सात सितारे एकटीच होना यही राज्य की शुरुवात ही होती है राज्य का इतिहास ही कहलाती है सितारो के साथ तिने लोगों के द्वार खुलते है आत्मशक्ती जगजा है @@RasmitameherRasmita
आंतरराष्ट्रीय शक्ती या तिन्ही लोक मे एकटीच होती है इन्सान पर भीती है लेकिन पूर्वज की शक्ती अजक जाती है शक्ती कोणती मिलती है शक्ती मुक्त होना यही एक सही समाचार होता है
समुंदर के भी तरत का तेल होता है पानी तो आकर चले जाता है फिर भी रेत का देर वही से वही रहता है कोई इन्सान की एक कुडी होती है मुझे हड्डी काशाच्या रहता है वो भी इंसान के लिए एक माती का धीर बनता है पुराने की स्थान ही बन जाता है किसी मे गुप्त आत्मा हे प्रगट होती है गुप्त मावशी मी समाधी है सही समय की राहो देखती है मुक्त होने के लिए जनम पाना या खुणा अपने की बस मे नही होता व तो भगवा जानता है कोनसे समय जीवनदान देना है इंसान को कोनसे योगी मे योगी मे उसका जन्म है योगिनी ही एक सत्य हैरान रानि केली का पत्ता एक नारायण कोळसे प्रकट होत आहे लक्ष्मीनारायण केली के पेड मे प्रकट होते है कमल कमळ कंबर मे से ही बच्चों की जन्म होता है लक्ष्मण नारायण
संसार के जीवन दाता संसार के पालन कर्ता प्रभू परमात्मा - को कोटि कोटि प्रणाम करता हूं माॅ -लक्ष्मी दुर्गा सरस्वती जी को कोटि कोटि प्रणाम करता हूं जय श्री राम जय सत्यनारायण भगवान की जय😮😢🎉😂❤🎉😢😮 जी को
आकाश के हाथ पैर नहीं है तू भी चलता है,, धरती के हाथ पैर नहीं है तो भी चलता है,,,वायु के हाथ पैर नहीं है तू भी चलता है,,, अग्नि का हाथ पैर नहीं है तो भी चलता है,,,, जल का हाथ पैर नहीं है तो भी चलताहै,,, हाथ पांव नहीं ना कोई शरीर नहीं ना कोई मूरत नहीं,,, निराकार है,,,, तू भी अपना काम करता है
Ye sharir hi pantatva se bana hai jisme vayu bhi shamil hai or vayu bhi dikhna nahi hai Agar vayu aapko na mile to jee bhi sakte ho Isliye to ped paudhe ki puja Krna ye hamari sanskriti hai
Om Jai maha Lakshmi Narayan namo namah om namah shivaya om Shri brahma dev namo namah om Jai maha saraswati mata namo namah om Jai maha durga mata namo namah 🌸🌹🌺🌻🌼🚩🚩🚩🚩🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏🙏🙏💕💕💕💕💕🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤️❤️❤️❤️❤️🔱🔱🔱🔱🔱💞💞💞💞💞🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵🏹🏹🏹🏹🏹👏👏👏👏👏🪔🪔🪔🪔🪔
Sab Janma Unhi se pate hai phir laut unhi me aate hai Jai Achyut,, Jai Madhav,, Jai Padmanabh,,, Jai laxmi Narayan Jai Shri Hari Vishnu 🚩🚩🚩🕉🕉⛳⛳⛳🙏🙏🙏🏹🏹🏹🗡🗡⚔️⚔️🧡🧡🇮🇳🇮🇳
@@shreeradhakrishnabhaktashr5384 hindu dharm hee sabse Bura dharm hai shiv puran main sdashiv vishnu brahma ko late hai phir unke kahne par viral karte hai bade ling se shiv
@@vasupariharthakur3281adha adhura Gyan bhaut khatarnak hota hai 14 manwantar hai jisme se ek manwantar main shiv ji ke haatho main pura control diya tha bhagwan vishnu ne
विष्णु लीलाधर हैं - सत् (विष्णु -परम निरपेक्ष चेतना) स्वयं को चित् (शिव - कूटस्थ चेतना ) और आनंद (ब्रम्हा - ब्रम्ह चेतना) में विभाजित करता है, अतः विष्णु और शिव दोनो ही पारब्रम्ह हैं, परन्तु अन्तर इतना ही है कि वह सत् जो ब्रम्ह (ॐ) में निहित होते हुए भी असलंग्न है कूटस्थ कहलाता है और जो ब्रम्ह की परिधि में नही है, परम कहलाता है। सच तो यह है कि सर्वस्व भेदरहित चैतन्य है। सत् ही लीला का जनक है इसलिए पुराणों में विष्णु को लीलाधर का नाम भी मिला है। 2. विष्णु के दो हाथ आगे एवं दो पीछे - अर्थात परम चेतना द्वारा सम्पन्न द्वंदरूपी कार्य (सृष्टि) प्राकट्य (सामने) और अप्राकट्य (पीछे) भी हैं। यानि अपरा एवं परा प्रकृति। 3. विष्णु - अर्थात सर्वव्यापी। 4.विष्णु का नीला वर्ण - अर्थात ब्रम्ह तत्व को धारण करना। इसलिए सनातन धर्म में भगवान का वर्ण नीला या श्यामल दिखाते हैं। नीले, स्याही और बैंगनी रंग की आवृत्तियां इद्रंधनुष में सूक्ष्मतर होती हैं। अतः इनको देवत्व दर्शाने में प्रयोग करते हैं। जीव के भ्रूमध्य में जब नीली ज्योति का दर्शन होने लगता है तो वह सच्चिदानंद के द्वार पर पहुँच जाता है यानि आनंदमय स्वरूप को प्राप्त होता है। 5. विष्णु का हाथ के सहारे नेत्र मूंदे लेटना - अर्थात परमेश्वर की चेतना ही लीला रचती है। वह चेतना कभी सोती नही है अपितु सदैव जागरुक रहती है।. समस्त दृश्रयम् और अदृश्रयम्, परम निराकार चेतना की ही अभिव्यक्ति है, जो हर साकार रुपी सक्षम अणु में व्याप्त है। 6. विष्णु का अनन्त या शेषनाग की कुडंलिनी पर लेटना - अर्थात परमेश्वर की चेतना में निहित माया ही अनन्त लीला है एवं उसके ऊपर ही चेतना का वास है। उस परम निराकार चेतना की सृष्टिकल्प-अभिव्यक्ति के अंत में, शेष रहती है मात्र सुप्तावस्थित मायाशक्ति, जो भावी सृष्टिकल्प के प्रतिपादन हेतु, अभिन्न चेतनारूपी कुंडलित स्थितज शक्ति होती है। 7. शेषनाग का सहस्त्रमुखी फन विष्णु के ऊपर - सृष्टिकल्प के आरम्भ में सहस्त्रमुखी (अनंतरूपी) माया पुनः चैतन्यावस्था में आकर विष्णु का आवरण बन जाती है। 8. विष्णु का वाहन गरुड़ पक्षी - गरुड़ सर्पों (माया के अनन्तरूप) का विनाशक एवं पक्षीराज माना जाता है। परम निराकार चेतना गरुड़ पर विराजमान होती है, अर्थात जो व्यक्ति मायाजनित अज्ञान का नाश कर, उसके ऊपर ऊँची स्थायी उड़ान भरना सीख जाता है, परम चेतना उसपर सवार रहती है। 9. विष्णु अर्धनारीश्वर नही हैं - अर्थात परम निरपेक्ष चेतना का अविभाजित सत् एवं अव्यक्त मूर्तरूप। 10. विष्णु के अवतार होना - अर्थात परम निरपेक्ष और निराकार चेतना साकार रूप में अवतरित होती है। वह परमेश्वर दोनों, निराकार और साकार है। 11. विष्णु की पत्नी लक्ष्मी - अर्थात चैतन्यता का “स्थिर भाव” जो सृष्टि का पालनकर्ता है और सृष्टि का यथोचित् “पालना” है। 12. विष्णु का क्षीरसागर के मध्य वैकुंठ में वास करना - परम चेतना से उद्भूत होती है माया और उससे उद्भूत होता है परम ज्योतिर्मय सागर या एैसा समझे कि ज्योतिर्मय सागर ही माया का मूलतः आधार है; प्रकाश ही हर पदार्थ का मूल है।, जिस पर माया प्रकट होती है; और परम एकल चेतना सबके मध्य में, यानि सबकी जनक है। वैकुंठ यानि मन, बुद्धि और अहम् के परे, अचिन्त्य “विषय-विकार रहित” अवस्था। 13. विष्णु के पीछे वाले हाथों में पंचजन्य शंख और सुदर्शन चक्र - अर्थात पंचप्राण,पंचतन्मंत्र एवं पंचमहाभूत और सुदर्शन चक्र अर्थात सृष्टिचक्र का आनंद स्वरूप। विष्णु के आगे वाले हाथों में गदा और कमल - अर्थात शक्ति और नित्यशुद्ध-आत्मा। 14. विष्णु के दो कर्णफूल - द्वंद से ही चेतना की प्रकृति सुशोभित है। 15. विष्णु के गले में बनफूलों की माला और कौस्तुभ - प्रकृति ही चेतना को सुशोभित करती है एवं कौस्तुभ यानि हमारी हर शुद्ध इच्छा परम चेतना के हृदय में वास करती है और उसका पूर्ण होना सुनिश्चित है। 16. विष्णु के सतांन नही - अर्थात चित् और आनंद, सत् से उत्पन्न नही होते हैं, अपितु सत् के विभाज्य स्वरूप हैं।❤️❤️❤️❤️
बहत सुंदर ज्ञान मिलता है।। हर एक व्यक्ति को देखना चहिए।।❤❤❤
Hann
Ji ha
Hhh
What is your name
Hindu and sabhi logo ko dekhanachahia
🕉 ka jaap karne walo ko Vishnu bhagwaan hi vardaan dete h. ❤
Pabitra mn achhi swabhab logo ko
Om namo Narayan.. , ye bolo beta 😂😂
सात सितारे एकटीच होना यही राज्य की शुरुवात ही होती है राज्य का इतिहास ही कहलाती है सितारो के साथ तिने लोगों के द्वार खुलते है आत्मशक्ती जगजा है @@RasmitameherRasmita
आंतरराष्ट्रीय शक्ती या तिन्ही लोक मे एकटीच होती है इन्सान पर भीती है लेकिन पूर्वज की शक्ती अजक जाती है शक्ती कोणती मिलती है शक्ती मुक्त होना यही एक सही समाचार होता है
समुंदर के भी तरत का तेल होता है पानी तो आकर चले जाता है फिर भी रेत का देर वही से वही रहता है कोई इन्सान की एक कुडी होती है मुझे हड्डी काशाच्या रहता है वो भी इंसान के लिए एक माती का धीर बनता है पुराने की स्थान ही बन जाता है किसी मे गुप्त आत्मा हे प्रगट होती है गुप्त मावशी मी समाधी है सही समय की राहो देखती है मुक्त होने के लिए जनम पाना या खुणा अपने की बस मे नही होता व तो भगवा जानता है कोनसे समय जीवनदान देना है इंसान को कोनसे योगी मे योगी मे उसका जन्म है योगिनी ही एक सत्य हैरान रानि केली का पत्ता एक नारायण कोळसे प्रकट होत आहे लक्ष्मीनारायण केली के पेड मे प्रकट होते है कमल कमळ कंबर मे से ही बच्चों की जन्म होता है लक्ष्मण नारायण
2024 mein kaun kaun dekh raha hai yah video attendance lagaen
☝️☝️☝️☝️☝️
Me
Me
Mai😊
Jay jagarnath 🙏🙏 Ham odisha se BHAI
भगवान विष्णु जी को कोटी कोटी प्रणाम जय श्रीराम 🙏🙏🙏🙏
AADARSH❤😂
Neha
P😮iOooaoo@praooooodipkushwaha170
नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण 🌷🌷🌷🌷
श्री हरि विष्णु संपूर्ण सृष्टि ब्रह्माण्ड पृथ्वी सहित जगत के मूलाधार चक्रपाणि आपको कोटि कोटि नमन 🙏
विष्णुपुराण जो भी देखेगा उसका जीवन सफल है हरी नारायण
Kaise..?
❤
@@gouravekka777 Due to positivity
संसार के जीवन दाता संसार के पालन कर्ता प्रभू परमात्मा - को कोटि कोटि प्रणाम करता हूं माॅ -लक्ष्मी दुर्गा सरस्वती जी को कोटि कोटि प्रणाम करता हूं जय श्री राम जय सत्यनारायण भगवान की जय😮😢🎉😂❤🎉😢😮
जी को
Vishnu bhagwaan hi purn brahm parmatma h.
जय श्री विष्णु भगवान नमो नमः
जय श्री विष्णु पुराण 🙏🙏🙏जय श्री नारायण 🙏🙏🙏ओम नमो श्री भगवते वासुदेवाय नमः 🙏🙏
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R
Asafk263hdeundv❤❤❤❤❤❤❤Racketeering ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Dg
@@PritamKumar-jk4gv❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
जय गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरा हे परमपिता परमेश्वर जय श्रीगुरुदेव नमो नमः
ये सिरीयल बनाने वालाको सत सत नमन कर्ता हु मै 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
भगवान विष्णु जी को कोटि-कोटि प्रणाम,, जय श्री राम , जय श्री कृष्ण,
Jai.shreekirshna
Jay ho
0:36 0:38 0:38 0:39
@@LakhanSingh-ry8enjn
❤
Om bhagwate vasudevay Om bhagwate vasudevay Om bhagwate vasudevay Jay Jay Shri Ram
Best knowledge of Vishnupuran
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ओम नमो नमः शिवाय
ॐजय श्री राधे राधे जय श्री कृष्ण जय माधव जय स्वाभिमानी यादव धर्म के साथी हैं अधर्म हमारा दुश्मन जय हिन्द् जय भारत वंदेमातरम ॐ
ओम नमो भगवते वासुदेवाय ओम नमो भगवते वासुदेवाय ओम नमो भगवते❤
आकाश के हाथ पैर नहीं है तू भी चलता है,, धरती के हाथ पैर नहीं है तो भी चलता है,,,वायु के हाथ पैर नहीं है तू भी चलता है,,, अग्नि का हाथ पैर नहीं है तो भी चलता है,,,, जल का हाथ पैर नहीं है तो भी चलताहै,,, हाथ पांव नहीं ना कोई शरीर नहीं ना कोई मूरत नहीं,,, निराकार है,,,, तू भी अपना काम करता है
लेकिन तुम बिना शरीर के नहीं चल सकते हो चाहे कोई भी भगवान् की पूजा कर
Ye sharir hi pantatva se bana hai jisme vayu bhi shamil hai or vayu bhi dikhna nahi hai
Agar vayu aapko na mile to jee bhi sakte ho
Isliye to ped paudhe ki puja Krna ye hamari sanskriti hai
@@NaginaManjhi-um7dq72 huro के दल्ले की कोई फोटो है जो तुम्हारा नल्ला लेता है वो औरत है या पुरुष या 6नंबर
Are kahna kya chahte ho
बिनु पग चले सुनि बिनु काना
कर बिनु कर्म कर्म करें विधि नाना
नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्रीकृष्ण राधे राधे जि जय ॐ नमो भगवते बासुदेवाय नमो❤❤❤
PARAMPITA PARAMESWAR PRAHU NARAYN BASHUDABAY, BHAGABTYA GOBINDAY NOMO NOMOH KRISHNAY NOMO NOMOH,
এই সন্দৰ্ভত পৰম পৰা ঘুৰাই অনাৰ চেষ্টাহে কৰা হ'ব এনে পৰম পৰা পুনৰ আকৌ বাহাল থাকিবলৈ দি সমাজ ব্যৱস্থাৰ বিশৃংখলতাৰ মাজলৈ ধাৱ মান হ'ব বুলি ধাৰণা কৰা হয়।।
Om jai Shri Lakshmi Narayan ji Namo Namah Om Namo Bhagwatey Vasudevay Hari om Tatshat Hari Om Tatshat
Abhi kon kon dekh rha hai
हम देख रहे हैं
🕉नमो भगवते वासुदेवाय नमो नम:🕉
❤ ब्रह्मा और विष्णु को कोटि कोटि नमन करता लक्ष्मी नारायण जिओ प्राणी को कोटि कोटि नमन प्यार भरा नम करता हूं
श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी।
Aaj mujhe Vishnu Puran Padhne ka Sobhagya mila
bhgvan shree vishnu... bhrma.. Mhesh... Ji ko koti koti prnam....
भगवान श्री वीष्णु जी को कोटी कोटी नमन
ॐ विष्णवे नमं ह
Jai shree Vishnu
Om Jai maha Lakshmi Narayan namo namah om namah shivaya om Shri brahma dev namo namah om Jai maha saraswati mata namo namah om Jai maha durga mata namo namah 🌸🌹🌺🌻🌼🚩🚩🚩🚩🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏🙏🙏💕💕💕💕💕🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤️❤️❤️❤️❤️🔱🔱🔱🔱🔱💞💞💞💞💞🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵🇳🇵🏹🏹🏹🏹🏹👏👏👏👏👏🪔🪔🪔🪔🪔
सृष्टि की रचना कर सृष्टिका पालन करने वाले प्रभु को शत . शत नमन करता हूं भगवान विष्णु की जय हो माँ लक्ष्मी जी जय हो
Jai shree Laxmi Naranyan 🌹🏵️🌺🙏🙏🙏
Kon kon vishnu puran 2023 Me Dekh Rahi Ho Jai shree hari Vishnu 🙏🙏🙏
❤😮🎉😂😮😊😅😮😢🎉😂❤
2024
🙏🙏🌹🌹Om Namah Bhagvate Vasudevaay🌹🌹 🙏🙏
🕉नमो भगवते वासुदेवाय 🙏🙏🚩🚩🚩
જયશ્રી રણછોડજી છે એ પણ છે
।। जय श्री हरि विष्णु नारायण भगवान की जय जय हो 🙏🪔🚩 माता रानी लक्ष्मी माता मैया जी की जय हो 🚩🪔🙏🙏🚩🪔,🌷🌾🌋🌋🌋💗💗💗⛳⛳🧡🧡🧡🕉️🕉️🕉️🕉️🌼💐💐💐💐🍊🍊🌿🙏🙏🙏🙏🚩🪔❣️🌼🌼💐♥️
Jai Shri Laxmi Narayana🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 🙏
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 👏👏👏👏👏🌹🌹🌹ॐ नमो नारायण 👏👏👏👏👏👏👏👏👏
Om namo bhagwate vasudewaya🙏
Om Namo Narayanaya 🙏
Super se uper hai 🙏🌸😍
जगत के पालन कर्ता भगवान विष्णु को मुझ दासी का कोटि कोटि नमन सभी पर अपनी कृपा बनाए रखना प्रभु 🙏🏻🙏🏻♥️♥️🙏🏻🙏🏻🪷🪷🌸🌸🥀🥀🍁🍁🌹🌹🌾🌾🕉🕉🌿🌿💐💐🌻🌻🌼🌼🌺🌺⚘️⚘️🍂🍂🏵🏵🪻🪻🌷💐
Jai shree LaximeNarayan 👌👌💐💐🌺🌺🙏🙏
Jai Laxmi Narayan aap ke charno me koti koti pranam
જયશ્રી રણછોડજી છે એ પણ છે 🎉મને આ
જયશ્રી રણછોડજી છે એ પણ છે
मुझे गर्व है मेरा जन्म भारतवर्ष में हुआ।
जय श्री राम
यह सब तार्किक कपोल कल्पित अवधारणाएं है तो उसे यह पता नहीं है तो उसे दूर रहें?
Sab Janma Unhi se pate hai phir laut unhi me aate hai
Jai Achyut,, Jai Madhav,, Jai Padmanabh,,, Jai laxmi Narayan
Jai Shri Hari Vishnu 🚩🚩🚩🕉🕉⛳⛳⛳🙏🙏🙏🏹🏹🏹🗡🗡⚔️⚔️🧡🧡🇮🇳🇮🇳
👍🙏❤️Dhan Dhan Satguru Tera Hi Aasra 🌷🌷❤️
Jai Shree Narayan Bhagwan ji 🌺🌹💐🙏🙏🚩🕉️🕉️🕉️🕉️
જયશ્રી રણછોડજી છે એ પણ છે
🚩🙏❤️ Laxmi Narayan ❤️🙏🚩🌺
जयविष्णु पुराण
Jay shree Vishnu bhagvan🙏🙏🙏🙏
Narayan ki jay ho
जय आई महालक्ष्मी 🙏🙏🙏
Omm namah bhagbate basudebaya 🙏🏽🙏🏽🙏🏽Hare Krishna 🙏🏽🙏🏾🙏🏾
Hare Krishna 🙏🏾🙏🏾🙏🏽
Jay shree Sita Rama 🙏🏾🙏🏾🙏🏾
Jay Jagannath 🙏🏾🙏🏾🙏🏽
Jay maa Dharitri Mata 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
💙💙💙💙💙❤jai ho dhrati mata ki aatdiskti jagat janani mata ki jai ❤❤❤❤❤❤❤❤❤😊😊😊😊😊😊💙💙💙💙💙
श्री मन नारायण नारायण हरी हरी 🙏❤️
भगवान विष्णुजी को कोटि-कोटि प्रणाम🙏🙏
सर्व ज्ञाता पर केसा अविश्वास जो किया वह ही सही हे,
❤❤❤mm❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😮😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😅😊😊
Happy @@PritamKumar-jk4gv
यह सृष्टि की रचना वाला पिता परमेश्वर है
Jay Mata Prithvi
Aum Namah Vishnuvé
Jay Maha Brahma
Har Hara Maheshwara
Aum Namay ParamShakti
Thank yu god for everything yu gave to me ❤️🥰❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏
Om nmo bhagwte vasudewaye namah 😊🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Naturally so much thai.
Om namo bhagwate vasudevay 💖
जय श्री लक्ष्मी नारायण जी महाराज की जय हो
परमेश्वर एक ही है परमात्मा शिव.शिव और शंकर अलग ब्रम्हा, विष्णू और शंकर ये त्रिमूर्ती के उपर भी एक शक्ती है वो है परमात्मा शिव ॐ नमः शिवाय 🙏🙏
Jai Brahma Vishnu Mahesh💐💐💐🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤️❤️❤️
Hare Krishna hare ram Jai bagrang Bali Hanuman 🙏 har har mahadev
Jay Ho 🙏
श्रीमन नारायण नारायण हरि हरि
Om namo bhagvate vashudevay namah ji jai shree ram ji har har mahadev ji jai shree ram ji jai hanuman ji
Jay shree krishna parameswar bhagwaan vishnu ki jay 🙏🙏🙏🙏🙏
Jay shree laxmi narayan ke siree charno me koti koti e ke चरणों में मेरा कोटि कोटि प्रणाम करता हूं
Jay shree Vishnu Bhagwan 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपको कोटि कोटि प्रणाम प्रभू👏👏😊
विष्णु भगवान के चरणों मैं कोटि कोटि प्रणाम करता 🙏🙏🙏♥️
Jay Shree Krishna 🙏🙏🙏
जय श्री लक्ष्मी नारायण वासुदेव 🙏🙏 🙏🙏❤❤❤❤❤
Jay Shree Bhagawan Bisnu koti koti pranam prabhu 🙏🙏🙏🙏
जय श्री राधे कृष्णा 🙏💐
Jai Shri Vishnu Bhagwan Ji 🌹🌹🙏🙏🎂🎂🍰🍰❤❤💖💖💓💓💕💕🙏🙏
Om namah Narayan ❤❤❤❤❤👃👃👃👃👃🌹🌹🌹🌹
Jai Vishnu bhagvan🙏🙏🙏
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमो,,,,,,,कौन कौन देख रहे हैं 2024मे
जय श्री लक्षमी नारायण 💐🙏🚩
Om durgai namah mn 1 pragat shudarashan chakr om mn 1 guru prnam om shanti ji om
Om namo narayana🙏🙏 jai ho shri hari vishnu ji ki🙏🙏hare krishna hare rama🙏🙏
Fri 🌃
Shiv or Shani dono alag h. ❤
Janta hu 😂😂
Jai shree Hari bisbu ji ki 🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏
Jai shree vishnu
@@nabakishore374
Jay Dharti Mata aapko sada Jay Ho maa
2024 में कौन कौन देख रहे हैं जय श्री मन नारायण भगवान विष्णु के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम मेरा प्रणाम स्वीकार हो 🙏🙏🙌
Jay ma laxminarayan 🙏🥰😭
Mera Prabhu nahi
Hamra prabhu
@@shreeradhakrishnabhaktashr5384 hindu dharm hee sabse Bura dharm hai shiv puran main sdashiv vishnu brahma ko late hai phir unke kahne par viral karte hai bade ling se shiv
@@vasupariharthakur3281 Excuse me Hamra hindu dharm bura dhrma nahi hain
Hamra hindu dharm ta bahati acha aur pavitra hain
@@vasupariharthakur3281adha adhura Gyan bhaut khatarnak hota hai 14 manwantar hai jisme se ek manwantar main shiv ji ke haatho main pura control diya tha bhagwan vishnu ne
Jai shree vishnu prabhu aapko sat sat naman 🙏🙇♀️🙇♀️
Jai Shree VishnuLakshmi.. Jaj Shree Ram..Jai Brahma Ji ki..Har Har Mahadev.. Jai Hanuman ji Ki 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
He Bhagwan Vishnu aapke charanon mein koti koti pranam..🙏😔🙏😔🙏
Jay Shree man narayana 🙏🙏🙏🙏
2024 मे कोन कोन देख रहा है भगवान जी
🌹🌹🙏🙏🙏🙏🕉Jai Shree Ram🕉🙏🙏🙏🙏🌹🌹
पृथ्वी के रचयिता भगवान श्री विष्णु को मेरा प्रणाम बार बार नमस्कार
Jai Shri Laxmi Narayan❤️❤️❤️🙏🙏🙏
तुम्हारी जय हो नारायण 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
विष्णु लीलाधर हैं - सत् (विष्णु -परम निरपेक्ष चेतना) स्वयं को चित् (शिव - कूटस्थ चेतना ) और आनंद (ब्रम्हा - ब्रम्ह चेतना) में विभाजित करता है, अतः विष्णु और शिव दोनो ही पारब्रम्ह हैं, परन्तु अन्तर इतना ही है कि वह सत् जो ब्रम्ह (ॐ) में निहित होते हुए भी असलंग्न है कूटस्थ कहलाता है और जो ब्रम्ह की परिधि में नही है, परम कहलाता है। सच तो यह है कि सर्वस्व भेदरहित चैतन्य है। सत् ही लीला का जनक है इसलिए पुराणों में विष्णु को लीलाधर का नाम भी मिला है।
2. विष्णु के दो हाथ आगे एवं दो पीछे - अर्थात परम चेतना द्वारा सम्पन्न द्वंदरूपी कार्य (सृष्टि) प्राकट्य (सामने) और अप्राकट्य (पीछे) भी हैं। यानि अपरा एवं परा प्रकृति।
3. विष्णु - अर्थात सर्वव्यापी।
4.विष्णु का नीला वर्ण - अर्थात ब्रम्ह तत्व को धारण करना। इसलिए सनातन धर्म में भगवान का वर्ण नीला या श्यामल दिखाते हैं। नीले, स्याही और बैंगनी रंग की आवृत्तियां इद्रंधनुष में सूक्ष्मतर होती हैं। अतः इनको देवत्व दर्शाने में प्रयोग करते हैं। जीव के भ्रूमध्य में जब नीली ज्योति का दर्शन होने लगता है तो वह सच्चिदानंद के द्वार पर पहुँच जाता है यानि आनंदमय स्वरूप को प्राप्त होता है।
5. विष्णु का हाथ के सहारे नेत्र मूंदे लेटना - अर्थात परमेश्वर की चेतना ही लीला रचती है। वह चेतना कभी सोती नही है अपितु सदैव जागरुक रहती है।. समस्त दृश्रयम् और अदृश्रयम्, परम निराकार चेतना की ही अभिव्यक्ति है, जो हर साकार रुपी सक्षम अणु में व्याप्त है।
6. विष्णु का अनन्त या शेषनाग की कुडंलिनी पर लेटना - अर्थात परमेश्वर की चेतना में निहित माया ही अनन्त लीला है एवं उसके ऊपर ही चेतना का वास है। उस परम निराकार चेतना की सृष्टिकल्प-अभिव्यक्ति के अंत में, शेष रहती है मात्र सुप्तावस्थित मायाशक्ति, जो भावी सृष्टिकल्प के प्रतिपादन हेतु, अभिन्न चेतनारूपी
कुंडलित स्थितज शक्ति होती है।
7. शेषनाग का सहस्त्रमुखी फन विष्णु के ऊपर - सृष्टिकल्प के आरम्भ में सहस्त्रमुखी (अनंतरूपी) माया पुनः चैतन्यावस्था में आकर विष्णु का आवरण बन जाती है।
8. विष्णु का वाहन गरुड़ पक्षी - गरुड़ सर्पों (माया के अनन्तरूप) का विनाशक एवं पक्षीराज माना जाता है। परम निराकार चेतना गरुड़ पर विराजमान होती है, अर्थात जो व्यक्ति मायाजनित अज्ञान का नाश कर, उसके ऊपर ऊँची स्थायी उड़ान भरना सीख जाता है, परम चेतना उसपर सवार रहती है।
9. विष्णु अर्धनारीश्वर नही हैं - अर्थात परम निरपेक्ष चेतना का अविभाजित सत् एवं अव्यक्त मूर्तरूप।
10. विष्णु के अवतार होना - अर्थात परम निरपेक्ष और निराकार चेतना साकार रूप में अवतरित होती है। वह परमेश्वर दोनों, निराकार और साकार है।
11. विष्णु की पत्नी लक्ष्मी - अर्थात चैतन्यता का “स्थिर भाव” जो सृष्टि का पालनकर्ता है और सृष्टि का यथोचित् “पालना” है।
12. विष्णु का क्षीरसागर के मध्य वैकुंठ में वास करना - परम चेतना से उद्भूत होती है माया और उससे उद्भूत होता है परम ज्योतिर्मय सागर या एैसा समझे कि ज्योतिर्मय सागर ही माया का मूलतः आधार है; प्रकाश ही हर पदार्थ का मूल है।, जिस पर माया प्रकट होती है; और परम एकल चेतना सबके मध्य में, यानि सबकी जनक है। वैकुंठ यानि मन, बुद्धि और अहम् के परे, अचिन्त्य “विषय-विकार रहित” अवस्था।
13. विष्णु के पीछे वाले हाथों में पंचजन्य शंख और सुदर्शन चक्र - अर्थात पंचप्राण,पंचतन्मंत्र एवं पंचमहाभूत और सुदर्शन चक्र अर्थात सृष्टिचक्र का आनंद स्वरूप। विष्णु के आगे वाले हाथों में गदा और कमल - अर्थात शक्ति और नित्यशुद्ध-आत्मा।
14. विष्णु के दो कर्णफूल - द्वंद से ही चेतना की प्रकृति सुशोभित है।
15. विष्णु के गले में बनफूलों की माला और कौस्तुभ - प्रकृति ही चेतना को सुशोभित करती है एवं कौस्तुभ यानि हमारी हर शुद्ध इच्छा परम चेतना के हृदय में वास करती है और उसका पूर्ण होना सुनिश्चित है।
16. विष्णु के सतांन नही - अर्थात चित् और आनंद, सत् से उत्पन्न नही होते हैं, अपितु सत् के विभाज्य स्वरूप हैं।❤️❤️❤️❤️
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Thank you