केजरीवाल को बेल, क्या है अंदर का खेल?
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- Опубликовано: 19 июн 2024
- केजरीवाल को बेल, क्या है अंदर का खेल?
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About Vijay Sardana:
➢Advocate, Supreme Court of India, Delhi High Court, National Green Tribunal and Tribunals
➢Independent Director on Corporate Boards & on Expert Committees Techno-legal, Techno-commercial & Techno-Economic Policy Expert
➢Agribusinesses Value Chain Investment Strategy & Trade Advisor
➢Research & Innovation Management Advisor
Alumni of PGDM (IIM, Ahmedabad), LLB, M.Sc. (Food Tech) (CFTRI), B.Sc. (Dairy Tech), IPR (WIPO); PGD in Arbitration, Intl. Trade Laws & Alt. Dispute Resolution (ILI, New Delhi), ESG (CFI, US); Intl. Trade Laws (UNCITRAL, Vienna), Contract Law (Yale, USA); Justice (Harvard), International Environmental Laws; Negotiation Strategy (Michigan), Bankruptcy Law (Moscow), Ph.D (Circular Bio-economy) (in progress) (JGU)
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मिडिया मैनेजमेंट कोर्ट मैनेजमेंट दोनों में केजरीवाल की पार्टी BJP मोदी जी से बहुत आगे है
Galat
श्री ओम प्रकाश जी,लग तो यही रहा है!:-
सारी अनियमितता करके, कानून को अपने फायदे के लिए बदलकर, करोड़ों जमा करके तिजोरियां भर लें
उसी लूटके किंचित हिस्सेकी घूस दें देकर समस्त तंत्रों को खरीद लो!
इतना सब करने के बावजूद ,यदि जेल जा पहुंचे,तो फिर उसी उपाय से जमानत ले लेकर मरते क्षण तक ऐश से परिवार, रिश्तों के साथ ऐशपूर्ण जीवन बिताओ!
फिर भी बची लूट से पीढ़ियों का जीवन बगैर रत्ती भर मेहनत किए मस्ती से बीतेगा!
क्या इसीलिए सब एन केन प्रकारेण नेता बनकर दिल खोल लूट नहीं करते रह रहे हैं ?
उदाहरणार्थ
श्री केजरीवाल इनकम टेक्स विभाग में ग्रुप ए की नियमित कमिश्नर (जैसा वो बताते हैं)की सरकारी नौकरी छोड़ कर नेतागिरी में आए ? 3:43 3:4
Bilkul sahi. BJP media or court management nahi karata kyun'ki us"me bhrashtaachar karna padata hai😂 AaP'wale to iss kala'me expert hai😂😂
न्याय बिकाऊ हैं। खरीददार चाहिए। लक्ष्मी जी पर किसी का बस नहीं। तुलसी दास जी ने सत्य ही कहा है। सामर्थ्यवान को दोष नहीं गुसाईं।
Chanda Chor Zindabad!
न्याय इतना महंगा बिकता है कि उसको या तो भ्रष्टाचारी खरीद सकता है या सिस्टम का कोई वकील खरीद सकता है। इसके अलावा किसी के लिए न्याय बिकाऊ नहीं है
@@NareshSharma-yj5zjm,
कोर्ट के फैसले का बहिष्कार करना चाहिए।
केजरी को पकड़ना आसान ही नहीं नामुमकिन है क्योंकि इसने कहीं कोई साइन नहीं किया है इसलिए इसके खिलाफ सबूत खड़े करना बहुत मुश्किल है
अपराधी को यदि जज बचाने लगेंगे तो कोर्ट से विस्वास खत्म होगा फिर लोग अपने आप फैसला लेने के लिए बाध्य होंगे
Judges are not for all criminals, don't blame our judges,they are only for moneyed and influential criminals.
Tabhi gov. Kuchh sangyan lega
भागवत में पहले से लिखा हुआ है कलियुग में न्याय पैसे और पावरफुल को ही मिलेगा। इसमें कोई आश्चर्य नही है।
Bilkul sahi.
Jo aaj ho raha hai wahi sub puran me pahle hi likha ja chukka hai
और उस जज की भी, जिसने केजरीवाल को पहले 20 दिन की बेल दी, उसकी भी राज्यसभा सीट पक्की है
श्री ओमकार चौधरी जी व श्री विजय सरदाना जी आप दोनों को बहुत बहुत धन्यवाद, बधाई। यदि केजरीवाल जी को जमानत मिल जाती है तो दिल्ली शराब घोटाले के मामले को पूरी तरह से बंद कर दिया जाना चाहिए। इस मामले को फर्जी माना जाना चाहिए।
केजरीवाल की रीहाई पर सस्पेंस
केजरू का वर्ल्ड रिकॉर्ड.
दुनियां मे कोई भी मुख्यमंत्री जेल से सरकार चलाने का श्रेय खुजलीवाल जी को जाता है.
बधाई हो.
muze ye samaz me nahi aata kya modi sarkar so rahi hai kya ? is haramzda mayavi rakshas abhi tak CM ki post par bana hua hai ? kya mazboori hai ye jis ke kanoon ki thodi bahot jankari hai voh bhi samaz shakta hai ab agar koi action nahi liya, RAHUL KHAN, SONIA LALU FAMILY jo bindas bahar ghoom rahe hai us ke khilaf to ye pakka hai 2029 me 240 ki jagah 140 seat me tabdil hone me koi der nahi lagegi
मोदी जी को सबसे पहले अदालतों को ठीक करना चाहिए नही तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने से कोई फायदा नही
केजरीवाल को बेल जज साहब को आर्थिक🎁🎁🎁शुभकामनाएं😜😜😆😆😆
Shrab ghotale ka pesa kanoon ke lmbe hathon tuk phonch gya akhir kyonki aub kanoon andha nhee he😂😂😂😂
बिल्कुल 😀😀🤣👌
तथाकथित न्यायाधीशों पर से आम जनता का विश्वास उठ चुका हैं l
सारे जज नेता मंत्री को देख कर माल कमाना सुरू कर दिया है।
केजरी पर न्यायमूर्ति चंद्रचुड़ की कुछ अधिक आशिर्वाद है
Money makes the mare go and Kejri has accumulated unlimited funds at his disposal
Bhrastha, beyeman, Desh drohi kejariwal ka talway chat ne k liye sare system khada hai, usha Modi ne kya ukhad lega???
Nyay Nyay hai .
Jyorge sorse se khokhe mil rhe hai
Iska to Bharat virothi tatavo sai conection raha hai...khalistani, CIA sai ISI sai jorge sorosh sai, Germany sai, isko 8 bajye jamanat mila ajibo garib hai...
Sarkar aapki hai lekin system haumara hai ,Neyaylaye mai kub iska chalata hai....lawyer log daur jatye hai iska jamanat dilwanye ko...
Yeh koyi party hai nahi yeh giroh hai
इस देश से भ्रष्टाचार कभी समाप्त नहीं हो सकता हर भ्रष्टाचारी मौज में रहता है
नोनबेलेबल कुछ भी नहीं होता है जजों की मर्जी चलती है।
केजरी को दुसरी बार छोड़ा गया है
ED ke adikario ko kejri ne pahle hi rishwat de di thi. Isi liye ED ne case ko kamjor rakha. Is lady judge ne bhari rishwat khai hai. Jo Paisa isne naukri lene Main kharcha tha, vasul kar liya hai
@@jkjain8095suitcase mila hoga vaccations enjoy karne ke liye. 😊
बहुत पुरानी कहावत है " कानून निर्धनों पर शासन करता है और धनी कानून पर " यह आज भी कायम है ?
1000 % CORRECT
Bhrastha, beyeman, Desh drohi kejariwal ka talway chat ne k liye sare system khada hai, usha Modi ne kya ukhad lega???
100%
मोदीजी जब powerful थे तब भी भ्रष्टाचारी नेताओं का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाए तो अब क्या उखाड़ लेंगे l
BJP is no longer a washing machine, it’s now a Dhobighat😬
जब महामहिम ही बिकने लगे तो मोदीजी क्या कर लेंगे I न्यायपालिका बिकाऊ है l सिर्फ खरीददार होना चाहिए l
Yogi shud b PM. Modi is weak now. He is protecting kejriwal
जिस व्यक्ति को सुप्रीमकोर्ट हाईकोर्ट बैल नहीं दिया उसे लोअर कोर्ट वो भी समर वैकेंशनल बेंच ने दे दी.
दाल मे काला है या फिर पुरी दाल ही काली है?
न्यापालिका मे ये क्या चल रहा है.
C. J. I. कहते है की न्याय दिखना भी चाहिए.
किसी को दिख रहा है न्याय?
भाई जिसको माल मिलेगा वही तो जमाना देगा
ED is useless and playing political game by BJP.
Judiciary corruption and political affiliations are very dangerous in India.
Nyay to paisewalo ke pakchh me dikh raha hai
कोर्ट का न्याय क्या है समझ से बाहर है एक आदमी कोई पद न लेने के बाद भी मुख्यमंत्री है , साफ है कि ये भ्रष्ट व्यक्ति है कानून को भली भांति जानता है और ऐसे व्यक्ति देश के लिए बेहद खतरनाक है।
LG knew it but no action taken
न्यायालयों की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठेंगे तो और क्या होगा? इसीलिए अब इस देशकी न्यायप्रणाली और सभी कानूनों में आमूलचूल बदलाव की बहुत आवश्यकता है, ऐसा मैं मानता हूं। आखिर इस परिस्थिति का उत्तरदायित्व भी किसी पर तो तय होना ही चाहिए। इस देशकी आम जनता के मन में यही सवाल बार बार उठ रहे हैं।
न्यायलय, न्यायधीश संदेह के घेरे मे आते जा रहे हैं l विस्वासनीयता खतरे मे है l
Court Judges follow the British policy of the judiciary.
Bhrastha, beyeman, Desh drohi kejariwal ka talway chat ne k liye sare system khada hai, usha Modi ne kya ukhad lega???
जुडिशरी में पूरे भ्रष्टाचार है और केजरीवाल का साथ देने का मतलब यही है कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं न्यायाधीशों को कुछ देश का भी ख्याल करना चाहिए भ्रष्टाचार को कड़क से कड़क सजा दे नहीं तो यह देश बर्बाद हो जाएगा अमीर को न्याय गरीबों के साथ अन्याय
Case toapradhio ki jagah jaudgo par hi chalana chahiye.
Sir ji apne bilkul 101% sahi baat bola, jab tak ish desh ka ghatiya british rules ka faidya judiciary ko hai, ush liye Reformation jaruri hai aur IPC, Cr PC amendment with heavy punishment.
ये न्याय नाम की चिड़िया सिर्फ पूंजीपतियों और ऊंची पहुंच/रसूख वालों के आंगन में ही बैठती है अन्यथा मध्यमवर्गीय और गरीब इंसान तो अपने जूतों के साथ साथ अपना नसीब भी घिस लेता है पर ये न्याय नामक चिड़िया उसे दिखाई ही नहीं देती ।
सच कहा और दिखाया जाता है कि न्याय की देवी के आंखों पर पट्टी बंधी होती है ।
ओंकार जी सब जानते हैं कि लक्ष्मी जी को बेचो और कानून को खरीद लो अब न्याय नाम की कोई चीज़ नहीं रही है. सब से बड़ा रुपया.
केजरीवाल ने उच्च न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी नहीं दी थी, बल्कि अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की थी। केजरीवाल ने बेल की एप्लीकेशन पहली बार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी को, अवैध बताने संबंधी प्रकरण पर, निर्णय सुरक्षित रखा हुआ है, हो सकता है ,वह भी केजरीवाल के पक्ष में आए।
नाजायज पैसा का कमाल है। भ्रष्टाचार करो माल कमाओ और जज को ही खरीद लो।
@@naveensingh-iq5gh हजारों करोड़ों का चंदा वाली विश्व की सबसे बड़ी और भ्रष्टतम पार्टी के सामने, मोदी जैसे विश्व गुरु के सामने, केजरीवाल इतने शक्तिशाली हो गए, कि वह जजों को खरीद लें और जज उनके मन अनुसार निर्णय देने लगें, तब केजरीवाल इस देश के सबसे शक्तिशाली राजनीतिज्ञ हैं, यह मानना पड़ेगा।
इस देश का भगवान ही मालिक है... judiciary भी यहां के हालात को इस हद्द तक बिगाड़ने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है... इसमे क्या सुधार की जरूरत नहीं है
यहां स्पेशल छूट मिला है ,,अब हम कह सकतें है , सामान व्यक्ति और खास नेता को नया न्याय।
ट्रायल कोर्ट,हाय कोर्ट की जरूरी नहीं है,
तगड़ी हम्मालि मिली है,तो समान जल्दबाजी में तो भेजना ही होता है
चिंता मत करो ,ये नटवरलाल बाहर नहीं आपाएगा ,
अभी न्याय जिंदा है।
अभी हाई कोर्ट है, नटवरलाल अंदर ही रहेगा।
नटबरलाल ही नहीं फर्जी एजेंडे,अफवाह,और झूँठ पर सरकार की बेफिजूल की चुप्पी और सुस्ती बहुत नुकसान देह रही 240 और आ गए अगर सुस्ती जारी रही तो 29 में कहानी खत्म
शेर ने शिकार किया, उसको खाने का हक शेर का ही है। परंतु अगर शेर सुस्सू करने के लिए एक मिनट इधर उधर गया और मौके का फायदा उठा कर गीदड़ ने शिकार को खा लिया, ऐसा तो जंगल में चलता ही रहता है।
बहरहाल कमाई सब कर रहे है, जिसका जब मौका लगता है, वो करता है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि मुख्य मंत्री रहते हुए घुंघरू सेठ दिल्ली राज्य का पैसा वकीलों और जजों पर लुटा रहा है, यदि अपना भ्रष्टाचार का पैसा बंटता तो कोई बात नहीं थी।
आप ने जिन मुद्दों का एक एक करके विश्लेषण किया वह एकदम सही है! फिर भी न्याय प्रक्रिया शक के दायरे में है !
मोदी जी की गारंटी फेल
मोदी जी ने कहा था दोषी को सजा मिले गी
किसी को सजा नहीं मिली सब जमानत पर बाहर है चाहे वाड्रा परिवार या गाँधी परिवार
दस साल हो गये है
भाई कही ना गढ़ बढ़ है
भारत के जाँच ऐजेन्सियों की अकर्मण्यता व लापरवाही के कारण ऐसा हुआ।
देश को भारी नुक्सान उठाना पड़ रहा है।
एक तरफ उच्चतम न्यायालय आम आदमी पार्टी को केजरीवाल सहित को पचछकार बनाने का आदेश दिया था।अब जमानत देते समय सभी तथ्य गायब हो गये।हतप्रभ करता हे।
इस तरह से तो ये भ्रष्टाचारी कभी केस को आगे बढ़ने ही नहीं देगा
अन्दर बाहर बस यही होता रहेगा
वेकेशन कोर्ट ने SC के अन्तरिम जमानत आदेश को ही आगे बढ़या है। प्रश्न है कि ये अतिवादी भ्रष्टाचारी शीशमहल रह कर सरकार भी चलायेगा, मोदी को गाली भी देगा । ED, CBI, NIA आदि एजेंसीयों की दुर्गति होनी तय है।
होना जाना कुछ नहीं सब खेल रहे है और जनता तो लालची स्वार्थी है और वकील और जज भी जनता से ही आते है। समय की और पैसे की बर्बादी है अब नेता जो कह रहें है वही मान ले सब कोर्ट कचहरी न जाये खुल के भ्रष्टाचार करने दो
Bhrusta char to sub jagah ho raha hai
निर्णय सुरक्षित रखकर,रात को आठ बजे निर्णय सुनाने पर भी आपको राय देनी चाहिए
शराब BILL कैबिनेट से पारित किए गए होंगे
कैबिनेट का मुखिया मुख्यमन्त्री होता है
मुख्यमंत्री की संलिप्तता है हीं चाहे हस्ताक्षर हो या नहीं हो
ईको सिस्टम बहुत ही दूर तक फैला हुआ है, जिसे तोडना बहुत मुश्किल लगता है। सरकार भी इसे लेकर अन्यमनस्क ही है।
जय हो कानून महाराज की गरीब पर वज्र पात और ताकत वर लोगों के लिए सूत्रपात हम जनता के लिए धन्यवाद
ओमकार जी, आप और विजय सरदाना जी ने अरविंद केजरीवाल की जमानत पर बहुत ही अच्छी प्रकार समझाया
जय हो भारत के जाजो की दोषी जेल से बाहर जमानत पर
निर्दोष जेल के अंदर
उन की कोई सुनवाई नहीं
इलैक्ट्रोल बोंड पीएम केयर से बड़ी गडबड शराब कांड में नहीं न्यायालय को यही लगता होगा
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री के तौर पर कामकाज को ले कर पाबंदी लगाई थी क्या जमानत के बाद जज ने वो भी हटा दी??अगर हां तो ये गंभीर बात है, ईडी को हायकोर्ट मे तुरंत जाना चाहिये!
क्या जज भी बिक सकते हैं।आज सबूत मिल गया है।
ये इंडिया है साहब यहां हर चीज बिकाऊ है खरीदने का औकात चाहिए
सारांश यही ही है कि राजनीति अलग है मगर कोर्ट से जंता का विश्वास खतम कर रहे हैं । अब किसी पर विश्वास नही किया जा सकता है। इसलिये अपने मन की करो और सरकार की चिंता करने की कोई जरूरत नही है। दुनिया को बेवकूफ बनाते रहो और चैन से जीते रहो ।
सादर प्रणाम सरदाना सर।
Thank you ओंकार जी।
सोचने की बात है कि केजरीवाल जी गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद ही बेल के लिए क्यों कोर्ट नहीं गये? इतने दिनों तक प्रतीक्षा क्यों की? जैसा दिखाई दे रहा है वैसा शायद है नहीं
एक एडमिट पेशेंट को इमरजेंसी ड्यूटी डॉक्टर ने डिस्चार्जकर दिया
अभिषेक मनु सिंघवी की रण्य सभा की सीट पक्की हो गई है!!!!!
100%
संविधान को जज साहब नहीं मानते नहीं तो पी एम एल ए केस में जमानत कैसे मिलती है
जमानतका मतलब कंया है. निर्दोष समजकर घुमते रहते. लालूको सजा मिलकरभी जमानतपर बाहर है. गांधी परीवार दस सालसे जमानतपर हे. मुदत होनी चाहिये. कानून अंधा है. यही सच है
🚩 *जयश्रीराम*
🇮🇳 *जयश्रीकृष्ण*
🕉️ *हर हर महादेव*
ईडी , सीबीआई इतनी लचर है कि कोई पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाती है ।
ED में भी कुछ लोग मोदी सरकार से परेशान हो गए हों ऐसा संभव है
भाजपा में अगर ज़रा भी अक्ल है तो जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय को लोकसभा का स्पीकर बनाये ।
बेचारे भ्रष्टाचारीको राहत नामिले तो किसको मिलेगा।
भारत विरोधी और सरकार विरोधी उसमे ब्यूरो करेशी और न्याय व्यवस्था में भी सरकार विरोधी एजेंडा काम करना शुरू कर दिया है कही कुछ बड़ा होने बाला है
पहले सुप्रीम कोर्ट कहता है कि वारंट का मतलब गिरफ्तारी कोई जरूरी नहीं ।। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही माना कर दिया ।। इसलिए नौ नौ सम्मन दिए गए ।। और जब कोर्ट ने कहा उसी दिन ED ने गिरफ्तार कर लिया।।
ईडी के पास केजरीवाल का ही केस नहीं है। उसके पास अनेकों केस होते हैं। इसलिए समय में देरी जमानत का आधार नहीं हो सकती। वैकेशन बेंच के आदेश पर ईडी को तुरंत अपील करना चाहिए। केजरीवाल को जेल में ही रहना चाहिए।
चौधरी साहब और सरदाना जी को सादर प्रणाम ।
महोदय सरदाना साहब के विचार से ई डी की कार्यशैली सवालों के घेरे में है, मैं इससे पूरी तरह सहमत हूं । उधर भारत की ज्यूडिशियरी तो selectie है, यह जग जाहिर है।
यही है कालेजियम सिस्टम के अवगुण क्योंकि इसमें इन जजों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से उनकी नियुक्ति में, पदोन्नति में, वेतन निर्धारण में किए गए अहसानों के लिए प्रभावित किया जाता रहा है,इस वजह से एक ही तरह के प्रकरणों में विभिन्न जजों द्वारा अलग-अलग निर्णय दिया गया है जो न्याय के सिद्धांतों के सर्वथा विपरीत है।
सर्वोच्च, उच्च न्यायालय से रिजेक्टेड को जिला न्यायालय अचानक असमय रात्रि आठ बजे जमानत कैसे
नमस्कार आदरणीय श्री ओंकार चौधरी जी तथा श्री विजय सरदाना जी 🎉🎉❤❤
हो सकता है, की Ed भी इनसे मिला हो, Ed की फाइल भी केजरीवाल के आवास पर पाई गई थी,
जब केजरीवाल किसी भी फाइल में हस्ताक्षर नहीं करता है तो फिर उसकी सरकार चलाने की क्या ज़रूरत है इसे बर्खास्त करो और
सजा दो।
जिस व्यक्ति ने मुख्यमंत्री जैसे पद पर रहते हुए,न कोई विभाग की जिम्मेदारी ली और न किसी पत्रावली पर हस्ताक्षर ही किये, क्या ऐसा व्यक्ति किसी जिम्मेदार पद रहने के लायक ? क्या यह स्वयं में अपराध नहीं है? जिस पद के विरुद्ध आपने वेतन भत्ते आदि ग्रहण करने के साथ साथ सुख सुविधाओं का इस्तेमाल किया, क्या टेक्स पेयर के पैसे का दुर्पयोग नहीं है?
केजरीवाल ने अपने कमाएं हुए पैसे और अपनी बिलक्षण मेधा का सही इस्तेमाल किया। मानना पड़ेगा कि कानून भी इसके घर में पानी भरेगा।
श्रीमान जी आप बस यह समझाओ कि इस देश में यदि कोई जज मन मर्जी का व्यव्हार,फैसला करे,तो उस का क्या किया जा सकता है ।
2..जिस देश में,प्रधान मंत्री, गृह मंत्री जी,बेबस हो कर अदालतों के व्यवहार को अचरज से निहारतें रहें उसका 1300 वर्षों का गुलाम होना सही नजर आता है।
केजरीवाल सी आई ए के एजेंट हैं हो सकता है कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की कोई कमजोरी केजरीवाल के पास हों क्यों कि केजरीवाल ने इ डी की भी जासूसी करवाने के सबूत मिले थे। धन्यवाद
सर यह तो ग़लत है सुप्रीम कोर्ट को दिया राउस कोर्ट को भी दिया अब हाईकोर्ट को भी देना होगा ज़मानत तो अगले हफ़्ते मिलेगी पहले बिटकोईन ट्रांसफ़र होगा
SARDANAJIs POINTS , LEGAL OBSERVATIONS , VIEWS AND COMMENTS ARE VERY VERY TRUE. BUT COURTS FAILED TO UNDERSTAND THESE BASIC POINTS. IT IS VERY MUCH EXPECTED AND NOTHING IS STRANGE OR NEW. ONLY HONOURABLE CJI CAN DO REAL JUSTICE HERE.
बेल के खेल में,, मोटा मॉल का लेन देन हुआ ही हुआ है,, बस जरूरत है तो जांच पड़ताल की,, वोह भी जल्दी से जल्दी,,, नहीं तो समान को टिकाने लगा दिया जा सकता है @ अब तक तो माल टिकाने लगा दिया गया होगा
In today's world nothing is paid in cash it is paid in fgn country or paid by bitcoin which is very difficult to search.
विजय जी ने सही कहा है, जनता के पास एक वोट है दे दो, बाद में ये नेता लोग अपनी मनमानी करते रहेंगे, आम जनता इस देश के कानून एवं न्याय प्रणाली पर भी प्रश्न उठा रही है, जिसके पास सता का पावर है, महंगे वकील कर सकते हैं, जिनकी अदालत में ऊंची पहुंच होती है, वो ही न्याय पाने का अधिकारी होता हैं
विजय जी आप analysis करते रहिए कोई भी तथ्य ऐसा नहीं है जिससे जमानत मिल सकती। चीन का ambassador भारत आ चुका है और केजरीवाल को यह पता है कि पैसे से खेल किया जा सकता है। और ये सब खेल पैसे का है।
वही कोर्ट के ही दो विचारपति अलग अलग दिनों में ये कैसा विचित्र आदेश किए वो समझ में नहीं आता।
लगता है ये न्यायिक व्यवस्था की अंदरूनी सड़ी हुई पद्धति का परिणाम है।
जल्द से जल्द न्यायिक व्यवस्था में सुधार होने की आवश्यकता है
देश की जांच एजेंसियों के साथ न्याय वयवस्था भी फेल, मोदीजी कुछ तो जरूर करेंगें
अब मोदीजी सबका अविश्वास पाकर थक चूके हैं. अब उनसे ज्यादा उम्मीदें नहीं करनी चाहिए अब कडी आलोचनावालोंके हाथ में पावर आ गयी है . फिर से देश रामभरोसे हो गया है.
अच्छे स्टेडियम, क्लब, स्कूल, हॉस्पिटल, बनाये लेकिन अच्छे न्यायालय नहीं बनाये। कितनी गिरी हुई है नीतिमत्ता देशप्रमुखों की। 🥱
घंटा मिलना १००% तय हाेता है आगाेतरा जामीन ये सिर्फ आम नागरिक १४० कराेड काे मुरख बनाना कारवाई का नाटक चलाते है
अम्बेडकर द्वारा संकलित संविधान और उससे उत्पन न्यायिक वयवस्था केजरीवाल कि ज़मानत का मुख्य राज है. जबतक सूरज चांद रहेगा बापू बाबा चाचा का नाम रहेगा. भ्रष्टाचारियों का सम्मान रहेगा. सीबीआई और ईडी अधिकारियों और जजो का भी तो अपने परिवार और बच्चों को देखणा होता है. समय के साथ चलना है तो बच्चों मे अच्छे संस्कार दे ताकि बखूबी भ्रष्टाचार कर सके.
सरदाना जी असल बात तो ये है की एक ही मामले में बेल के कंडीशन क्या है क्या रोज रोज नए कोर्ट में एप्लीकेशन उचित है नियम से कम से कम एक कोर्ट से ख़ारिज होने के बाद कुछ तो टाइम पीरियड का गैप होना चाहिए था नए बेल एप्लीकेशन में
ED ने कैश मे कहा कि 1000 करोड़ का घोटाला है sc ने 100 करोड़ बना दिया उसी दिन 900 करोड़ निकाल 700 करोड़ sc मे 200 करोड़ सिंघ को बांट दिया 700 दिन कोसी मे दम नहीं जेल में रखे
पोईसा दो, जजमेंट लो । कोई भ्रोष्ट आदमी भ्रष्टाचार का बारे में को केया न्याय देंगे !! इसको जड़ से जब तक खतम करेंगे , भ्रष्टाचारी बांचते रहेंगे । सबूत नही, पोइसा चाहिए ।
चर्चा फालतू का वह आ गया बाहर दम है केजरीवाल में ED को मजा चखा दिया केजरीवाल ने
NO DOUBT THE ENTIRE PLANET AND OUR COUNTRY IS TOTALLY WATCHING THIS HIGHLY SENSITIVE CRIMINAL CASE AND JUDICIAL PERFORMANCES IN SEVERAL COURTS.
जजों की नियुक्ति पर एक फिल्टर से होकर जाना है।
ओ३म्
हमारे न्यायालय भी तमाशा है। केजरीवाल को इतना वक्त दिया जा रहा है और ज़ाहिर है आम आदमी की कोई क़ीमत नहीं। केजरी को बिना बजह हीरो बनाया जा रहा जिसे न तो बृक्षों पर और न ही गाड़ी के टायरों के पर टांग उठानी आती है।
“सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय”
पूरा खेल पैसे से खेला गया इन सब में केजरीवाल एक नंबर का एक्सपर्ट है.
सीधी सी बात है कि बेल देनेवाला मोटा घूस लिया है।इस बिंदू पर आपलोग बात क्यूं नहीं करते?या विदेशी दबाव भारत के न्यायाधीश पर है।
न्यायालय का अधिकार है स्वविवेक मे समझता है कि बाहर जाने पर समाज एव सबूत नष्ट करने के लिए खतरा नही तो जमानत दे सकती।कोई सन्तुष्ट नही तो उच्च कोर्ट मे जाए।
लचर राजनीतिक व्यवस्था,लचर न्यायिक व्यवस्था,लचर इन्वेस्टिगेशन व्यवस्था, लचर दंड व्यवस्था, इस देश के षडयंत्र कारियो, अपराधियों, भ्रष्टाचारियों, को यह अभय देती है कि जिसकी जो मरजी हो वो करे , पुरानी कहावत सत्य करती है कि
अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा
मेरा शुरू से ही यह आग्रह रहा है कि, विजय जी को भी
ED को सहयोग करना चाहिए ।
राजनैतिक कारणों से "दिल्ली राज्य सरकार" एवं "केन्द्र सरकार" के बीच टकराव की समस्या बनी रहेगी। दिल्ली में व्याप्त अव्यवस्था से निजात पाने के लिए एक ही उपाय है कि "दिल्ली का राज्य दर्जा" समाप्त कर इसे पहले की तरह पूर्णतया केन्द्र शाषित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए
जज साहिबा के सामने एक ही पॉइंट था। करेजरिवाल को बेल देना है, बस!
ਇਹ ਸਾਰੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਬੜੀ ਉਚਿਤ ਤਰੀਕੇ ਸੇ ਪਤਾ ਹੈ।ਪਬਲਿਕ ਸੱਭ ਜਾਣਦੀ ਹੈ।
सब कुछ बिकता है खरीदार होना चाहिए