हे आत्म ज्योति भक्तावती मेरे सर्वांग आत्म प्रदेशों से आत्रो आत्रो तिष्ठो तिष्ठो तिष्ठो, अनंत स्वभाव की अनंत भक्ति में अवगाहन कराओ महा ज्योति भक्तावती जय हो जय हो जय हो जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏
आदरणीय भैया जी के ज्ञायक ज्ञान स्वभाव की मेरे अंतर हिर्दय की अनंत गहराइयों से अनंत अनंत कोटि कोटि अनुमोदना कोटि कोटि अनुमोदना कोटि कोटि अनुमोदना🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो जय हो जय हो चैतन्य स्वभाव की भक्ति में निमग्न जय हो जय हो उत्पन्न ज्योति भक्तावती मेरे अंतरंग हृदय से शुद्धता पूर्वक आत्मसात हो आत्मसात हो आत्मसात हो 🙏🙏🙏
जय हो हे उत्पन्न जोति भक्तावती मेरे अंतर ह्रदय में आत्रो आत्रो तिष्ठो तिष्ठो मेरे अनंत चतुुष्टय मयी शुद्ध स्वभाव में अवगाहन करो जय हो जय हो चैतन्य महा शक्ति की जय हो जय हो🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो जय हो हे चैतन्य ज्योति भक्तावती महाशक्ति मेरे सर्वांग निजात्म प्रदेशों में मेरे रोम रोम में उत्पन्न जयवंत हों जयवंत हों जयवंत हों कोटि कोटि अनुमोदना है🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो जय हो जय हो उत्पन्न ज्योति भक्तावती मेरे सर्वांग आत्म प्रदेशों से उत्पन्न जयवंत हो उत्पन्न जयवंत हो उत्पन्न जयवंत हो 🙏🙏🙏🙏🙏 कोटि कोटि अनुमोदना है अनुमोदना है अनुमोदना है 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हे भक्तावती महाशक्ति मेरे चैतन्य उपवन में आत्रो आत्रो तिष्ठो तिष्ठो मेरे सर्वांग निज आत्मप्रदेशों में हुलसो विलसो ऐसा भक्ति रस भर दो की सिर्फ और सिर्फ स्वभाव की भक्ति में ही रम जाऊं जम जाऊं कभी बाहर न आऊं
हे आत्म ज्योति भक्तावती मेरे सर्वांग आत्म प्रदेशों से आत्रो आत्रो तिष्ठो तिष्ठो तिष्ठो, अनंत स्वभाव की अनंत भक्ति में अवगाहन कराओ महा ज्योति भक्तावती जय हो जय हो जय हो जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏
शुद्ध शुद्ध शुद्ध... मुक्त मुक्त मुक्त.... जय हो जय हो जय हो हे ज्योति स्वरूपा भक्तावती शक्ति सर्वांग निजआत्म प्रदेशों में उत्पन्न जयवंत हो 🙏🙏🙏🙏
आदरणीय भैया जी के ज्ञायक ज्ञान स्वभाव की मेरे अंतर हिर्दय की अनंत गहराइयों से अनंत अनंत कोटि कोटि अनुमोदना कोटि कोटि अनुमोदना कोटि कोटि अनुमोदना🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो जय हो जय हो चैतन्य स्वभाव की भक्ति में निमग्न जय हो जय हो उत्पन्न ज्योति भक्तावती मेरे अंतरंग हृदय से शुद्धता पूर्वक आत्मसात हो आत्मसात हो आत्मसात हो 🙏🙏🙏
जय हो हे उत्पन्न जोति भक्तावती मेरे अंतर ह्रदय में आत्रो आत्रो तिष्ठो तिष्ठो मेरे अनंत चतुुष्टय मयी शुद्ध स्वभाव में अवगाहन करो जय हो जय हो चैतन्य महा शक्ति की जय हो जय हो🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो जय हो हे चैतन्य ज्योति भक्तावती महाशक्ति मेरे सर्वांग निजात्म प्रदेशों में मेरे रोम रोम में उत्पन्न जयवंत हों जयवंत हों जयवंत हों कोटि कोटि अनुमोदना है🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो जय हो जय हो उत्पन्न ज्योति भक्तावती मेरे सर्वांग आत्म प्रदेशों से उत्पन्न जयवंत हो उत्पन्न जयवंत हो उत्पन्न जयवंत हो 🙏🙏🙏🙏🙏 कोटि कोटि अनुमोदना है अनुमोदना है अनुमोदना है 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो जय हो जय 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
उत्पन्न ज्योति भक्तावती महाशक्ति का अनंत प्रकाश मेरे सर्वांग निज आत्मप्रदेशों में उत्पन्न जयवंत हो उत्पन्न जयवंत हो उत्पन्न जयवंत हो🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हे भक्तावती महाशक्ति मेरे चैतन्य उपवन में आत्रो आत्रो तिष्ठो तिष्ठो मेरे सर्वांग निज आत्मप्रदेशों में हुलसो विलसो ऐसा भक्ति रस भर दो की सिर्फ और सिर्फ स्वभाव की भक्ति में ही रम जाऊं जम जाऊं कभी बाहर न आऊं
जय हो जय होजयजय जय जय जय
Jay ho Jay ho Jay ho
जय हो
Jai HO
जय हो जय हो जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो
जय हो जय हो जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो
जय हो जय हो जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो जय हो जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो जय हो जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो जय हो जय हो🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो जय हो जय हो🙏🙏🙏🙏🙏