बहुत शानदार। तमिल प्रदेश में अधिकांशतः हिंदी का प्रखर विरोध रहा है। ऐसे प्रदेश में भाषाई संगम स्थापित करने का अनौखा कार्य आपने किया। ऋषि तिरुवल्लुवर की रचना को राजस्थानी में अनुवाद करने का कार्य विश्व की दो महान भाषाओं के बीच सेतु का कार्य करेगा। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए आपको साधुवाद।🙏🙏
ऋषि तिरुवल्लुवर की रचना के राजस्थानी भावानुवाद के लिए हार्दिक अभिनन्दन एवं कोटिशः शुभकामनाएँ! भविष्य में भी आप इसी प्रकार के साहित्यिक अवदानों से राजस्थानी एवं हिन्दी साहित्य की अभिवृद्धि में योगदान देते रहेंगे। माधव सिंह पालावत
वाह वाह गजादान सा,ठेट दिखण में मायङ भाषा रे नगीनों रे नमूनो पेश कर जको चानणो फैलायो,उणने सुण समझ ने सगऴा विद्वान गतागम में जरुर पङिया होसी के राजस्थानी भाषा तो अखूट समंदर है,जिणमे घणा ई अनमोल रतन भंडार भरियोङा है,जिणरो दुग्ध पान वे नी कर सकिया।
वाह शक्तिसुत, वाह! दक्षिण भारत में राजस्थानी रौ परचम फैरावण सारू आपनै घणा घणा रंग अर लखदाद।❤❤
Aabhar hukum
👏💐🍨🙏❤️ वाह ! वाह !
जय राजस्थान , जय राजस्थानी
Aabhar hukum
वाह सा। बहुत शानदार। बधाई सा। शानदार उद्बोधन।
🙏🙏
बहुत शानदार। तमिल प्रदेश में अधिकांशतः हिंदी का प्रखर विरोध रहा है। ऐसे प्रदेश में भाषाई संगम स्थापित करने का अनौखा कार्य आपने किया। ऋषि तिरुवल्लुवर की रचना को राजस्थानी में अनुवाद करने का कार्य विश्व की दो महान भाषाओं के बीच सेतु का कार्य करेगा। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए आपको साधुवाद।🙏🙏
सादर आभार हुकुम
ऋषि तिरुवल्लुवर की रचना के राजस्थानी भावानुवाद के लिए हार्दिक अभिनन्दन एवं कोटिशः शुभकामनाएँ! भविष्य में भी आप इसी प्रकार के साहित्यिक अवदानों से राजस्थानी एवं हिन्दी साहित्य की अभिवृद्धि में योगदान देते रहेंगे।
माधव सिंह पालावत
@@dr.seemantinipalawat554 कोटिशः आभार
चारण साहब इसी तरह राजस्थानी का मान बढ़ाते रहें 🙏
आभार
Bahut shandar hukum
Sadar aabhar
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Very nice sir ji ❤
🙏🙏
शानदार hkm
वाह वाह गजादान सा,ठेट दिखण में मायङ भाषा रे नगीनों रे नमूनो पेश कर जको चानणो फैलायो,उणने सुण समझ ने सगऴा विद्वान गतागम में जरुर पङिया होसी के राजस्थानी भाषा तो अखूट समंदर है,जिणमे घणा ई अनमोल रतन भंडार भरियोङा है,जिणरो दुग्ध पान वे नी कर सकिया।
सादर आभार हुकुम
सबसे कठिन भाषा तामील नाङु की हैं
🙏🙏
Hkm
🙏