Ganesh Chaturthi 2025 Sachet Parampara Songs // Ganesh Ji Song // @patelsanjay1254
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- Опубликовано: 5 фев 2025
- Song :
01) गणपति बाप्पा मोरया
अंतरा 1:
गणपति बाप्पा मोरया, शुभ दिन आया है,
हर मन में आशा का दीप जलाया है।
संकट हरने वाले, दुख को दूर करे,
मंगल मूर्ति मेरे, हर घर में नूर भरे।
चorus:
जय गणेश, जय गणेश, मोरया!
तू ही जीवन का सहारा, मोरया!
तेरा नाम जो भी पुकारे,
सारे दुःख पल में हारे।
अंतरा 2:
सिद्धि के दाता, बुद्धि के नायक,
तेरे चरणों में सबकी ख्वाहिशें समाए।
मोदक का भोग लगे, हर दिल खुशहाल,
तेरी कृपा से सजे हमारा हर हाल।
चorus:
जय गणेश, जय गणेश, मोरया!
तू ही जीवन का सहारा, मोरया!
तेरा नाम जो भी पुकारे,
सारे दुःख पल में हारे।
अंतरा 3:
डमरू बजे, ढोल बजे, जय जयकार हो,
गुलाल उड़ाकर सब कहते, सुख संसार हो।
गणपति बाप्पा, तेरे नाम का उजाला,
हर अंधेरा दूर करे, तू ही हमारा रखवाला।
चorus:
जय गणेश, जय गणेश, मोरया!
तू ही जीवन का सहारा, मोरया!
तेरा नाम जो भी पुकारे,
सारे दुःख पल में हारे।
अंतिम पंक्ति:
गणपति बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ!
02) सुख हर्ता दुःख हर्ता, गजानन गजानन
तेरी महिमा का गाता हूँ, गजानन गजानन।
अंतरा 1
विघ्न विनाशक, शुभ मंगल दायक,
तेरे नाम से सब संकट भागे।
ज्ञान के दाता, बुद्धि के भंडार,
तेरी शरण में हर दिल जागे।
सुख हर्ता दुःख हर्ता, गजानन गजानन,
तेरी महिमा का गाता हूँ, गजानन गजानन।
अंतरा 2
लड्डू का भोग लगे, मोदक की छवि,
तू ही जीवन का आधार है।
सिंधुर के वास, रिद्धि सिद्धि संग,
तेरी मूरत में संसार है।
सुख हर्ता दुःख हर्ता, गजानन गजानन,
तेरी महिमा का गाता हूँ, गजानन गजानन।
अंतरा 3
गजमुख अनोखा, करुणा का सागर,
तेरा नाम हर दर्द मिटाए।
पार्थिव रूप में, दिव्यता का दर्शन,
तेरी कृपा से भवसागर तर जाए।
सुख हर्ता दुःख हर्ता, गजानन गजानन,
तेरी महिमा का गाता हूँ, गजानन गजानन।
अंतरा 4
तू ही विघ्नों का नाशक है,
तू ही जीवन का पालक है।
तू है प्रथम पूज्य देव हमारा,
तेरी मूरत ही चमत्कारिक है।
सुख हर्ता दुःख हर्ता, गजानन गजानन,
तेरी महिमा का गाता हूँ, गजानन गजानन।
इस गीत में सरलता और भक्ति का संगम है, जो हर भक्त के दिल में गणपति के प्रति श्रद्धा और समर्पण की भावना जगाएगा।
03) हे गजानन, विघ्न विनाशक,
तेरा ही नाम है जय का दायक।
संकट हरता, सुख का सागर,
तेरे चरणों में, है सबका सहारा।
(मुखड़ा)
देवा श्री गणेशा, तेरी महिमा अपार,
सारे जग में गूंजे तेरा जयकार।
मंगलकर्ता, मोदक प्रिय,
संकट को हरने वाला तू सदा।
(अंतरा 1)
माथे पे चंदा, सूंड में बल,
भक्तों के दिलों में तेरा है हलचल।
लड्डू का भोग और प्रेम का दीप,
हर दिन तेरा नाम लेता हर जीव।
(मुखड़ा)
देवा श्री गणेशा, तेरी महिमा अपार,
सारे जग में गूंजे तेरा जयकार।
मंगलकर्ता, मोदक प्रिय,
संकट को हरने वाला तू सदा।
(अंतरा 2)
तेरे बिना हर पूजा अधूरी,
तेरी दया से बनती है दूरी।
ज्ञान का सागर, विवेक का दाता,
भक्ति का दीप जलाए तेरी ममता।
(पुल)
शंख की ध्वनि, डमरू की ताल,
तेरे नाम से जुड़ी हर बात कमाल।
कर दो कृपा, प्रभु, हर दुख हर लो,
तेरे चरणों में हम अपना सब धर दो।
(मुखड़ा)
देवा श्री गणेशा, तेरी महिमा अपार,
सारे जग में गूंजे तेरा जयकार।
मंगलकर्ता, मोदक प्रिय,
संकट को हरने वाला तू सदा।
(अंत)
जय गणेशा, जय गणेशा,
तेरा नाम है जीवन का संदेशा।
सदा रहो संग, सदा दो आशीष,
तेरी शरण में है सुकून और प्रेम का ईश।
04) अंतरा 1:
गर में पधारो गणेशजी, सौभाग्य का दीप जलाओ।
विघ्न विनाशक, मंगल कर्ता, अपने चरण रख जाओ।
मोदक का भोग लगाएंगे, भक्ति से आरती गाएंगे,
हर दिल में रोशनी भर दो, खुशियों की छांव लहराओ।
सहगान (कोरस):
गर में पधारो गणेशजी, गर में पधारो।
सुख-समृद्धि बरसाओ, गर में पधारो।
अंतरा 2:
छोटे-बड़े सब हैं बुलाते, आस लगाए दिल लगाते।
दुख के अंधेरों को मिटा दो, अपनी कृपा की ज्योत जलाते।
रिद्धि-सिद्धि संग लाना, हर मन को महकाना।
आशीर्वाद के फूल बरसाओ, जीवन को नूर बनाना।
सहगान (कोरस):
गर में पधारो गणेशजी, गर में पधारो।
सुख-समृद्धि बरसाओ, गर में पधारो।
अंतरा 3:
शिव-पार्वती के लाला, तेरी महिमा है निराला।
संकट हर लो, मन सुख भर दो, हो जाओ हमसे खुशवाला।
घण्टी बजे, शंख गूंजे, आरती की लहर उठे।
तेरी भक्ति का अमृत बरसे, तेरा नाम सदा जुबां पे रहे।
सहगान (कोरस):
गर में पधारो गणेशजी, गर में पधारो।
सुख-समृद्धि बरसाओ, गर में पधारो।
समाप्ति:
गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया।
हर द्वार पे दस्तक दे दो, सबका जीवन महकाओ।
गर में पधारो गणेशजी, हर मन में बस जाओ।
05) देवा श्री गणेशा
(आरंभ)
गूंजे तेरे नाम से, हर दिशा और आसमान,
तेरा वंदन करें सब, हर इंसान।
विघ्नों का तू विनाशक, शुभता का वरदान,
जय हो, जय हो, हे गणपति महान।
(मुखड़ा)
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा,
तेरे चरणों में सारा जग समर्पित।
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा,
संकट हर ले तू, कर हमें पावन।
(अंतरा 1)
मूषक की सवारी, मोदक का भोग,
तेरे बिना अधूरा, हर कर्म का योग।
त्रिनेत्र से तू देखे, भक्तों का हाल,
तेरी कृपा से सजे, जीवन का हर ताल।
तेरी मूरत में छुपा है, सारा संसार,
जय गणराज, हे गजानन उदार।
(मुखड़ा)
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा,
तेरे चरणों में सारा जग समर्पित।
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा,
संकट हर ले तू, कर हमें पावन।
(अंतरा 2)
लाल रंग का तेरी, महिमा है विशाल,
दूर्वा चढ़े तो जग में, चमके हर हाल।
सिद्धि और बुद्धि के दाता, हे देव,
तेरा नाम लेके, मिट जाए सब भय।
भक्तों का सहारा, तेरा नाम है,
हर गूंज में गूंजा, ये तेरा जयकार है।
(मुखड़ा)
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा,
तेरे चरणों में सारा जग समर्पित।
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा,
संकट हर ले तू, कर हमें पावन।
(समाप्ति)
शंख बजे, घंटा बजे, गूंजे तेरी आरती,
हर मन में बसे तू, कर सबकी सारथी।
जय हो, जय हो, देवा श्री गणेशा,
तेरा ही सहारा, तेरा ही विश्वास।
देवा श्री गणेशा, देवा श्री गणेशा।
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