सर आपकी गायकी बहुत ही सुंदर है यदि आप इसका विश्लेष्ण भी कर दो तो मुझे समझ में आ जायेगा रेल व पांच पच्चीस पुरे भजन मे जो भी शब्द आया ह वो किसके लिए बताया गया ह जैसे रेल किसे बताया गया ह
इसमें पूरे शरीर का वर्णन किया गया है शरीर के अंदर जो भी पार्ट्स लगे हुए हैं वह रेल के इंजन की तरह काम करते हैं गाड़ी चलती है इंजन से पवन पानी केबल से इसमें गाड़ी बताया गया है शरीर को इंजन आत्मा है और हवा पानी के बगैर यह शरीर नहीं चलेगा दुआ निकले हैं बेशुमार अग्नि आठों पहर जले शरीर के अंदर जठराग्नि हमेशा जलती रहती है आयुर्वेद के अनुसार पांच टिकट काट लिया 25 टिकट बनिया 5 टिकट काटने का मतलब पांच ज्ञानेंद्रियां पांचो की 5-5 उप इंद्रियां इसमें बैठे हैं बाबू 3 तीनों गुण
@@tulsiramajmer646 vah bhopa ji Jay Jay Shri Ram Jay Jay Shri Mahakal ka Aashirwad aapke upar banaa rahe bahut Sundar gate Ho bhaiya bahut Sundar vishleshan Kiya hai aapane
Ram Swaroop ji ko Saadhuwaad.what a marvelous sound and artistic singing.
Dhanyawad
सुमधुर, सरस, चित्ताकर्षक गायकी। साधुवाद रामस्वरुप जी।
वाह गुलाम हुसेन उस्ताद आज तो माँगीलाल जी की याद दिला दी आपने
धन्यवाद
वाह रामस्वरूप जी अमर हो जावो
Dhanyawad
❤😂@@jbnnapasar
thankyou bhagavan ji ❤😂😅
आप राजस्थान की शान है ॒ आपकी गायकी की जितनी प्रशंसा कि जाये उतनी ही कम होगी
आभार
तबला वादक को बार बार सैल्यूट
आभार
तबला मास्टर लाजवाब है
Ustad Gulam Husain bikaner
Jbn
Jbn
श्री मां सरस्वती ऐसी ही आप पर कृपा बनाए रखें जय हो🌷🌹💐💐🌷🌹👏👏👏👏👏👏👏
जय हो
@@jbnnapasar mmmp
samagha nahi aaya
sorry
अति सुन्दर 👌
आभार
बाबा बिहारी जी गाते थे लेकिन वह बात नहीं है।
Dhanyawad
grandmaster
Waw
Jordar jai ho
Jai shri😮 ram Sia ram
जय सियाराम
Bahut hi Sundar
आभार बंधुवर
You are handsome sir. I love you
Dhanywaad
बहुत अच्छा गाते हैं आप को बार-बार प्रणाम
Abhar
सर आपकी गायकी बहुत ही सुंदर है यदि आप इसका विश्लेष्ण भी कर दो तो मुझे समझ में आ जायेगा रेल व पांच पच्चीस पुरे भजन मे जो भी शब्द आया ह वो किसके लिए बताया गया ह जैसे रेल किसे बताया गया ह
इसमें पूरे शरीर का वर्णन किया गया है शरीर के अंदर जो भी पार्ट्स लगे हुए हैं वह रेल के इंजन की तरह काम करते हैं गाड़ी चलती है इंजन से पवन पानी केबल से इसमें गाड़ी बताया गया है शरीर को इंजन आत्मा है और हवा पानी के बगैर यह शरीर नहीं चलेगा दुआ निकले हैं बेशुमार अग्नि आठों पहर जले शरीर के अंदर जठराग्नि हमेशा जलती रहती है आयुर्वेद के अनुसार पांच टिकट काट लिया 25 टिकट बनिया 5 टिकट काटने का मतलब पांच ज्ञानेंद्रियां पांचो की 5-5 उप इंद्रियां इसमें बैठे हैं बाबू 3 तीनों गुण
बडे गुरु ज्ञानी ने लिखा गाया महानतम ने आभार अत्यधिक
Verygood
Thanks
Awesome!
Thankyou
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Jay jay
राम
जय हो
Es dohe ka arth bataye bhopaji
Kaya manusy ka sarir h jisko rail k saman bataya h
जय हो
जय जयकार आभार
आपसे निवेदन है इस भजन की जो छाप है वो बताये 🙏🙏🙏🙏🙏
कृपया सही से बताए आपको क्या जानना है
@@jbnnapasar भैया इस भजन के लेखक कोन है मतलब भजन की लास्ट वाली कड़ी क्या है 🙏🙏🙏🙏🙏
शिवलाल गा दिया ताजा
@@tulsiramajmer646 vah bhopa ji Jay Jay Shri Ram Jay Jay Shri Mahakal ka Aashirwad aapke upar banaa rahe bahut Sundar gate Ho bhaiya bahut Sundar vishleshan Kiya hai aapane
@@muskansharma3641 कौन हो जी नही पहचाना
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