@@shashirajkamalraebarelijaw7291लेकिन सर! क्रान्तिमाला जी ने मुक्ति का तो नाम नहीं लिया, उन्होंने तो यही कहा है कि रावण कह रहा है कि मेरे रहते आप मेरी लंका में नहीं आ पाए और आपके रहते मैं आपके धाम को जा रहा हूँ, और वो राम के धाम गया | ढिठाई के लिए क्षमा चाहता हूँ सर! नाराज मत होइएगा |
शशिराज जी! रावण मर कर परमधाम को ही गया है | मानस में मंदोदरी विलाप में देखिये -
आजन्म ते परद्रोह रत पापौघमय तव तनु अयं |
तुम्हहू दियो निजधाम राम नमामि ब्रम्ह निरामयं ||
अहह नाथ रघुनाथ सम, कृपा सिंधु नहिं आन |
जोगि बृंद दुर्लभ गति, तोहि दीन्ह भगवान ||
लेकिन मुक्ति नहीं मिली अगर मुक्ति मिल गई होती तो द्वापर में इन्हें जन्म नहीं लेना पड़ता
@@shashirajkamalraebarelijaw7291लेकिन सर! क्रान्तिमाला जी ने मुक्ति का तो नाम नहीं लिया, उन्होंने तो यही कहा है कि रावण कह रहा है कि मेरे रहते आप मेरी लंका में नहीं आ पाए और आपके रहते मैं आपके धाम को जा रहा हूँ, और वो राम के धाम गया |
ढिठाई के लिए क्षमा चाहता हूँ सर! नाराज मत होइएगा |
बहुत सुन्दर जवाब गुरु देव
❤❤❤❤बहुत सुंदर गीत, अति उत्तम
Waah kya baat bahut sunder geet aur jawab bhi lajawab hai sabhi log jarur sune
जय सियाराम
वाह बहुत सुंदर
जय जय
सुंदर सवाल जवाब जय हो भैया जी सादर प्रणाम जय श्री राम ❤❤
Good 👍
🙏🙏🙏🌹🌹