जिस पल मौत दिख जाए, फिर मन की सारी अकङ व चंचलता समाप्त फिर पाप नहीं उठता। एकनाथ के जीवन में ऐसा उल्लेख है। एक युवक एकनाथ के पास आता था। जब भी आता था तो वह बड़ी ऊंची ज्ञान की बातें एकनाथ जी से सुनता था। युवक सोचता था, वे ज्ञान की बातें सिर्फ अज्ञान को छिपाने के लिये ही कर रहे हैं। एक दिन उसने एकनाथ को सुबह - सुबह ही पूछ लिया... एक संदेह मेरे मन में सदा आपके प्रति उठता है। आपका जीवन ऐसा ज्योतिर्मय, ऐसा निष्कलुष, ऐसी कमल की पंखडियों जैसा निर्दोष क्वांरा, लेकिन कभी तो आपके जीवन में भी पाप के विचार उठे होंगे? कभी तो अंधेरे ने भी आपको घेरा होगा? आज यही सवाल लेकर आया हूं, ओर चूंकि और कोई मौजूद नहीं है, आज आपको अकेला ही मिल गया हूं, इसलिए निस्संकोच पूछता हूं कि आपके मन में भी पाप के विचार उठते हैं कभी या नहीं? एकनाथ ने कहा; यह तो मैं पीछे बताऊंगा इससे भी ज्यादा जरूरी बात पहले बतानी है कि कहीं मैं भूल न जाऊं, बातचीत में कहीं अटक न जाऊं! कल अचानक जब तू जा रहा था तेरे हाथ पर मेरी नजर पड़ी तो मैं दंग रह गया; तेरे उम्र की रेखा समाप्त हो गयी है। सात दिन और जिएगा तू। बस, सातवें दिन सूरज के डूबने के साथ तुझे मर जाना है। अब तू पूछ क्या पूछता था। ऐकदम वह युवक तो उठकर खड़ा हो गया। अब कोई पूछने की बात, अब कोई समस्या समाधान, अब कोई जिज्ञासा…वह तो उठकर खड़ा हो गया, उसने कहा: मुझे कुछ नहीं पूछना है मुझे घर जाने दो। वह जवान आदमी एकदम जैसे बूढ़ा हो गया। अभी आया था मंदिर की सीढ़ियां चढ़कर तो उसके पैरों में बल था, लौटा तो दीवाल का सहारा लेकर उतर रहा था, पैर उसके कंप रहे थे। घर जाकर घर के लोगों को कहा; रोना - धोना शुरू हो गया। पास - पड़ोस के के लोग इकट्ठे हो गये। उस दिन तो घर में फिर चूल्हा ही न जला, पास - पड़ोस के लोगों ने लाकर भोजन करवाया। उसने तो भोजन ही नहीं किया; अब क्या भोजन! वह तो बोला ही नहीं, वह तो आंख बंद करके बिस्तर पर पड़ा रहा। सात दिन में उसकी हालत मरणासन्न जैसी हो गयी। बार-बार सातवें दिन का पूछता था - सूरज के डूबने में और कितनी देर है ? और सूरज डूबने के ठीक पहले एकनाथ ने द्वार पर दस्तक दी। एकनाथ भीतर आये। एकनाथ उसके पास गये। वह तो आंख बंद किये पड़ा था। हाथ से उसकी आंखें खोलीं और कहा कि एक बात तुझे बताने आया हूं। यह तू क्या कर रहा है, ऐसा क्यों पड़ा है? उसने कहा: और क्या करूँ ? सूरज डूबने में कितनी देर है ? ये सात दिन भयंकर यातना में गुजारे हैं। अब तो ऐसा लगता है मर ही जाऊं तो झंझट कटे। एकनाथ ने कहा कि मैं तुझे तेरे प्रश्न का उत्तर देने आया हूं। वह तूने मुझसे पूछा था न कि आपके मन में पाप कभी उठता है। मैं अब तुम्हें पूछने आया हूं कि सात दिन में तेरे मन में कोई पाप उठा? उस आदमी ने कहा: कहां की बातें कर रहे हो! कैसा पाप, कैसा पुण्य ? सात दिन तो कोई विचार ही नहीं उठा, बस एक ही विचार था - मौत, मौत, मौत। एकनाथ ने कहा: तो उठ, अभी तुझे मरना नहीं है। तेरी हाथ की रेखा अभी काफी लंबी है। यह तो मैंने सिर्फ तेरे प्रश्न का उत्तर दिया था। ऐसे ही जिस दिन से मुझे मौत दिखाई पड़ गयी है, पाप नहीं उठता । जिसको मौत दिखाई पड़ जाती है पाप नहीं उठता, एकनाथ ने कहा।यही सब संत कहते हैं मौत को हर पल याद रखो न जाने कब आ धर दबोचे । इस विचार को हर समय याद रखें तभी परमात्मा के सम्मुखता प्राप्त करने के जिज्ञासु होने की सम्भावना होगी।*नि:शब्द*
वाह क्या बात है बाबुलालजी बहुत सुन्दर सा आप जियो हजारों साल हम सब यही प्रार्थना करते है बाबुलालजी भजन तो आपको पेटी कि आवाज के साथ ही अच्छा लगता है ओर्गन पर ईतना कोई खास नही 🙏🙏
जिस पल मौत दिख जाए, फिर मन की सारी अकङ व चंचलता समाप्त फिर पाप नहीं उठता।
एकनाथ के जीवन में ऐसा उल्लेख है। एक युवक एकनाथ के पास आता था। जब भी आता था तो वह बड़ी ऊंची ज्ञान की बातें एकनाथ जी से सुनता था। युवक सोचता था, वे ज्ञान की बातें सिर्फ अज्ञान को छिपाने के लिये ही कर रहे हैं। एक दिन उसने एकनाथ को सुबह - सुबह ही पूछ लिया... एक संदेह मेरे मन में सदा आपके प्रति उठता है। आपका जीवन ऐसा ज्योतिर्मय, ऐसा निष्कलुष, ऐसी कमल की पंखडियों जैसा निर्दोष क्वांरा, लेकिन कभी तो आपके जीवन में भी पाप के विचार उठे होंगे? कभी तो अंधेरे ने भी आपको घेरा होगा? आज यही सवाल लेकर आया हूं, ओर चूंकि और कोई मौजूद नहीं है, आज आपको अकेला ही मिल गया हूं, इसलिए निस्संकोच पूछता हूं कि आपके मन में भी पाप के विचार उठते हैं कभी या नहीं?
एकनाथ ने कहा; यह तो मैं पीछे बताऊंगा इससे भी ज्यादा जरूरी बात पहले बतानी है कि कहीं मैं भूल न जाऊं, बातचीत में कहीं अटक न जाऊं! कल अचानक जब तू जा रहा था तेरे हाथ पर मेरी नजर पड़ी तो मैं दंग रह गया; तेरे उम्र की रेखा समाप्त हो गयी है। सात दिन और जिएगा तू। बस, सातवें दिन सूरज के डूबने के साथ तुझे मर जाना है। अब तू पूछ क्या पूछता था। ऐकदम वह युवक तो उठकर खड़ा हो गया। अब कोई पूछने की बात, अब कोई समस्या समाधान, अब कोई जिज्ञासा…वह तो उठकर खड़ा हो गया, उसने कहा: मुझे कुछ नहीं पूछना है मुझे घर जाने दो।
वह जवान आदमी एकदम जैसे बूढ़ा हो गया। अभी आया था मंदिर की सीढ़ियां चढ़कर तो उसके पैरों में बल था, लौटा तो दीवाल का सहारा लेकर उतर रहा था, पैर उसके कंप रहे थे। घर जाकर घर के लोगों को कहा; रोना - धोना शुरू हो गया। पास - पड़ोस के के लोग इकट्ठे हो गये। उस दिन तो घर में फिर चूल्हा ही न जला, पास - पड़ोस के लोगों ने लाकर भोजन करवाया। उसने तो भोजन ही नहीं किया; अब क्या भोजन! वह तो बोला ही नहीं, वह तो आंख बंद करके बिस्तर पर पड़ा रहा। सात दिन में उसकी हालत मरणासन्न जैसी हो गयी। बार-बार सातवें दिन का पूछता था - सूरज के डूबने में और कितनी देर है ?
और सूरज डूबने के ठीक पहले एकनाथ ने द्वार पर दस्तक दी। एकनाथ भीतर आये। एकनाथ उसके पास गये। वह तो आंख बंद किये पड़ा था। हाथ से उसकी आंखें खोलीं और कहा कि एक बात तुझे बताने आया हूं। यह तू क्या कर रहा है, ऐसा क्यों पड़ा है?
उसने कहा: और क्या करूँ ? सूरज डूबने में कितनी देर है ? ये सात दिन भयंकर यातना में गुजारे हैं। अब तो ऐसा लगता है मर ही जाऊं तो झंझट कटे।
एकनाथ ने कहा कि मैं तुझे तेरे प्रश्न का उत्तर देने आया हूं। वह तूने मुझसे पूछा था न कि आपके मन में पाप कभी उठता है। मैं अब तुम्हें पूछने आया हूं कि सात दिन में तेरे मन में कोई पाप उठा?
उस आदमी ने कहा: कहां की बातें कर रहे हो! कैसा पाप, कैसा पुण्य ? सात दिन तो कोई विचार ही नहीं उठा, बस एक ही विचार था - मौत, मौत, मौत।
एकनाथ ने कहा: तो उठ, अभी तुझे मरना नहीं है। तेरी हाथ की रेखा अभी काफी लंबी है। यह तो मैंने सिर्फ तेरे प्रश्न का उत्तर दिया था। ऐसे ही जिस दिन से मुझे मौत दिखाई पड़ गयी है, पाप नहीं उठता । जिसको मौत दिखाई पड़ जाती है पाप नहीं उठता, एकनाथ ने कहा।यही सब संत कहते हैं मौत को हर पल याद रखो न जाने कब आ धर दबोचे । इस विचार को हर समय याद रखें तभी परमात्मा के सम्मुखता प्राप्त करने के जिज्ञासु होने की सम्भावना होगी।*नि:शब्द*
वाह क्या बात है बाबुलालजी बहुत सुन्दर सा आप जियो हजारों साल हम सब यही प्रार्थना करते है
बाबुलालजी भजन तो आपको पेटी कि आवाज के साथ ही अच्छा लगता है ओर्गन पर ईतना कोई खास नही 🙏🙏
राम का भजन करके हरी का भजन करके
जाकी पड़ती धाक गया री अकेला
बहुत बहुत बधाई
जयहो श्री बाबूलालजी क्या बात है जयहो
आपकी आवाज बहुत सुंदर और गायकी बहुत सुंदर है और
राम राम सा जीवता रहो जाग में 🙏🙏🙏
🙏 बहुत अच्छा🙏
बहुत सुंदर भजन है
Apke. Bajan bhut sunder . R. K. Bairwa jaipur
Jaipur m kha se ho
संत के रूप मे ही आप बाबू लाल जी
Bahut hee sundr 🙏🙏🙏🙏🙏 good
अति सुंदर अति सुंदर
Vah babulalji Jay ho ji
Bahut achaa Jay Sharee RAM
Bahu lal mharaj ke nambar bej do ji please
Nice babulal ji
सानदार जी
वा सा क्या अच्छी अच्छी बाते बताई है सा आपने धन्य हो सा आप❤️👍🙏
@@harshvardhan3749 u
@@mamtalora3353 |
Wa babulal ji 👌👌👌👌👌👌
बहुत अच्छी वाणी बहुत अच्छा भजन
Kya baat h. Gajjab ❤
बाबू लाल जी जय, रामरामजी आप मिल हुए है भजन अच्छ है
😢
वाह जी वैरागी वाणी को सादर अभिवादन वंदन नमन
अति सुंदर प्रस्तुति
सानदार👍🙏👏
बोहोत अच्छा
वा सा
बहुत ही सुंदर भजन ओर आवाज भी शानदार जय हो आपकी
Nirguni
0
जयश्रीरामराम, सा, बाबुलालजी
बहुत सुन्दर भजन सा
Jai ho BABULALJI
❤
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤🎉❤❤🎉🎉🎉❤🎉
🎉🎉🎉❤❤❤❤🎉🎉🎉❤❤❤ 14:59
Super hit bhajan
ML भाटी गांव Birani तहसील Bhopalgarh जोधपुर से RAM RAM जी बाबूलाल जी जियो हजारों वर्ष
जय हो श्रीमान महंत साहब आपकी वाणी सुनकर अच्छा लगा आपका ज्ञान अच्छा है मैं भी भजन करता हूं जय नवल स्वामी जी की परम आदरणीय मेरे गुरुजी नाथ जी को प्रणाम
Reena
Gdycjs
@@ParveenKumar-ej8ps❤❤❤❤
@@sukhvendradhaka9996up😅
@@ParveenKumar-ej8ps❤
Babu Lal g me dubai se aapko dnywad kru shantilal sihotiya sikar rajasthan
बहुत सुन्दर महाराज
Nice
जय हो बाबुलालजी अमर हो जायो थे 🙏
वो
जय जय श्री राम
बाबूलाल जी आप हमेशा ऐसे ही आगे बढ़ते रहो।
सत्संग तो हम भी करते । लेकिन आप का ज्ञान बहुत ही अच्छा है ।
जय साहब की ।
Jai ho
@@mawadidans340😊I it a
So go
Very nice bhajnaji
*आदेश गुरु महाराज को सत्य नमो आदेश आदेश आदेश!!*
Bot acha bjan sunke aand aagya man krtha bjan sekjwo
अमर हो jaola बाबूलाल जी ❤❤❤❤ क्या आवाज है ❤❤❤❤
अति सुंदर आवाज ज्ञान भजन जय हो सद्गुरु भगवान की जय हो
Jay ho jay Shree ram
बहुत ही सुंदर भजन गाया आपने जय सियाराम
🙏जय गुरुदेव की..🥀आपकी आवाज में ओर आपके भजन में बोत सुकून है भगवान आपको ओर आगे तक ले जायें
राम जी राम आप कहां से
❤❤❤❤❤❤❤
बहुत सुंदर धन्यवाद हो
Very good ji
Ramramsa
🙏🙏👌👌
Super heet
Babulal ji aapki Madhur awaaz awaaz mein bhajan bahut achcha
बहुत सुंदर भजन ❤️🙏
वह।बाबूलालजिक्या।भजन।गयाहे
Aap kha se h ji...
Bahut sundar Ram ram saa
मधुर आवाज में संदेश
Babu Lal ji bahut Acha
Madansingh
🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद शत-शत नमन आपको
शत् शत् नमन् कैसे क्या हुआ जी
Jai Ho
ko hi AAP go
Very nice
Babulal ji very nice bhajan jai ho
Bhuraram.raypura,sundr.bajn
Babulal ji very nice,
मोहन लाल सुबरा
1 नंबर का नसेड़ी है ज्यादा गियान देना अक्सर नसेडी होता है। ओवर of knowledge
Nasedi to tere jese hijre hote hai beta😊
Babu lal ji ke number mil sakta hai kya
जयहो
Grade
Waha babu lal ji
Good
राम राम सा
Very nice inspiring Bhajan
À
Excellent Bhajan and melody voice . may bless you
गुड भजन
गुड वाणी
Veri Good ji Bhut Sunder Bhajn Sa
Ram Ram 🙏🙏💓
Wawo bhut acha bhajen gaya h bhut bhut dhneywad shab bhajen gayko ka namber dedo
जय हो
Wow fantastic bhajan and voices
जय
Ram ram ji
🎉😢🎉😢🎉
हर महादेव👏
Jay Ram,👏👏👏👏👏
Bhut sundar babulalg bajno me waps tome do.
Very nice song
Nice bhajan
राम राम सा 🙏🙏 बाबूलाल जी
राम राम जी
Nice👍👍👍
O
👍👍👍
🙏🙏🙏🙏👌👌👌🙏🙏👌👌
❤❤❤❤❤😅 13:15
🌷 " जय श्री राम " 🌷
❤🙏Jay Shree Ram 🙏❤
👌👌🙏😀🙏🙏👌
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👍