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Me sanskrit sikhna chahta hu par mere mata pita esa sochte h ki ye baas fraud h par me sikhna chahta hu or khudke peso se sikhunga❤ apka bahut bahut abhari hu , radhe radhe❤
अष्टावक्र गीता में जो भी बाते कही गई हैं वह सब सत्य हैं और मैं भी इन सब बातों बातों से सहमति रखती हूं. मेरा मन भी अध्यात्म की और भागता हैं विवाहित होने के बाद भी. अष्टावक्र ऋषि की बात सत्य हैं.
Things you can make video's on: 1. Bhavishya Malika 2. Meat and Sanatan 3. Krishna's Leela 4. Geographical findings and description of earth and different countries in ramayan 5. Explain entire deep charactistics of Kaliyug 6. Smritis especially manusmriti and its criticisms 7. Upanishads and learning from them 8. Untouchability (chandal) in vedas and complete explanation of dwij and vratya sanskaar ? 9. Complete life of a human being - brahmcharys (gurukul), grahst ashram, vanashra, sansyaas with ayurvedic life (brahm mahurat - whole day to night ) and how to implement in our modern lifestyle practically 10. Different sciences in sanatan - ayurveda, vimana shastra, dhanurveda etc and how and on what philoposhy were these written on ? Thanks for ideas and comments
7. What is black hole according to sanatan dharma? 8. Concept of vimanas in our texts and their functioning 9. कलयुग के लोग किस तरह भिन्न है बाकी तीन युगों से? (Height, food , clothing etc etc)
3 years back I got a chance to read this book, when I read the first page itself I felt the universe within me... I kept the book with me for sometime. But later on I realised this book I am getting changed from my core... It is difficult to accept the true reality and bitter experience too... Now I am not keeping this book with me anymore... But still it has such huge impact on me that it is still taking me towards the reality..... Very difficult to explain...
@@deepbajpai9287अबे ओ नाम के सनातनी, पहले खुद गीताए और सारे दर्शन पढ़ले, फिर समझ आ जायेगा उसने ऐसा क्यों कहा है। अष्टावक्र जी ने सीधा और सरल सत्य बोला है बिना किसी लाग लपेट के। और ये बात समझना सिख हमारे इतिहास में भी अलग अलग प्रकार के लोग रहे है तो बिल्कुल ऐसा नही हैं की सारे ग्रंथ या दर्शन बराबरी पर हो, तो सनातन के नाम पर फालतू की धारणा मत पाल। हर कोई ही perfect नहीं था हमारे इतिहास में, इसलिए ऊंचे ग्रंथ और सामान्य ग्रंथ में फर्क करना सिख।
@@deepbajpai9287 अबे बालक तो तेरे हिसाब से तो फिर महान "Lao Tzu" का लेख भी सनातन धर्म का ही है? क्यों की वे भी एक बहुत महान दार्शनिक थे जिन्होंने सत्य को समझा था। तुम बस सनातन के नाम पर अहंकार पालना जानते हो अपने अंदर, इसलिए तुम अंधविश्वास में चीजो से उम्मीद लगा लेते हो लेकिन खुद नही जानना और समझना चाहते। तुम जैसे मूर्ख अहंकारियो को सत्य और अष्टावक्र कभी समझ नही आ पायेगा। 🙏🫡
You deserve all ग्रंथ क्योंकि हम सभी जो आज हम अपने आप को अलग-अलग धर्म से मानते हैं यह जो ग्रंथ है यह सनातन धर्म के हैं सनातन थारो आज के धर्म से कहीं ऊपर है कहीं प्राचीन है जो हमेशा से रहा था हमेशा रहेगा तो इसे पढ़ना बहुत जरूरी है
You are wrong. Astavakra Geeta tells you to leave Dharm as well . Hence you cannot be a Hindu itself. You have to leave Hinduism or any religion to accept the truth which is revealed in Astavakra Geeta.
Hello sir as a student of I have a doubt, please expain us why we need to seprate person from persons in order to maintain order in society, for an example cope and thiefe, Rich and poor, and if we don't create this separation then we won't be solve this issues So help us to understand .
@@atulmourya7130 The reason is that we live in Maya . And 99.99 percent of the world population are born and die without realising the true self Atman. And even those who realise Atman in samadhi has to live in the World which is Maya and again the person forgets his / her true self and gets covered again in Maya. So as the majority of people live in Maya hence it's nessacary to maintain a separation and segregation between people be it Racial or religion segregation. Blame the one who has created this Maya .
If you are Christian David go and read about the Gnostic gospel which was discovered in 1945 in Egypt in a place called Nag Hammadi in Egypt to discover the real teachings of Jesus Christ. Go and read about the Gospel of Thomas. It will blow your mind. This Gnostic gospel was never included in the Canonical Gospels of Christianity. And it was termed as a heretic gospel by the Church
इतनी अल्पायु में धर्म ग्रंथों का ऐसा ज्ञान और jansadharan को सरल भाषा में समझा देने की क्षमता अद्भुत है आपमें. मैं आपके चैनल पर नई हूँ परन्तु मैं आपके ज्ञान से अभिभूत हूं. हिन्दी भाषा का प्रयोग सराहनीय है. बहुत बहुत धन्यवाद. आप ऐसे ही सनातन संस्कृति की सेवा करते रहें.
जय हो भगवान शंकर के अवतार और सत्य सनातन अद्वैत धर्म के सबसे बड़े विद्वान आदिगुरू शंकराचार्य जी की जिन्होंने भारत के चारों ओर चार मठ स्थापित किए है जिनमें एक जोशीमठ है जिन्होंने दुनिया को अद्वैतवाद की शिक्षा दी है।
@@YT_6jhbvc😂😂bhimte ho kya ... vedo ka update version vedant hai 😂😂 jisme kuch alag nahi likha gaya balki sabko samajh aye aisi bhasha me likha gaya hai
@@YT_6jhbvcवेदों ने सत्य -असत्य , होना ना होना अच्छा - बुरा सबका अस्तित्व मानने के बाद भी नेति- नेति कहा है जिसके दो अर्थ बताए गए- यह भी नहीं और वह भी नहीं दूसरा- पता नहीं सही कौन क्या है, इस हिसाब से भी वेद किसी एक के अस्तित्व की सत्ता की स्वीकृति से परे हें, इसमें द्वैत- अद्वैत के प्रश्न विलीन हो जाते हें। लोग अलग अलग अनुभवों के स्तरों के आधार पर इसका अलग - अलग स्वरूप पाते हें और सभी स्वरूप सत्य हें।जिस रूप में उसे मन की धारणा में मानने लगोगे उस व्यक्ति के लिए वो उसी रूप में साकार होगा। अतः अच्छे व सकारात्मक (पॉजिटिव) रूपों की धारणा काध्यान करना चाहिए। वैसे भी x अक्ष और y पर सकारात्मकता और पॉजिटिव शब्दों की भावना समान है। जो योग , science, Maths में एक समान है और सब में उसी तरह से वर्णित है, क्योंकि ये तीनों एक ही तरह से काम करती हें, क्योंकि गहन रूप में सब एक ही हें।
अल्प वय में आपने इतना ज्ञान और दार्शनिकता को उपलब्ध हो गए हैं। बहुत मंगलकामना। आचार्य रजनीश ने भी जीवेषणा (जीवित बने रहने की इच्छा) को अर्थात अपने अस्तित्व के प्रति जागरूक बने रहने को मोक्ष की बाधा बताया है। ये जीवन ही प्रयाप्त है, किसी स्वर्ग और मोक्ष की आवश्यकता नहीं , किसी सन्यास की भी आवश्यकता नहीं ,यदि जीवन्मुक्त का भाव आ जाये। श्रीमद भगवद गीता में इन्ही रहस्यों का अनावरण है। भारत भूमि हमेशा महान दार्शनिकों की भूमि रही है। यही इस देश का संसार को अमूल्य योगदान है। लेकिन पश्चिम की सभ्यता ने अनाशक्ति को अपने जीवन और कर्म में भारत वासियों से अधिक सार्थक किया है। भारत के लोग सिद्धान्तों को समझते हैं, पर उनपर आचरण में वो पश्चिम से पीछे हैं। हालांकि इसे generalise नहीं किया जा सकता।
मैने तो अष्ठावक्र गीता आचार्य प्रशांत जी से जानी अब भी समझ रहे है,,अब श्री मद भगवदगीता, वेदांत संहिता, संत सरिता, और लाओ तसु, बोध प्रत्यूषा सब कुछ आचार्य जी बहुत सरल और सुंदर अर्थ बताते है जिससे पूरी जिंदगी बदल सकती है,,,आज के समय में आचार्य जी जैसा कोई भी नही पर्यावरण से लेके वास्तविक धर्म तक सब कुछ आचार्य जी बहुत सरल सीधे शब्दों में बताते है।
आप ने जैसे कहा की श्री अष्टावक्रा जी धर्म को छोड़ने का उपदेश दे रहे है । परंतु मुझे ऐसा लगता है की धर्म से मुक्ति का अर्थ वास्तव में कर्मो से मुक्ति है । क्योंकि हमारे कर्म ही हमारा भविष्य तय करते है । वास्तव में कर्मो से मुक्त होकर प्रभु की भक्ति ही हमे मुक्ति और ले जाती है । किंतु इसका अर्थ ये नही की हम हमारे नित्य कर्म छोड़ दे । कर्मो की चिंता छोड़ कर कर्म करना ही धर्म है ।महाभारत में श्री कृष्ण अर्जुन से यह कहते है । नारायण नारायण 🙏
Karmo ko chodna means karmo ka tyag nhi balki usme apne kartapan ka tyag krna hai. Koi bhi prani kisi bhi shan bina karm kiye bina rha nhi sakta. Om namo bhagwate vasudevay 🙏
According to ashtavakra ji apko gotra bhi chhodna hoga.... Gyan unke jaisa bhi hona chahiye.. Or gyaan k baad koi baat mahatv nhi rakhti ki aap kis jaat dharam ya sanskriti se hai
I am lucky that I watched Sri Sri Ravi Shankar commentary of Ashtavakra Gita. He has explained this complex scripture in sucj simple language. Proud of our Sanatan sanskriti for having cognised and preserved the knowledge of Aatman
Hello sir as a student of I have a doubt, please expain us why we need to seprate person from persons in order to maintain order in society, for an example cope and thiefe, Rich and poor, and if we don't create this separation then we won't be solve this issues So help us to understand .
@@atulmourya7130 a society is also a system . A system cannot be formed without hierarchy. Every person doesn't have the same knowledge and capabilities thus creating an inequality.
कुछ भी नहीं छोड़ा नहीं जाएगा। सिर्फ मन से आगे निकलना है। हिंदू हिंदू ही वना रहेगा, मुसलमान भी वोही बना रहेगा, बदलाव अंदर से आएगा। किसी को पता भी नहीं चलेगा
Koi conflict isliye nhi h Qki koi deeply follow hi nhi krta..... Jb ek group kisi philosophy ko deeply follow krega toh vo apne early spiritual stage me definitely dusri philosophy ko question jror krega.... Par yha pe question isliye ni ho rha kyuki kisi ko kuch padi hi nhi h kon sa granth kya keh rha h.... I hope u understand what I'm saying
Bhagvat Gita was preached for common daily life folks whose main aim is to live a fulfilled life with a little Bhakti/Meditations as side quest while Ashtavakra Gita was preached for serious people who really wants to attain enlightenment.
One thing that i can say about Ashtāvakra Gitā after learning about it through this episode is, it explains very profound philosophies not easy to understand at one go you need to read it many times to fully understand it, thanks for this valuable episode🙏
00:01 Ashtavakra Geeta is a theoretical text that takes you to the ultimate truth. 01:36 Learn Sanskrit through a four-month course starting from 2nd December 03:09 Detachment is the key to finding freedom 04:51 To achieve real freedom, one must go beyond nature and understand consciousness. 06:27 Real freedom is possible only through detachment. 08:09 Seek inner peace through self-knowledge and detachment from material desires. 09:50 Maharishi Ashtavakra advises to abandon wealth, work, and religion for true freedom and salvation. 11:27 Ashtavakra Gita presents the ultimate truth in a crude philosophy.
Hello sir as a student of I have a doubt, please expain us why we need to seprate person from persons in order to maintain order in society, for an example cope and thiefe, Rich and poor, and if we don't create this separation then we won't be solve this issues So help us to understand .
@@atulmourya7130 The concept of separation is often a pointer to the importance of detachment. When we talk about separation, it's not about creating rigid divisions in society but rather about understanding the nature of attachments. Detachment, as suggested in the Ashtavakra Gita, is the key to finding true freedom. It's not about physically separating individuals but rather cultivating a mindset that is not overly attached to material desires, roles, or societal labels. By transcending these attachments, one can attain a state of inner peace and genuine freedom. Now, when it comes to the distinctions in society, like cop and thief, rich and poor, it's essential for maintaining order. However, the emphasis is not on creating insurmountable separations but on establishing a just and equitable society. The idea is to recognize that these roles are transient and do not define the true essence of individuals. In essence, the separation advocated in spiritual teachings is more about inner detachment, allowing individuals to coexist harmoniously while recognizing the impermanence of external roles. It's a call to go beyond societal labels and foster a sense of unity and understanding. I hope this provides clarity on the perspective from the Ashtavakra Gita. Feel free to ask if you have further questions.
@@amanchaurasia6995 Ashtavakra gita ko kisne maha gita kaha ha? Ashtavakra ko kud lust me bhagwan Krishna ke charno me girna pada to unke mand buddhi mudh gadhe asur nastik pakhandi papi dharti par bojh nich adham followers kaha ghus na chah te ha patanahi? Hare Krishna Hari bol 👍🙏😀
I Think that all things are told by Shree Krishna in Bhagvat Gita briefly ❤ Also me and i think many of me dont accept their slokas directly but after some experience and realisation by viewing all videos or granthas we know that it is a 100 % clear cut statements ! ❤ Hare Krishna
Krishna was a great diplmat , his bhavad gita is for everyone around the globe may it be businessmen , sanyasi , layman ,prostitute etc . But ashtavkra gita is not for everyone , its more direct , and doesnt care who is reading , he tells the truth as it is .
@@harekrishna2291 my friend u are full of spiritual ego. Your mind is corrupted. And what do you mean by the things u said . have ever read both texts . Why this competition
@@adarshbhardwaj6190 Bro, he's a Bhakti person. And, We are Advaita (Non-dual) Seekers. He intentionally won't accept it because Bhakts term Advaita as Mayavad.
बिलकुल सही है। आत्म को परमात्मा बनने की साधना में धर्म को भी छोड़ना पड़ता है। क्योंकि:- सब से पहले सृष्टि का सर्जन परमात्मा ने किया। फिर मानव का सर्जन किया। फिर मानवने धर्म का सर्जन किया। अतः स्पष्ट है की:- १) मानव सर्जित धर्म से परमात्मा को नहीं पाया जा सकता। २) परमात्मा सर्जित धर्म से ही परमात्मा को पाया जा सकता है। ३) परमात्मा सर्जित धर्म याने आत्म धर्म, आत्म धर्म याने आत्मिक गुणों का विकास।
We expect a series of vedios on the granth ' Brahma Sutra ' on the basis ' Prantattwa ' grantha ....Swami Vishnu Tirth Narayan kuti Sannyas Aashram Devas ( M. P. )
Thank you sir to bring this video to Know about this book .. You are the real Guru for me Who make me to understand Difficult to difficult topics and Misconceptions :)
07:48 Best of the Best..thanks for using Word "Kafir" this is most important to know every Kafir (Non-muslim) Har Har Mahadev ..your words can save our dharm
जैन ग्रंथों में जीव अथवा आत्मा और मोक्ष के और भी विस्तृत और सटीक सिद्धांत दिए गए हैं, एक बार समदृष्टि रखकर जैन सिद्धांतों पर भी वीडियो बनाएं। आप आचार्य समंतभद्र स्वामी रचित "रत्नकरण्ड श्रावकाचार" ग्रंथ का अध्ययन कर उस पर वीडियो बनाएं धन्यवाद जय जिनेन्द्र
सदगुरू जी आपको मेरा शत शत नमन ___ईश्वर आपकी सभी मनोकामना पुरी करें यहि प्रार्थना करता हूँ ___सदगुरू जी धन्यवाद ___भारत माता की जय ___सदगुरू जी आपने बहुत अच्छी उपयुक्त जानकारी दि हैं ___ ज्ञान की अभेद गंगा भारत देश हमारा __ सुबह शाम अज्ञानी यह मनुष्यों का कर्म पसारा___ कहाँ कहाँ भगवान दिखाऊ ज्ञान हैं यह सभी को प्यारा ___ दृष्टि में सृष्टि छुपी हैं माया जाल छुपा मनमे बहुत सारा ___ किस बुद्धि से काम करें जब फस रहें हैं विविध विषयों का यहाँ खेल सारा ___
महर्षि अष्टावक्र का ज्ञान विलक्षण था और महाराज जनक जी की श्रद्धा अनन्य | श्री अष्टावक्र गीता के बारे में जानकारी देने और प्रचार करने के लिए धन्यवाद 🙏 गीताप्रेस गोरखपुर की सब प्रचलित गीता की 1 पुस्तक पढ़ने योग्य है और उस का प्रारंभ श्री गणेश गीता से होता है श्री गणेश गीता की भी ज्यादा जानकारी दे ऐसी इच्छा 🙏
अष्टावक्र में कठोर उपदेश नहीं हैं बल्कि सरलता है। लोगों ने जितना धर्म को जटिल बना दिया है, उतना जटिल धर्म है नहीं। अष्टावक्र गीता एक दम शुद्ध ज्ञान है ।
आत्मज्ञान ही असली प्रेरणा है आत्मज्ञान ही सब समस्या का एक मात्र समाधान है ये कोई कल्पना या झूठा दिलासा नही है जो मेने अनुभव किया ओर अनुभव हि सर्वोत्तम शिक्षक है सब कुछ जान लिया पर खुद को नही जाना तो सब कुछ जान कर भी कुछ नही जाना पर बस खुद को जान लिया बाकी कुछ भी नही जाना तो भी सब कुछ जान लिया आत्मस्वरूप ही निजरुप है सत्य सनातन वैदिक धर्म की सदा ही जय हो जय हो जय हिंद वंदे मातरम भारत माता की जय जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
You and Acharya prashant is doing a great job 👍 to bring our real GYAN among young youth and for new generation kids. Lots of love and support from us 😊
@@Dipanshu111 and what about about his knowledge and great contribution towards making youth aware about vedas and real hindu dharm and promoting veganism 🙂?
We expect a series of discussions , vedios , cources on 51 Geeta ' s Spiritual science and philosophy on the basis Sadhan Marg , Sadhan Padhati , experiences , consciousness , physical -mental-spiritual state of sadhak , mukti -moksha Guru Parampara for Self realisation , iternal spiritual awareness , peaceful life .
1) Ganesh Gita , Ganesh Puran aur Mudgal Puran pe ek video banaiye please 2) Maha neel Saraswati ji , Neel Saraswati ji , Maha Saraswati ji aur Saraswati ji ke saktion ke bich kya antar ya samanta hai uspe aap ek video banaiye
Great video 👍. I request you to please Project Shivoham's latest video on the Shivaling being compared with male genital organ and try to find the real truth behind this. Har Har Mahadev 🙏
Interesting Video ! Way to go ! If there exists just ONE tattva called "Brahm", then why do we consider "prakriti" as different from brahm ? Why can't it be a part of that singular tattva ? Are we moving to some kind of "duality" ? Please consider making a video to throw light upon this confusion either on the basis of ashtavakra gita or other scriptures. Though the current background audio is good, my suggestions for improving the videos would be that you could work on the background transition audio while narration to make it attractive or curiosity inciting and also adding better animations to it. May be you could compete with Netflix videos for improving the animation and audio quality of videos considering those as an ideal version. This way your videos could get a wider reach. Keep it up !
अष्टावक्र गीता पर ओशो जी का भाष्य 'Spotify' नामक एप पर 24 भागो में उपलब्ध है। इसलिए अगर आप में से कोई अष्टावक्र को और गहराई से जानना और समझना चाहता है तो वह जरूर ये भाष्य सुन सकते है। 🙏🙏
Hello sir as a student of I have a doubt, please expain us why we need to seprate person from persons in order to maintain order in society, for an example cope and thiefe, Rich and poor, and if we don't create this separation then we won't be solve this issues So help us to understand .
Ab astvakr geeta padhne ki jarurat hi nhi rahi prabhu ji.. Jo sukshm gyan usme hai vo aapne yahi isi video me btaa diya 😊😊 Bahut bahut dhanyavaad prabhu
जन्म लेते ही जीव और उसमे सक्रिय चेतना योगमाया के अति शक्तिशाली मायावी Matrix मे फंस कर नकली धर्म नकली कर्म कांड नकली आध्यात्म नकली समाज नकली रिश्ते नाते कसमे वादे यारी दोस्ती नकली लोकतंत्र नकली राजनीति नकली सरकारी जुमलेबाजी नकली पाप पुण्य नकली मुक्ति मोक्ष को नियति मान बैठता है फलतः मुक्त चेतना को जन्म जन्मांतर तक देहातीत कालातीत भावातीत अवस्था मे जाने मे समय लगता है माया को वेधने के साथ ही जानने समझने उलझने के लिए कुछ नही बचता ....
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आपको भी किसी जगद्गुरू पीठ से ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। यहां धर्म का संबंध साथ्य कोटि धर्म या कर्तव्य से है।
Ha bhaiya manusmriti pr video bnao 3:13
Me sanskrit sikhna chahta hu par mere mata pita esa sochte h ki ye baas fraud h par me sikhna chahta hu or khudke peso se sikhunga❤ apka bahut bahut abhari hu , radhe radhe❤
धन्य हो प्रभु आप। 🙏🙏
अष्टावक्र गीता में जो भी बाते कही गई हैं वह सब सत्य हैं और मैं भी इन सब बातों बातों से सहमति रखती हूं. मेरा मन भी अध्यात्म की और भागता हैं विवाहित होने के बाद भी. अष्टावक्र ऋषि की बात सत्य हैं.
Hey Patel
जनक जी खुद वैवाहिक जीवन के साथ ही विदेह राज जनक कहलाते थे
Jai mata di
Sahi bola bhai ji aapne jo cheeje batayi hai wo satiya hai or wo ham Jaan sakte hai or koyi nahi
Adhyam ka vivah se kya sambandh
Things you can make video's on:
1. Bhavishya Malika
2. Meat and Sanatan
3. Krishna's Leela
4. Geographical findings and description of earth and different countries in ramayan
5. Explain entire deep charactistics of Kaliyug
6. Smritis especially manusmriti and its criticisms
7. Upanishads and learning from them
8. Untouchability (chandal) in vedas and complete explanation of dwij and vratya sanskaar ?
9. Complete life of a human being - brahmcharys (gurukul), grahst ashram, vanashra, sansyaas with ayurvedic life (brahm mahurat - whole day to night ) and how to implement in our modern lifestyle practically
10. Different sciences in sanatan - ayurveda, vimana shastra, dhanurveda etc and how and on what philoposhy were these written on ?
Thanks for ideas and comments
And existence of Maharaj Manu
Reality of Raas Leela of Krishna
और ये सब बातें धर्म से कैसे अलग है
इसपर भी बनाओ
7. What is black hole according to sanatan dharma?
8. Concept of vimanas in our texts and their functioning
9. कलयुग के लोग किस तरह भिन्न है बाकी तीन युगों से? (Height, food , clothing etc etc)
Vedic rashmi theory also
अष्टावक्र गीता सीमाओं के पार का ज्ञान है
सरल ज्ञान with लॉजिक
3 years back I got a chance to read this book, when I read the first page itself I felt the universe within me... I kept the book with me for sometime. But later on I realised this book I am getting changed from my core... It is difficult to accept the true reality and bitter experience too... Now I am not keeping this book with me anymore... But still it has such huge impact on me that it is still taking me towards the reality..... Very difficult to explain...
मेने मात्र शुरू के कुछ श्लोक ही पढ़े है उस से ही इस किताब की ऊंचाई पता चल गई
मेने मात्र शुरू के कुछ श्लोक ही पढ़े है उस से ही इस किताब की ऊंचाई पता चल गई
भैय्यू क्या है ish pustak me batao na danger hai kya jo dar rahe ho 😊😊😊😊😊😊
तुम मोह में फेसे हुवे वो । सचाई स्वीकारना ही मुक्ति ही मेरे भाई ।
Isme Aisa kya hai ki tumne aage nhi padha😮
अष्टावक्र गीता ब्रह्मांड का सबसे सरल और सटीक ग्रन्थ है ।
नमस्कार 🙏🌸
सनातन धर्म का हर एक ग्रंथ सटीक है बस आपको जहाँ से ज्ञान प्राप्त हो वही ग्रन्थ महान ❤ राम राम भाई
@@deepbajpai9287अबे ओ नाम के सनातनी, पहले खुद गीताए और सारे दर्शन पढ़ले, फिर समझ आ जायेगा उसने ऐसा क्यों कहा है।
अष्टावक्र जी ने सीधा और सरल सत्य बोला है बिना किसी लाग लपेट के।
और ये बात समझना सिख हमारे इतिहास में भी अलग अलग प्रकार के लोग रहे है तो बिल्कुल ऐसा नही हैं की सारे ग्रंथ या दर्शन बराबरी पर हो, तो सनातन के नाम पर फालतू की धारणा मत पाल।
हर कोई ही perfect नहीं था हमारे इतिहास में, इसलिए ऊंचे ग्रंथ और सामान्य ग्रंथ में फर्क करना सिख।
@@BeFocused-ky5ch यदि ग्रंथ सनातन धर्म का होगा तो सर्वश्रेष्ठ ही होगा अगर सर्वश्रेष्ठ नहीं है तो ग्रंथ सनातन धर्म का नहीं है
@@BeFocused-ky5ch वैसे भाई आज कल तो नाम का सनातनी होना भी गर्व की बात है क्योंकि आजकल कोई धर्म की बात करना नहीं चाहता🙏 राम राम
@@deepbajpai9287 अबे बालक
तो तेरे हिसाब से तो फिर महान "Lao Tzu" का लेख भी सनातन धर्म का ही है?
क्यों की वे भी एक बहुत महान दार्शनिक थे जिन्होंने सत्य को समझा था।
तुम बस सनातन के नाम पर अहंकार पालना जानते हो अपने अंदर, इसलिए तुम अंधविश्वास में चीजो से उम्मीद लगा लेते हो लेकिन खुद नही जानना और समझना चाहते।
तुम जैसे मूर्ख अहंकारियो को सत्य और अष्टावक्र कभी समझ नही आ पायेगा। 🙏🫡
I am a Christian but I Love Hindusiam And I am studying Indian culture deeply Radhe Radhe ❤
You deserve all ग्रंथ क्योंकि हम सभी जो आज हम अपने आप को अलग-अलग धर्म से मानते हैं यह जो ग्रंथ है यह सनातन धर्म के हैं सनातन थारो आज के धर्म से कहीं ऊपर है कहीं प्राचीन है जो हमेशा से रहा था हमेशा रहेगा तो इसे पढ़ना बहुत जरूरी है
You are wrong. Astavakra Geeta tells you to leave Dharm as well . Hence you cannot be a Hindu itself. You have to leave Hinduism or any religion to accept the truth which is revealed in Astavakra Geeta.
Hello sir as a student of I have a doubt, please expain us why we need to seprate person from persons in order to maintain order in society, for an example cope and thiefe, Rich and poor, and if we don't create this separation then we won't be solve this issues So help us to understand .
@@atulmourya7130 The reason is that we live in Maya . And 99.99 percent of the world population are born and die without realising the true self Atman. And even those who realise Atman in samadhi has to live in the World which is Maya and again the person forgets his / her true self and gets covered again in Maya. So as the majority of people live in Maya hence it's nessacary to maintain a separation and segregation between people be it Racial or religion segregation. Blame the one who has created this Maya .
If you are Christian David go and read about the Gnostic gospel which was discovered in 1945 in Egypt in a place called Nag Hammadi in Egypt to discover the real teachings of Jesus Christ. Go and read about the Gospel of Thomas. It will blow your mind. This Gnostic gospel was never included in the Canonical Gospels of Christianity. And it was termed as a heretic gospel by the Church
इतनी अल्पायु में धर्म ग्रंथों का ऐसा ज्ञान और jansadharan को सरल भाषा में समझा देने की क्षमता अद्भुत है आपमें. मैं आपके चैनल पर नई हूँ परन्तु मैं आपके ज्ञान से अभिभूत हूं. हिन्दी भाषा का प्रयोग सराहनीय है. बहुत बहुत धन्यवाद. आप ऐसे ही सनातन संस्कृति की सेवा करते रहें.
जय हो भगवान शंकर के अवतार और सत्य सनातन अद्वैत धर्म के सबसे बड़े विद्वान आदिगुरू शंकराचार्य जी की जिन्होंने भारत के चारों ओर चार मठ स्थापित किए है जिनमें एक जोशीमठ है जिन्होंने दुनिया को अद्वैतवाद की शिक्षा दी है।
But adwait Philosophy is Against vedas
@@YT_6jhbvc😂😂bhimte ho kya ... vedo ka update version vedant hai 😂😂 jisme kuch alag nahi likha gaya balki sabko samajh aye aisi bhasha me likha gaya hai
@@praful4383 Sanatani Hu mai ...
Or Isme Itna Hasne Ki kya Baat ??
Jo mujhe Laga Maine Kaha ... Or yahi Sach bhi hai ..
@@YT_6jhbvcवेदों ने सत्य -असत्य , होना ना होना अच्छा - बुरा सबका अस्तित्व मानने के बाद भी नेति- नेति कहा है जिसके दो अर्थ बताए गए- यह भी नहीं और वह भी नहीं दूसरा- पता नहीं सही कौन क्या है, इस हिसाब से भी वेद किसी एक के अस्तित्व की सत्ता की स्वीकृति से परे हें, इसमें द्वैत- अद्वैत के प्रश्न विलीन हो जाते हें। लोग अलग अलग अनुभवों के स्तरों के आधार पर इसका अलग - अलग स्वरूप पाते हें और सभी स्वरूप सत्य हें।जिस रूप में उसे मन की धारणा में मानने लगोगे उस व्यक्ति के लिए वो उसी रूप
में साकार होगा। अतः अच्छे व सकारात्मक (पॉजिटिव) रूपों की धारणा काध्यान करना चाहिए। वैसे भी x अक्ष और y पर सकारात्मकता और पॉजिटिव शब्दों की भावना समान है। जो योग , science, Maths में एक समान है और सब में उसी तरह से वर्णित है, क्योंकि ये तीनों एक ही तरह से काम करती हें, क्योंकि गहन रूप में सब एक ही हें।
सब पाखंड है सब फर्जीवाड़ा है
अदभुत ज्ञान भाई आपकी मेहनत को नमन करता हु
अल्प वय में आपने इतना ज्ञान और दार्शनिकता को उपलब्ध हो गए हैं। बहुत मंगलकामना। आचार्य रजनीश ने भी जीवेषणा (जीवित बने रहने की इच्छा) को अर्थात अपने अस्तित्व के प्रति जागरूक बने रहने को मोक्ष की बाधा बताया है। ये जीवन ही प्रयाप्त है, किसी स्वर्ग और मोक्ष की आवश्यकता नहीं , किसी सन्यास की भी आवश्यकता नहीं ,यदि जीवन्मुक्त का भाव आ जाये। श्रीमद भगवद गीता में इन्ही रहस्यों का अनावरण है। भारत भूमि हमेशा महान दार्शनिकों की भूमि रही है। यही इस देश का संसार को अमूल्य योगदान है।
लेकिन पश्चिम की सभ्यता ने अनाशक्ति को अपने जीवन और कर्म में भारत वासियों से अधिक सार्थक किया है। भारत के लोग सिद्धान्तों को समझते हैं, पर उनपर आचरण में वो पश्चिम से पीछे हैं। हालांकि इसे generalise नहीं किया जा सकता।
बहुत स्पष्ट विवेचना
भाई मनुस्मृति के ऊपर वीडियो बनाओं 🙏
Yess... Bilkul sahi...
💯✅
Koi bhi aaltu faaltu "Manusmriti" pe allegations lagaake chale jaata hai saala! 😤
Video banaana hi chahiye bhaiyaa ko...
Excellent exposed
Bhai sab ji aap sat lok prithivi ke niche aur sat upar hai uske upar video banaye thoda deep bataye
Jay shree ram
Bilkul bhai please Jai Shree Ram 🕉️🚩🙏
जय हो कलयुग के अवतार भगवान कल्की जी की।
पुरोहित लगते हो 🤣🤣🤣
bhimte chamar lagte ho😂@@MissionRaat2025
Beta kalyug aur satyug aadmi-aaddmi par depend krta hai kaun kis yug me ji raha hai o uske man par depend krta hai
हरि ॐ तत् सत् ❤
मैने तो अष्ठावक्र गीता आचार्य प्रशांत जी से जानी अब भी समझ रहे है,,अब श्री मद भगवदगीता, वेदांत संहिता, संत सरिता, और लाओ तसु, बोध प्रत्यूषा सब कुछ आचार्य जी बहुत सरल और सुंदर अर्थ बताते है जिससे पूरी जिंदगी बदल सकती है,,,आज के समय में आचार्य जी जैसा कोई भी नही पर्यावरण से लेके वास्तविक धर्म तक सब कुछ आचार्य जी बहुत सरल सीधे शब्दों में बताते है।
जय श्री गणेश जी ❤️
🌹हरि ॐ तत् सत् 🌹
India me itne badhiya badhiya school of thoughts hue hai.
Inka koi jawab nahi..har koi apne tarike se jivan jine ka dhang bana sakta hai❤
Har Har Mahadev 🙏❤️❤️❤️🙏
सब कुछ ठीक था बस लास्ट मे 25% discount ने सब गड़बड़ कर दिया 😂
फिर भी आप को बहुत बहुत साधुवाद आप सत्य को जानने की कोशिश रहे है 🙏
जय सत्य सनातन वैदिक धर्म🙏🙏
आप ने जैसे कहा की श्री अष्टावक्रा जी धर्म को छोड़ने का उपदेश दे रहे है । परंतु मुझे ऐसा लगता है की धर्म से मुक्ति का अर्थ वास्तव में कर्मो से मुक्ति है । क्योंकि हमारे कर्म ही हमारा भविष्य तय करते है । वास्तव में कर्मो से मुक्त होकर प्रभु की भक्ति ही हमे मुक्ति और ले जाती है । किंतु इसका अर्थ ये नही की हम हमारे नित्य कर्म छोड़ दे । कर्मो की चिंता छोड़ कर कर्म करना ही धर्म है ।महाभारत में श्री कृष्ण अर्जुन से यह कहते है । नारायण नारायण 🙏
Karmo ko chodna means karmo ka tyag nhi balki usme apne kartapan ka tyag krna hai. Koi bhi prani kisi bhi shan bina karm kiye bina rha nhi sakta. Om namo bhagwate vasudevay 🙏
My gotra is ashtavakra, proud to be Hindu and ashtavakra , Rishi ashtavakra ko pranaam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
According to ashtavakra ji apko gotra bhi chhodna hoga.... Gyan unke jaisa bhi hona chahiye.. Or gyaan k baad koi baat mahatv nhi rakhti ki aap kis jaat dharam ya sanskriti se hai
exactly @@preetimittal5949
Sanataniyo apne dharm ke prati jaagruk howo...🙏🏻🚩🕉️
भैया जी, अध्यात्म रामायण, अवधूत गीता, शिव गीता पर भी एक वीडियो बना दीजिए। जिसमे इन ग्रंथों का सार हो।
धन्यवाद 🙏
जय श्री कृष्ण 🙏🚩
I am lucky that I watched Sri Sri Ravi Shankar commentary of Ashtavakra Gita. He has explained this complex scripture in sucj simple language. Proud of our Sanatan sanskriti for having cognised and preserved the knowledge of Aatman
Ashtavakra Gita -
Osho Rajnish
Nandlal Dashora
@@jaybhavani8416nandal Dashora kya h
Hello sir as a student of I have a doubt, please expain us why we need to seprate person from persons in order to maintain order in society, for an example cope and thiefe, Rich and poor, and if we don't create this separation then we won't be solve this issues So help us to understand .
@@atulmourya7130 a society is also a system . A system cannot be formed without hierarchy. Every person doesn't have the same knowledge and capabilities thus creating an inequality.
बहुत ही अच्छा वीडियो बनाते हो ज्ञानवर्धक वीडियो बनाते हो धन्यवाद आपका आप ऐसे ही वीडियो बनाते रहे जय सनातन जय श्री कृष्णा 🙏🙏🙏🙏🙏
नए नए विद्वान के विषय में जानकारी देने के लिए धन्यवाद। श्री हरि ।।।
भाई जी आप बहुत गहराई से दर्शन का ज्ञान देते है आपका ज्ञान सराहनीय है मुझे आपका चैनल पसन्द है
गुरु जानते हैं ये बात कि ईश्वर बनना इतना आसान नहीं है, इसलिए ईश्वर ने सम्पूर्ण जगत में तीन स्तंभ स्थापित किए हैं:- मां, गुरु, पिता ।।❤❤
कुछ भी नहीं छोड़ा नहीं जाएगा। सिर्फ मन से आगे निकलना है। हिंदू हिंदू ही वना रहेगा, मुसलमान भी वोही बना रहेगा, बदलाव अंदर से आएगा। किसी को पता भी नहीं चलेगा
Sanatan dharma is so vast and dynamic.
So many philosophies or viewpoints exist without any conflict.
Jai Sanatan dharma 🙏🙏
Koi conflict isliye nhi h Qki koi deeply follow hi nhi krta.....
Jb ek group kisi philosophy ko deeply follow krega toh vo apne early spiritual stage me definitely dusri philosophy ko question jror krega....
Par yha pe question isliye ni ho rha kyuki kisi ko kuch padi hi nhi h kon sa granth kya keh rha h....
I hope u understand what I'm saying
जय श्री राम। आपका यह कार्य बहुत ही सराहनीय है। 🚩🚩🙏🏼
biggest Supporter of ashtawakra maha Geeta = OSHO
❤
Thankyou so much sir aap itna sara gyan humko itne easily available kar dete hai really thank you so much 🌹✨
Dhanyawad...bahut sundar gyaan diya aapne....Jai sanatan...Jai shree krishna...🙏🙏🙏
Bhagvat Gita was preached for common daily life folks whose main aim is to live a fulfilled life with a little Bhakti/Meditations as side quest while Ashtavakra Gita was preached for serious people who really wants to attain enlightenment.
One thing that i can say about Ashtāvakra Gitā after learning about it through this episode is, it explains very profound philosophies not easy to understand at one go you need to read it many times to fully understand it, thanks for this valuable episode🙏
I didn't understood ...this ashtavakra geeta looks like atheism or agnosticism
@@parthasarathi3379 so what ? It talks of the reality of this world. Read Ashtavakra Geeta.
@@vinaymann838 you read completely?...
@@parthasarathi3379It comes under the philosophy of Advaita Vedanta(Non-Duality).
@@hirennyx i am having doubts with advait ... Can you clarify for me ?..
What is non duality actually means?... Am i god?
00:01 Ashtavakra Geeta is a theoretical text that takes you to the ultimate truth.
01:36 Learn Sanskrit through a four-month course starting from 2nd December
03:09 Detachment is the key to finding freedom
04:51 To achieve real freedom, one must go beyond nature and understand consciousness.
06:27 Real freedom is possible only through detachment.
08:09 Seek inner peace through self-knowledge and detachment from material desires.
09:50 Maharishi Ashtavakra advises to abandon wealth, work, and religion for true freedom and salvation.
11:27 Ashtavakra Gita presents the ultimate truth in a crude philosophy.
Hello sir as a student of I have a doubt, please expain us why we need to seprate person from persons in order to maintain order in society, for an example cope and thiefe, Rich and poor, and if we don't create this separation then we won't be solve this issues So help us to understand .
@@atulmourya7130 The concept of separation is often a pointer to the importance of detachment. When we talk about separation, it's not about creating rigid divisions in society but rather about understanding the nature of attachments.
Detachment, as suggested in the Ashtavakra Gita, is the key to finding true freedom. It's not about physically separating individuals but rather cultivating a mindset that is not overly attached to material desires, roles, or societal labels. By transcending these attachments, one can attain a state of inner peace and genuine freedom.
Now, when it comes to the distinctions in society, like cop and thief, rich and poor, it's essential for maintaining order. However, the emphasis is not on creating insurmountable separations but on establishing a just and equitable society. The idea is to recognize that these roles are transient and do not define the true essence of individuals.
In essence, the separation advocated in spiritual teachings is more about inner detachment, allowing individuals to coexist harmoniously while recognizing the impermanence of external roles. It's a call to go beyond societal labels and foster a sense of unity and understanding.
I hope this provides clarity on the perspective from the Ashtavakra Gita. Feel free to ask if you have further questions.
@@atulmourya7130 come to conclusions by yourself, no need to ask any random person(not disrespecting anybody)
@@amanchaurasia6995 Ashtavakra gita ko kisne maha gita kaha ha? Ashtavakra ko kud lust me bhagwan Krishna ke charno me girna pada to unke mand buddhi mudh gadhe asur nastik pakhandi papi dharti par bojh nich adham followers kaha ghus na chah te ha patanahi? Hare Krishna Hari bol 👍🙏😀
@@harekrishna2291 The Supreme Reality lies within us. We can't realise until we escape this duality.
I Think that all things are told by Shree Krishna in Bhagvat Gita briefly ❤ Also me and i think many of me dont accept their slokas directly but after some experience and realisation by viewing all videos or granthas we know that it is a 100 % clear cut statements ! ❤ Hare Krishna
Krishna was a great diplmat , his bhavad gita is for everyone around the globe may it be businessmen , sanyasi , layman ,prostitute etc . But ashtavkra gita is not for everyone , its more direct , and doesnt care who is reading , he tells the truth as it is .
@@adarshbhardwaj6190 ashtavakra ko last me bhagwan Krishna ke charno me hi girna pada to tu kaha ghus chah ta ha? Hare Krishna Hari bol 👍🙏😀
@@harekrishna2291 my friend u are full of spiritual ego. Your mind is corrupted. And what do you mean by the things u said . have ever read both texts . Why this competition
pls explain krishna in ine word/
@@harekrishna2291
@@adarshbhardwaj6190 Bro, he's a Bhakti person. And, We are Advaita (Non-dual) Seekers. He intentionally won't accept it because Bhakts term Advaita as Mayavad.
*सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज* -- भगवान् कहते हैं कि सम्पूर्ण धर्मोंका आश्रय? धर्मके निर्णयका विचार छोड़कर ...
Ashtavakra Gita is the ultimate book for mankind.
Please everyone listen to RUclips videos on Ashtavakra gita by Swami Sarvapriyananda 😊😊😊
This ashtavakra geeta looks like atheism or agnosticism..can you explain me if you understood clearly
@@parthasarathi3379 I Don't understand it completely so please listen to Swami Sarvapriyananda talks on Ashtavakra Gita on RUclips.😊😌
@@parthasarathi3379atheism or agnosticism . Are u mad
@@parthasarathi3379nothing of them he is just saying stop saying...
@@parthasarathi3379 Their core belief is immaterialism - selflessness - yogi tatva
i bow to sage ashtavakra🙏
🙏🧡🚩जय श्री कृष्ण 🚩🧡🙏
जय श्री कृष्णा 🙏
@@HyperQuest😍 रिप्लाई देने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 जय श्री कृष्णा 🧡🚩
बिलकुल सही है। आत्म को परमात्मा बनने की साधना में धर्म को भी छोड़ना पड़ता है। क्योंकि:-
सब से पहले सृष्टि का सर्जन परमात्मा ने किया।
फिर मानव का सर्जन किया।
फिर मानवने धर्म का सर्जन किया।
अतः स्पष्ट है की:-
१) मानव सर्जित धर्म से परमात्मा को नहीं पाया जा सकता।
२) परमात्मा सर्जित धर्म से ही परमात्मा को पाया जा सकता है।
३) परमात्मा सर्जित धर्म याने आत्म धर्म, आत्म धर्म याने आत्मिक गुणों का विकास।
बिल्कुल अष्टावक्र मानव निर्मित धर्म को त्यागने की बात करते हैं। ❤❤
अति सुंदर विश्लेषण। बहुत आभार 👌🙏🚩👏🤗
Hare Krishna 🙏sir❤❤
🥰🌺
We expect a series of vedios on the granth
' Brahma Sutra '
on the basis
' Prantattwa ' grantha
....Swami Vishnu Tirth
Narayan kuti Sannyas
Aashram
Devas ( M. P. )
अष्टावक्र के शिष्य महाराज जनक जी थे , जो भगवान राम को देख कर कह पड़े थे
इन्हहीं बिलोकत अति अनुरागा
बरबस ब्रह्म सुखहि मन त्यागा❤
जय श्री राम ❤❤
Was waiting for this. Thanks for telling others about this great book often ignored by others!
श्री मद्भागवत गीता इस संसार का एक मात्र ग्रंथ है जिसका जन्मोत्सव मनाया जाता है मोक्षदा एकादशी को।
कृपया सभी लोग इसे मनाए इस दिन सामूहिक गीता पाठ करें
Thank you sir to bring this video to
Know about this book ..
You are the real Guru for me
Who make me to understand
Difficult to difficult topics and
Misconceptions :)
07:48 Best of the Best..thanks for using Word "Kafir" this is most important to know every Kafir (Non-muslim) Har Har Mahadev ..your words can save our dharm
The gist of Hinduism as far as I've understood is respectfully questioning everything. 🙂
जैन ग्रंथों में जीव अथवा आत्मा और मोक्ष के और भी विस्तृत और सटीक सिद्धांत दिए गए हैं, एक बार समदृष्टि रखकर जैन सिद्धांतों पर भी वीडियो बनाएं।
आप आचार्य समंतभद्र स्वामी रचित "रत्नकरण्ड श्रावकाचार" ग्रंथ का अध्ययन कर उस पर वीडियो बनाएं
धन्यवाद
जय जिनेन्द्र
Yes.. Jain darshan bhi bahut samridhya aur gehraai se baato ko rakhtaa he
Jus Beautiful - no words to explain. Thank you very much!!! Jai Shri Ram!
सदगुरू जी आपको मेरा शत शत नमन ___ईश्वर आपकी सभी मनोकामना पुरी करें यहि प्रार्थना करता हूँ ___सदगुरू जी धन्यवाद ___भारत माता की जय ___सदगुरू जी आपने बहुत अच्छी उपयुक्त जानकारी दि हैं ___ ज्ञान की अभेद गंगा भारत देश हमारा __ सुबह शाम अज्ञानी यह मनुष्यों का कर्म पसारा___ कहाँ कहाँ भगवान दिखाऊ ज्ञान हैं यह सभी को प्यारा ___ दृष्टि में सृष्टि छुपी हैं माया जाल छुपा मनमे बहुत सारा ___ किस बुद्धि से काम करें जब फस रहें हैं विविध विषयों का यहाँ खेल सारा ___
बेहद सारगर्भित बात
జై శ్రీ కృష్ణ కృష్ణం వందే జగద్గురుమ్
महर्षि अष्टावक्र का ज्ञान विलक्षण था और महाराज जनक जी की श्रद्धा अनन्य | श्री अष्टावक्र गीता के बारे में जानकारी देने और प्रचार करने के लिए धन्यवाद 🙏 गीताप्रेस गोरखपुर की सब प्रचलित गीता की 1 पुस्तक पढ़ने योग्य है और उस का प्रारंभ श्री गणेश गीता से होता है श्री गणेश गीता की भी ज्यादा जानकारी दे ऐसी इच्छा 🙏
अष्टावक्र में कठोर उपदेश नहीं हैं बल्कि सरलता है। लोगों ने जितना धर्म को जटिल बना दिया है, उतना जटिल धर्म है नहीं। अष्टावक्र गीता एक दम शुद्ध ज्ञान है ।
Please bring a video on spiritual teachings of various rishis in ramayana❤❤
आत्मज्ञान ही असली प्रेरणा है आत्मज्ञान ही सब समस्या का एक मात्र समाधान है ये कोई कल्पना या झूठा दिलासा नही है जो मेने अनुभव किया ओर अनुभव हि सर्वोत्तम शिक्षक है सब कुछ जान लिया पर खुद को नही जाना तो सब कुछ जान कर भी कुछ नही जाना पर बस खुद को जान लिया बाकी कुछ भी नही जाना तो भी सब कुछ जान लिया आत्मस्वरूप ही निजरुप है सत्य सनातन वैदिक धर्म की सदा ही जय हो जय हो जय हिंद वंदे मातरम भारत माता की जय जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
You and Acharya prashant is doing a great job 👍 to bring our real GYAN among young youth and for new generation kids. Lots of love and support from us 😊
Acharya Prashant does not deserve to be called an Acharya
@@Dipanshu111 why so...??
@@animesstatusbynobitanobi0088 He literally smokes weed and cigarettes
@@Dipanshu111 and what about about his knowledge and great contribution towards making youth aware about vedas and real hindu dharm and promoting veganism 🙂?
@@Dipanshu111 if a person had smoke or a smoker it doesn't means his knowledge is wast.. He is one of the great teacher of 🇮🇳india
Excited for Sanskrit course much needed ❤
We expect a series of discussions , vedios , cources on
51 Geeta ' s
Spiritual science and philosophy
on the basis
Sadhan Marg , Sadhan Padhati , experiences , consciousness , physical -mental-spiritual state of sadhak , mukti -moksha
Guru Parampara
for
Self realisation , iternal spiritual awareness , peaceful life .
Anu Geeta , ...................
Bhagwat Geeta , Ashtavakra Geeta .
Waiting for a podcast with Acharya Prashant Ji
He is Dhongi. Read scriptures yourself and go beyond.
गुरु के बिना प्राप्त हुआ ज्ञान कभी काम का नहीं होता😂😂😂😂
@@deepbajpai9287 Guru keval 1/4 hi padha paate hai baki 1/4 svayam, 1/4 sahpathi aur 1/4 kaal aapko samjhata hai.
Gyan me or fekne me farak hota hai , 2,4 achhi bato ko chhod diya jaye to achary prashant k pas kuch nhi ..isase achha apne grantho ko padhe🙏
@@mahadevzone2590 Bhai padhna aur samjhana me antar hota hai. Uska arth, prateek kaise samjhoge? Agar aapko arth pata hai to aap se hi samjh lenge
detachment leads to freedom also explains an important law of quantum mechanics,"matter only exists if there is observer"
Thankyou for covering this. It is a very important text which everyone must read.
Jai shree krishna 🙏
Jai Shree Krishna 🙏
Thank you for such insightful video & wisdom.
Jai Sri Ram
Thanks!
अद्भुत 👌🙏😇💯
I AM CONVERTED TO ATHEISM & FREE FROM MYTHOLOGY & SHITTEST RELlGION & LIVING MORE HAPPY & REAL LIFE 😊
Acharya Prashant is the greatest Vedanta Teacher ❤❤🎉🎉🎉
Arey prashant Leftist hai, wo dharm sirf apni popularity ke liye use kr rha jisse osho jaisa cult bna sake. Aise fraud guru se bacho
@@Crymearevato aapke hisab se kon sahi hai?
@Nareshrb_97dhongi kathavach fraud hain unako kuch knowledge nahi hai kewal shankaracharya peeth ke acharya sahi hai 😊
@@Crymeareva तुमने शिक्षा लेने में ओशो की नाक कटा दी भाई।
BHOT BHADIYA
MERE BHAI
JAI SHREE RAM
1) Ganesh Gita , Ganesh Puran aur Mudgal Puran pe ek video banaiye please
2) Maha neel Saraswati ji , Neel Saraswati ji , Maha Saraswati ji aur Saraswati ji ke saktion ke bich kya antar ya samanta hai uspe aap ek video banaiye
God bless to your decision of doing this, instead of engineering.
Ye bhi uss cosmic consciousness ki ichaa rahi hogi. 🕉️
Plz make a series on ashtavakra geeta. Plz 🙏
Listen to Swami Sarvapriyananda talks on Ashtavakra gita on youtube 😊
Yes ❤
Ashtavaker geeta ne mere jeevan ki disha hi mod di.
Meine aaj se 7 year pahele padi thi.
It's really very good topic.. I believe this my present Life ❤
Great video 👍. I request you to please Project Shivoham's latest video on the Shivaling being compared with male genital organ and try to find the real truth behind this. Har Har Mahadev 🙏
Interesting Video ! Way to go ! If there exists just ONE tattva called "Brahm", then why do we consider "prakriti" as different from brahm ? Why can't it be a part of that singular tattva ? Are we moving to some kind of "duality" ? Please consider making a video to throw light upon this confusion either on the basis of ashtavakra gita or other scriptures.
Though the current background audio is good, my suggestions for improving the videos would be that you could work on the background transition audio while narration to make it attractive or curiosity inciting and also adding better animations to it. May be you could compete with Netflix videos for improving the animation and audio quality of videos considering those as an ideal version. This way your videos could get a wider reach. Keep it up !
Good question.
बहुत सुन्दर, आभार आपको 🙏🏽
अष्टावक्र गीता पर ओशो जी का भाष्य 'Spotify' नामक एप पर 24 भागो में उपलब्ध है।
इसलिए अगर आप में से कोई अष्टावक्र को और गहराई से जानना और समझना चाहता है तो वह जरूर ये भाष्य सुन सकते है। 🙏🙏
Hello sir as a student of I have a doubt, please expain us why we need to seprate person from persons in order to maintain order in society, for an example cope and thiefe, Rich and poor, and if we don't create this separation then we won't be solve this issues So help us to understand .
Rishi Ashtavakra ji ko Pranaam🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Plz also create a video on Adhyatma Ramayan which is also an Advait masterpiece
जयश्रीराधेकृष्ण☘️🔱🌺🙏
भाई आपका वीडियो देखकर मन को बहुत शांति मिलती है और ज्ञान भी मिलता है 🚩🚩🙏🙏
Thanks for sharing such an elevated knowledge.
आपने बहुत ही सरल शब्दों मे व्याख्या की है
आपका बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏🙏
Explained very well and upto the point. Great Job
Ab astvakr geeta padhne ki jarurat hi nhi rahi prabhu ji..
Jo sukshm gyan usme hai vo aapne yahi isi video me btaa diya 😊😊
Bahut bahut dhanyavaad prabhu
जन्म लेते ही जीव और उसमे सक्रिय चेतना योगमाया के अति शक्तिशाली मायावी Matrix मे फंस कर नकली धर्म नकली कर्म कांड नकली आध्यात्म नकली समाज नकली रिश्ते नाते कसमे वादे यारी दोस्ती नकली लोकतंत्र नकली राजनीति नकली सरकारी जुमलेबाजी नकली पाप पुण्य नकली मुक्ति मोक्ष को नियति मान बैठता है फलतः मुक्त चेतना को जन्म जन्मांतर तक देहातीत कालातीत भावातीत अवस्था मे जाने मे समय लगता है माया को वेधने के साथ ही जानने समझने उलझने के लिए कुछ नही बचता ....
The conversation between Yama and Nachiketa should be a Gita.
It's Katha Upanishad
Jyan Yoga of Vedas/Sruti are Upanishads
Jyan Yoga of Smriti are Gita
Smriti = Puran, Itihas and some Samhita
Amazing video.🎉
Jai Shree Ram Jai Jagannath
This video was very necessary thank you so much I've heard about it from my friend but had some doubts but you cleared a lot of them
This knowledgeable video also came to me due to ShriKrushna Krupa. 🙏🏻🙏🏻 Om Jay ShriKrushnabhagavaanaay Namah🙏🏻🙏🏻😊
Jai Shree Ram 🙏🚩
Knowledgeable and nice video
Hats off to your work❣️
अविश्वशनीय है ये सब कैसे इतने पहले वो इतने बड़े ज्ञान को समझ गए और फिर ...केवल 10 की आयु । अकल्पनीय
Haan ye khani bilkul baad me aayi hogi joki andhvishwas h
Lekin astavakra geeta ek rational aadmi hi samj sakta koi religious admi nhi
Love you bhai ❤