujah praise the lord and God bless you pastor g 😊🙌🙏👏👍💫🥰
Praise the lord 🙏🏻
YES Amen Amen Amen ❤❤❤ Hallelujah Hallelujah Hallelujah Hallelujah Hallelujah Hallelujah Hallelujah Hallelujah Hallelujah Hallelujah Hallelujah Praise the lord ❤❤❤❤❤ Glory to God
Glory to God 🙏🏻
धन्यवाद पिता परमेश्वर को परमेश्वर को महीमा हो आमीन
Dhanyawad pavitara atma thankyou jesus haleluya haleluya amen amen
Jay masih ki brother Vachan Samjhany Aur Batane ke liye Thank you brother Vachan Receive 👍👍 Hallelujah, Hallelujah Hallelujah Amen Ameeeeeeen Powerful👍 Vachan Brother and God bless you all Hallelujah Amen
Balley balley shaba shaba waali anyabhasha nhi bolni hai👍uska .... Aur pavitra aatma vishwas krne ke time pr hi milti hai aur pavitra aatma part part main nhi milti... Wo puri hi milti hai... Yaha koi pani nhi bharna hai... Pavitra aatma hamesha hamare saathi hi rhta hai... देह एक अंग😅 अनेक ye padhlo sb smjh main aa jayenga agr dimaag se aur smjh kr padho toh 1 Corinthians 12
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"हे भाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक बरदानों के विषय में अज्ञात रहो।"
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"तुम जानते हो, कि जब तुम अन्यजाति थे, तो गूंगी मूरतों के पीछे जेसे चलाए जाते थे वैसे चलते थे।"
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"इसलिये मैं तुम्हें चितौनी देता हूं कि जो कोई परमेश्वर की आत्मा की अगुआई से बोलता है, वह नहीं कहता कि यीशु स्त्रापित है; और न कोई पवित्रा आत्मा के बिना कह सकता है कि यीशु प्रभु है।।"
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"बरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है।"
5
"और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है।"
6
"और प्रभावशाली कारर्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमशॆवर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है।"
7
किन्तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है।
8
क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुद्वि की बातें दी जाती हैं; और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें।
9
और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का बरदान दिया जाता है।
10
फिर किसी को सामर्थ के काम करने की शक्ति; और किसी को भविष्यद्वाणी की; और किसी को अनेक प्रकार की भाषा; और किसी को भाषाओं का अर्थ बताना।
11
"परन्तु ये सब प्रभावशाली कारर्य वही एक आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।।"
12
"क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।"
13
"क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्वतंत्रा एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम एक को एक ही आत्मा पिलाया गया।"
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"इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं।"
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"यदि पांव कहे: कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?"
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"और यदि कान कहे; कि मैं आंख का नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं।"
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यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता?
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परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है।
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"यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?"
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"परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है।"
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"आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं।"
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"परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।"
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और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं।
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"फिर भी हमारे शोभायमान अंगो केा इस का प्रयोजन नहीं, परन्तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो।"
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"ताकि देह में फूट न पड़े, परन्तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्ता करें।"
26
"इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं।"
27
"इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।"
28
"और परमशॆवर ने कलीसिया में अलग अलग व्यक्ति नियुक्त किए हैं; प्रथम प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्ता, तीसरे शिक्षक, फिर सामर्थ के काम करनेवाले, फिर चंगा करनेवाले, और उपकार करनेवाले, और प्रधान, और नाना प्रकार की भाषा बालनेवाले।"
29
क्या सब प्रेरित हैं? क्या सब भविष्यद्वक्ता हैं? क्या सब उपदेशक हैं? क्या सब सामर्थ के काम करनेवाले हैं?
30
क्या सब को चंगा करने का बरदान मिला है? क्या सब नाना प्रकार की भाषा बोलते हैं?
31
क्या सब अनुवाद करते हैं? तुम बड़ी से बड़ी बरदानों की धुन में रहो! परन्तु मैं तुम्हें और भी सब से उत्तम मार्ग बताता हूं।।
आदर और महिमा प्रभु को मिले
Praise the Lord 🙏 GOD bless you and your family and your ministry
God Bless You dear 🙌🏻
Hallelujah thank you Jesus dhanyvad Prabhu yishu dhanyvad Pavitra Atma dhanyvad Prabhu is Sundar Prakashan ke liye🙏🏻🛐
Balley balley shaba shaba waali anyabhasha nhi bolni hai👍uska .... Aur pavitra aatma vishwas krne ke time pr hi milti hai aur pavitra aatma part part main nhi milti... Wo puri hi milti hai... Yaha koi pani nhi bharna hai... Pavitra aatma hamesha hamare saathi hi rhta hai... देह एक अंग😅 अनेक ye padhlo sb smjh main aa jayenga agr dimaag se aur smjh kr padho toh 1 Corinthians 12
1
"हे भाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक बरदानों के विषय में अज्ञात रहो।"
2
"तुम जानते हो, कि जब तुम अन्यजाति थे, तो गूंगी मूरतों के पीछे जेसे चलाए जाते थे वैसे चलते थे।"
3
"इसलिये मैं तुम्हें चितौनी देता हूं कि जो कोई परमेश्वर की आत्मा की अगुआई से बोलता है, वह नहीं कहता कि यीशु स्त्रापित है; और न कोई पवित्रा आत्मा के बिना कह सकता है कि यीशु प्रभु है।।"
4
"बरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है।"
5
"और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है।"
6
"और प्रभावशाली कारर्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमशॆवर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है।"
7
किन्तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है।
8
क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुद्वि की बातें दी जाती हैं; और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें।
9
और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का बरदान दिया जाता है।
10
फिर किसी को सामर्थ के काम करने की शक्ति; और किसी को भविष्यद्वाणी की; और किसी को अनेक प्रकार की भाषा; और किसी को भाषाओं का अर्थ बताना।
11
"परन्तु ये सब प्रभावशाली कारर्य वही एक आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।।"
12
"क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।"
13
"क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्वतंत्रा एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम एक को एक ही आत्मा पिलाया गया।"
14
"इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं।"
15
"यदि पांव कहे: कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?"
16
"और यदि कान कहे; कि मैं आंख का नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं।"
17
यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता?
18
परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है।
19
"यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?"
20
"परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है।"
21
"आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं।"
22
"परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।"
23
और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं।
24
"फिर भी हमारे शोभायमान अंगो केा इस का प्रयोजन नहीं, परन्तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो।"
25
"ताकि देह में फूट न पड़े, परन्तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्ता करें।"
26
"इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं।"
27
"इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।"
28
"और परमशॆवर ने कलीसिया में अलग अलग व्यक्ति नियुक्त किए हैं; प्रथम प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्ता, तीसरे शिक्षक, फिर सामर्थ के काम करनेवाले, फिर चंगा करनेवाले, और उपकार करनेवाले, और प्रधान, और नाना प्रकार की भाषा बालनेवाले।"
29
क्या सब प्रेरित हैं? क्या सब भविष्यद्वक्ता हैं? क्या सब उपदेशक हैं? क्या सब सामर्थ के काम करनेवाले हैं?
30
क्या सब को चंगा करने का बरदान मिला है? क्या सब नाना प्रकार की भाषा बोलते हैं?
31
क्या सब अनुवाद करते हैं? तुम बड़ी से बड़ी बरदानों की धुन में रहो! परन्तु मैं तुम्हें और भी सब से उत्तम मार्ग बताता हूं।।
बहुत ही दिल शू गया है ❤❤ आमीन ❤❤पास्टर जी
प्रभु का धन्याबाद हो हल्लेलुया अमीन
Hallelujah 🙏🏻
हम परमेश्वर से अन्य भाषा मांगते हैं तो वह अपने आप आ जाती है पवित्र आत्मा के द्वारा हम अन्य भाषा बोलतेहैं हमको खुद कुछ नहीं बोल सकते मुझे अन्य भाषा मिली थी प्रभु से प्रार्थना करते समय जब मैं बात करने लगीतो मैं सोच रही थी कि मैं यह नहीं बोल रही हू यह तो प्रभु का आत्मा मुझ में से बोल रहा है तब मैं बहुत ही खुशी से भर गई मेरी खुशी का ठिकानानहीं था मैं सबको पता नहीं लगी देखो मुझे अन्य भाषा मी लिहै,परमेश्वर के और से यह,भाषा मेरी नहीं है, पवित्र आत्मा की सहायता से अन्य भाषा बोलकर भूतों को भी निकलती थी फिर बाद में मैं प्रभु का धन्यवाद सब कुछ हमारे लिए उसने फ्री दे दिया है कि धनवानहो गए,
@@ChhayaKharat-go6me कुरिंथ की कलीसिया के अलावा किसी और पत्री में अन्य भाषा का जिक्र है पहले आप कूरिंथ की पत्री पढ़िए समझिए फिर आप 2कुरिंथ 7पढ़िए और साथ में 1कुरिंथ 14भी पढ़िए और ध्यान से खास कर उस कलिसिया के लोगों का जीवन कैसा था बाकी बाद में।
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1
"हे भाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक बरदानों के विषय में अज्ञात रहो।"
2
"तुम जानते हो, कि जब तुम अन्यजाति थे, तो गूंगी मूरतों के पीछे जेसे चलाए जाते थे वैसे चलते थे।"
3
"इसलिये मैं तुम्हें चितौनी देता हूं कि जो कोई परमेश्वर की आत्मा की अगुआई से बोलता है, वह नहीं कहता कि यीशु स्त्रापित है; और न कोई पवित्रा आत्मा के बिना कह सकता है कि यीशु प्रभु है।।"
4
"बरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है।"
5
"और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है।"
6
"और प्रभावशाली कारर्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमशॆवर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है।"
7
किन्तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है।
8
क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुद्वि की बातें दी जाती हैं; और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें।
9
और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का बरदान दिया जाता है।
10
फिर किसी को सामर्थ के काम करने की शक्ति; और किसी को भविष्यद्वाणी की; और किसी को अनेक प्रकार की भाषा; और किसी को भाषाओं का अर्थ बताना।
11
"परन्तु ये सब प्रभावशाली कारर्य वही एक आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।।"
12
"क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।"
13
"क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्वतंत्रा एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम एक को एक ही आत्मा पिलाया गया।"
14
"इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं।"
15
"यदि पांव कहे: कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?"
16
"और यदि कान कहे; कि मैं आंख का नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं।"
17
यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता?
18
परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है।
19
"यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?"
20
"परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है।"
21
"आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं।"
22
"परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।"
23
और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं।
24
"फिर भी हमारे शोभायमान अंगो केा इस का प्रयोजन नहीं, परन्तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो।"
25
"ताकि देह में फूट न पड़े, परन्तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्ता करें।"
26
"इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं।"
27
"इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।"
28
"और परमशॆवर ने कलीसिया में अलग अलग व्यक्ति नियुक्त किए हैं; प्रथम प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्ता, तीसरे शिक्षक, फिर सामर्थ के काम करनेवाले, फिर चंगा करनेवाले, और उपकार करनेवाले, और प्रधान, और नाना प्रकार की भाषा बालनेवाले।"
29
क्या सब प्रेरित हैं? क्या सब भविष्यद्वक्ता हैं? क्या सब उपदेशक हैं? क्या सब सामर्थ के काम करनेवाले हैं?
30
क्या सब को चंगा करने का बरदान मिला है? क्या सब नाना प्रकार की भाषा बोलते हैं?
31
क्या सब अनुवाद करते हैं? तुम बड़ी से बड़ी बरदानों की धुन में रहो! परन्तु मैं तुम्हें और भी सब से उत्तम मार्ग बताता हूं।।
Balley balley shaba shaba waali anyabhasha nhi bolni hai👍uska .... Aur pavitra aatma vishwas krne ke time pr hi milti hai aur pavitra aatma part part main nhi milti... Wo puri hi milti hai... Yaha koi pani nhi bharna hai... Pavitra aatma hamesha hamare saathi hi rhta hai... देह एक अंग😅 अनेक ye padhlo sb smjh main aa jayenga agr dimaag se aur smjh kr padho toh 1 Corinthians 12
1
"हे भाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक बरदानों के विषय में अज्ञात रहो।"
2
"तुम जानते हो, कि जब तुम अन्यजाति थे, तो गूंगी मूरतों के पीछे जेसे चलाए जाते थे वैसे चलते थे।"
3
"इसलिये मैं तुम्हें चितौनी देता हूं कि जो कोई परमेश्वर की आत्मा की अगुआई से बोलता है, वह नहीं कहता कि यीशु स्त्रापित है; और न कोई पवित्रा आत्मा के बिना कह सकता है कि यीशु प्रभु है।।"
4
"बरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है।"
5
"और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है।"
6
"और प्रभावशाली कारर्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमशॆवर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है।"
7
किन्तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है।
8
क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुद्वि की बातें दी जाती हैं; और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें।
9
और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का बरदान दिया जाता है।
10
फिर किसी को सामर्थ के काम करने की शक्ति; और किसी को भविष्यद्वाणी की; और किसी को अनेक प्रकार की भाषा; और किसी को भाषाओं का अर्थ बताना।
11
"परन्तु ये सब प्रभावशाली कारर्य वही एक आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।।"
12
"क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।"
13
"क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्वतंत्रा एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम एक को एक ही आत्मा पिलाया गया।"
14
"इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं।"
15
"यदि पांव कहे: कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?"
16
"और यदि कान कहे; कि मैं आंख का नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं।"
17
यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता?
18
परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है।
19
"यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?"
20
"परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है।"
21
"आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं।"
22
"परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।"
23
और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं।
24
"फिर भी हमारे शोभायमान अंगो केा इस का प्रयोजन नहीं, परन्तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो।"
25
"ताकि देह में फूट न पड़े, परन्तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्ता करें।"
26
"इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं।"
27
"इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।"
28
"और परमशॆवर ने कलीसिया में अलग अलग व्यक्ति नियुक्त किए हैं; प्रथम प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्ता, तीसरे शिक्षक, फिर सामर्थ के काम करनेवाले, फिर चंगा करनेवाले, और उपकार करनेवाले, और प्रधान, और नाना प्रकार की भाषा बालनेवाले।"
29
क्या सब प्रेरित हैं? क्या सब भविष्यद्वक्ता हैं? क्या सब उपदेशक हैं? क्या सब सामर्थ के काम करनेवाले हैं?
30
क्या सब को चंगा करने का बरदान मिला है? क्या सब नाना प्रकार की भाषा बोलते हैं?
31
क्या सब अनुवाद करते हैं? तुम बड़ी से बड़ी बरदानों की धुन में रहो! परन्तु मैं तुम्हें और भी सब से उत्तम मार्ग बताता हूं।।
Nice🎉❤@@mjfunnyz02
Amen praise the lord hallelujah 🙏🙏
Praise the lord 🙏🏻
Praise the lord everyone and thank you Amen 🙏 what a ward 12: 41 ❤
Thank you Jesus 🙏🏻
❤❤❤❤I love this message ❤u Jesus
Duniya me jitani boli boli jati hai vahi anya bhashaye hain.aur koi nahi
Wo saare boli Shaitan ko samjh me aata hai... But tongues ko Shaitan kabhi nahi samajh sakta, woh only parmeshwar hi se baat karna hota hai...
Bhai 2-4 ajib se shabd bolne ko anya bhasha nhi kahte
@VirendraKumar-nc5id ye batao Bhai kya hoti hain anya bhasha raba raba shaka raba ye kya
@@KacharuMagre-b2c nahi
Bhasha hamesha puri hoti hai, jo likhi,padhi aur boli ja sake
Aap sahi bol rhe ho
Parbhu appko ashis de god bless you
Yeshu masih ke naam me Amen, thank you .
पुत्र मैं पिता की महिमा हो ✝️ जो हमें अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जयवन्त करता है। आमीन 🛐🛐🛐🛐🛐🛐
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1
"हे भाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक बरदानों के विषय में अज्ञात रहो।"
2
"तुम जानते हो, कि जब तुम अन्यजाति थे, तो गूंगी मूरतों के पीछे जेसे चलाए जाते थे वैसे चलते थे।"
3
"इसलिये मैं तुम्हें चितौनी देता हूं कि जो कोई परमेश्वर की आत्मा की अगुआई से बोलता है, वह नहीं कहता कि यीशु स्त्रापित है; और न कोई पवित्रा आत्मा के बिना कह सकता है कि यीशु प्रभु है।।"
4
"बरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है।"
5
"और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है।"
6
"और प्रभावशाली कारर्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमशॆवर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है।"
7
किन्तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है।
8
क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुद्वि की बातें दी जाती हैं; और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें।
9
और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का बरदान दिया जाता है।
10
फिर किसी को सामर्थ के काम करने की शक्ति; और किसी को भविष्यद्वाणी की; और किसी को अनेक प्रकार की भाषा; और किसी को भाषाओं का अर्थ बताना।
11
"परन्तु ये सब प्रभावशाली कारर्य वही एक आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।।"
12
"क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।"
13
"क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्वतंत्रा एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम एक को एक ही आत्मा पिलाया गया।"
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"इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं।"
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"यदि पांव कहे: कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?"
16
"और यदि कान कहे; कि मैं आंख का नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं।"
17
यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता?
18
परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है।
19
"यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?"
20
"परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है।"
21
"आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं।"
22
"परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।"
23
और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं।
24
"फिर भी हमारे शोभायमान अंगो केा इस का प्रयोजन नहीं, परन्तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो।"
25
"ताकि देह में फूट न पड़े, परन्तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्ता करें।"
26
"इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं।"
27
"इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।"
28
"और परमशॆवर ने कलीसिया में अलग अलग व्यक्ति नियुक्त किए हैं; प्रथम प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्ता, तीसरे शिक्षक, फिर सामर्थ के काम करनेवाले, फिर चंगा करनेवाले, और उपकार करनेवाले, और प्रधान, और नाना प्रकार की भाषा बालनेवाले।"
29
क्या सब प्रेरित हैं? क्या सब भविष्यद्वक्ता हैं? क्या सब उपदेशक हैं? क्या सब सामर्थ के काम करनेवाले हैं?
30
क्या सब को चंगा करने का बरदान मिला है? क्या सब नाना प्रकार की भाषा बोलते हैं?
31
क्या सब अनुवाद करते हैं? तुम बड़ी से बड़ी बरदानों की धुन में रहो! परन्तु मैं तुम्हें और भी सब से उत्तम मार्ग बताता हूं।।
Praise you Jesus Abba , Hallelujah
Yes amen amen hallelujah hallelujah hallelujah hallelujah hallelujah
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1
"हे भाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक बरदानों के विषय में अज्ञात रहो।"
2
"तुम जानते हो, कि जब तुम अन्यजाति थे, तो गूंगी मूरतों के पीछे जेसे चलाए जाते थे वैसे चलते थे।"
3
"इसलिये मैं तुम्हें चितौनी देता हूं कि जो कोई परमेश्वर की आत्मा की अगुआई से बोलता है, वह नहीं कहता कि यीशु स्त्रापित है; और न कोई पवित्रा आत्मा के बिना कह सकता है कि यीशु प्रभु है।।"
4
"बरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है।"
5
"और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है।"
6
"और प्रभावशाली कारर्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमशॆवर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है।"
7
किन्तु सब के लाभ पहुंचाने के लिये हर एक को आत्मा का प्रकाश दिया जाता है।
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क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुद्वि की बातें दी जाती हैं; और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें।
9
और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का बरदान दिया जाता है।
10
फिर किसी को सामर्थ के काम करने की शक्ति; और किसी को भविष्यद्वाणी की; और किसी को अनेक प्रकार की भाषा; और किसी को भाषाओं का अर्थ बताना।
11
"परन्तु ये सब प्रभावशाली कारर्य वही एक आत्मा करवाता है, और जिसे जो चाहता है वह बांट देता है।।"
12
"क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।"
13
"क्योंकि हम सब ने क्या यहूदी हो, क्या युनानी, क्या दास, क्या स्वतंत्रा एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम एक को एक ही आत्मा पिलाया गया।"
14
"इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्तु बहुत से हैं।"
15
"यदि पांव कहे: कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं?"
16
"और यदि कान कहे; कि मैं आंख का नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्या वह इस कारण देह का नहीं।"
17
यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता?
18
परन्तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है।
19
"यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?"
20
"परन्तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्तु देह एक ही है।"
21
"आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं।"
22
"परन्तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।"
23
और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं।
24
"फिर भी हमारे शोभायमान अंगो केा इस का प्रयोजन नहीं, परन्तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो।"
25
"ताकि देह में फूट न पड़े, परन्तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्ता करें।"
26
"इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्द मनाते हैं।"
27
"इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।"
28
"और परमशॆवर ने कलीसिया में अलग अलग व्यक्ति नियुक्त किए हैं; प्रथम प्रेरित, दूसरे भविष्यद्वक्ता, तीसरे शिक्षक, फिर सामर्थ के काम करनेवाले, फिर चंगा करनेवाले, और उपकार करनेवाले, और प्रधान, और नाना प्रकार की भाषा बालनेवाले।"
29
क्या सब प्रेरित हैं? क्या सब भविष्यद्वक्ता हैं? क्या सब उपदेशक हैं? क्या सब सामर्थ के काम करनेवाले हैं?
30
क्या सब को चंगा करने का बरदान मिला है? क्या सब नाना प्रकार की भाषा बोलते हैं?
31
क्या सब अनुवाद करते हैं? तुम बड़ी से बड़ी बरदानों की धुन में रहो! परन्तु मैं तुम्हें और भी सब से उत्तम मार्ग बताता हूं।।
Jay Masih ki Sir Ji 🙏
PRABHU ki mahima ho
God bless you
God bless you Suraj bhaiya🙏🏻
Praise,the,Lord, thank U Jesus❤❤❤❤❤ Jay Masih ki❤❤❤
Amen Amen God bless you pastor Amen
Such a powerful message ❤thank u pastor ji
Praise the lord 🙏🏻
Hallelujah🙌 praise the Lord dhanwaad Prabhu yeshu aapki stuti ho aapka dhanwaad ho aapki mahima aprampaar ho Prabhu aapke har ek bhalaiyoke liye aapka koti koti dhanwaad karti hu Prabhu me aapke piche piche chalungi aapke Sare vachanoko pura krungi Prabhu aap mahan chamtkaari skatishali dayalu prameshavar ho aapka gorav hob❤❤❤❤❤❤❤you jesus Christ🙏🙏 Amen🙏🙏❤❤🙏❤🙏❤🙏❤🙏🙏🙏🙏
Praise the lord Haleluyah Haleluyah Haleluyah
Hallelujah
Yishu Masih ki Jay
Yeshu naam mai samarth wo hi power aur Jeewan h uske naam ki Mahima ho
God bless you 🙏 Amen 🙏🙏🙏
Good morning achase batai a thank you pricing ser Good bless you ❤❤❤
God Bless You dear 🙌🏻
Praise the Lord.
Praise the lord 🙏🏻
Hallelujah Hallelujah Hallelujah 🙌
Hallelujah amen praise the lord
Bolna chahiye but jo khuda ki our se ho to transletor bhi hona chahiye isa baibal kehti hai १ करिंथ 14:13, 27
[13] अन्य भाषा बोलणार्याने आपणाला अर्थ सांगता यावा म्हणून प्रार्थना करावी.
[27] अन्य भाषा बोलायच्या तर बोलणारे दोघे किंवा फार तर तिघे असावेत; अधिक नसावेत व त्यांनी पाळीपाळीने बोलावे; आणि एकाने अर्थ सांगावा.
Humari khud k vasa ko chhod kar others languages wo sab humare liye anya vasa hai or uska translation v hai, agar koi translate na kare to chup rahe, har vasa ka anuwad hota hai.
क्या पवित्र आत्मा आता जाता है नहीं वह हमारे साथ सर्वदा रहता है जिस दिन हमने अपना जीवन प्रभु को दिया उसी दिन हमारे अन्दर पवित्र आत्मा आ जाता है लिखा है बिना पवित्र आत्मा के यीशु को प्रभु कोई नहीं कह सकता
तो brother पतरस ने प्रभु का इनकार क्यो किया ??
@@vishalkarke6292 Brother, पवित्र आत्मा चेलों पर पेंटीकस्ट के दिन उतरा था।
@@RohitKumar-fl3cu पवित्र आत्मा एसे ही किसी पर नहीं आता प्रेरित 5/31,32
@@RohitKumar-fl3cu ईशु को प्रभू कहने का अर्थ क्या है बताएंगे भईया जी
पतरस ने कब इनकार किया। पवि त्र आत्मा पाने के बाद या पहले ।
Praise the lord Hallelujah hallelujah Ameen God bless you Hallelujah Ameen
God bless you sir✝️✝️🙏🙏
God bless you 🙌🏻
आमेन
Bro Suraj sir, अन्य भाषा के बारे सही जानकारी दीजियेगा। आजकल " अन्य भाषा" की गलत व्याख्या की भरमार है।
@@sushilkumarbage4248 मैं चाहता हूं, कि तुम सब अन्य भाषाओं में बातें करो, परन्तु अधिकतर यह चाहता हूं कि भविष्यद्वाणी करो: क्योंकि यदि अन्यान्य भाषा बोलने वाला कलीसिया की उन्नति के लिये अनुवाद न करे तो भविष्यद्ववाणी करने वाला उस से बढ़कर है।
1 कुरिन्थियों 14:5
इसलिये हे भाइयों, यदि मैं तुम्हारे पास आकर अन्य अन्य भाषा में बातें करूं, और प्रकाश, या ज्ञान, या भविष्यद्वाणी, या उपदेश की बातें तुम से न कहूं, तो मुझ से तुम्हें क्या लाभ होगा?
1 कुरिन्थियों 14:6
इस कारण जो अन्य भाषा बोले, तो वह प्रार्थना करे, कि उसका अनुवाद भी कर सके।
1 कुरिन्थियों 14:13
इसलिये यदि मैं अन्य भाषा में प्रार्थना करूं, तो मेरी आत्मा प्रार्थना करती है, परन्तु मेरी बुद्धि काम नहीं देती।
1 कुरिन्थियों 14:14
इसलिये अन्य अन्य भाषाएं विश्वासियों के लिये नहीं, परन्तु अविश्वासियों के लिये चिन्ह हैं, और भविष्यद्वाणी अविश्वासीयों के लिये नहीं परन्तु विश्वासियों के लिये चिन्ह हैं।
1 कुरिन्थियों 14:22
सो यदि कलीसिया एक जगह इकट्ठी हो, और सब के सब अन्य अन्य भाषा बोलें, और अनपढ़े या अविश्वासी लोग भीतर आ जाएं तो क्या वे तुम्हें पागल न कहेंगे?
1 कुरिन्थियों 14:23
यदि अन्य भाषा में बातें करनीं हों, तो दो दो, या बहुत हो तो तीन तीन जन बारी बारी बोलें, और एक व्यक्ति अनुवाद करे।
1 कुरिन्थियों 14:27
परन्तु यदि अनुवाद करने वाला न हो, तो अन्य भाषा बालने वाला कलीसिया में शान्त रहे, और अपने मन से, और परमेश्वर से बातें करे।
1 कुरिन्थियों 14:28
आज का प्रचार तेल पाणी की अडव्हटाई ज कर रहे है 😂😂😂
पास्टर लोग उलटी सीधी सिखाते हैं और सुनने वाले हल्लेलूयाह हल्लेलूयाह चिल्लाते हैं। आजकल ऐसा ही हो रहा है।
Agar sahi pavithra vachan bole toh hallelujah hi bolna hoga aap kisi ke bolne se vachan ko galat nahi keh sakthe Agar samajna hai toh pavithra aathma ke liye prathna kariye jarur prabhu aapko asish karenge koi pastor aapko nahi prabhu karega
All are great pastor,,,, Amen
Amen❤ Jesus Ji❤ God bless you❤ Brother Ji❤
Anya bhasha ko aj k christian teacher bahut hi galat tarike se le rhe.
Abya bhasha thi lekin aj iski jarurat nhi rahi
Anya bhasha ka vardan shuruaat k chiriastian teachers ko diya gaya tha jo wo sab Yahudi the.
Prabhu Yeshu ne chelo se kaha saare jagat me suvarta pahuchao jiske liye unhe Anya bhasha ka vardan diya taki wo logo Anya bhasha yani ki Hindi, Tamil, Matathi, Gujarati, Japanese, chinese, jesi bhasha bol sake yeh bhasha
Ye sab bhasha Un Yahudio ke liye Anya bhasha thi., na ki raba raba saba saba jaise bematabl ke words jiska koi matlab nhi nikalta
Aj agar apko bahut si bhasha aati ho lekin saari yo nhi
Agar koi Bharatiy person jisko Africa ke bhasha ka koi gyan nhi wo achanak Africa ke logo ko Africa ki bhasha me Susamachar sunane lge to to wo he asali anya bhasha ka vardan
Muje Tamil nhi aati pr me Tamil mr Yeshu ka sandesh dene lagu to wo h anya bhasha ka vardan naa ki raba raba saba aise krke log Holy Spirit ka majak bna rhe h 😢
Daniyel Raj पवित्र आत्मा से भरे हूवे हे.वो अन्य अन्य भाषा संसार हम सब की भाषा हे.जो जीबरीश बोलते हे ऊनके खिलाब हे.(रबारबा शबा शबा ये सही नही हे .
इसमें कुछ हिब्रू और ग्रीक शब्द है
Kiya daniyel raj pastor. Hi Shahi he kiya or baki log jhute he.
हिब्रू कौन सा भाषा है जिब्रीश या दुनिया की भाषा@@Mayaramkharte
@RaviKumarRanjan-sh4pc हिंदी में इब्रानी अंग्रेजी में हिब्रू कहते है
जिनके पास अन्य भाषा का वरदान ही नहीं है वह लोगों को अन्य भाषा का गलत परिभाषा देते रहते हैं और glossa और gibbirsh का पाठ पढ़ाते रहते हैं जब की बाइबल में 1 kr 14 : 1,2 में यह कहता है " क्योंकि जो अन्य भाषा में बातें करता है वह मनुष्य से नहीं वह परमेश्वर से बातें करता है, इसलिए की उसकी बातें कोई नहीं समझता, क्योंकि वह भेद की बातें आत्मा में होकर बोलता है ।"
To aap abiswasi ho Kyoko like hy anya bassa biswasiyo ke like nahi hy
आगे भी पढ़ो भाई।।😢 कुरथीं :14 ,13 से आगे भी कुछ लिखा हे, 😢
१ कुंरिंथिंयों १४ :३९ में ऐसा क्यों लिखा है तो भईया बताऐं
Praise the lord Amen 🙏
आमेन 🙏🙏🙏
🎉❤ You are right pastor ji 🙏🙏
Very Depth......Thank You Pastor....Hallelujah
YES YES YES YES YES YES YES AMEN AMEN 🙏 HALLELUJAH 🙏 HALLELUJAH
Yes Brother, yes you are absolutely right. Christianity wants right teachers like you to teach the Gospel and the Holy Spirit GOD bless you my dear brother.
Thank you jejus love you jejus ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Praise Father Jesus Holy Spirit
Yes yes yes yes 🎉 paster ji 🎉
Hallelujah hallelujah hallelujah
Hallelujah
आजकल का अन्य भाषा बनाउटी होती है जब बाइबिल मे अन्य भाषा से एक शब्द नेही है तो लोगो को कैसे पता की यही प्रार्थना पौल या चेले बोला करते थे ? अन्य भाषा क्यू इतना जरूरी है जब परमेस्वर हर भाषा हर जाति की भाषा समझ लेता है ? अन्य भाषा आता है तो भी सिर्फ चार शब्द ,,राबा राबा साबा साबा लाबा लाबा साबा साबा क्या यही अन्य भाषा है ये जीभ की गड़बड़ी से होती है ये कोई अन्य भाषा नेही है धीरे और होस मे रह कर प्रार्थना करोगे तो अन्य भाषा नेही आएगी दौड़ दौड़ के तेज़ी से प्रार्थना करोगे तो अन्य भाषा जरूर मिल जाएगी 😂
Ye vasa kuch logo ne khud aawisakar kia hai jiska koi v kaam nahi, bas buswasio ko behkana hai
❤❤❤❤❤❤
Love you Jesus ❤❤❤❤❤❤❤
Ameen❤🎉
मसीह यीशु के लोगों मसीह यीशु के आने का समय हो गया है उसके बाद क्या पवित्र आत्मा से भरे जाएंगे अब आने वाले दिनों में तो मसीह यीशु आ जाएगा सावधान रहें रहे कोई तुम्हें भरमाने न पाए पवित्र बाईबल बताता है कि वचन से और बातों से कथा और कहानी से तो मेरे प्रियो पवित्र बाईबल पढ़ते हुए हमें देखने को मिलता है पवित्र आत्मा हमें सहाय करता है सत्य जानने के लिए
To prbhu yeshu ko pabtira atma kb mila tha ....batao....
Yes.Amen Hallelujah
Praise the lord
Nice video
Amen Amen Amen,
Prbhu ki mahima ho,
Wonderful massage brother ❤
Hallelujah.
Acts 2:17 is about the power of the Holy Spirit.
Acts 2:17
"In the last days, God says, I will pour out my Spirit on all people; your sons and daughters will prophesy, your young men will see visions, your old men will dream dreams".
Acts 2:17 is a prophecy that was partially fulfilled at Pentecost. The day when "all flesh" will have the chance to receive the Spirit has not yet occurred.❤✝️🙏
Praise the Lord Amen
Hallelujah 🙏🙌🙌
Brother prabhu apko asis de or bachan batane ki amen
येशू ने कहा विश्वास करने वालो के लिये सबकुछ संभव है l ओ दिन आने वाला है, उसदिन हरकोई कहेगा हे गुरु हे गुरु हमने तेरे नामसे दुस्ट आत्मा को निकाल है और तेरे नामसे बडे बडे अद्भुत कार्य किये है l गुरु कहेंगा में तुम्हे नही जानता l बायबल का परमेश्वर कहता हे वै अपना प्रतिफळ पा चुके l बायबल का परमेश्वर प्रभू कहता है जिसको जितना दिया हे उसीमे आनंद करे l amen😂
Prass the lord 🙏🙏🙏🙏🙏
God bless you
Amen ❤
God bless you brother g
Very nice
I am nothing without holy spirit
Thank you Jesus
YES HALLELUJAH AMEN
प्रभुकी महिमा हो बडा मजा आया।❤
God bless you 🙌🏻
Mithi बाटो मे ध्यान मतदो पर बाइबल के बचनोका एक एक सवदो पर कौन अच्छा से बेख्या कर्ताहै। उस पर ध्यान दो।😂😂✝️✝️✝️🫰🏻🫰🏻🫰🏻
अन्य भाषा है लेकिन आप जो बोलते हो वह अन्य भाषा नहीं जिब्रुस भाषा है
Jibrush ka matlab kya hota hai
Jiska koi Arth Na Ho
मत्ती 3:7 जब उस ने बहुतेरे फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा के लिये अपने पास आते देखा, तो उन से कहा, कि हे सांप के बच्चों तुम्हें किस ने जता दिया, कि आने वाले क्रोध से भागो?
और उपदेश करके उन से कहा, क्या यह नहीं लिखा है, कि मेरा घर सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा? पर तुम ने इसे डाकुओं की खोह बना दी है।
मरकुस 11:17
❤❤ right priching God bless you ❤❤
Hallelujah
Amen.❤.you.jejus
Thank you Jesus 🙏🏻
amen 🙏
व्यवस्था में लिखा है, कि प्रभु कहता है; मैं अन्य भाषा बोलने वालों के द्वारा, और पराए मुख के द्वारा इन लोगों से बात करूंगा तौभी वे मेरी न सुनेंगे।
1 कुरिन्थियों 14:21
इसलिये अन्य अन्य भाषाएं विश्वासियों के लिये नहीं, परन्तु अविश्वासियों के लिये चिन्ह हैं, और भविष्यद्वाणी अविश्वासीयों के लिये नहीं परन्तु विश्वासियों के लिये चिन्ह हैं।
1 कुरिन्थियों 14:22
सो यदि कलीसिया एक जगह इकट्ठी हो, और सब के सब अन्य अन्य भाषा बोलें, और अनपढ़े या अविश्वासी लोग भीतर आ जाएं तो क्या वे तुम्हें पागल न कहेंगे?
1 कुरिन्थियों 14:23
यदि अन्य भाषा में बातें करनीं हों, तो दो दो, या बहुत हो तो तीन तीन जन बारी बारी बोलें, और एक व्यक्ति अनुवाद करे।
1 कुरिन्थियों 14:27
परन्तु यदि अनुवाद करने वाला न हो, तो अन्य भाषा बालने वाला कलीसिया में शान्त रहे, और अपने मन से, और परमेश्वर से बातें करे।
1 कुरिन्थियों 14:28
Anya bhasha bina translate bolna kaa koi fayade nhi hai ..1Corinthia.14 ache se read kre
तुम सिर्फ कमेंट तक ही सीमित है भाई
Good answer according to Bible
@@VijayMeda24polous Corinthians ki kalisiya me kisliye gaya tha?
📖📝
Paise The Lord ameen 🙏👏 Shalom brother
Amen 🙏🙏🙌🙌🙌🙌🙏🙏👍
Amen
अन्य भाषा अलग है और जिब्रिस
भाषा अलग है
Thank you dear pastor brother ❤❤❤
Bible ke hisab se anya bhasa aj tak mojud hai . Par afsos wo bina soche samjhe kuch pracharak ki baatein me aajate hain.. bible Ke acording ye gift of the holy spirit hai or shaitan isse nafrat karta or isko nahi samajhta or Achanak uske kaamo me fire girte hain, isi liye usne isko band karne ke liye kuch logo ko rakha hai ..
We need to pray always in spirit.. and thanks to be God for other tongues 🎉❤
Yes AMEN ❤❤❤
Amen 🙏 hallelujah thank you Jesus I need your help God bless you brother
Yes lord
aap sabhi ko jai masih ki amen