Online Attendance: शिक्षकों की हाजिरी पर सियासत तेज, कैबिनेट मंत्री Rakesh Sachanने दिया बड़ा बयान |
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- Опубликовано: 13 сен 2024
- ABP News: उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की डिजिटल अटेडेंस के मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है. सोमवार को शिक्षकों ने ऑनलाइन अटेडेंस के विरोध में सड़क पर उतरकर धरना प्रदर्शन किया जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हैं. इस मामले को लेकर अब योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ने बड़ा बयान दिया है...जिसमें उन्होंने शिक्षकों पर बड़े आरोप लगाए है.
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विधायको के बच्चे सरकारी स्कूलों को पढ़ने लगे तो सारी व्यवस्था सही हो जाय
Right
@@shrestha_singh prt ke teacher ko padhne chahiye phle
7 साल से शिक्षामित्रों का मानदेय क्यों नहीं बढ़ाया गया ?
8 हजार शिक्षामित्र क्यों मर गये आपके राज में ?
अनुदेशकों से आप क्यों लड़ रहें हैं मा० सुप्रीम कोर्ट में !
प्राइवेट स्कूल में शिक्षक केवल पढ़ाते है वो भी क्रीम बच्चों को और उसमें भी बच्चों को ट्यूशंस लेनी पड़ती है
इतने पढ़ा दिये कि सरकार को उनके लिए रोजगार देना मुश्किल हो रहा है।
To aap chahte hai scholarship hi bad kiyejaye o teacher bhi apne ghr baith kar jo chahiye vo kare. Ha na
4-4 पेंशन लेते हैं ये नही बताया मंत्री जी ने, अध्यापक को रफ एंड टफ बना दिया है ये नही बताया मंत्री जी ने।
हर विभाग में ऑनलाइन अटेंडेंस कराओ ।
पहले नेता विधायक का क्षेत्र में अपने कराओ😂
आप जो दो दो तीन तीन फ्री का पेंशन पाते हो, जनता के बीच कितना जाते हो मंत्री जी।
जनता की गाढ़ी कमाई, पेंशन के रूप में लूट रहे हो।
5 sal me kbhi apne area me dikhte nhi... Aur gyan de rhe
मंत्रियों का सबसे अधिक वेतन दिया जाता है उनके यहां डिजिटल हाजिरी की क्यों नहीं व्यवस्था की जाती अब तक क्यों नहीं की गई है
Ye salary based hote hi nhi.. inko maandeya hota hai to hamare shikshamitra aur anudeshak ko 8-10K se hi nipta de rahe hain
@@DPSingh-rw5qi 🤣🤣vo Jan pratinidhi hai sarkari naukar nhi jo naukri hai iski tum kaamchoro ki tarah
@@itsrony0075 to pension q bandhti h unki.
@@itsrony0075 janpratinidhi hain ki tumhare najayaj baap Hain? Sidha bolo na
@@itsrony0075osdi k loktantrik desh h koi kisi ka naukar nahi hain tere jeso k alawa. Naukri k liye competition crack karna padta h apni dum k . Murder forgery karke aur paise baant k nahi milti ye netaon ki tarah
आपकी बार हम लोग मिलकर आपको रिटायर करने का काम करेंगे
कियोकि आपकी बुद्धि अब काम नही कर रही हैं आपकी सरकार हमेशा प्राइवेट संस्थाओं का साथ दिया हैं
अबकी बार आपकी सरकार अंतिम सरकार
Bina private ke koi bhi sanshtha nahi chala skate Har sarkari vibhag private se kyu peeche hai
Aap log desh hi ki baat Kab karte ho
@@uttampradeep6273saare praivet sansthaan inhi netao ke jo thahre, ghotale ka maal jo hai
Bewkoofi bhara bayaan..
ये उन्ही से पढ़े है जिनको कह रहे गायब रहते है!
किस परिवेश के बच्चे कहां पढ़ते हैं ये भी देखना होगा मंत्री जी । अपना काम ईमानदारी से करते हैं श्री मान जी?
इस नेता से एक बात जानना चाहता हूं अध्यापकों ने कब मना किया था डिजिटल हाजिरी देने के लिए अध्यापकों की जो मांग है उसको क्यों नहीं माना जा रहा है अध्यापकों की मांग है 31El 15Half Cl, निशुल्क चिकित्सा बीमा और राज्य कर्मचारी का दर्जा क्यों नहीं दे रहे हैं बस यही कारण है
Sab aaphi ko de dijiye pension chahiye el cl achha grade pe sab aapko hi mile ,kam hai to resign kijiye bahut log hai
हत्या में प्रयुक्त रायफल इनकी गाड़ी से ही बरामद हुई थी ये कानपुर के अदालत में जजमेंट की फाइल लेकर भाग गए थे और जब मामला सेट कर लिए तब अगले दिन हाजिर हुए थे और सज़ा मात्र 1 साल की हुई जिस पर स्टे लेकर ये मंत्री बने हैं।
ये सजाएफ्ता हैं
Sir, aapki sab maang thik hai..but kisi maang me ye kyo nahi rakhte ki hamari summer aur winter vacation cancel kiya jaye.aaplog 31 el , 15 hf cl summer, winter vacation sab chahiye..
@@ravikumarsingh5616 जब कोई व्यक्ति नौकरी लेता है तो किसी को गिफ्ट में नहीं मिल जाती है उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है और वह मेहनत अपने की नहीं है इसीलिए आप बाहर हो और उल्टी सीधी बातें लिख रहे हो
@@ankitagrawal294 आप अध्यापकों का सम्मान नहीं करना जानते हो आपके गुरु दो ही हैं एक मां बाप और दूसरा शिक्षक जिन्होंने आपको पढ़ाया है आप अपनी मानसिकता को सुधारो
तुम चाचा कैबिनेट मंत्री हो पहली बार देखे यार तुम्हे
ये लुढ़कने लौटे हैं...जहां टिकिट मिलती है चिपक लेते हैं.. पहले सपा फिर कांग्रेस अब बीजेपी 😁 जीने खुद का ईमान नही है वो भी ज्ञान देंगे अब
😂
बुडौ का उम्र के साथ दिमाग सटक गया है
Bhai kanpur ka hai ye , bahut तगड़ा पैसा पार्टी में देकर मिनिस्टर का पद पाया है
@@KuldeepSingh-kt8yc tbhi to party k bol bol rha h. Sb pad ka laalach.
अपने वेतन ,,पेंशन और भत्ते को क्यों नही बताते श्रीमान,,,जब बात जनता की आती है तो उसके बच्चों को संविदा और आउटसोर्सिंग ,,अपने बच्चों को लंदन और अमेरिका में
इन नेताजी से जरा ये पूछिये कि स्कूल में ये शिक्षकों को रहने कहाँ देते है किसी न किसी काम में उलझाये रहते हैं
अब शिक्षा मित्रों से चुनाव ड्यूटी करवा के दिखाओ, सिर्फ स्कूल का काम करेंगे, पोलियो, सर्वे, बीएलओ, चुनाव कोई और काम नहीं।
2027 me bjp yogi bhi gayab honge up se 😂😂😂😂
टीचरो का वोट 1% भी नही है ये क्या कर लेंगे सरकार अगर डिजिटल हस्ताक्षर लागू करती है या टीचरो को बर्खास्त करती है तो जनता सरकार के साथ खड़ी होंगी बच्चो के भविष्य के लिए
@@vimleshup6044बिल्कुल बच्चों के फ्यूचर का सवाल ह 😢
@@yadavg628
बच्चो की शिक्षा का नही
तुम्हारी नौकरी सवाल है
बुरा मत मानना मै. भी बेरोजगार हू
Ghanta kch nhi kar payenge aur itna ghar baithne ka shauk hai to resign karo aur bhago
@@vimleshup6044महोदय लोकसभा चुनाव में परिणाम देख चुके हो आगे भी देखना।
टीचर नहीं पढ़ाते तो ये अधिकारी कहां से आ रहें हैं?
माननीय पेंशन ले रहे है पहले उनको भी एनपीएस में होना चाहिए
इस बार राकेश सचान को सारे शिक्षक परिवार राजनीति से बाहर का रास्ता दिखाएंगे
मंत्री जी आप अपने विधान सभा क्षेत्र में तथा मंत्रालय में कितने ईमानदारी से काम करते हो, कितना आते जाते हो सभी लोग जानते हैं। पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखिए फिर दूसरे के ऊपर बात कीजिए।
यह नेता अपनी सुविधाएं, ops कब बंद कर रहे है
Aapke time hota ho ga ab nhi hota teacher ko bdnam mat kro aapko bhi kisi teacher ne phdaya hoga
अरे नेता जी,अपने ऑफिस में करके दिखाओ। कोरोना कल में 1600 टीचर मरा था, कोई नेता नही।
वो भी आपके चुनाव की ड्यूटी करते हुए।
Haram ka khana band Karo
Sirf teacher hi mra tha kya bhn ji...soch bdlo ...rule bilkul shi hai
Kch pata h ki bs Gyan pelna h@@Arunkumar-tc7tf
@@HarshSingh-lx4kupahle hamare barabar pahucho Gyan met pelo mehnat krke yaha tak pahuche h teri tarah haram ka nahi khate
शिक्षामित्र का भी कुछ भला होगा इस सरकार में
😂😂 मैडम जी एग्जाम क्लियर करो
कितना फ्री में लोगे अबतक।।
आप जैसी मैडम मेरे गांव में भी है उनका बी सपना आप जैसा ही है ।।आता कुछ नही क्या करेगे
😂😂
आप जो मलाई खाते हो ओ भी तो जनता का पैसा
टीचर पढ़ता नही तो बच्चे कैसे पढ़ जाते हैं
Tueshan se padhai chalu raheti hai
Parents tution bhejne ko tho taiyar hai par school se bachoon ko roj chutti chaiye
Private school kyo chal rhe ...itna achha pdate hote
निजी स्कूल मे
@@PremPal-ho1yc padahte kewal Mid day meal khilate ho aur bacho ko bekar karye ho
नेता किस काम की सेलरी लेते है इस पर नही मुह खुलेगे
Jhoot bolne ki or janta ko gumrah krne ki
Bilkul sahi kaha
शिक्षा निदेशालय में कुछ दिन पहले 85 कर्मचारी अनुपस्थित मिले ये नही बताया मंत्री जी ने। या अन्य विभागों में सब रोज ही आते ये भी नही बताया। पहले मंत्री, विधायक, सांसद रोज डिजिटल हाजिरी लगाए संसद में तब बेसिक में लागू करें।
कभी शिक्षक डिजिटल अटेंडेंस का विरोध नही किया। बस केवल कुछ मूलभूत मांगे हैं जिन्हे सरकार से विनम्र निवेदन के साथ मान जाएं। माननीय मंत्री जी कृपया संज्ञान लें।
सचान जी कितने दिन विधानसभा के सत्र में उपस्थित रहते हैं और कितने दिन ऑफिस में रहते हैं कितने दिन दौरा करते हैं इसका भी तो हिसाब किसी को देना चाहिए
देवेंद्र प्रताप सिंह सर आपका बहुत बहुत धन्यवाद क्योंकि आपने अध्यापकों के दर्द को समझा है
नेता साहब का भी डिजिटल अटेंडेंस लगवाए
जिस क्षेत्र से विधायक सांसद बने है😂
मजा आ जायेगा🎉
इन नेता जी की भी डिजिटल हाजिरी होनी चाहिए अपने क्षेत्र में और विधानसभा में।
ये निजी विद्यालयों को आगे बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं।जब तक सरकारी विद्यालयों को, शिक्षकों को बुरा नही बताएंगे तो इनको निजी विद्यालयों से कमीशन कहां से मिलेगा।
सरकारी विद्यालयो में भी प्ले नरसरी के जी , यूकेजी क्यो नही ? प्राइवेट बुकस 2.5 year में एडमिशन कक्षा एक से पहले 3.5 वर्ष प्री पढ़ाई लागू करवा दे पूरा स्टाफ दे शिक्षक को 50 सो प्रकार के फालतु कामो से मुक्ति दो , शिक्षक को सम्मान दो फिर तुलना करना निश्चित ही सरकारी स्कूल के बच्चों से कोई नहीं जीत पाएगा
सभी विभागों में लागू होना चाहिए। सिर्फ टीचर ही क्यों
जिनके घर कांच के बने हो वो दूसरे के घर पत्थर नहीं फेकते मंत्री जी
सुना है कि सजा की फाइल लेकर एक मंत्री जी भागे थे
इनकी भी ऑन लाइन अटेंडेंस होनी चाहिए कि अपने क्षेत्र में कितना जाते है
डिजिटल अटेंडेंस होना चाहिए क्योंकि सरकारी स्कूल में केवल गरीबो के बच्चे ही पढते है अमीरो के नही खुद टीचर अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाते हैं लेकिन ये सभी सरकारी कार्यालय लागू होना चाहिए 👈
Pvt school itna he accha h to unke students coaching kyu jaate hain??
@@Jdrs6309 बहुत से माता-पिता अपनी इच्छा से कराते होंगे , बहुत ऐसे भी होंगे जिन्होनें स्कूल में खराब प्रदर्शन के कारण कराते होंगे , मैने खुद छोटे मोटे प्राइवेट स्कूल में 5 तक प्राइवेट स्कूलों से पढ़ाई की उशके बाद सरकारी स्कूल से ही पढ़ाई की जिसके कारण मै ये बात कही और मैने खुद10 पास करने के लिए कोचिंग की मदद ली क्योंकि सरकारी स्कूल में पढाई का स्तर दशको पहले नील बटे सन्नटा था👈
Sarkari teacher se faltu ke 36 kaam lete hai akhir wo padhaye kab
Mp mla bhi gayab rehte inki bhi online attendance lagni chahiye kuchh kam nhi karte h 😂😂😂😂
मंत्री जी गाड़ी और ac में रहने वाले l पूरे विद्यालय में मैं अकेला अध्यापक हूँ l कक्षा 1 से कक्षा 5 तक बच्चों पढ़ाता हूँ l मैंने bsa sir likh कर दिया l transfer भी जिलों में हुए l लेकिन हमारे यहाँ कोई अध्यापक नहीं नियुक्त किया गया l क्या private स्कूलों एक अध्यापक पढ़ाता है l सरकारी स्कूलों टेस्ट लेने के बाद admition क्यों नहीं होना चाहिए l टीचर तय करेगा admition किस क्लास में होना चाहिए l yaa आंगनवाडी में ही अभी पड़ेगा l लेकिन ऐसा नहीं होता l तो फिर private स्कूलों से कैसे तुलना हो सकती है l
जो खुद चोर है वो दूसरों को भी चोर समझता है
इसने तो अपनी आने वाली 3 पीढ़ी को सुरक्षित करके ली होगी इसकी सम्पत्ति की जांच होनी चाहिए
आज भी शिक्षक चटाई पर बैठ रहा है पहले बच्चों के बारे तो सोच ले।जितनी देर स्कूल रहता है उतनी देर लाईट आनी चाहिए।
आप तो जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं मामा जी।
आपको इस तरह की बाते शोभा नही देती।
याद रखिए जरूरी नहीं कि विपक्ष ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए शिक्षकों का पक्ष रख दिया तो शिक्षक का मुद्दा आपके लिए विरोध का मुद्दा बन गया।
Shikshak ka apman ker rahe hai aise neta jo education se pare hai
आपके dm sdm bahut kaam karte hai आप कितना समय से जानते h sir
प्राइमरी को सरकार झोला,बोरा,कटोरा का केन्द्र बना दिया गया है। विद्यालय 10 से 4 कर दिया जाय सारी समस्या अधिकारी है।
मंत्री जी पहले किसी सरकारी स्कूल में आए देखे सुविधाएं और वर्तमान स्थिति विद्यालय में एक आम आदमी बन कर आएगा ......अधूरा ज्ञान ठीक नहीं है
सबसे पहले तो मंत्रियों के पेंशन बंद होना चाहिए | ऑफिस में बैठकर बात करना और प्राइमरी स्कूल में जाकर देखें
इलेक्शन जितने के बाद 5 साल नेता नही दिखते ।
क्यों नहीं डिजिटल अटेंडेंस की शुरुआत आपसे हो 👍
AC से निकल कर कभी विद्यालय जाकर भी देखिये
दीजिए ऐसे ही बयाना फिर 2027 में काम हो जायेगा
भा ज पा एक ऐसी सोच जिसके कार्यकाल मे हर आदमी परेशान और जिसके कार्यकाल मे हर विभाग का बेडा गर्क हुआ है
हां भाई आप ही लोग इमानदारी से बता रहे हैं की दाल 100 रुपया किलो मिल रहा है
हत्या में प्रयुक्त रायफल इनकी गाड़ी से ही बरामद हुई थी ये कानपुर के अदालत में जजमेंट की फाइल लेकर भाग गए थे और जब मामला सेट कर लिए तब अगले दिन हाजिर हुए थे और सज़ा मात्र 1 साल की हुई जिस पर स्टे लेकर ये मंत्री बने हैं।
ये सजाएफ्ता हैं राकेश सचान
😅😅😅😅
@gaurav
और ऐसे लोग ही शिक्षकों को कामचोर बता रहे हैं
किसी ने कहा है न कि चोर को चोर ही नजर आते हैं bhadauria6676
सरकार के कैबिनेट मंत्री जी कम से कम जाकर दिशा और दशा देखी स्कूलों की तब बोलिए हम भी एक कार्यकर्ता हैं
खुद इतनी सुविधा मिलने के बाद भी कही समय पर नहीं पहुंचते ।टीचर तो विशेष परिस्थितियों में ही कभी लेट होता है
अभिषेक जी ! एक RTI लगाइए
1> उ प्र में कुल कितने प्रा वि हैं
2>इनमें से कितने प्रा वि ऐसे हैँ जिसमें स्थायी शिक्षकों की संख्या 1 है
3>कितने प्रा वि ऐसे हैं जिनमें स्थायी शिक्षकों की संख्या 2 है
4>कितने प्रा वि ऐसे हैं जिनमें स्थायी शिक्षकों की संख्या 3 है
5> कितने प्रा वि ऐसे हैं जिनमें स्थायी शिक्षकों की संख्या 4 है
6> कितने प्रा वि ऐसे हैं जिनमें स्थायी शिक्षकों की संख्या 5 है
7> गत शैक्षिक सत्र में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यलय से कुल कितने आदेश पारित हुए जिनका अनुपालन अंतिम रूप से प्रा वि के शिक्षकों को करना था।
आपको किसी पूर्वाग्रसित राजनीतिज्ञ से अपने सवाल करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। 🙏🙏
किसी विद्यालय में जाकर तो देखिए कि कितनी बिजली आ रही है
पूरे पूरे दिन पसीना पोंछते हुए बच्चे और शिक्षकों की हालत खस्ता हो जाती है
आज ही बच्चे बेहोश होकर गिर रहे थे
ये मंत्री भी उसके पाप के भागी हैँ, ये जो डींगे मार रहे
संसद में और विधान सभा में माननीय सदस्य रोज आते हैं क्या। मंत्री जी ने ये नही बताया बिल्कुल
माननीय मंत्री जी,
शिक्षक डिजिटल उपस्थिति का विरोध नहीं कर रहा,बल्कि शिक्षक को यही अवसर मिला है अपनी आवश्यक मांगों को पूरा करवाने के लिए।
ये जो पत्रकार मंत्री जी से प्रश्न पूछ रहा है वो भी मिला हुआ है। वीडियो में बार बार कट लगा हुआ है ऐसा लग रहा है "कैमरा- एक्शन- कट" कई बार हुआ है।
इंटरव्यूअर :- सर मैं अब ये प्रश्न पूछने जा रहा हूं। इसका अच्छा सा जवाब सोच लीजिए।
यदि इसे ऐसे कहेंगे तो पब्लिक में ऐसा मैसेज जायेगा। जिससे आपका वोट बैंक बढ़ेगा।
........ :- हां ठीक है, अगला टेक शूट करते हैं।
सभी माननीयों से अनुरोध है कि प्रत्येक राज्य में सरकारी स्कूलों मे ध्यान देने की जरूरत है
अनुदेशको को न्याय कब मिलेगा मंत्री जी
हमारे गुरुजन बहुत महनत करते है उनको सिर्फ़ ओर सिर्फ़ शिक्षण कार्य ही कराना चाहिये फिर देखना private स्कूल बहुत पीछे छूट जाएंगे 🇮🇳
मा० मंत्री जी ने सही कहा है। प्राथमिक विद्यालय में आनलाइन उपस्थित कराना सरकार का सही कदम है।जनता सरकार की नीति का समर्थन कर रही हैं।
Netao k liye bhi ye system lagu kyu nahi hota
सरकारी स्कूलों में बच्चे फ्री में पढ़ने नहीं जाते,
प्राइवेट में भारी भरकम फीस देकर पढ़ाना मजबूरी हो गई जनता की मंत्री जी ठीक हैं।
मन्त्री जी आप गाँवो के स्कूलों में जाकर देखिये और शिक्षकों को स्कूल में ही रहने के लिए कमरे बनवा दीजिए । तभी online हाजिरी शिक्षक दे पाएंगे तथा सबसे पहले online हाजिरी सभी विभागों के अधिकारियों
पर लागू की जाए ।
विधान सभा में भी डिजिटल हाजिरी शुरू किया जाय जिससे की वहां भी सुधार हो ।
ऑनलाइन अटेंडेंस का विरोध नही है लेकिन पहले शिक्षको कि मांग को पूरा करो और उन्हें केवल शिक्षण कार्य ही करने दिया जाये
ये भी ऑनलाइन वाले ही मंत्री हैं इनको भी जमीन की हकीकत का कोई अता पता नहीं हैं।ये जनाब जो खुद अपने क्षेत्र से गायब रहते हैं ये अध्यापकों पर ज्ञान दे रहे हैं बैठ के।
सचान बताए इन नेताओं को तो पेंशन है शिक्षकों को क्यों नहीं है
देवेंद्र प्रताप सिंह बहुत सुलझे हुए नेता है मुझे गर्व है डेटा दुरुस्त है देवेंद्र जी आप किसी भी पार्टी से चुनाव लडे शिक्षक समाज आपके साथ है ❤❤❤❤
Gaon mein school hai pura pura din light gayab rahati hai
गुणवत्ता मे सुधार होगा कृपया अपने बच्चों को ओर रिस्तेदारों को सरकारी स्कूलों भेजिए जिनका कही एडमिशन कही नही होता वे सरकारी वे सरकारी विद्यालयों में आते हैं।
चुनाव के बाद नेता गायब हो जाते है , ऐसे ही यूपी से वोट गायब हो रहे है बिना वजह के परेशान करने से।
शिक्षको की मांगों को सरकार मन ले शिक्षक आनलाइन हाजिरी देने के लिए तैयार है।
एक बार विधायक बनकर अपने कई पीढ़ियों के लिए इंतजाम करने वाले,चार चार पेंशन खाने वाले,फ्री आवास,फ्री वाहन,20- 20 सुरक्षा कर्मी लेने वाले,ना जाने कितने भत्ते,कितने कमीशन खाने वाले ये नेता जी शिक्षकों की सैलरी देखकर लार टपका रहे.. वाह नेता जी।
सर एक बडी समस्या ये है कि जो अध्यापक सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है वो स्कूल आकर भी एक मिनट नही पढाते सिर्फ अपनी तैयारी करते है
Sachan साहब बहुत हिम्मत वाले व्यक्ति हैं वह बिल्कुल सच बोल रहे हैं.... शिक्षकों की लापरवाही एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने की कोई हिम्मत ही नहीं कर सकता क्योंकि शिक्षकों की आबादी किसी भी राज्य में बहुत बड़ी है इसलिए नेता अपना वोट बैंक खिसकने से डरते हैं
ये वही मंत्री जी है जिन्होंने मंत्री रहते हुए अपनी ताकत का दुरुपयोग कर छोटे उद्योग के लिए आबंटित किए जाने वाले प्लाट में से 72 प्लाट अपने और अपनी संस्थाओं के नाम पर अलॉट करवाये थे।
*और आज*
*रहे हैं*
*ज्ञान बांच*
जय हो 🤣
Sahi kha
तुम क्या फ्री के लिए मंत्री बने हो?
कहने से पहले सोच लेते की क्या मैं साफ सुथरा हूं और क्या शिक्षको पर लांछन लगाने लायक हूं।
अरे हां आप तो शिक्षको की गरिमा को क्या जानोगे?
बिना पढ़े ही कैबिनेट मिनिस्टर बन गए होगे। साहब शिक्षक बन ने के लिए जूते घिस जाते हैं।
माननीय मंत्री जी फिरोजाबाद में 6 शिक्षक प्रधानाचार्य रिटायर हुए अब तक देयकों का भुगतान नहीं हुआ है और अब तक अधिकारियों ने काम न करने पर रिश्वत देने को मजबूर होकर 30000-50000 तक अधिकारी लें चुके हैं माननीय मंत्री जी हमारे यहां राजकीय हाई,इन्टर कॉलेज में बायोमैट्रिक उपस्थिति बहुत पहले से है और उपस्थित का डी आई ओ एस कार्यालय में प्रिंट आउट भी जाता है तब वेतन मिलता है
वास्तव में शिक्षामित्रों के साथ बधुआ मजदूरी करवा कर अन्याय हो रहा है,ये अहम मुद्दा है।
प्राइवेट स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिय नर्सरी क्लास से ही ट्यूटर लगाना पढ़ता है । मां बाप रात दिन ध्यान रखते हैं बह अलग । सरकारी स्कूलों में मां बाप बच्चो को कभी स्कूल छोड़ने नही आते बल्कि किसी कार्य को वजह से बुलाने तो आ जाते हैं ।
एक और बात प्राइवेट स्कूल वाले मोटी फीस बसूलकर करोड़ों कमाकर रख लेते हैं और शिक्षकों को कम सैलरी देते हैं तो उनके शोषण के जिम्मेदार क्या सरकारी शिक्षक हैं । आपकी सरकार को नीतियां अच्छी नहीं है इसलिए युवाओं का शोषण हो रहा है ।
इस तरह के लोग जब मंत्री हैं तो bhagwan ही मालिक है
अधिकांश गायब रहते हैं इसीलिए तो ऑनलाइन/ डिजिटल हाजिरी का विरोध कर रहे हैं !! जो अध्यापक समय पर अपनी ड्यूटी पर जाता है और अपनी पूरी ड्यूटी करता है वो क्यों विरोध करेगा इस व्यवस्था का ?!!
माननीय मंत्री जी आपका भी विद्यालय चलता है आपके गांव में। क्या आप बताने का कष्ट करेंगे कि आप वहां पढ़ाने वाले टीचर्स से वही काम लेते हैं जो सरकारी अध्यापक करता है। सरकारी अध्यापक शौचालय की सफाई, रंगाई पुताई, जन गणना, बाल गणना, सांड गणना, कांवड यात्रा, संचारी रोग, रैली, जागरूकता अभियान पोलियो आदि तमाम तरह के काम करता है। सुविधा दे नहीं पाए और शिक्षकों पर उंगली उठा रहे हो। चुनाव आने दो पता लग जायेगा।
सचान साहब UP के विद्यालयों में सिर्फ पॉलिटिकल लीडर्स के बच्चों को पढ़ना अनिवार्य कर दीजिए कोई टीचर विरोध नहीं करेगा और शिक्षक भी सुधर जाएंगे और व्यवस्था भी।🙏 रही प्राइवेट में अच्छी शिक्षा की बात तो higher education में सरकारी कॉलेज के लिए मारामारी क्यूं है??
ये मंत्री क्या करते है टीचर्स ही पढ़ाए है और ये मंत्री दिन भर ये निठल्ले बैठे रहते है
This is the reason to protest against the digital attendance , the statement of the cabinet minister is justified , teachers to restrain this mal practices.
मंत्री जी
एक तरफ आप कहते हैं कि अब हमारे सरकारी विद्यालय, प्राइवेट स्कूलों से समानता कर रहे हैं और दूसरी तरफ कहते हैं कि अध्यापक स्कूलों से गायब रहता है।
आखरी यह दोनों बातें एक साथ संभव कैसे हैं?
टीचर ईमानदारी से पड़ता है पढ़ने वाला होना चाहिए
माननीय महोदय वास्तविकता से आप बहुत दूर हैं।कृपया धरातल पर आइए और वास्तविकता को पहचानिए।
यह लोकतंत्र है हम आपके गुलाम नहीं है। जो मानवीय जरूरतें हैं उन्हें पूरा कीजिए।
माननीय मंत्री जी पढ़ाई के अलावा जो विभाग ने27 से ज़्यादा गैर शैक्षणिक कार्य अध्यापक को सौंप या थोप दिया जाता है क्या आप ने उसके बारे में कभी विचार किया, नहीं यह अन्याय है
यूपीएसआईडीसी के 80 औद्योगिक प्लॉट अपने ही नाम एलॉट करवा लेते हैं
जब मामला खुलता है तो चुपचाप सरेंडर कर देते हैं
और आज सिक्षको को बेईमान बता रहे हैं... बड़ा दुर्भाग्य है
मंत्री जी पहले अपनी dijital अटेंडेंस कर दिए होते तो देश सुधर जाता l नयी पेंसन भी पहले मंत्री विधायकों पर लागू नहीं कर सकते थे l पहले कर्मचारियों को ही क्यों l