मुनि दुर्लभ हरि भगति नर पावहिं बिनहिं प्रयास।जे यह कथा निरंतर सुनहिं मानि बिस्वास।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹रघुबंस भूषन चरित यह नर कहहिं सुनहिं जे गावहीं।कलि मल मनोमल धोइ बिनु श्रम राम धाम सिधावहीं।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
जो आनंद सिंधु सुखरासी। सीकर तें त्रैलोक सुपासी।।सो सुख धाम राम अस नामा। अखिल लोक दायक विश्रामा।।बिस्व भरन पोषन कर जोई।ताकर नाम भरत अस होई।।जाके सुमिरन तें रिपु नासा। नाम सत्रुहन बेद प्रकासा।। लच्छन धाम राम प्रिय सकल जगत आधार। गुरु बसिष्ट तेहि राखा लछिमन नाम उदार।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
गननायक बरदायक देवा।आजु लगि कीन्हिउॅं तुअ सेवा।। बार बार बिनती सुनि मोरी। करहु चाप गरुता अति थोरी।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹बरबस राम सुमंत्रु पठाए।सुरसरि तीर आपु तब आए।।मागी नाव न केवटु आना।कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना।।छुअत सिला भइ नारी सुहाई। पाहन ते न काठ कठिनाई।।एहिं प्रतिपालउॅं सबु परिवारू। नहिं जानउॅं कछु और कबारू।। जौं प्रभु पार अवसि गा चहहूॅं। मोहि पद पखारन कहहूॅं।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹जासु नाम सुमिरत एक बारा। उतरहिं नर भवसिंधु अपारा।।सोइ कृपालु केवटहि निहोरा। जेहि जगु किय तिहु पगहु थें थोरा।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹 होइ बिबेकु मोह भ्रम भागा।तब रघुनाथ चरन अनुरागा।।सखा परम परमारथु एहू।मन क्रम बचन राम पद नेहू।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
बरबस राम सुमंत्रु पठाए।सुरसरि तीर आपु तब आए।।मागी नाव न केवटु आना।कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना।।छुअत सिला भइ नारी सुहाई। पाहन ते न काठ कठिनाई।।एहिं प्रतिपालउॅं सबु परिवारू। नहिं जानउॅं कछु और कबारू।। जौं प्रभु पार अवसि गा चहहूॅं। मोहि पद पखारन कहहूॅं।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹जासु नाम सुमिरत एक बारा। उतरहिं नर भवसिंधु अपारा।।सोइ कृपालु केवटहि निहोरा। जेहि जगु किय तिहु पगहु थें थोरा।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹 होइ बिबेकु मोह भ्रम भागा।तब रघुनाथ चरन अनुरागा।।सखा परम परमारथु एहू।मन क्रम बचन राम पद नेहू।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
जो आनंद सिंधु सुखरासी। सीकर तें त्रैलोक सुपासी।।सो सुख धाम राम अस नामा। अखिल लोक दायक विश्रामा।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
जसि बिबाह कै बिधि श्रुति गाई।महामुनिन्ह सो सब करवाई।।गहि गिरीस कुस कन्या पानी।भवहि समरपीं जानि भवानी।।पानिग्रहन जब कीन्ह महेसा। हियॅं हरषे तब सकल सुरेसा।।बेदमंत्र मुनिबर उच्चरहीं।। जय जय जय संकर सुर करहीं।।बाजहिं बाजन बिबिध बिधाना सुमनबृष्टि नभ भै बिधि नाना।।हर गिरिजा कर भयउ बिबाहू।सकल भुवन भरि रहा उछाहू।।दासीं दास तुरग रथ नागा। धेनु बसन मनि बस्तु बिभागा।।अन्न कनकभाजन भरि जाना।दाइज दीन्ह न जाइ बखाना।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
धनुषजग्य सुनि रघुकुल नाथा।हरषि चले मुनिबर के साथा।। आश्रम एक दीख मग माहीं।खग मृग जीव जंतु तहॅं नाहीं।। पूछा मुनिहि सिला प्रभु देखीं। सकल कथा मुनि कहा बिसेषी।।❤❤❤ गौतम नारि श्राप बस उपल देह धरि धीर।चरन कमल रज चाहति कृपा करहु रघुबीर।।❤❤❤परसत पद पावन सोक नसावन प्रगट भई तपपुंज सही।।देखत रघुनायक जन सुखदायक सनमुख होइ कर जोरि रही।।❤❤❤अस प्रभु दीनबंधु हरि कारन रहित दयाल।तुलसिदास सठ तेहि भजु छाड़ि कपट जंजाल।।❤❤❤❤❤❤❤❤❤
जय श्री राम
Jai shree ram
जयश्री सीताराम जी जयश्री राम 🙏
Jai ho
मुनि दुर्लभ हरि भगति नर पावहिं बिनहिं प्रयास।जे यह कथा निरंतर सुनहिं मानि बिस्वास।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹रघुबंस भूषन चरित यह नर कहहिं सुनहिं जे गावहीं।कलि मल मनोमल धोइ बिनु श्रम राम धाम सिधावहीं।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
Swami Maharaj ji ke charno me koti koti parnam 🙏
Very melodious Bhajan , recommended by someone special.❤
जय श्रीराम
Radhe Krishna guru dev
Jai shree ram
🙏🙏
जय श्री राम ज़ी महाराज 😊😊
Jai hanuman ji maharaj ki ❤️🙏
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम कोटि कोटि प्रणाम
Jai Jai SiyaRamJi
Jaisiri Ramji
गननायक बरदायक देवा।आजु लगि कीन्हिउॅं तुअ सेवा। बार बार बिनती सुनि मोरी। करहु चाप गुरुता अति थोरी।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹देखि रुप लोचन ललचाने।हरषे जनु निज निधि पहिचाने।। थके नयन रघुपति छवि देखें। पलकन्हिहुॅं परिहरीं निमेषें।। अधिक सनेहॅं देह भै भोरी।सरद ससिहि जनु चितव चकोरी।। लोचन मग रामहि उर आनी।दीन्हे पलक कपाट सयानी।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹बार बार बर मागउॅं हरषि देहु श्रीरंग।पद सरोज अनपायनी भगति सदा सतसंग।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹जाइ देखि आवहु नगरु सुख निधान दोउ भाई। करहु सुफल सब के नयन सुंदर बदन देखाई।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹 हियॅं हरषहिं बरसहिं सुमन सुमुखि सुलोचनि बृंद। जाहिं जहाॅं जहॅं बंधु दोउ तहॅं तहॅं परमानंद।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
Jai shree ram jai 🙏🚩🙏
जय श्री राम राम राम राम राम राम राम राम
जो आनंद सिंधु सुखरासी। सीकर तें त्रैलोक सुपासी।।सो सुख धाम राम अस नामा। अखिल लोक दायक विश्रामा।।बिस्व भरन पोषन कर जोई।ताकर नाम भरत अस होई।।जाके सुमिरन तें रिपु नासा। नाम सत्रुहन बेद प्रकासा।। लच्छन धाम राम प्रिय सकल जगत आधार। गुरु बसिष्ट तेहि राखा लछिमन नाम उदार।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
Jai siya ram ji 🙏❤️
Jai shree Hanuman ji Maharaj
Jai bajrang bali ram
Jai shree Hanuman
Jai bajrang bali ram 🙏🙏
🙏🙏🙏 व्यास पीठ व गुरुदेव को दंडवत प्रणाम व मानस परिवार को सादर जय जय सियाराम जी 🙏🙏
❤❤❤❤❤❤😊
❤ Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram ❤
नाथ मैं थारो जी थारो चोखो बुरो कुटिल अरू कामी जैसो हूँ थारो नाथ मैं थारो ही थारो ..💗👣👏👏🙏😌
जयश्री सीताराम जी जयश्री राम जय राम जय जय राम 🙏 श्री सदगुरू देव जी 🙏
पूॅंछ बुझाई खोइ श्रम धरि लघु रूप बहोरि। जनकसुता कें आगें ठाढ़ भयउ कर जोरि।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹मातु मोहि दीजे कछु चीन्हा।जैसें रघुनायक मोहि दीन्हा।।चूड़ामनि उतारि तब दयऊ।हरष समेत पवनसुत लयऊ।।कहेहु तात अस मोर प्रनामा।सब प्रकार प्रभु पूरनकामा।।दीन दयाल बिरिदु संभारी।हरहु नाथ मम संकट भारी।।तात सक्रसुत कथा सुनाएहु।बान प्रताप प्रभुहि समुझाएहु।।मास दिवस महुॅं नाथु न आवा।तौ पुनि मोहि जिअत नहिं पावा।।कहु कपि केहि बिधि राखौं प्राना।तुम्हहू तात कहत अब जाना।।तोहि देखि सीतलि भइ छाती। पुनि मो कहुॅं सोइ दिनु सो राती।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹जनकसुतहि समुझाइ करि बहु बिधि धीरजु दीन्ह।चरन कमल सिरु नाइ कपि गवनु राम पहिं कीन्ह।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
Sweet song of Meera the great saint
गननायक बरदायक देवा।आजु लगि कीन्हिउॅं तुअ सेवा।। बार बार बिनती सुनि मोरी। करहु चाप गरुता अति थोरी।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹बरबस राम सुमंत्रु पठाए।सुरसरि तीर आपु तब आए।।मागी नाव न केवटु आना।कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना।।छुअत सिला भइ नारी सुहाई। पाहन ते न काठ कठिनाई।।एहिं प्रतिपालउॅं सबु परिवारू। नहिं जानउॅं कछु और कबारू।। जौं प्रभु पार अवसि गा चहहूॅं। मोहि पद पखारन कहहूॅं।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹जासु नाम सुमिरत एक बारा। उतरहिं नर भवसिंधु अपारा।।सोइ कृपालु केवटहि निहोरा। जेहि जगु किय तिहु पगहु थें थोरा।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹 होइ बिबेकु मोह भ्रम भागा।तब रघुनाथ चरन अनुरागा।।सखा परम परमारथु एहू।मन क्रम बचन राम पद नेहू।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
गईं समीप महेस तब हॅंसि पूछी कुसलात।लीन्हि परीछा कवन बिधि कहहु सत्य सब बात।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹सतीं समुझि रघुबीर प्रभाऊ।भय बस सिव सन कीन्ह दुराऊ।। कछु न परीछा लीन्हि गोसाईं।कीन्ह प्रनामु तुम्हारिहि नाईं।।जो तुम्ह कहा सो मृषा न होई।मोरें मन प्रतीति अति सोई।।तब संकर देखेउ धरि ध्याना।सतीं जो कीन्ह चरित सबु जाना।।बहुरि राममायहि सिरु नावा।प्रेरि सतिहि जेहिं झूॅंठ कहावा।। हरि इच्छा भावी बलवाना। हृदयॅं बिचारत संभु सुजाना।।सतीं कीन्ह सीता कर बेषा।सिव उर भयउ बिषाद बिसेषा।। जौं अब करउॅं सती सन प्रीती।मिटइ भगति पथु होइ अनीती।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹परम पुनीत न जाइ तजि किऍं प्रेम बड़ पापु।प्रगटि न कहत महेसु कछु हृदयॅं अधिक संतापु।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹 तब संकर प्रभु पद सिरु नावा।सुमिरत रामु हृदयॅं अस आवा।।एहिं तन सतिहि भेट मोहि नाहीं।सिव संकल्पु कीन्ह मन माहीं।।कीन्ह कवन पन कहहु कृपाला। सत्यधाम प्रभु दीनदयाला।। जदपि सतीं पूछा बहु भाॅंति। तदपि न कहेउ त्रिपुर आराती।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
जे अघ मातु पिता सुत मारें। गाइ गोठ महिसुर पुर जारें।। जे अघ तिय बालक बध कीन्हें। मीत महीपति माहुर दीन्हें।। जे पातक उपपातक अहहीं। करम बचन मन भव कबि कहहीं।। ते पातक मोहि होहुँ बिधाता। जौं यहु होइ मोर मत माता।। जे परिहरि हरि हर चरन भजहिं भूतगन घोर। तेहि कइ गति मोहि देउ बिधि जौं जननी मत मोर।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
Sitaram hanuman baba 🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩
जीवन खत्म हुवा तो जीने का ढंग आया ,। महाराज जी का ये भजन मिल सकता है क्या कृपया यहां भजन यूट्यूब पर डाले👏👏
JAY SHRI SITARAM JI JAY VEER HANUMAN JI 🙏🙏🌻🍁
Jai ho
जय श्री राम
Jai shree ram ji jai hanuman ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Jay shree ram
बरबस राम सुमंत्रु पठाए।सुरसरि तीर आपु तब आए।।मागी नाव न केवटु आना।कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना।।छुअत सिला भइ नारी सुहाई। पाहन ते न काठ कठिनाई।।एहिं प्रतिपालउॅं सबु परिवारू। नहिं जानउॅं कछु और कबारू।। जौं प्रभु पार अवसि गा चहहूॅं। मोहि पद पखारन कहहूॅं।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹जासु नाम सुमिरत एक बारा। उतरहिं नर भवसिंधु अपारा।।सोइ कृपालु केवटहि निहोरा। जेहि जगु किय तिहु पगहु थें थोरा।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹 होइ बिबेकु मोह भ्रम भागा।तब रघुनाथ चरन अनुरागा।।सखा परम परमारथु एहू।मन क्रम बचन राम पद नेहू।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
जय जय श्री राम🙏🙏🙏
जय श्री कृष्णा जी
जय सीताराम जी जय हनुमान जी
जय श्री राम
जय श्री सीताराम हनुमान जी
जय सिया राम जी 🙏🙏
Jai shree Ram 🙏🌹💕