भोजन के 10 नियम करेंगे पेट के सभी रोगों को समाप्त - Bhojan karne ka Sahi tarika
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- Опубликовано: 8 фев 2025
- एसिडिटी - अफारा - अपचन - कब्ज जैसी सभी बीमारियां ठीक होंगी हमारी इस वीडियो में बताए गए नियमों के पालन करने से....
इसके साथ आप हमारी इससे पहले भोजन के विषय में अपलोड वीडियो जरूर देखें उसका लिंक यह है...
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• कैसा भोजन करें ॥ सात्व...
वास्तव में भोजन को आदमी जितनी लापरवाही से करता है इतनी लापरवाही से शायद कोई दूसरा काम नहीं करता।
और फिर पेट की बीमारियां आती हैं जिनके लिए वह यह सोचता है कि बस डॉक्टर कोई गोली दे दे और यह बीमारियां ठीक हो जाएं जबकि पेट की बीमारियां की अपेक्षा आपके व्यवहार अनुशासन दिनचर्या को संतुलित भोजन से हमेशा के लिए ठीक होंगी, दवाई तो मात्र एक अस्थाई इलाज होता है पेट की बीमारियों के लिए।
स्वस्थ रहने के लिए भोजन जरूरी है, लेकिन इसके भी कुछ नियम होते हैं। अगर संतुलित भोजन खुश होकर किया जाए तो शरीर को ज्यादा लाभ होता है।
ध्यान रहें ये बातें
स्वच्छता भोजन का पहला नियम है।
इसलिए खाना खाने से पहले हाथ, पैर और मुंह अच्छी तरह से धो लेने चाहिए।
जिस स्थान पर भोजन करने के लिए बैठें, वह साफ होना चाहिए।
भोजन हमेशा खुशनुमा माहौल में करें और खाते समय बातचीत न करें।
चबा-चबाकर खाएं
भोजन करते समय प्रत्येक कोर को कम से कम 30 से 40 बार चबाएं।
जब हम खाना ठीक से चबाते नहीं हैं तो दांतों का काम आंतों को करना पड़ता है और वे कमजोर हो जाती हैं। इसलिए भोजन चबाकर ही खाएं।
रेशेवाला आहार लें
आदर्श भोजन वही है जिसमें सभी पोषक तत्त्वों का समावेश हो। भोजन में सलाद, अंकुरित अनाज और हरी सब्जियों को जरूर शामिल करें। ये फाइबर फूड शरीर में पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखते हैं। तले-भुने, बासी और मैदा युक्त चीजों से परहेज करें।
भोजन के साथ या बाद में फौरन चाय और कॉफी न लें क्योंकि ये हमारी पाचन प्रक्रिया में बाधा पहुंचाती हैं। डाइट में फलों को भी शामिल करें। रस निकालने की प्रक्रिया के दौरान फलों में मौजूद फाइबर निकल जाता है इसलिए इनका रस पीने की बजाय उन्हें चबाकर खाएं।
दिन में खाएं दालें
दालों का समूह गैस्ट्रिक होता है इसलिए रात के समय इन्हें खाने से इनके पोषक तत्व शरीर में ठीक से एब्जॉर्ब नहीं हो पाते। अगर आप शाम को जल्दी खाना खा लेते हैं तो डिनर में दाल ले सकते हैं वर्ना इन्हें दिन के समय ही खाएं। दाल में अमिनो एसिड नहीं होता है इसलिए सिर्फ दाल ना खाकर दाल-चावल या खिचड़ी के रूप में खाएं।
खाना बनाने से पहले सब्जियों और दालों को अच्छी तरह से धोना चाहिए। शेष बचे हुए खाने को ढंककर ही फ्रिज में रखें। ज्यादा देर तक भोजन को पकाएं नहीं, इससे उसमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा कम हो जाती है।
मॉर्डन लाइफस्टाइल के चलते आज कल कुर्सी टेबल पर बैठकर खाना खाने का ट्रेंड सा बन गया है
लेकिन पहले के समय में लोग जमीन पर बैठकर ही खाना खाते थे,
आजकल के लोग जमीन पर बैठकर खाने को आउटडेटेड समझते हैं, इतना ही नहीं, लोगों को जमीन पर बैठकर खाना खाने में शर्मिंदगी महसूस होती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि जमीन पर बैठकर खाना खाने से सेहत को कई तरह के फायदे पहुंचते हैं,
क्योंकि जमीन पर हम जिस तरह से एक पैर को दूसरे पर रखकर बैठते हैं, वो एक आसन की मुद्रा होती है
इस मुद्रा में बैठकर खाना खाने से भोजन का पूरा फायदा मिलता है और पाचन क्रिया भी बेहतर रहती है।
आइए जानते हैं जमीन पर बैठकर खाना खाने के फायदे:
1. जमीन पर बैठकर खाना खाने से शरीर मजबूत होता है. इस मुद्रा में बैठने से पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों, पेल्विस और पेट के आस-पास की मांसपेशियों में खिंचाव होता है. जिससे असहजता और दर्द की शिकायत में आराम मिलता है.
2. जमीन पर बैठकर खाने के दौरान आप पाचन की नेचुरल अवस्था में होते हैं. इससे पाचक रस बेहतर तरीके से अपना काम कर पाते हैं.
3. परिवार के सभी सदस्य जब एक साथ जमीन पर बैठकर खाते हैं, तो उनके बीच का संबंध भी मजबूत बनता है. इस मुद्रा में बैठने से शरीर की कई तकलीफें दूर हो जाती हैं. आराम मिलने से
खाने का स्वाद भी दोगुना हो जाता है।
4. जमीन पर बैठकर खाना खाने से वजन संतुलित रखने में भी मदद मिलती है।
5. जमीन पर बैठकर खाना खाते समय आप सिर्फ खाना ही नहीं खाते हैं बल्कि यह एक आसन की मुद्रा भी है. ये मुद्रा आपको शांत रहने में मदद करती है. इससे रीढ़ की हड्डी को भी आराम मिलता है।
6. जमीन पर बैठकर खाने से हमारा बॉडी-पोश्चर भी बेहतर होता है. इससे व्यक्तित्व में भी निखार आता है।
7. जमीन पर बैठकर खाने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जो दिल को सेहतमंद रखने के लिए जरूरी है।
@AnandDhara
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