सच है.आचार्य जी को सूनने के बाद ही सही जिवन समझ में आया.आज हम जागरुक हो रहे हैं प्रकॄती को कोई पिडा पहुंचाता हैं तो हम पूरजोर विरोध करने का प्रयास करते हैं.नमन आचार्य जी.
प्रेम बड़ी मुक्त चिड़िया है, खुले आकाश में ही उड़ती है। ज़रा-सा उसे बंधन दोगे, तो वो ख़त्म हो जाएगी। जैसे धूप, धूप को पकड़ना चाहोगे, नहीं पकड़ पाओगे। क्योंकि जहाँ तुमने धूप को पकड़ने के लिए कुछ भी करा, छाया आ जायेगी। 🎉🎉🎉
बहुत ही ज्ञानवर्धक इंटरव्यू 💞💞
सच है.आचार्य जी को सूनने के बाद ही सही जिवन समझ में आया.आज हम जागरुक हो रहे हैं प्रकॄती को कोई पिडा पहुंचाता हैं तो हम पूरजोर विरोध करने का प्रयास करते हैं.नमन आचार्य जी.
🙏🙏🙏🙏💕💕💕💕🇳🇵
Thanks to acharya ji hum sb ka jeevan bdlne k liye 🙏
बहुत अच्छा ❤
सुंदर अवलोकन
Awesome ❤️❤️❤️🙏🙏
Main bhi❤❤❤
बहुत सुंदर 🌱🌱🌱🌱
❤❤❤❤
Great ❤❤❤❤
Behtreen
प्रेम बड़ी मुक्त चिड़िया है,
खुले आकाश में ही उड़ती है।
ज़रा-सा उसे बंधन दोगे,
तो वो ख़त्म हो जाएगी।
जैसे धूप,
धूप को पकड़ना चाहोगे,
नहीं पकड़ पाओगे।
क्योंकि जहाँ तुमने
धूप को पकड़ने के लिए
कुछ भी करा,
छाया आ जायेगी।
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Great 👍
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❤️❤️
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