बीजक खंड-3 : साखी | जहिया जन्म मुक्ता हता वाणी का मूल अर्थ | 2 types of ego | मसि कागज छुओ नहीं

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  • Опубликовано: 10 дек 2024
  • बीजक खंड-3 : साखी
    जहिया जन्म मुक्ता हता, तहिया हता ना कोई
    कबीर वाणी का मूल अर्थ !
    Virah bhuvangam tan dasa mantra na lage koy
    chumbak lohe preet jyu, loha let uthay
    Pani piyavat ka firey, Ghar Ghar sayar bari
    मसि कागज छुओ नहीं
    Jahiya Janam mukta hata
    ego self & ego tendency
    साखी आंखी ज्ञान की, समझ देख मन माही
    बिन साखी संसार का, झगड़ा छूटत नाही

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