हरियाणवी किस्सा || खाण्डेराव परी विक्रमाजीत | Khanderao Pari | Karampal Sharma रचयिता पं0 मांगे राम,
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- Опубликовано: 26 дек 2022
- हरियाणवी किस्सा || खाण्डेराव परी विक्रमाजीत | Khanderao Pari | Karampal Sharma रचयिता पं0 मांगे राम,
🔹Tittle :- खाण्डेराव परी विक्रमाजीत
🔹Singer :- KARMPAL SHRMA
🔹Music :-
🔹Editor :-
🔹writer :- पं0 मांगे राम,
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हरियाणवी किस्सा-विक्रमाजीत-खाण्डेराव परी-1
रचयिता-पं0-मांगे राम,
गायक-कर्मपाल शर्मा
1. म्हारे देश मैं काल पड़या न्यू बहुत घणे दुःख पाए,
हो कै नै लाचार भूप हम तेरी शरण मैं आए
2. मैं के सिर पै धर रया सूं यो राजपाट सै थारा,
आए गए अतिथि खातर खुला रहै भण्डारा
3. जे रहैग्यी हो कसर खाण मैं मतना कितै बताईयों,
कच्ची-पक्की बातां की मनै माफी दे कै जाईयो
4. वीर विक्रमा तू भी म्हारे मानसरोवर कैसा ताल,
अन्न-धन के भण्डार भरो थारे मौज उड़ाई 12 साल
5. कौण इन्द्र तै बढ़ कै हो ग्या वो राजा माया धारी,
उस बिसवे बीस तै जाके कह दो ले छूटा हंसणी थारी
6. इन्द्रलोक का भूप पति तू सब ते बडा बढेरा,
म्हारी हंसिणी दे दे नै हम गुण भूलैं ना तेरा
7. जिस कारण हम उल्टे आए इब बता दें सारी,
तेरी बड़ाई करते जां थे लई खोस हंसणी म्हारी
Yfyluu
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