Gyan Sudha | ज्ञान सुधा - समाने की शक्ति | जगदीश भाइजी | Powerful Class | Bk classes
HTML-код
- Опубликовано: 17 сен 2024
- #jagdishbhai #bkclasses #meditationsongs
भ्राता जगदीश चंद्र जी का संक्षिप्त जीवन परिचय
भ्राता जगदीश चंद्र जी का जन्म 10 दिसंबर 1929 को मुल्तान में हुआ था। उनकी आध्यात्मिकता में रुचि थी, अतः भारतीय दर्शन वैदिक संस्कृति व विश्व के विभिन्न धर्मों का गहन अध्ययन किया। दादियों द्वारा दिल्ली में सेवा प्रारंभ हुई तो दिल्ली कमला नगर में ज्ञान प्राप्त किया। वो एक प्रबुद्ध प्राध्यापक थे। ब्रह्माकुमारी संस्थान से ज्ञान प्राप्त होते ही स्वयं को सेवा में पूर्णतया समर्पित कर दिया।
बाबा आप को संजय, गणेश आदि नामों से पुकारते थे। आपकी बुद्धि के लिए कहते थे 7 फुट लंबी बुद्धि है। आपने राजयोग जैसे जटिल व गहन विषय पर शोध कार्य किए तथा उसकी व्याख्या अत्यंत सरल सुबोध सुरुचिपूर्ण शब्दों में की। आपने विद्यालय का पूरा साहित्य तैयार किया। राजयोग, मानवीय मूल्य, आध्यात्मिकता, समय, सामाजिक विषय पर 200 से भी अधिक हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू भाषा में पुस्तकें लिखी। आप ज्ञान अमृत, वर्ल्ड रिन्यूअल तथा प्यूरिटी पत्रिका के प्रधान संपादक रहें और भारतीय एडिटर्स गिल्ड के सदस्य भी रहे। आपका यज्ञ में अग्रणी स्थान था। आप मुख्य प्रवक्ता के रूप में रहे। सेवा की अनेक नवीन योजनाएँ आरम्भ की और उन्हें वास्तविक स्वरूप दिया। आपने विभिन्न वर्गों की सेवाओं हेतु विभिन्न प्रभाग बनाए जो आज भी ज्ञान सरोवर में सुचारू रूप से चल रहे हैं।
दिल्ली शक्तिनगर सेवा केंद्र पर रहकर आप विश्व सेवा के माध्यम बने। रुस में आपने सेवाओं की नींव रखी जहाँ आज हजारों बाबा के बच्चे ज्ञान योग की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। आपका व्यक्तित्व एवं कृतित्व संपूर्ण मानवता के कल्याण हेतु ही था। ऐसा विश्वास किया जाता है कि आप सच्चे दधीचि थे।
12 मई 2001 को अपने पार्थिव शरीर का त्याग कर परम स्थिति को प्राप्त किया।
✨🧘😌🌹🪴💝🙏🙏🙏 haa ji.. thanks 🙏🙏
ओम शांति ओम शांति ओम शांति 🇲🇰💖🇲🇰