Pujyapaad
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- Опубликовано: 5 фев 2022
- पूज्यपाद श्री #कुमारिल भट्ट #सनातन #वैदिक #संस्कृति का वह पुत्र जिसे विस्मृत कर दिया गया
#Kumaril Bhatt The Foregotten Gem of #Sanatan #Vedic Sanskriti
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भट्ट ब्राह्मणों योगदान सनातन धर्म के लिए अद्वितीय है
कुमारिल भट्ट की कथा बहुत अच्छी लगी। प्रणाम।
आचार्य कुमारिल भट्ट के चरणों में कोटि कोटि नमन ,❤🎉🎉🎉🎉🎉😢
ऐसे महान व्यक्ति के बारे बहुत क्रम जानकारी है आपका धन्यावाद है वैदिक धर्म के बारे बहुत प्रचार की आवश्यकता है हम अपने ही सनातन धर्म के बारे कुच्छ नही जानते औऱ हम पिछड़ रहे हैं प्रचार प्रसार की ओर अधिक ध्यान देना होगा ❤
परम आदरणीय भाईसाहब,आपको सादर नमन।लगभग 15-16 वर्ष की आयु में मैंने पूज्यपाद कुमारिल भट्ट जी की ये कथा अखण्ड ज्योति में पढ़ी थी।ना तो उस समय अश्रु थमे थे और ना ही आज।कई बार google पर उनके बारे में जानने का प्रयास किया,किंतु संतुष्टि प्राप्त नहीं हुई।आज आपसे उनके बारे में जानने और समझने को मिला।इतने सुन्दर ढंग से उन महात्मा के बारे में जानकारी देने के लिए आपका कोटि-कोटि धन्यवाद।
आशा है इसी प्रकार ऐसी महान पुण्यात्माओं के बारे में आप हमें अवगत कराते रहेंगे।
पुनः आपको सादर नमन।
Jai
.Ho.Kumaril.Bhatt
जय हो भट्ट ब्राह्मण ❤❤❤❤
बहुत अच्छी जानकारी।
ॐ राम ॥
Very nice bulletins
Shree Maan Aapne Sahi Kaha Ki Jinhone Apne Mahan Vibhutiyon Ke Dharohar Ko Nahi Sambhalte Hain,Aage Kathinayion Ka Samna Karna Padta Hai,Hamloh Yah Bhi Kahana Chahenge Ki Bhatt Brahaman Samaj Ke Jitane Sanatani Vibhti Huye ,Unaki Tayag,Kriti Or Unhone Samaj Ko Kya ,Duniya Ko Kya Diye Usper Brihad Paimane Per Akhil bhartiya Paimane Charcha Honi Chahiye Or Jo Hamari Ninda Karte Hain, Hamari Uplabdhi Ko Kamtar Aankate Hai,Unahe Sanatan Me Unaki Uplabdhi Puchhani Chahiye.Jai Sanatan.
वेदों का सरलीकरण किया जाना चाहिए ताकि आम लोगों को भी समझ आ जाए
वास्तव में संस्कृत भाषा को जानना आवश्यक है। उसी से हम मूल मर्म को समझ पाएंगे।
सरलीकरण का अर्थ है विषय को बोधगम्यत। यह तो विषय के पठन-पाठन अध्ययन, चितन और किस विद्वान् के मार्गदर्शन से होता है, चाहे कोई भी विषय हो - गणित, विज्ञानं, भूगोल इत्यादि।
धर्म की जय हो जय श्री कृष्णा राधे राधे
आदरणीय सिंह साहब,बहुत-बहुत धन्यवाद। तुषाग्नि है,तृषाग्नि नहीं।तुषा= भूसी।
Thank u very much .shatasha naman
JAYSREE SITARAMAY NAMAH
जय गूरु देब
Jai shree Ram
Jai Shree RAM
बहुत ही सुंदर जी
Praanam
बहुत अच्छी जानकारी आपको धन्यवाद
👍🏻🙏🙏🙏.aaj mughe aap ki real story on our sanatan dharma listen kar ke bahut proud feel ho Raha hai
Shree Maan Aap Satya Kah Rahe Hain,Pujyapad Kumaril BhattJee Ne Sastrarth Me Sanatan Ko Shrest Pramanit Kiye Hain,Hamne Is Prasang Ko Padha Bhi Hai,Jai Sanatan.
Jay ho
Thank you.
Excellent compiling of Historical Factuals🌳🙏No Doubt Texture has been Mutilated by Few Core Groups qua Teachings & Eating Habits incl. Manuals>Thrse are Vikratis of the Panth at a later Date
Satya Sanatan Vedic Arya Hindu Dharm ki jai.
Adbhut gayan versha. M A philosophy k baad bhi ye sub nahi jaan paya. Parnam h
बहुत ही अद्भुत जानकारी देने वाला वीडियो।
Pujyapaad Kumaril Bhatt ki mahan sukrity Veydik Darmo tatha sanatan dharmo ka liya apna balidan ajj hamari seskha (Etyhas)or samach s hata diya , Op ka a prachar or prachasta jaha sanatan hindu dharmo liya uchha margo dashaka.. binamra shradha or Danybath .
अति उत्तम , आप का हार्दिक अभिनंदन, नमन । अपने आप को विद्वान साबित करने के लिए कुछ स्वनाम धन्य तथाकथित विद्वान आप के कथन पर सवाल कर सकते हैं ।
🙏🙏🙏।।सम्यक् श्रीमान्।।
आपका प्रयास वन्दनीय, सराहनीय है। मै पूर्व से सनातन साहित्य पढते रहा हू। आज भी जारी है। आपने मेरे ग्यान मे वृद्धि की ।सादर वन्दन
🙏 dhanyawad guruji
कुमारिल भट्ट adi शंकराचार्य के समकालीन नही थे। कुमारिल भट्ट के अंतिम समय जो शंकराचार्य से मिलने वाले शंकराचार्य संभवत: ज्योतिष मठ के अधिपति थे।
आदि शंकराचार्य के गुरु यति गोविंदपदाचर्य गौतम बुद्ध से कई शताब्दी पूर्व में हुए थे। राजा सुधनवा का कार्यकाल भी गौतमबुद्ध के पूर्व का है।
आदि शंकराचार्य के परावर्ती शंकराचायो की कई रचनाएं आदि शंकराचार्य के नाम से जोड़ दी गई है।
हमे अधिक सावधानी से संशोधन करनेकी जरूरत है।
यहीं तो पीठाधीश्वर शंकराचार्य परंपरा से जो बताते हैं वह आदिशंकर का काल पच्चीस सौ बर्षो पूर्व था और आठवीं शती के शंकराचार्य अभिनव शंकर जोकुमारिल भट्ट के समकालीन थे उनको आदिशंकर बता कर कंनफ्यूज किया गया है। धन्यवाद
An excellent presentation, great compilation, aap ko satt satt pranam
कोटि कोटि प्रणाम 🙏
🙏🙏🙏
Very good
Excellent, keep it up
धन्यवाद
👍🙏👏🔱
सनातन धर्म के संरक्षक आचार्य कुमारील भट्ट शंकराचार्य शंकर भट्ट को कोटि कोटि नमन जो सनातन धर्म के संरक्षक ब्रह्मभट्ट समुदाय के थे जिन्होंने जाति धर्म ऊपर उठकर सनातन धर्म की रक्षा हेतु प्रांत न्योछावर कर दिया कोटि कोटि प्रणाम चरण स्पर्श
गुरुदेव, बहुत अच्छा लगा सूनकर और जानकर। परंतु मेरा एक प्रश्न है।
Kya prashn hai?
बंधुवर कई लोगों से पूछता हूं राजा इंद्रद्युम्न जो अवंती के महाराज थे उनका कार्यकाल कब था और वो गौतम बुद्ध से कितना दिन पहले हुए और भगवान जगन्नाथ की स्थापना कितने वर्ष पूर्व हुई कोई व्यक्ति इस प्रश्न का उत्तर ना देकर इधर-उधर की बात करता है कोई 11 वीं शताब्दी कोई 12 वीं शताब्दी कोई तेरहवीं शताब्दी की बात करता है के मंदिर का उद्धार अमुक समय में हुआ कोई प्रमाणिक बात बतानी चाहिए कि मंदिर की स्थापना कब हुई इंद्रदेव इंद्रद्युम्न का कार्यकाल क्या था जय श्री कृष्ण
Bahut kuch puchna chahta hu
महात्मा बुद्ध भी दो हुए है,ये भी खोज का विषय है,
Kumaril Bhatt ke liye kuchh kerna chahiye.
🙏.help me sir
एक धर्म आबादी बढ़ा रहा है ,दूसरा कन्वर्ट कर रहा है और हिन्दू लोग जाती जाती में बट रहे है , लड़ रहे है
Sir apse prarthana h ki kumaril Bhatt ki pratima ke liye sarkar se mang uthaye aur uska pratinidhitva ap hi kijiye, hum sabhi apke sath h
Sat sat naman to the great soul Kumaril Bhatt.
Kya Mahatma buth do hua hai
Brambaat bhi bhaat hen kya
Haa mere bhai brahmbhatt bhi bhaat hai. Brahmbhatt kaa kaam stuti gaan karna tha
NAHI BHAAT BRAHMAN NAHI HOTE HE
BRHAM BHATT UCHKOTI KE BRAHAM HOTE HEN,
@@sureshbhatt1044 bhai bhaat jati me hi brahmbhatt aate hai. Bhaat aaur brahmbhatt ek hi hai auur Bhatt brahman alag hote hai.
Aap se question ka answer kaise mile
आपके प्रवचन से लगता है वेद मनगढ़ंत किस्सा जैसा है। पहले आप स्वयं संतुष्ट हो जाय, तोता रटंत से काम नहीं चलेगा।
आपकी जागरूकता व बुद्धिमत्ता को प्रणाम।
वैसे धर्म का नाम वैदिक कभी हिन्दू कभी सनातन एक बोलो कौनसा धर्म हर सालमे धर्म का नामन्तर करते हो हिंदू नाम एव सनातन कौन सेभी वेद रामायण महाभारत मे नहीं मिलता, कभी ब्राम्भन धर्म भी बोलते हो
श्रद्धेय पूज्यपाद #जयेन्द्रसरस्वती स्वामी जी, जो की कांची कामकोटी पीठम के शंकराचार्य रहे थे, उनसे मिलने का अवसर मिला था एक बार। उनके अनुसार हमारे धर्म का नाम 'सनातन वैदिक धर्म' है। हिन्दू नाम कालांतर में राजनैतिक और भौगोलिक परिस्थतियों के कारण अधिक प्रचलित हो गया।
Sir aap ka contact no chahiye
🙏🙏🙏