एहू जीउ बहुते जनम भरमिआ, ता सतिगुरु शबद सुणाइया।। (पृ. 465) भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मेरा यह जीव बहुत समय से जन्म तथा मृत्यु के चक्र में भ्रमता रहा अब पूर्ण सतगुरु ने वास्तविक नाम प्रदान किया। श्री नानक जी के पूर्व जन्म - सतयुग में राजा अम्ब्रीष, त्रोतायुग में राजा जनक हुए थे और फिर नानक जी हुए तथा अन्य योनियों के जन्मों की तो गिनती ही नहीं है। इस निम्न लेख में प्रमाणित है कि कबीर साहेब तथा नानक जी की वार्ता हुई है। यह भी प्रमाण है कि राजा जनक विदेही भी श्री नानक जी थे तथा श्री सुखदेव जी भी राजा जनक का शिष्य हुआ था। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
Verry nice, आपने एक महापुरुष का इंटरव्यू लिया और सबको पता चला की असली संत कौन होता है, और पाखंड क्या होता है, गुरु भगवान से जीव को मिला देता है और जन्म मिर्त्यु के चकर से छुड़ा देता है और अच्छे कर्म में मनुष्य को लगा देता है, आप इसी प्रकार के ज्ञानवरदक किसे जनता के सामने लाते रहें, आपका बहुत बहुत ध्न्यावाद
धन धन सतगुरु राधा स्वामी सतसंग से आया राधा स्वामी सतसंग मे शावनसिह महाराज के शिष्य मस्ताना जी मस्ताना जी के शिष्य मेनेजर साहेब मेनेजर साहेब जी के शिष्य वकील साहेब डेरा जगमालवाली जिला सिरसा हरियाणा
Baat ek, firka alag kiyo.... Naam kiyo badla, kia bata sakte hai, jai guru dev, dhan dhan stguru tera aasra, anand parmanand, anand swami, ek mastana, 600 mastana,
गुरु राधा स्वामी आप के पड़ोस गाव से है ,डेरे पर कई बार आये लेकिन नाम दीक्षा का सन्जोग नही हो पाया ,वहीँ आप वाली बात पेसे से एक फौजी अलबेली जिंदगी ,लेकिन श्रद्धा सभी पीर फकीरो में और कर्म करने पर ,सदैव सेवा भावना ,देखो आगे कौन सी लाइन मिलेगी वृद्धावस्था में विचार है ,आप की शरण में अभी तो 2 से 4 वर्ष देश सेवा फिर जनता और संगत सेवा ,राधा स्वामी
Radha Swami ji bhut bahut hi achhi bahut hi Dhanya hain aap jo itna samay Guru ji ke sath bita lete hain aapki kamai mein Barkat Ho hogi inke sath jitne bhi interview honge aapke jitni bhi meeting hogi
एहू जीउ बहुते जनम भरमिआ, ता सतिगुरु शबद सुणाइया।। (पृ. 465) भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मेरा यह जीव बहुत समय से जन्म तथा मृत्यु के चक्र में भ्रमता रहा अब पूर्ण सतगुरु ने वास्तविक नाम प्रदान किया। श्री नानक जी के पूर्व जन्म - सतयुग में राजा अम्ब्रीष, त्रोतायुग में राजा जनक हुए थे और फिर नानक जी हुए तथा अन्य योनियों के जन्मों की तो गिनती ही नहीं है। इस निम्न लेख में प्रमाणित है कि कबीर साहेब तथा नानक जी की वार्ता हुई है। यह भी प्रमाण है कि राजा जनक विदेही भी श्री नानक जी थे तथा श्री सुखदेव जी भी राजा जनक का शिष्य हुआ था। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
बहुत बढ़िया जानकारी प्रस्तुति महाराज जी की जीवन गाथा भी हमारे जैसे आम आदमी पर ही थी धन्य हो गुरु जी आप ने मेरी आंखे खोल दी और यही सवाल मेरे भी थे जो आप के मुख से सुने मुझे अच्छा लगा देखते आगे आगे होता है क्या में भी अभी अभी आया हु इस दुनिया में जय श्री राधा स्वामी जी महाराज जय श्री नीम करोली महाराज जी जय श्री राम ❤
केलंगा में जब आपकी पोस्टिंग थी तब हमारे बाबा लखपत सिंह s/o कूमन सिंह हाई स्कूल के पास बाग में आप रहे , और वहा भी खूब ड्रिंक की बाकी आज इतने बड़े संत हो भग्ती में बल है। आज पूरे संसार में प्रकाश फैला रहे हो ।। जय हो आपकी । राधे राधे।।
Bhai sant Maan ko bal Dene aate taki mere jaise ko kichad se nikal sake is liye nikalne wale ko khud kichad mai utarana padta hai..sant hi nikal sakte hai akela Mere mai dam nahi
बलिहारी गुरु आपणे दिउहाड़ी सदवार। जिन माणस ते देवते कीए करत न लागी वार। आपीनै आप साजिओ आपीनै रचिओ नाउ। दुयी कुदरति साजीऐ करि आसणु डिठो चाउ। दाता करता आपि तूं तुसि देवहि करहि पसाउ। तूं जाणोइ सभसै दे लैसहि जिंद कवाउ करि आसणु डिठो चाउ। (पृ. 463) भावार्थ है कि पूर्ण परमात्मा जिंदा का रूप बनाकर बेई नदी पर आए अर्थात् जिंदा कहलाए तथा स्वयं ही दो दुनियाँ ऊपर(सतलोक आदि) तथा नीचे(ब्रह्म व परब्रह्म के लोक) को रचकर ऊपर सत्यलोक में आकार में आसन पर बैठ कर चाव के साथ अपने द्वारा रची दुनियाँ को देख रहे हो तथा आप ही स्वयम्भू अर्थात् माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते, स्वयं प्रकट होते हो। यही प्रमाण पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मं. 8 में है कि कविर् मनीषि स्वयम्भूः परिभू व्यवधाता, भावार्थ है कि कबीर परमात्मा सर्वज्ञ है (मनीषि का अर्थ सर्वज्ञ होता है) तथा अपने आप प्रकट होता है। वह सनातन (परिभू) अर्थात् सर्वप्रथम वाला प्रभु है। वह सर्व ब्रह्मण्डों का (व्यवधाता)अर्थात् भिन्न-भिन्न सर्व लोकों का रचनहार है। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह
एहू जीउ बहुते जनम भरमिआ, ता सतिगुरु शबद सुणाइया।। (पृ. 465) भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मेरा यह जीव बहुत समय से जन्म तथा मृत्यु के चक्र में भ्रमता रहा अब पूर्ण सतगुरु ने वास्तविक नाम प्रदान किया। श्री नानक जी के पूर्व जन्म - सतयुग में राजा अम्ब्रीष, त्रोतायुग में राजा जनक हुए थे और फिर नानक जी हुए तथा अन्य योनियों के जन्मों की तो गिनती ही नहीं है। इस निम्न लेख में प्रमाणित है कि कबीर साहेब तथा नानक जी की वार्ता हुई है। यह भी प्रमाण है कि राजा जनक विदेही भी श्री नानक जी थे तथा श्री सुखदेव जी भी राजा जनक का शिष्य हुआ था। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
बलिहारी गुरु आपणे दिउहाड़ी सदवार। जिन माणस ते देवते कीए करत न लागी वार। आपीनै आप साजिओ आपीनै रचिओ नाउ। दुयी कुदरति साजीऐ करि आसणु डिठो चाउ। दाता करता आपि तूं तुसि देवहि करहि पसाउ। तूं जाणोइ सभसै दे लैसहि जिंद कवाउ करि आसणु डिठो चाउ। (पृ. 463) भावार्थ है कि पूर्ण परमात्मा जिंदा का रूप बनाकर बेई नदी पर आए अर्थात् जिंदा कहलाए तथा स्वयं ही दो दुनियाँ ऊपर(सतलोक आदि) तथा नीचे(ब्रह्म व परब्रह्म के लोक) को रचकर ऊपर सत्यलोक में आकार में आसन पर बैठ कर चाव के साथ अपने द्वारा रची दुनियाँ को देख रहे हो तथा आप ही स्वयम्भू अर्थात् माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते, स्वयं प्रकट होते हो। यही प्रमाण पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मं. 8 में है कि कविर् मनीषि स्वयम्भूः परिभू व्यवधाता, भावार्थ है कि कबीर परमात्मा सर्वज्ञ है (मनीषि का अर्थ सर्वज्ञ होता है) तथा अपने आप प्रकट होता है। वह सनातन (परिभू) अर्थात् सर्वप्रथम वाला प्रभु है। वह सर्व ब्रह्मण्डों का (व्यवधाता)अर्थात् भिन्न-भिन्न सर्व लोकों का रचनहार है। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह
बहुत अच्छा ज्ञान कि बातें बताई श्री महाराज जी ने सर्व जगत् रचियता नारायण शवामी हरि नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण ऊं नासवान नारायण र ही सब कुछ रचना रचायी संसार की हरि नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण आत्मा में परमात्मा है यही नारायण है नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण
हिन्दू अति प्राचीन धर्म है, इसका दर्शन बहुत विशाल है। ये किसी अन्य धर्म का अपमान नहीं करता। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी धार्मिक आस्थाओं होती है, हिन्दुओं की मान्यताओं को अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है।
मैं भी कोहाड़ गांव से हूं जो बिल्कुल dinod गांव के पास ही है सभी fakdo मे से सिर्फ आज एक ही सत्संग सही बचा है ओर वो है... राधास्वामी.. जेसा नाम वसे ही सतगुरु जी के विचार........ राधास्वामी दयाल की दया...
वाह संत जी जो दूसरों को बुरा लगे वो बराई है । क्या शिक्षा है ९आपने सुना तो होगा कि भक्त और जगत का बैर होता है क्यूकि जगत को भक्त की हर बात बुरी लगती है तो आपकी शिक्षा है कि जो दूसरो को बुरा लगे वो बुराइ तो भक्त की तो हर बात बुरी ।ऐसे ऐसे संत हैं देश में । ये कर देंगे कल्याण ।
Tere kya dikat h aa gyi ....ek baat k kai answer hote h ...akag alag tarike se bola ja skta h alag alag definition or point of view hota h .....tum vo gandi nali k kide ho jo achai me bhi burai ko dhondhte ho .... kitni achi baat btai vo to tune nhi apnaya buri baat ko bhut jalti captured kr liya
1.कालपाल बेसक दारू पियो, क्यौं शिव दाल पिया होक्का! बुक्की मै तो भूत दिखा, कालपाल, बना जिंदा प्रेत अनोखा!! 2. गरीब दास का ज्ञान गाया, धर्मदास को तूं समझ ना पाया! गरीब आया यूगों बाद, धर्म दास संगी, हाल बताया!! कबीर साहेब आया बदीं छुटाने, काल पाल खुद बदीं घर में पाया! सभी संत कैद नहीं जाते, सभी कैदी संत नहिं होते! ये तो है काल अवतारी, जिसने अपनी जेल को पुजवाया!! जेल लोक तेरा सतलोक, तेरा वही से आया ज्ञान! भोले जीव समझले, कबीर काल एक हुये कहीं ना मिले परमान!! अब सोचो, जय बदीं घर वाले की या बदीं छोड की.. आप तय करो....
Are murkh vo purn sant mahatma tha bhut to raamu kaidi hai aur aap bhee Rammu to jhuthe hai kute bhaunkte bhaunkte rahte hai uska muh thory hota hai jel me achha rahta hai kuta aap uske pille
गुरुग्रन्थ साहेब पृष्ठ 721 पर अपनी अमृतवाणी महला 1 में श्री नानक जी ने कहा है कि - “हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदीगार। नानक बुगोयद जनु तुरा, तेरे चाकरां पाखाक” जिसका भावार्थ है कि हे कबीर परमेश्वर जी मैं नानक कह रहा हूँ कि मेरा उद्धार हो गया, मैं तो आपके सेवकों के चरणों की धूर तुल्य हूँ। जब नानक जी ने देखा यह धाणक (जुलाहा) वही परमेश्वर है जिसके दर्शन सत्यलोक (सच्चखण्ड) में किए तथा बेई नदी पर हुए थे। वहाँ यह जिन्दा महात्मा के वेश में थे यहाँ धाणक (जुलाहे) के वेश में हैं। यह स्थान अनुसार अपना वेश बदल लेते हैं परन्तु स्वरूप (चेहरा) तो वही है। वही मोहिनी सूरत जो सच्चखण्ड में भी विराजमान था। वही करतार आज धाणक रूप में बैठा है। श्री नानक जी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आँखों में आँसू भर गए। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा
बलिहारी गुरु आपणे दिउहाड़ी सदवार। जिन माणस ते देवते कीए करत न लागी वार। आपीनै आप साजिओ आपीनै रचिओ नाउ। दुयी कुदरति साजीऐ करि आसणु डिठो चाउ। दाता करता आपि तूं तुसि देवहि करहि पसाउ। तूं जाणोइ सभसै दे लैसहि जिंद कवाउ करि आसणु डिठो चाउ। (पृ. 463) भावार्थ है कि पूर्ण परमात्मा जिंदा का रूप बनाकर बेई नदी पर आए अर्थात् जिंदा कहलाए तथा स्वयं ही दो दुनियाँ ऊपर(सतलोक आदि) तथा नीचे(ब्रह्म व परब्रह्म के लोक) को रचकर ऊपर सत्यलोक में आकार में आसन पर बैठ कर चाव के साथ अपने द्वारा रची दुनियाँ को देख रहे हो तथा आप ही स्वयम्भू अर्थात् माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते, स्वयं प्रकट होते हो। यही प्रमाण पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मं. 8 में है कि कविर् मनीषि स्वयम्भूः परिभू व्यवधाता, भावार्थ है कि कबीर परमात्मा सर्वज्ञ है (मनीषि का अर्थ सर्वज्ञ होता है) तथा अपने आप प्रकट होता है। वह सनातन (परिभू) अर्थात् सर्वप्रथम वाला प्रभु है। वह सर्व ब्रह्मण्डों का (व्यवधाता)अर्थात् भिन्न-भिन्न सर्व लोकों का रचनहार है। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह
.....श्री बृजलाल पाण्डे से श्री नानक जी ने पूछा आप कहते हो कि गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने बोला तथा श्री कृष्ण जी ही श्री विष्णु अवतार हैं। श्री विष्णु जी अजन्मा, सर्वेश्वर, अविनाशी हैं। इनके कोई माता-पिता नहीं हैं। आप यह भी कहते हो कि रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव है। यही त्रिगुण माया है। परन्तु गीता ज्ञान दाता प्रभु (1). गीता अध्याय 2 श्लोक 12 में तथा (2). अध्याय 4 श्लोक 5 में अपने आप को नाशवान कह रहा है कि मेरे तो जन्म तथा मृत्यु होते हैं तथा ( 3). अध्याय 15 श्लोक 4 तथा (4). अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता प्रभु किसी अन्य परमेश्वर की शरण में जाने को कह रहा है तथा उसी की साधना से सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष संभव है। मैं (गीता ज्ञान दाता) भी उसी की शरण में हूँ। (5). गीता अध्याय 7 श्लोक 15 में गीता ज्ञान दाता प्रभु कह रहा है कि जिनका ज्ञान त्रिगुण माया के द्वारा हरा जा चुका है। भावार्थ है कि जो साधक तीनों गुणों (रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव) की पूजा करते हैं। इनसे अन्य प्रभु की साधना नहीं करते। जिनकी बुद्धि इन्हीं तक सीमित है वे राक्षस स्वभाव को धारण किए हुए मनुष्यों में नीच, दुष्कर्म करने वाले, मूर्ख मुझे नहीं भजते। उपरोक्त तीनों प्रभुओं (गुणों) की पूजा मना है। फिर गीता ज्ञान दाता ब्रह्म (काल) (6). अध्याय 7 श्लोक 18 में अपनी साधना को (अनुत्तमाम्) अति घटिया कह रहा है। इसलिए गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि पूर्ण मोक्ष तथा परम शान्ति के लिए उस परमेश्वर की शरण में जा, (7). गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में प्रमाण है कि उसके लिए किसी तत्वदर्शी संत की खोज कर। मैं उस परमात्मा के विषय में पूर्ण जानकारी नहीं रखता। उसी तत्वदृष्टा संत द्वारा बताए ज्ञान अनुसार उस परमेश्वर की भक्ति कर। यही प्रश्न परमेश्वर कबीर साहेब जी ने श्री नानक जी से बेई दरिया के किनारे किया था। जिस तत्वज्ञान को समझ कर तथा कबीर परमेश्वर के सतपुरुष रूप में सतलोक (सच्चखण्ड) में तथा धाणक रूप में बनारस (काशी में) दर्शन करके समर्पण करके तत्वज्ञान को जन-जन तक पहुँचाया तथा पूर्ण मोक्ष प्राप्त किया। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
मत अलग होते रहते हैं पर,परोपकार का सार वही और आधार वही।
प्रणाम इन गुरुजी को।
हरे कृष्ण 🙏~राधा-स्वामि🙏
🙏 l
Omshanti Mere ShivBaba ShukriyaBaba Shukriya Thanks Bk Shreya Didi Thanks Bk Shiwaniji दिदी धन्यवाद स्वामी जी. श्री गुरूदेव माऊली.
एहू जीउ बहुते जनम भरमिआ, ता सतिगुरु शबद सुणाइया।। (पृ. 465)
भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मेरा यह जीव बहुत समय से जन्म तथा मृत्यु के चक्र में भ्रमता रहा अब पूर्ण सतगुरु ने वास्तविक नाम प्रदान किया। श्री नानक जी के पूर्व जन्म - सतयुग में राजा अम्ब्रीष, त्रोतायुग में राजा जनक हुए थे और फिर नानक जी हुए तथा अन्य योनियों के जन्मों की तो गिनती ही नहीं है। इस निम्न लेख में प्रमाणित है कि कबीर साहेब तथा नानक जी की वार्ता हुई है। यह भी प्रमाण है कि राजा जनक विदेही भी श्री नानक जी थे तथा श्री सुखदेव जी भी राजा जनक का शिष्य हुआ था।
अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
Verry nice, आपने एक महापुरुष का इंटरव्यू लिया और सबको पता चला की असली संत कौन होता है, और पाखंड क्या होता है, गुरु भगवान से जीव को मिला देता है और जन्म मिर्त्यु के चकर से छुड़ा देता है और अच्छे कर्म में मनुष्य को लगा देता है, आप इसी प्रकार के ज्ञानवरदक किसे जनता के सामने लाते रहें, आपका बहुत बहुत ध्न्यावाद
राधा स्वामी जी
राधा स्वामी जी
Tarachand could not make shersing give up smoking.
Bahoot acha
@😅bhartisagu7781
Rada Soami Ji Maharaj dono hath jodkar Naman ji bhut he piyri bate sunai aapne dil ko bahut Shanti mili Radha Soami Ji
ऐसा सन्त बहुत कम मिलते हैं
धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा
😂 haha इसमें धन धन सतगुरु कहां से आ गया??😆😆😆😆🤔
धन धन सतगुरु राधा स्वामी सतसंग से आया राधा स्वामी सतसंग मे शावनसिह महाराज के शिष्य मस्ताना जी मस्ताना जी के शिष्य मेनेजर साहेब मेनेजर साहेब जी के शिष्य वकील साहेब डेरा जगमालवाली जिला सिरसा हरियाणा
Baat ek, firka alag kiyo.... Naam kiyo badla, kia bata sakte hai, jai guru dev, dhan dhan stguru tera aasra, anand parmanand, anand swami, ek mastana, 600 mastana,
साई मस्ताना की बहुत प्यारे शिष्य थे सावन शाह महाराज जी के।❤❤😊😊😊
❤f
0 no no@@realtipsofsuccess5801
Radha swami mere malik ❤❤
Radha Soami ji
Radha Soami shabad very beautiful meaning
Radha swami mere jinda khuda 🙏🙏♥️♥️😍😍😍hmesha apne chran kmal me rakhiyo mere prbhoo 🙇♀️🙇♀️
radha swami maharaj ji ❤️❤️👍🙏🏾❤️❤️ very nice 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
बहुत सुन्दर
राधा स्वामी के बारे में जानकारी
प्रदान करने के लिए
बिलारी छ•ग•
गुरु राधा स्वामी आप के पड़ोस गाव से है ,डेरे पर कई बार आये लेकिन नाम दीक्षा का सन्जोग नही हो पाया ,वहीँ आप वाली बात पेसे से एक फौजी अलबेली जिंदगी ,लेकिन श्रद्धा सभी पीर फकीरो में और कर्म करने पर ,सदैव सेवा भावना ,देखो आगे कौन सी लाइन मिलेगी वृद्धावस्था में विचार है ,आप की शरण में अभी तो 2 से 4 वर्ष देश सेवा फिर जनता और संगत सेवा ,राधा स्वामी
Radha Swami ji bhut bahut hi achhi bahut hi Dhanya hain aap jo itna samay Guru ji ke sath bita lete hain aapki kamai mein Barkat Ho hogi inke sath jitne bhi interview honge aapke jitni bhi meeting hogi
बहुत अच्छा लगा आप का वीडियो दिनोद गुरु जी कुरुक्षेत्र से सेवादार जसबिनदर कोर
Radhaswami ji
Radhaswami
ਅ
Bhout bhout dhanyawad guru ji ap ne bhout ache se sb ko achi bate btao🙏🙏🙏
एहू जीउ बहुते जनम भरमिआ, ता सतिगुरु शबद सुणाइया।। (पृ. 465)
भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मेरा यह जीव बहुत समय से जन्म तथा मृत्यु के चक्र में भ्रमता रहा अब पूर्ण सतगुरु ने वास्तविक नाम प्रदान किया। श्री नानक जी के पूर्व जन्म - सतयुग में राजा अम्ब्रीष, त्रोतायुग में राजा जनक हुए थे और फिर नानक जी हुए तथा अन्य योनियों के जन्मों की तो गिनती ही नहीं है। इस निम्न लेख में प्रमाणित है कि कबीर साहेब तथा नानक जी की वार्ता हुई है। यह भी प्रमाण है कि राजा जनक विदेही भी श्री नानक जी थे तथा श्री सुखदेव जी भी राजा जनक का शिष्य हुआ था।
अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
RADHA SWAMI JEE Hajur JEE Malik mere AAP Hee sansar ke sache Satguru Hain malik RADHA SWAMI JEE
राधा स्वामी जी सतगुरु महाराज जी
Radha swami ji 🙏🙏🙏🙏 sat sat Naman dada swami ji Maharaj ko
Radhaswami ji 🙏🌺 koti koti Naman satguruji 🙏🙏🌹 Mera pyare data Malik apki kripa hai satguruji 🙏🙏🌹🌹 Mere pyare malik 🙏🌺 Radhaswami ji 🙏🌺
मौज है मेरे दाता की राधा स्वामी जी
Radha swami ji satguru ji tharo mukhdo Payaaro laage
महाराज पूर्ण है
🙏
अपने मन कि बात खुल के बता दी
Jhuth matt bol
@@dharwindersandhu1654 🤣🤣🤣🤣🤣
Okay sach tu bol rahaa hai 😂😂😂😂😂😂😂😂
Radha swami guru ji
Radha swami ji Maharaj ji mere.malik radha swami ji 🙏🏽🙏🏽❤❤🌹🌹💟💟
बहुत बढ़िया जानकारी प्रस्तुति महाराज जी की जीवन गाथा भी हमारे जैसे आम आदमी पर ही थी धन्य हो गुरु जी आप ने मेरी आंखे खोल दी और यही सवाल मेरे भी थे जो आप के मुख से सुने मुझे अच्छा लगा देखते आगे आगे होता है क्या में भी अभी अभी आया हु इस दुनिया में जय श्री राधा स्वामी जी महाराज जय श्री नीम करोली महाराज जी जय श्री राम ❤
मेरे सच्चे सतगुर राधा स्वामी जी कोटि कोटि परणाम करता हु सतगुर जी मेरे दुख तकलीफ कट दो जी मेहर करो राधा स्वामी माहराज जी
0000000000000
केलंगा में जब आपकी पोस्टिंग थी तब हमारे बाबा लखपत सिंह s/o कूमन सिंह हाई स्कूल के पास बाग में आप रहे , और वहा भी खूब ड्रिंक की बाकी आज इतने बड़े संत हो भग्ती में बल है।
आज पूरे संसार में प्रकाश फैला रहे हो ।।
जय हो आपकी ।
राधे राधे।।
Bhai sant Maan ko bal Dene aate taki mere jaise ko kichad se nikal sake is liye nikalne wale ko khud kichad mai utarana padta hai..sant hi nikal sakte hai akela Mere mai dam nahi
Very grateful for us we are lucky Maharaj Ji
Radha Swami mere Malik 🙏🙏hmare upr bhi dya krna mere malik aapke charno me koti koti Nmn 🙏🙏
Radha swami ji mere Aradhya tera hi aasra
बहुत बहुत अच्छी बात कही आप ने राधा स्वामी🌹🌹🌷💐🌺🙏🙏🍒🍒🍒🍒🍒🙏
Radha swami j Radha swami j baba ji🌹🌹🌹 🙏🙏🙏
राधा स्वामी सतगुरु महाराज को कोटि कोटि नमन
अच्छा इंटरव्यू।प्रेरक आथ्यात्भिक विषय पर।
बलिहारी गुरु आपणे दिउहाड़ी सदवार।
जिन माणस ते देवते कीए करत न लागी वार।
आपीनै आप साजिओ आपीनै रचिओ नाउ।
दुयी कुदरति साजीऐ करि आसणु डिठो चाउ।
दाता करता आपि तूं तुसि देवहि करहि पसाउ।
तूं जाणोइ सभसै दे लैसहि जिंद कवाउ करि आसणु डिठो चाउ। (पृ. 463)
भावार्थ है कि पूर्ण परमात्मा जिंदा का रूप बनाकर बेई नदी पर आए अर्थात् जिंदा कहलाए तथा स्वयं ही दो दुनियाँ ऊपर(सतलोक आदि) तथा नीचे(ब्रह्म व परब्रह्म के लोक) को रचकर ऊपर सत्यलोक में आकार में आसन पर बैठ कर चाव के साथ अपने द्वारा रची दुनियाँ को देख रहे हो तथा आप ही स्वयम्भू अर्थात् माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते, स्वयं प्रकट होते हो। यही प्रमाण पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मं. 8 में है कि कविर् मनीषि स्वयम्भूः परिभू व्यवधाता, भावार्थ है कि कबीर परमात्मा सर्वज्ञ है (मनीषि का अर्थ सर्वज्ञ होता है) तथा अपने आप प्रकट होता है। वह सनातन (परिभू) अर्थात् सर्वप्रथम वाला प्रभु है। वह सर्व ब्रह्मण्डों का (व्यवधाता)अर्थात् भिन्न-भिन्न सर्व लोकों का रचनहार है। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह
एहू जीउ बहुते जनम भरमिआ, ता सतिगुरु शबद सुणाइया।। (पृ. 465)
भावार्थ है कि श्री नानक साहेब जी कह रहे हैं कि मेरा यह जीव बहुत समय से जन्म तथा मृत्यु के चक्र में भ्रमता रहा अब पूर्ण सतगुरु ने वास्तविक नाम प्रदान किया। श्री नानक जी के पूर्व जन्म - सतयुग में राजा अम्ब्रीष, त्रोतायुग में राजा जनक हुए थे और फिर नानक जी हुए तथा अन्य योनियों के जन्मों की तो गिनती ही नहीं है। इस निम्न लेख में प्रमाणित है कि कबीर साहेब तथा नानक जी की वार्ता हुई है। यह भी प्रमाण है कि राजा जनक विदेही भी श्री नानक जी थे तथा श्री सुखदेव जी भी राजा जनक का शिष्य हुआ था।
अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
Guruji ke divya charanome mera anant hajar koti namaskar jai gurudev dhanya hai prabhu
Sat sat naman satguru ji radhaswami dayal ki daya radhaswami ji
Bahut acche Shabd Kahe Mera unko Koti Koti Naman aur Pranam bahut Achcha Vichar aur bahut hi acchi Soch
Hare karishna 🙏
Jai shree ram🙏
Om namah shivay
Shree madbhagvat geeta se bda koi guru nhi
You are right sir ji
Shri Madbhagwat geeta ke bina koi
Guru ho hi nahi sakta
Shabad ka abhyas karo
Radha swami dayal ki daya Radha swami sahay Radha swami ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Radhaswami ji... Satpurush ke mere malik k apne darshan karvaye uske liye bahut shukriya... Radhaswami 🙏
राधास्वामी जी
Radha Naam Jo tha vah shivdayal Singh ki patni ka naam tha isliye usko bolate the pyar se Radha Swami yah koi Bhagwan ka naam nahin hai
राधा स्वामी जी बहुत बढ़िया जानकारी मिली
Radha Soami ji ❤️ love from Punjab
राधा स्वामी नाम कहा से आया उसकी जानकारी अच्छी तरह से समझ मे आई
राधा कृष्णा की आल्हादिनी शक्ति है
राधा कृष्ण मिलके RAADHASWAMI
बलिहारी गुरु आपणे दिउहाड़ी सदवार।
जिन माणस ते देवते कीए करत न लागी वार।
आपीनै आप साजिओ आपीनै रचिओ नाउ।
दुयी कुदरति साजीऐ करि आसणु डिठो चाउ।
दाता करता आपि तूं तुसि देवहि करहि पसाउ।
तूं जाणोइ सभसै दे लैसहि जिंद कवाउ करि आसणु डिठो चाउ। (पृ. 463)
भावार्थ है कि पूर्ण परमात्मा जिंदा का रूप बनाकर बेई नदी पर आए अर्थात् जिंदा कहलाए तथा स्वयं ही दो दुनियाँ ऊपर(सतलोक आदि) तथा नीचे(ब्रह्म व परब्रह्म के लोक) को रचकर ऊपर सत्यलोक में आकार में आसन पर बैठ कर चाव के साथ अपने द्वारा रची दुनियाँ को देख रहे हो तथा आप ही स्वयम्भू अर्थात् माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते, स्वयं प्रकट होते हो। यही प्रमाण पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मं. 8 में है कि कविर् मनीषि स्वयम्भूः परिभू व्यवधाता, भावार्थ है कि कबीर परमात्मा सर्वज्ञ है (मनीषि का अर्थ सर्वज्ञ होता है) तथा अपने आप प्रकट होता है। वह सनातन (परिभू) अर्थात् सर्वप्रथम वाला प्रभु है। वह सर्व ब्रह्मण्डों का (व्यवधाता)अर्थात् भिन्न-भिन्न सर्व लोकों का रचनहार है। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह
Radha swami mere data 🤲🤲🙇🏼♀🙇🏼♀
M।
Abr
राधा स्वामीकोटि कोटिनमन सतगुरू महाराज
Aise maharaj ji kahin nhi mil skte radha Swami guru g
Radha swami ka mtlab bahut ache se smjata apne
Hy ji jinda khuda dikhou jila bhiwani gam dinode me mere malik. Kanwar ji mharaj Radha swami mharaj ji.. From Punjab
राम राम बहुत बहुत बहुत ही बहुत अच्छा लगता हैं 👍👍🎁👌👌👏👏🙏🙏🍎🍎🚩🚩
Sacche gur ki yahi pehchan hai, inme ahankaar nahi hota, guruji ko shat shat pranaam
Radha swami maharaj ji bhut achha lga sunn kr
Good sister
Radhaswami Ji. 🙏🙏🙏🙏
बहुत अच्छा ज्ञान कि बातें बताई श्री महाराज जी ने सर्व जगत् रचियता नारायण शवामी हरि नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण ऊं नासवान नारायण र ही सब कुछ रचना रचायी संसार की हरि नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण आत्मा में परमात्मा है यही नारायण है नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण
प्रमआत्मा कि कृप्या सभी पर बनी रहे |
#हरिॐ
Dhany ho gurudev ji..aap ji..
Radha swami ji.🙏🙏🙏
Radha Swami ji mere Maharaj Ji 🙏🙏🙏
Good interview राधास्वामी जी
Radha swami guru ji and all of you
Radha swami guru ji mere bete par dya mehar kro jo use jail se mukt kra do
Radha swami ji ko koti koti naman🌹🌷🌸🙏🙏
Radha swami ji
Radha Soami Ji Tumahra aashirwad sari sangat par bana rahe ji
Radha swami ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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Radha swami ji satguru Mehar kro 🙏
Hmari Atma Radha hai
SHRI karishan ji hmare swami hai aur
ShriBhagvat geeta hmari guru hai
OM NMO BHAGVATE VASHUDEVAY
Hmara guru mantr hai
Guru aap hai...
@@Ajaychauhan-js7db ham to das hai
Radha Swami to all and Jagdeep jee and maharaj jee
Radha soami ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गूरू जी नै बहूत अछा गयान दीया
Radha Soami baba ji💕🙏
Radha Swami ji Baba Ji Maharaj
Shri Sadguru Je Ka Charno Me Dono Hath Jode Kar Kote Kote Parnam
मौला मौला लाख पुकारे ,मौला हाथ ना आए
पानी पानी रटते रटते, प्यासा ही मर जाए
शब्दों से हम खेल रहे हैं, मायना हाथ न आए
हिन्दू अति प्राचीन धर्म है, इसका दर्शन बहुत विशाल है। ये किसी अन्य धर्म का अपमान नहीं करता। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी धार्मिक आस्थाओं होती है, हिन्दुओं की मान्यताओं को अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है।
Radhasoami all satsangi and santguru. Dinesh srivastava varanasi.
Radhaswami ji mere khuda mere mharaji
Radha swami ji very nice video sukar he Malik ka kush raho veer me punjab se hu
मैं भी कोहाड़ गांव से हूं जो बिल्कुल dinod गांव के पास ही है सभी fakdo मे से सिर्फ आज एक ही सत्संग सही बचा है ओर वो है... राधास्वामी.. जेसा नाम वसे ही सतगुरु जी के विचार........ राधास्वामी दयाल की दया...
wqsew4kjc.
wqsew4kjc.
किरावड़
4:49 110 OK hu ❤❤😂
वाह संत जी जो दूसरों को बुरा लगे वो बराई है ।
क्या शिक्षा है ९आपने सुना तो होगा कि भक्त और
जगत का बैर होता है क्यूकि जगत को भक्त की
हर बात बुरी लगती है तो आपकी शिक्षा है कि जो
दूसरो को बुरा लगे वो बुराइ तो भक्त की तो हर
बात बुरी ।ऐसे ऐसे संत हैं देश में । ये कर देंगे
कल्याण ।
Tere kya dikat h aa gyi ....ek baat k kai answer hote h ...akag alag tarike se bola ja skta h alag alag definition or point of view hota h .....tum vo gandi nali k kide ho jo achai me bhi burai ko dhondhte ho .... kitni achi baat btai vo to tune nhi apnaya buri baat ko bhut jalti captured kr liya
1.कालपाल बेसक दारू पियो, क्यौं शिव दाल पिया होक्का!
बुक्की मै तो भूत दिखा, कालपाल, बना जिंदा प्रेत अनोखा!!
2. गरीब दास का ज्ञान गाया, धर्मदास को तूं समझ ना पाया!
गरीब आया यूगों बाद, धर्म दास संगी, हाल बताया!!
कबीर साहेब आया बदीं छुटाने,
काल पाल खुद बदीं घर में पाया!
सभी संत कैद नहीं जाते, सभी कैदी संत नहिं होते!
ये तो है काल अवतारी, जिसने अपनी जेल को पुजवाया!!
जेल लोक तेरा सतलोक, तेरा वही से आया ज्ञान!
भोले जीव समझले, कबीर काल एक हुये कहीं ना मिले परमान!!
अब सोचो, जय बदीं घर वाले की या बदीं छोड की..
आप तय करो....
Are murkh vo purn sant mahatma tha bhut to raamu kaidi hai aur aap bhee Rammu to jhuthe hai kute bhaunkte bhaunkte rahte hai uska muh thory hota hai jel me achha rahta hai kuta aap uske pille
Radha Swami 🙏🙏
Radha Swami Maharaj Ji ko sat sat Naman
Radha Swami Maharaj Ji 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹😊😊😊😊😊❤️❤️❤️❤️❤️🌹🌹
Jo parmta hame nahi de sakte vo SATGURU pal me de sakte hain. Radha Swami ji. 🙏🙏
कबीर कमाई आपणी कभी निष्फल ना जाए॥ चार युग बित जाए फिर मिलेगी आए॥ राधा स्वामी जी॥
Radha Soami ji .
M
गुरुग्रन्थ साहेब पृष्ठ 721 पर अपनी अमृतवाणी महला 1 में श्री नानक जी ने कहा है कि -
“हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदीगार।
नानक बुगोयद जनु तुरा, तेरे चाकरां पाखाक”
जिसका भावार्थ है कि हे कबीर परमेश्वर जी मैं नानक कह रहा हूँ कि मेरा उद्धार हो गया, मैं तो आपके सेवकों के चरणों की धूर तुल्य हूँ।
जब नानक जी ने देखा यह धाणक (जुलाहा) वही परमेश्वर है जिसके दर्शन सत्यलोक (सच्चखण्ड) में किए तथा बेई नदी पर हुए थे। वहाँ यह जिन्दा महात्मा के वेश में थे यहाँ धाणक (जुलाहे) के वेश में हैं। यह स्थान अनुसार अपना वेश बदल लेते हैं परन्तु स्वरूप (चेहरा) तो वही है। वही मोहिनी सूरत जो सच्चखण्ड में भी विराजमान था। वही करतार आज धाणक रूप में बैठा है। श्री नानक जी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आँखों में आँसू भर गए। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा
बलिहारी गुरु आपणे दिउहाड़ी सदवार।
जिन माणस ते देवते कीए करत न लागी वार।
आपीनै आप साजिओ आपीनै रचिओ नाउ।
दुयी कुदरति साजीऐ करि आसणु डिठो चाउ।
दाता करता आपि तूं तुसि देवहि करहि पसाउ।
तूं जाणोइ सभसै दे लैसहि जिंद कवाउ करि आसणु डिठो चाउ। (पृ. 463)
भावार्थ है कि पूर्ण परमात्मा जिंदा का रूप बनाकर बेई नदी पर आए अर्थात् जिंदा कहलाए तथा स्वयं ही दो दुनियाँ ऊपर(सतलोक आदि) तथा नीचे(ब्रह्म व परब्रह्म के लोक) को रचकर ऊपर सत्यलोक में आकार में आसन पर बैठ कर चाव के साथ अपने द्वारा रची दुनियाँ को देख रहे हो तथा आप ही स्वयम्भू अर्थात् माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते, स्वयं प्रकट होते हो। यही प्रमाण पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मं. 8 में है कि कविर् मनीषि स्वयम्भूः परिभू व्यवधाता, भावार्थ है कि कबीर परमात्मा सर्वज्ञ है (मनीषि का अर्थ सर्वज्ञ होता है) तथा अपने आप प्रकट होता है। वह सनातन (परिभू) अर्थात् सर्वप्रथम वाला प्रभु है। वह सर्व ब्रह्मण्डों का (व्यवधाता)अर्थात् भिन्न-भिन्न सर्व लोकों का रचनहार है। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा और जीने की राह
.....श्री बृजलाल पाण्डे से श्री नानक जी ने पूछा आप कहते हो कि गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने बोला तथा श्री कृष्ण जी ही श्री विष्णु अवतार हैं। श्री विष्णु जी अजन्मा, सर्वेश्वर, अविनाशी हैं। इनके कोई माता-पिता नहीं हैं। आप यह भी कहते हो कि रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव है। यही त्रिगुण माया है। परन्तु गीता ज्ञान दाता प्रभु (1). गीता अध्याय 2 श्लोक 12 में तथा (2). अध्याय 4 श्लोक 5 में अपने आप को नाशवान कह रहा है कि मेरे तो जन्म तथा मृत्यु होते हैं तथा ( 3). अध्याय 15 श्लोक 4 तथा (4). अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता प्रभु किसी अन्य परमेश्वर की शरण में जाने को कह रहा है तथा उसी की साधना से सर्व सुख तथा पूर्ण मोक्ष संभव है। मैं (गीता ज्ञान दाता) भी उसी की शरण में हूँ। (5). गीता अध्याय 7 श्लोक 15 में गीता ज्ञान दाता प्रभु कह रहा है कि जिनका ज्ञान त्रिगुण माया के द्वारा हरा जा चुका है। भावार्थ है कि जो साधक तीनों गुणों (रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव) की पूजा करते हैं। इनसे अन्य प्रभु की साधना नहीं करते। जिनकी बुद्धि इन्हीं तक सीमित है वे राक्षस स्वभाव को धारण किए हुए मनुष्यों में नीच, दुष्कर्म करने वाले, मूर्ख मुझे नहीं भजते। उपरोक्त तीनों प्रभुओं (गुणों) की पूजा मना है। फिर गीता ज्ञान दाता ब्रह्म (काल) (6). अध्याय 7 श्लोक 18 में अपनी साधना को (अनुत्तमाम्) अति घटिया कह रहा है। इसलिए गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि पूर्ण मोक्ष तथा परम शान्ति के लिए उस परमेश्वर की शरण में जा, (7). गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में प्रमाण है कि उसके लिए किसी तत्वदर्शी संत की खोज कर। मैं उस परमात्मा के विषय में पूर्ण जानकारी नहीं रखता। उसी तत्वदृष्टा संत द्वारा बताए ज्ञान अनुसार उस परमेश्वर की भक्ति कर। यही प्रश्न परमेश्वर कबीर साहेब जी ने श्री नानक जी से बेई दरिया के किनारे किया था। जिस तत्वज्ञान को समझ कर तथा कबीर परमेश्वर के सतपुरुष रूप में सतलोक (सच्चखण्ड) में तथा धाणक रूप में बनारस (काशी में) दर्शन करके समर्पण करके तत्वज्ञान को जन-जन तक पहुँचाया तथा पूर्ण मोक्ष प्राप्त किया। अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा और
Thank you guru ji Radha Swami
Radha swami satuguru ji
Nirabhimani vato thi anand thayo.🙏jay Radha swami
Radha swami ji mere pyare satguru ji 🙏🙏
radhasoami.shabad.ke.bare.mein.bataya.bahut.achcha.laga
ਸੁਹੱਪਣ ਦੇਖ ਜੋ ਜਲੇ ਚਿਰਾਗ , ਵੀਰ ਵਾਰ ਕਹਾਂ , ਜਲੇ ਦਿਨ ਰਾਤ...? ਧਰਤੀ ਤੇ ਸਵਰਗ , ਤਿਰਕੁਟੀ ਦਰਸ਼ਨ...?
ਕਯਾ ਬਾਤ , ਕਿਸੇ ਦੀ ਖੁਸ਼ੀ , ਤੁਹਾਡੀ ਖੁਸ਼ੀ..?
ਨੋਂ ਦਰਵਾਜ਼ੇ , ਨੋਵੇਂ ਦਰ ਫੀਕੇ ❓ ਰਸ ਅੰਮ੍ਰਿਤ , ਦਸਵੇਂ ਚਿੰਉਜੇ ❓ ਔਥੇ ਅਨਹਦ ਸ਼ਬਦ , ਵਜੇ ਦਿਨ ਰਾਤੀਂ ❓ ਗੁਰਮਤਿ ਸ਼ਬਦ , ਸੁਨਾਵਣੀਆ ❓ ਗਿਆਰ੍ਹਵੇਂ ਕੀ ਕੋਈ ਬਾਤ ਸੁਣਾਵੇ , ਚੰਦ ਸ਼ਕਰਾਣੂ ਪਰਮ ਗਤੀ ਪਾਵੇ ❓ ਮਾਂ ਦੀ ਕੁੱਖ ਤੇ ਮਾਂ ਦਾ ਦੁੱਧ , ਸਿਰਜਨਹਾਰ ਦਾ ਲੰਗਰ ਤੇ ਰੈਨ ਬਸੇਰਾ , ਕੋਈ ਵਸਤੂ ਬਜ਼ਾਰੂ ਨਹੀਂ...? ਕੁਦਰਤ ਦਰਬਾਰ , ਨਿਰਵਸਤਰ ਆਹਾਰ ....? ਮਾਂ ਦੀ ਕੁੱਖ ਤੇ ਜੀਵਨ ਸਾਥੀ ਸੁੱਖ , ਧਰਤੀ ਤੇ ਸਵਰਗ...?
Radha swami guru ji 🙏
Radha Swami ji
राधास्वामी धन्य धन्य
Jai ho radha Swami adhia swere pauaa shaami dopehre beer mil je tan badi meharbaani.
Besharm kameena neech insan
Radha Swami Maharaj ji
राधास्वामी दयाल की दया,, राधास्वामी सहाय, राधास्वामी जी
Radha Swami ji to all RADHA SWAMI
Radha Soami ji
Very best intearbeaw
❤❤❤❤Radha Swami Satguru Ji❤❤❤❤
Jagdeep bhai ki ya sabse best vdo lagi
100/sahi kaha guru ji ne bahut aachha laga