#भजन_कीर्तन_कार्यक्रम

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  • Опубликовано: 10 фев 2025
  • चार दिनों की प्रीत जगत में चार दिनों के नाते है,
    पलकों के पर्दे पड़ते ही सब नाते मिट जाते हैं,
    जिनकी चिन्ता में तू जलता वे ही चिता जलाते हैं,
    जिन पर रक्त बहाये जल सम जल में वही बहाते हैं,
    पलकों के पर्दे पड़ते ही.....
    घर के स्वामी के जाने पर घर की शुद्धि कराते है,
    पिंड दान कर प्रेत आत्मा से अपना पिंड छुडाते हैं,
    पलकों के पर्दे पड़ते ही....
    चौथे से चालीसवें दिन तक हर एक रस्म निभाते है,
    मृतक के लौट आने का कोई जोखिम नही उठाते है,
    पलकों के पर्दे पड़ते ही......
    आदमी के साथ उसका खत्म किस्सा हो गया,
    आग ठण्डी हो गई चर्चा भी ठण्डा हो गया,
    चलता फिरता था जो कल तक बनके वो तस्वीर आज,
    लग गया दीवार पर, मजबूर कितना हो गया
    श्रेणी#भजन_कीर्तन_कार्यक्रम #prismlivestudio #जयमातादी #जयश्रीश्याम

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