दिल्ली मे 50 गज का प्लॉट आपके बजट में | दिल्ली में सस्ता प्लाट | Cheap Plots in Delhi in Installment
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- Опубликовано: 29 июн 2022
- दिल्ली मे 50 गज का प्लॉट आपके बजट में | दिल्ली में सस्ता प्लाट | Cheap Plots in Delhi in Installment
नमस्कार मित्रों आज की यह विडियो आपको 50 गज से 200 गज के प्लाट के बारे में विस्तार से जानकारी दुंगा
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Mr.Sandeep 8585915152
Pawan drall 9560424140
Location :- Delhi Tikari Border
Metro :- 2 metro station 500m & 700m
Bus stand :- 700m
Main road :- 300m
petrol pump:- 1km
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Mr. Vishal 👉 7838903370
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Best Bhai mai bhi lunga
Nice
भाई मन्दिर बना रहे हो। आप आगे बढोगे ॐ। हर हर महादेव
Ayodhya me jameen kharedne ke leye contact karen ❤❤❤❤❤❤
good 👍
Bhagya Vihar ki video banao bhaiya ji Kali Mata Mandir ke pass
Good job sir
Kahi taag to nhi loge bhee
Kya Yahan registry hai plant Mein registry hoti hai dakhil kharij
Registery ka kya procedure hai?.
Sir ji ye jo plot hai ji kist me ya case me ji aap btayen sir ji
Konse aria ka h video
First ❤
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
★परन्तु अब ये सब कहानी होने के बाद बिल्डर/डीलर कहते हैं कि अगर हम नक्शा अथॉरिटी से पास कराते हैं तो कॉलोनियों तथा सोसायटियों में 60% से 70% जमीन वेस्ट जाती है क्योंकि पार्क/मन्दिर की जगह तथा 30 फुट व 60 फुट के रास्ते देने पड़ते हैं।
★मात्र 40% जगह बचती है बेचने के लिए, इस कारण प्लॉट फिर मंहगे बेचने पड़ेंगे और इतने मंहगे प्लॉट कोई भी नहीं खरीदेगा। कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं,और फिर मार्केट से गायब हो जाते हैं या बेशर्म बनकर मार्किट में रहते हैं।
★बुलडोजर चलने के बाद बिल्डर कहते हैं, कि इसी कारण से कोई भी नक्शा पास नहीं कराता और ग्राहकों को बिना बताए लैंड पर प्लाटिंग करके प्लॉट बेच देते हैं।
1001% डीलर/बिल्डर इसी प्रकार से प्लाटिंग करते हैं।
★लेकिन ग्राहकों को इस बात का तब पता चलता है जब सरकारी बुलडोजर चलता है।
★अब ऐसे केसों में जमीन तो लीगल होती है, लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण में मरता तो खरीदार ही है। क्योंकि बुलडोजर चलने के समय बिल्डर,एजेंट,डीलर आदि सभी गायब हो जाते हैं।
वीडियो देखें :-👇👇👇
👉ruclips.net/video/F043LJB7mbg/видео.html
👉ruclips.net/video/HJO3yg4rep0/видео.html
👉fb.watch/c7wZ4A-2Ur/
👉fb.watch/c7DvzBb1xm/
★हालांकि रजिस्ट्री और दाखिल खारिज़ भी ऑनलाइन गवर्नमेंट रेवेन्यू रिकॉर्ड में चढ़ जाती है,अर्थात ये कार्य किसान,बिल्डरों, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, तहसील, आवास विकास प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ही होता है।
★और अब तो यूट्यूबर्स अपने LIKE, VIEWS और सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए ऐसी जमीनों की वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करके खूब पब्लिसिटी भी कर रहे हैं।
★परन्तु आखिर में गाज सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों/इंवेस्टर्स पर ही गिरती है।😞😞
★Point to be noted :- इस प्रकार के रियल एस्टेट के इस खेल में सभी डायरेक्टर्स कभी भी अपने सर्कल व रिलेशन में प्लॉटस नहीं बेचते और सेल्स डिपार्टमेंट में जो लीडर/मैनेजर एडवांस समझदार अर्थात डायरेक्टर्स के खास गुर्गे होते हैं, वे भी कभी अपने सर्कल व रिलेशन के लोगों को प्लाट नहीं बेचते, बल्कि दूसरे-दूसरे इलाको में जाकर चमचमाता ऑफिस खोलकर वहाँ के लोगों को नेटवर्किंग द्वारा मोटे कमीशन का लालच देकर तथा उन्हें मैनेजर आदि की पोस्ट देकर उनके ही सर्कल के लोगों से प्लॉटस बिकवाते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें खिसकने में आसानी हो।
(नोट:-लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कभी-कभी ऐसा भी होता है कि उसी जमीन पर या उस जमीन के आसपास ऑफिस खोलकर बैठ जाते हैं।)
★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
चाहे लोगों की जिन्दगी भर की जमापूँजी ही क्यों ना डूब जाए।
अब आप ही बताइए कि :-
★क्या आपके पास इन समस्याओं का कोई हल है? आप जरूर बताईए आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
Delhi Sarkar se Pass colony me hai ya nahi
Hum ko bhi proparti ki videos banvni h Tronica City ki
...16500ka..50gaj ka pura pilot hai
Ya 16500 rs gaj hai batao
Negotiable price hai ya nahin
sar loan vagaira bhi Nahin milta tha yah loan kara sakte hain sar agar main plot Leta Hun to
Proper address bataiye sir .mujhe v lena hai kaha hai ye site
Rate to pure kulkar btaye kitne rupey guj hsi zamin
Proper address and payment plan
Mujhe bhi Lena hai plot
50 gag ka total amount kitna hoga
bhai paper work detail bhi share kro yaar nhi to video dhaka na ka koi matlb nhi ha ---property and constrution loan ho jata ha plz share
Nice location sir!!!
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
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1001% डीलर/बिल्डर इसी प्रकार से प्लाटिंग करते हैं।
★लेकिन ग्राहकों को इस बात का तब पता चलता है जब सरकारी बुलडोजर चलता है।
★अब ऐसे केसों में जमीन तो लीगल होती है, लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण में मरता तो खरीदार ही है। क्योंकि बुलडोजर चलने के समय बिल्डर,एजेंट,डीलर आदि सभी गायब हो जाते हैं।
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★हालांकि रजिस्ट्री और दाखिल खारिज़ भी ऑनलाइन गवर्नमेंट रेवेन्यू रिकॉर्ड में चढ़ जाती है,अर्थात ये कार्य किसान,बिल्डरों, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, तहसील, आवास विकास प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ही होता है।
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★परन्तु आखिर में गाज सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों/इंवेस्टर्स पर ही गिरती है।😞😞
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(नोट:-लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कभी-कभी ऐसा भी होता है कि उसी जमीन पर या उस जमीन के आसपास ऑफिस खोलकर बैठ जाते हैं।)
★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
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।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
@@amancommunication Bilkul sahi bola bhai free hold agar leni hai to Govt approved ya RERA ya authority ke plots hi lene chahiyee costly hote hai lekin aapki ek eet bhi koi nahi hila sakta
Loan ya installment ho sakta h
What about formalities of registration of sale deed and approval of building plans et.?
Saaf pta chl rha h , unauthorized colony hogi
Sir rate kya he abhi vaha per
पककी सड़कें बना कर गरीबों को लूटा जाता है। या फिर सरकार बुलडोजर चलवा देती है।
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
★परन्तु अब ये सब कहानी होने के बाद बिल्डर/डीलर कहते हैं कि अगर हम नक्शा अथॉरिटी से पास कराते हैं तो कॉलोनियों तथा सोसायटियों में 60% से 70% जमीन वेस्ट जाती है क्योंकि पार्क/मन्दिर की जगह तथा 30 फुट व 60 फुट के रास्ते देने पड़ते हैं।
★मात्र 40% जगह बचती है बेचने के लिए, इस कारण प्लॉट फिर मंहगे बेचने पड़ेंगे और इतने मंहगे प्लॉट कोई भी नहीं खरीदेगा। कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं,और फिर मार्केट से गायब हो जाते हैं या बेशर्म बनकर मार्किट में रहते हैं।
★बुलडोजर चलने के बाद बिल्डर कहते हैं, कि इसी कारण से कोई भी नक्शा पास नहीं कराता और ग्राहकों को बिना बताए लैंड पर प्लाटिंग करके प्लॉट बेच देते हैं।
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★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
चाहे लोगों की जिन्दगी भर की जमापूँजी ही क्यों ना डूब जाए।
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★क्या आपके पास इन समस्याओं का कोई हल है? आप जरूर बताईए आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
Registry hai kya bhai
1 saal ho gya hai kitna develope huaa hai ye ariya
Gj ka ret batayiye
Registery hai kya?
Bahi m bhi pilot lunga...
50 gaj Lena Hai loan kitne percent ho Jayega.
Ghani aabadi dikhi nahi bhai g
Bhai rate batao kaise hain
Jagah ka naam batae fifty gaj ka total kharch ragistration le sath
Sir Kitne rupaye guj hai
50 gj ka kitne ka milega sr
Jagha ka naam tho bataon kisto main hain kya
Kya rate hai ji 100 gaj ka plot
Rate...????
Rete kye hai
Sar is plot ke Gaj kitne ki bataen aapane
Kisto me hi Kiya
Rate
Road sarkar banwati hai ya property dealer. Property dealer to kah raha hai isme ham tarkol ki road banwa kar de rahe hain. 😂😂😂
Shai bol raha h bhai
Wo bhi ghani Abadi k beech me 😅😅
Puri basawat ke sath... 🤣🤣🤣
property dealer bhi banwate hain, apni private jagah me..
Beta dealer nh ye builder h jo kisan se jamin lete h fir plotting krte h uspe to road inhe banwani pdhti h
Jagh ka nam bataao
Sar is plot ka NOC Kiya hua hai ya nahin
Namaaze kai liyai
Kripya AAP kimat bataiye aur aria ki jankari dijiyega dhanyawad Bhai ji
₹16000 prati Gaj hai ya 16 1/2 ka 50 Gaj ka plot hai kripa karke Jara video mein apni yah sab kholie aur plot hai kis jagah Delhi mein kis jagah uska naam bataiye
Jagah ka nam nahi bataya tatha Dilli se kitni door he ye bhi nahi bataya please thoda saf saf bataney
50 gaj ka price
Total rate to bataiye installment ke Bhi or cash ke bhi
#homencrvlogs
Sir property to psnd aaya meko ... Sir ek bar milna cahta hu apse
ruclips.net/video/9wuXG8AgHfE/видео.html
abhiih bhai aap isea open kare
Sir kasi bi din aao yhi milge
Bhai logo property ka sab check kr k le qki bechne vla bech kr gayab or fr sarkar asi jgho ko unauthorised btakr tod deti h jra sabdhan
प्लीज़ जल्दी रिप्लाई करो एमरजनसि है😢
I Love you 🤤😍 Guys 🤤😍
पूरा रेट तो बताए नहीं केवल 16000और एक रु की बात की तुमने
16500 ka ek gaj
Q ki mi ni
Ek bar bata do bhai sahab
Kon si jagah h
location our rate kyo nahi batate ho bhai???????
Yaha ka price 5000 ..6000.… par gaz h uhse Jada nhi h
Bhai sahab 16500 ka50 gaj ka plot hai ya 1 gaj
Ek gej h ji 16500
60 gaz road par corner mil jayega 50 gaz ya 100 gaz
ruclips.net/video/9wuXG8AgHfE/видео.html
shyam kumar ji open kariyea
106 gj milega sir - 9560424140 pawan drall
😳
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
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★बुलडोजर चलने के बाद बिल्डर कहते हैं, कि इसी कारण से कोई भी नक्शा पास नहीं कराता और ग्राहकों को बिना बताए लैंड पर प्लाटिंग करके प्लॉट बेच देते हैं।
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★लेकिन ग्राहकों को इस बात का तब पता चलता है जब सरकारी बुलडोजर चलता है।
★अब ऐसे केसों में जमीन तो लीगल होती है, लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण में मरता तो खरीदार ही है। क्योंकि बुलडोजर चलने के समय बिल्डर,एजेंट,डीलर आदि सभी गायब हो जाते हैं।
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👉ruclips.net/video/HJO3yg4rep0/видео.html
👉fb.watch/c7wZ4A-2Ur/
👉fb.watch/c7DvzBb1xm/
★हालांकि रजिस्ट्री और दाखिल खारिज़ भी ऑनलाइन गवर्नमेंट रेवेन्यू रिकॉर्ड में चढ़ जाती है,अर्थात ये कार्य किसान,बिल्डरों, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, तहसील, आवास विकास प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ही होता है।
★और अब तो यूट्यूबर्स अपने LIKE, VIEWS और सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए ऐसी जमीनों की वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करके खूब पब्लिसिटी भी कर रहे हैं।
★परन्तु आखिर में गाज सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों/इंवेस्टर्स पर ही गिरती है।😞😞
★Point to be noted :- इस प्रकार के रियल एस्टेट के इस खेल में सभी डायरेक्टर्स कभी भी अपने सर्कल व रिलेशन में प्लॉटस नहीं बेचते और सेल्स डिपार्टमेंट में जो लीडर/मैनेजर एडवांस समझदार अर्थात डायरेक्टर्स के खास गुर्गे होते हैं, वे भी कभी अपने सर्कल व रिलेशन के लोगों को प्लाट नहीं बेचते, बल्कि दूसरे-दूसरे इलाको में जाकर चमचमाता ऑफिस खोलकर वहाँ के लोगों को नेटवर्किंग द्वारा मोटे कमीशन का लालच देकर तथा उन्हें मैनेजर आदि की पोस्ट देकर उनके ही सर्कल के लोगों से प्लॉटस बिकवाते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें खिसकने में आसानी हो।
(नोट:-लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कभी-कभी ऐसा भी होता है कि उसी जमीन पर या उस जमीन के आसपास ऑफिस खोलकर बैठ जाते हैं।)
★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
चाहे लोगों की जिन्दगी भर की जमापूँजी ही क्यों ना डूब जाए।
अब आप ही बताइए कि :-
★क्या आपके पास इन समस्याओं का कोई हल है? आप जरूर बताईए आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
bhai sahab 1 rupay bolne ko hai inka book karoge to 30 percent 15 se 20 din me maangege .rate jau phir bolenge 16500 kuch aur hai aur 18000 aur 20000 kahenge. .
Bhaiya ji Metro 500mtr pe nahi 2km parta hai ........ Delhi govt se pass colony me v nahi hai ........
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
★परन्तु अब ये सब कहानी होने के बाद बिल्डर/डीलर कहते हैं कि अगर हम नक्शा अथॉरिटी से पास कराते हैं तो कॉलोनियों तथा सोसायटियों में 60% से 70% जमीन वेस्ट जाती है क्योंकि पार्क/मन्दिर की जगह तथा 30 फुट व 60 फुट के रास्ते देने पड़ते हैं।
★मात्र 40% जगह बचती है बेचने के लिए, इस कारण प्लॉट फिर मंहगे बेचने पड़ेंगे और इतने मंहगे प्लॉट कोई भी नहीं खरीदेगा। कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं,और फिर मार्केट से गायब हो जाते हैं या बेशर्म बनकर मार्किट में रहते हैं।
★बुलडोजर चलने के बाद बिल्डर कहते हैं, कि इसी कारण से कोई भी नक्शा पास नहीं कराता और ग्राहकों को बिना बताए लैंड पर प्लाटिंग करके प्लॉट बेच देते हैं।
1001% डीलर/बिल्डर इसी प्रकार से प्लाटिंग करते हैं।
★लेकिन ग्राहकों को इस बात का तब पता चलता है जब सरकारी बुलडोजर चलता है।
★अब ऐसे केसों में जमीन तो लीगल होती है, लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण में मरता तो खरीदार ही है। क्योंकि बुलडोजर चलने के समय बिल्डर,एजेंट,डीलर आदि सभी गायब हो जाते हैं।
वीडियो देखें :-👇👇👇
👉ruclips.net/video/F043LJB7mbg/видео.html
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★हालांकि रजिस्ट्री और दाखिल खारिज़ भी ऑनलाइन गवर्नमेंट रेवेन्यू रिकॉर्ड में चढ़ जाती है,अर्थात ये कार्य किसान,बिल्डरों, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, तहसील, आवास विकास प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ही होता है।
★और अब तो यूट्यूबर्स अपने LIKE, VIEWS और सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए ऐसी जमीनों की वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करके खूब पब्लिसिटी भी कर रहे हैं।
★परन्तु आखिर में गाज सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों/इंवेस्टर्स पर ही गिरती है।😞😞
★Point to be noted :- इस प्रकार के रियल एस्टेट के इस खेल में सभी डायरेक्टर्स कभी भी अपने सर्कल व रिलेशन में प्लॉटस नहीं बेचते और सेल्स डिपार्टमेंट में जो लीडर/मैनेजर एडवांस समझदार अर्थात डायरेक्टर्स के खास गुर्गे होते हैं, वे भी कभी अपने सर्कल व रिलेशन के लोगों को प्लाट नहीं बेचते, बल्कि दूसरे-दूसरे इलाको में जाकर चमचमाता ऑफिस खोलकर वहाँ के लोगों को नेटवर्किंग द्वारा मोटे कमीशन का लालच देकर तथा उन्हें मैनेजर आदि की पोस्ट देकर उनके ही सर्कल के लोगों से प्लॉटस बिकवाते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें खिसकने में आसानी हो।
(नोट:-लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कभी-कभी ऐसा भी होता है कि उसी जमीन पर या उस जमीन के आसपास ऑफिस खोलकर बैठ जाते हैं।)
★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
चाहे लोगों की जिन्दगी भर की जमापूँजी ही क्यों ना डूब जाए।
अब आप ही बताइए कि :-
★क्या आपके पास इन समस्याओं का कोई हल है? आप जरूर बताईए आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
@@amancommunication clu kya hota h
@@cuteboy-sc8lf
Change of Land Use
खेती वाली जमीन पर कॉलोनी या सोसायटी काटने से पहले उस Agriculture Land (खेती वाली जमीन) को गवर्नमेंट को स्टाम्प ड्यूटी अदा करके आबादी में या कमर्शियल में दर्ज कराने का ऑथॉरिटी से अप्रूवल लेना।
Ap ne sahi bola
Delhi main saste plot lene k liye sampark kre RCC road line supply water etc
Jagah ka naam bataiye
Sir Registry hai
GPA k baad ho jayegi
16hhr gaj
Location kyon nhi batate frouad hai kya aap
Bijli ke pole to lage hain...per wire gayab hain.....chori ho gayi kya....🤣
mujhe 100 gaj chahiye
16500 me 50 gaj hai ya fir 16500/ gaj clyer karein ji
😂😂😂😂16500 gaj
Gurgaon Sohna road ke samne zameen bikri hai 8500 rupee par gaj sa jisko chaiya wo jarur btaye company ka name bhunivesh India Pvt Ltd hai😊
Uttrakhand me jameen khareedne k liye sampark kare
aapko plot lena hai kya 600rs sq ft
kishan path se matra 600rs mtr duri pe
chandrika devi road pe plot hai vo sirf 1200rs sq ft
Traa baap dega kya 1200rs per squire fit m
Fake bollte
Apne naam se bana do....
तीन चार साल बाद बुल्डोजर चलेगा😂
Chlna bhi chiye , sara kachra bna dete h esi colonies kat kar
Sir registry hai kya
Yes
200 Gaj plot kitne ka Doge 60 foot road wala l type ka
17000 par Gaj
Jha se karnal Delhi road kitna dur prhta hai.
16500 kya sir. Per gaj to bolo
Kitne hajar gaj plot है
Ye plot Khan pdata hein
Sir muje lena hai plot
Sir aapne yha pr le liya kya plot
Masjid bhi banvaatyai ho
Address bejo pura
Sir 100 gaj plot kitne ka he please information
Lagbhag 1700000 lac ho jayega
Kahin Baad meh JCB say Giradega Koi
ruclips.net/video/9wuXG8AgHfE/видео.html
kuldeep ji singh ji open kare mera property ka vlog
Kya ye rera approve hai
Masjid kai liyai bhi jaghaa daityai ho ap.
No sir
50gaj ka kya rate hai
16500 pr gaj
Mandir, maszid ki bajaye park hota...
Puja, path sab Ghar kate h
usse Noise polution hoga...
Sare tarikh aur samdhan badi meherbani ki tarikh kab tak solvent or wood sal mein Dala Karan Arjun ke sath Lena chahe to fir kiska ke liye bhi time bataen pura 4 sal 3 sal jo bhi time bataen kam budget hai to vah bhi to ke liye aur 5 sal ka achcha sala time list ke aapse aur apna Vyas ke banva kar banane wala banane ke liye bhi aur Rahane ke liye bhi Kali sabka load bataya Karen sath mein kitne mein Kitna padega aur saale tarikh aur Dala Karen sath mein sal tarikh sath mein Dala Karen
Sabse jyada dhoke dadi property m hoti jhol hota h
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
★परन्तु अब ये सब कहानी होने के बाद बिल्डर/डीलर कहते हैं कि अगर हम नक्शा अथॉरिटी से पास कराते हैं तो कॉलोनियों तथा सोसायटियों में 60% से 70% जमीन वेस्ट जाती है क्योंकि पार्क/मन्दिर की जगह तथा 30 फुट व 60 फुट के रास्ते देने पड़ते हैं।
★मात्र 40% जगह बचती है बेचने के लिए, इस कारण प्लॉट फिर मंहगे बेचने पड़ेंगे और इतने मंहगे प्लॉट कोई भी नहीं खरीदेगा। कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं,और फिर मार्केट से गायब हो जाते हैं या बेशर्म बनकर मार्किट में रहते हैं।
★बुलडोजर चलने के बाद बिल्डर कहते हैं, कि इसी कारण से कोई भी नक्शा पास नहीं कराता और ग्राहकों को बिना बताए लैंड पर प्लाटिंग करके प्लॉट बेच देते हैं।
1001% डीलर/बिल्डर इसी प्रकार से प्लाटिंग करते हैं।
★लेकिन ग्राहकों को इस बात का तब पता चलता है जब सरकारी बुलडोजर चलता है।
★अब ऐसे केसों में जमीन तो लीगल होती है, लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण में मरता तो खरीदार ही है। क्योंकि बुलडोजर चलने के समय बिल्डर,एजेंट,डीलर आदि सभी गायब हो जाते हैं।
वीडियो देखें :-👇👇👇
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★हालांकि रजिस्ट्री और दाखिल खारिज़ भी ऑनलाइन गवर्नमेंट रेवेन्यू रिकॉर्ड में चढ़ जाती है,अर्थात ये कार्य किसान,बिल्डरों, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, तहसील, आवास विकास प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ही होता है।
★और अब तो यूट्यूबर्स अपने LIKE, VIEWS और सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए ऐसी जमीनों की वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करके खूब पब्लिसिटी भी कर रहे हैं।
★परन्तु आखिर में गाज सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों/इंवेस्टर्स पर ही गिरती है।😞😞
★Point to be noted :- इस प्रकार के रियल एस्टेट के इस खेल में सभी डायरेक्टर्स कभी भी अपने सर्कल व रिलेशन में प्लॉटस नहीं बेचते और सेल्स डिपार्टमेंट में जो लीडर/मैनेजर एडवांस समझदार अर्थात डायरेक्टर्स के खास गुर्गे होते हैं, वे भी कभी अपने सर्कल व रिलेशन के लोगों को प्लाट नहीं बेचते, बल्कि दूसरे-दूसरे इलाको में जाकर चमचमाता ऑफिस खोलकर वहाँ के लोगों को नेटवर्किंग द्वारा मोटे कमीशन का लालच देकर तथा उन्हें मैनेजर आदि की पोस्ट देकर उनके ही सर्कल के लोगों से प्लॉटस बिकवाते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें खिसकने में आसानी हो।
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★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
चाहे लोगों की जिन्दगी भर की जमापूँजी ही क्यों ना डूब जाए।
अब आप ही बताइए कि :-
★क्या आपके पास इन समस्याओं का कोई हल है? आप जरूर बताईए आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
Location khaa ki h ye
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arjun bhandwal ji isea open kare
Sar ji registry hoti hai
🙏🙏आदरणीय सर/मैडम🙏🙏
(नोट :- ज्यादातर कम्पनियाँ,बिल्डर्स बिना CLU कराए सीधे किसानों से जमीन लेकर तहसील अधिकारियों से मिलीभगत करके एग्रीकल्चर लैण्ड (खेती वाली भूमि) पर सीधे प्लाटिंग कर देते हैं जो कि पूरी तरह से illegal (अवैध) ही होती है। जिस पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है।
★101% कम्पनियाँ , बिल्डर्स जमीनों का CLU करवाकर धारा 143 (80,81) या अलग अलग राज्यों की धाराओं के अनुसार कृषक भूमि को अकृषक (आबादी) में दर्ज करवा लेते हैं,और फिर प्लाटिंग कर देते हैं। जमीन का मालिक किसान ही होता है,ऐसी जमीनों को सभी कम्पनियाँ,बिल्डर्स फ्री होल्ड प्रॉपर्टी ही कहते हैं
★ इसके बाद कम्पनी,बिल्डर सीधा किसान से , स्वयं या रजिस्टर्ड पॉवर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से रजिस्ट्री कराकर प्लॉट बेचते हैं। (रजिस्ट्री कराने के ये तीनों तरीके लीगल हैं।)
★परंतु एक बात 🤔जो कोई भी ग्राहक या इन्वेस्टर जानता ही नहीं है?
★वह यह कि कुछ सालों के बाद ऐसी कॉलोनियों/सोसायटियों को उस राज्य का आवास विकास प्राधिकरण अवैध बताकर बाकायदा पूरी पुलिस फ़ोर्स,तहसीलदार,SDM के साथ आकर बुलडोजर चला देता है।
★हालांकि यही जमीनें SDM द्वारा आबादी में दर्ज की जाती है, रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्री भी की जाती है और तहसीलदार द्वारा दाखिल खारिज़ भी की जाती है।
★ऐसी कॉलोनियाँ में मकान बनाने के बाद आवास विकास प्राधिकरण वाले कहते हैं कि इस कॉलोनी का नक्शा बिल्डर/डीलर ने अथॉरिटी से पास नहीं कराया है और हमसे NOC भी नहीं ली है,ये कहकर बुलडोजर चला देते हैं।
★परन्तु अब ये सब कहानी होने के बाद बिल्डर/डीलर कहते हैं कि अगर हम नक्शा अथॉरिटी से पास कराते हैं तो कॉलोनियों तथा सोसायटियों में 60% से 70% जमीन वेस्ट जाती है क्योंकि पार्क/मन्दिर की जगह तथा 30 फुट व 60 फुट के रास्ते देने पड़ते हैं।
★मात्र 40% जगह बचती है बेचने के लिए, इस कारण प्लॉट फिर मंहगे बेचने पड़ेंगे और इतने मंहगे प्लॉट कोई भी नहीं खरीदेगा। कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं,और फिर मार्केट से गायब हो जाते हैं या बेशर्म बनकर मार्किट में रहते हैं।
★बुलडोजर चलने के बाद बिल्डर कहते हैं, कि इसी कारण से कोई भी नक्शा पास नहीं कराता और ग्राहकों को बिना बताए लैंड पर प्लाटिंग करके प्लॉट बेच देते हैं।
1001% डीलर/बिल्डर इसी प्रकार से प्लाटिंग करते हैं।
★लेकिन ग्राहकों को इस बात का तब पता चलता है जब सरकारी बुलडोजर चलता है।
★अब ऐसे केसों में जमीन तो लीगल होती है, लेकिन फिर भी इस पूरे प्रकरण में मरता तो खरीदार ही है। क्योंकि बुलडोजर चलने के समय बिल्डर,एजेंट,डीलर आदि सभी गायब हो जाते हैं।
वीडियो देखें :-👇👇👇
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★हालांकि रजिस्ट्री और दाखिल खारिज़ भी ऑनलाइन गवर्नमेंट रेवेन्यू रिकॉर्ड में चढ़ जाती है,अर्थात ये कार्य किसान,बिल्डरों, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, तहसील, आवास विकास प्राधिकरण व प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ही होता है।
★और अब तो यूट्यूबर्स अपने LIKE, VIEWS और सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए ऐसी जमीनों की वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करके खूब पब्लिसिटी भी कर रहे हैं।
★परन्तु आखिर में गाज सिर्फ और सिर्फ ग्राहकों/इंवेस्टर्स पर ही गिरती है।😞😞
★Point to be noted :- इस प्रकार के रियल एस्टेट के इस खेल में सभी डायरेक्टर्स कभी भी अपने सर्कल व रिलेशन में प्लॉटस नहीं बेचते और सेल्स डिपार्टमेंट में जो लीडर/मैनेजर एडवांस समझदार अर्थात डायरेक्टर्स के खास गुर्गे होते हैं, वे भी कभी अपने सर्कल व रिलेशन के लोगों को प्लाट नहीं बेचते, बल्कि दूसरे-दूसरे इलाको में जाकर चमचमाता ऑफिस खोलकर वहाँ के लोगों को नेटवर्किंग द्वारा मोटे कमीशन का लालच देकर तथा उन्हें मैनेजर आदि की पोस्ट देकर उनके ही सर्कल के लोगों से प्लॉटस बिकवाते हैं, ताकि भविष्य में उन्हें खिसकने में आसानी हो।
(नोट:-लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कभी-कभी ऐसा भी होता है कि उसी जमीन पर या उस जमीन के आसपास ऑफिस खोलकर बैठ जाते हैं।)
★डीपली इन बातों को 100% कोई भी खरीदार नहीं जानता है लेकिन सबसे ज्यादा कमाना है कम्पनी के डायरेक्टरों को और उनके बाद उनके खास गुर्गों को, फिर उनके बाद मोटे कमीशन का लालच देकर बनाए गए डीलरों को, लीडरों व उनकी सेल्स टीम को तथा उनसे जुड़े सभी लोगों को।
चाहे लोगों की जिन्दगी भर की जमापूँजी ही क्यों ना डूब जाए।
अब आप ही बताइए कि :-
★क्या आपके पास इन समस्याओं का कोई हल है? आप जरूर बताईए आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
।।।।।।।।।। धन्यवाद ।।।।।।।।।।
Yes
Yaha pe Masjid bhi he kiya
भाई किसी को प्लाट चाहिए 80 गज का 20 से 30 लाख मे
सर जी 100/ गज में भोलेनाथ का मंदिर आप फ्री में दे रहे हैं तो आप को मस्जिद के बारे में भी सोचना चाहिए था और फिर पार्क की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है जो कि होनी चाहिए बेशक जमीन थोड़ी और महंगी पड़ जाए कोई बात नहीं
Musalman ko rehna nhi toh masjid kya krenge hindu bhi ?