Vaishnava Etiquette PART 41/वैष्णव सदाचार भाग-41

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  • Опубликовано: 31 дек 2024

Комментарии • 3

  • @ZeshanKhan-pj4hz
    @ZeshanKhan-pj4hz 11 дней назад

    हरे कृष्णा सर एक करना होता है और एक होता हैं जो करते है वो क्रिया है और जो अपने आप होता है वो स्मरण होता है भगवान् मेरे है और मे भगवान् का हूँ भगवान् में अपनापन होने से स्वतः भगवान् मे प्रेम होता है और जिससे प्रेम होता है उनका स्मरण अपने आप और नित्य निरंतर होता है ऐसा प्रभुपाद जी ने गीता के किसी purport मे कहा है

    • @bhaktilata108
      @bhaktilata108  11 дней назад

      jo स्वतः होता hai wo prem ke karn hota hai jese gopiyo ka prem wo istar bahut uper hai ham abhi vaddi sadhna kar rahe hai jo niyam diye hai guru परंपरा ne unka अनुशीलन kr rahe hai jab wo stage aayegi to स्वतः chintan hoga

    • @ZeshanKhan-pj4hz
      @ZeshanKhan-pj4hz 11 дней назад

      @bhaktilata108 kaun si stage