हरे कृष्णा सर एक करना होता है और एक होता हैं जो करते है वो क्रिया है और जो अपने आप होता है वो स्मरण होता है भगवान् मेरे है और मे भगवान् का हूँ भगवान् में अपनापन होने से स्वतः भगवान् मे प्रेम होता है और जिससे प्रेम होता है उनका स्मरण अपने आप और नित्य निरंतर होता है ऐसा प्रभुपाद जी ने गीता के किसी purport मे कहा है
jo स्वतः होता hai wo prem ke karn hota hai jese gopiyo ka prem wo istar bahut uper hai ham abhi vaddi sadhna kar rahe hai jo niyam diye hai guru परंपरा ne unka अनुशीलन kr rahe hai jab wo stage aayegi to स्वतः chintan hoga
हरे कृष्णा सर एक करना होता है और एक होता हैं जो करते है वो क्रिया है और जो अपने आप होता है वो स्मरण होता है भगवान् मेरे है और मे भगवान् का हूँ भगवान् में अपनापन होने से स्वतः भगवान् मे प्रेम होता है और जिससे प्रेम होता है उनका स्मरण अपने आप और नित्य निरंतर होता है ऐसा प्रभुपाद जी ने गीता के किसी purport मे कहा है
jo स्वतः होता hai wo prem ke karn hota hai jese gopiyo ka prem wo istar bahut uper hai ham abhi vaddi sadhna kar rahe hai jo niyam diye hai guru परंपरा ne unka अनुशीलन kr rahe hai jab wo stage aayegi to स्वतः chintan hoga
@bhaktilata108 kaun si stage