Paramata Sarvavyapi Nahi Hai- BK Rini USA
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- Опубликовано: 19 сен 2024
- Practical Application Of SM - 18.9.24 & 19.9.24
तो बाप समझाते हैं यहाँ जब बैठते हो तो बाप की याद में ही बैठना है, और कोई बातों में तुम जाओ ही नहीं। इतने मच्छर निकलते हैं, कहाँ जाते हैं? अर्थक्वेक में ढेर के ढेर फट से मरते हैं, आत्मायें कहाँ जाती हैं? इसमें तुम्हारा क्या जाता है। तुमको बाप ने श्रीमत दी है कि अपनी उन्नति के लिए पुरूषार्थ करो। औरों के चिंतन में मत जाओ। ऐसे तो अनेक बातों का चिंतन हो जायेगा। बस, तुम मुझे याद करो, जिसके लिए बुलाया है उस युक्ति में चलो। तुम्हें बाप से वर्सा लेना है, और बातों में नहीं जाना है इसलिए बाबा घड़ी-घड़ी कहते हैं अटेन्शन! कहाँ बुद्धि तो नहीं जाती। 19.9.24
पुरूषार्थ करना तो स्टूडेन्ट का काम है। कहाँ भी जाओ, एक-दो को सावधान करते रहो - मनमनाभव। शिवबाबा याद है? एक-दो को यही इशारा देना है। बाप की पढ़ाई इशारा है तब तो बाप कहते हैं एक सेकण्ड में काया कंचन हो जाती है।
18.9.24
Wah Baba wah, wah drama wah😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Ram ram, om Shanti, Jay ho
ओम् शांति बाबा ❤❤🎉🎉 ओं मेरी प्यारी दीदी आपको हजारों बार शुक्रिया बाबा देखो आपके रत्न ये हसली हिरे जो आप हर घड़ी तरास रहे हो ❤❤❤🎉🎉🎉
Om Shanti 🙏
Om Shanti didi
🎉🎉😊
❤❤❤❤
Aj clear hua ki m sukh Swaroop atma hoon..
ka real meaning