आपको सादर प्रणाम 🙏🏻🚩बहोत ही अच्छे तारखे से समजाया अपने 🙇🏻♀️देवी सरस्वती कीं हनुमान जी और साक्षात श्री राम जी कीं कृपा है आप पर 🙏🏻🙏🏻आपको कोटी कोटी प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻त्रिवार वंदन 🙏🏻🙏🏻🙏🏻जय श्री राम....
#बहुत_सुंदर ❤🙏 भगवान राम आपको #खुश रखें, ओर भगवान #राम की कृपा आप पर सदा बनी रहे, ओर दीर्घायु प्रदान करें ऐसी कामना करता हूं आपने बहुत #सहज ओर #सुंदर तरीके से पढ़ना ओर अर्थ समझाया हैं दिल से #धन्यवाद् आपका..!❤🙏
आचार्य जी आपने निशुल्क बडा अच्छा काम किया है जिसे में कभी शब्दो में बया नही करपाऊंगा क्योंकि आप की बज से ही में इस स्तुति को प्रभु श्री राम के सामने पाठ कर पाऊंगा
प्रणाम गुरुजी! संस्कृत के कुछ ऐसे शब्द हैं जो बोलने में नहीं बन रहे हैं तो कृपया करके मार्गदर्शन करें और उन शब्दों के अर्थ और कैसे बोला जाए उसे समझाएं यह बहुत बड़ी कृपा होगी 🙏🙏🙏
@ashisharathe वेद मंत्र का अधिकार नही है । कुछ ही मंत्र चौथे वर्ण के लोगो के लिए निर्धारित किए गए है , उदाहरण के लिए मंत्रादि तंत्र ग्रंथ देखे । स्तोत्र में राम रक्षा पढ़ सकते है । ललिता सहस्रनाम , आदि नही पढ़ सकते है , दीक्षा की आवश्यकता होती है इन सभी में । यदि भगवान मार्ग दे तभी पढ़े । क्यों मना किया गया है उसके पीछे कुछ ऐसे कारण है जिनका उल्लेख यहां नही करना चाहूंगा , दंड मिलता है रहस्य उजागर करने पर ।
@@Gyananjali_GyanGanga महोदय जी मेरा प्रश्न दुर्गा सप्त सती के पाठ के विषय मे भी था।बहुत से लोग दूसरे वर्ग के पाठ करने पर आपत्ति करते है। क्या पाठ करने के लिए दिक्षा जरूरी हे?
मेरा व्यक्तिगत मत है कि पाठ के लिए दीक्षा से ज्यादा जरूरी शिक्षा है। शिक्षित ही समावर्तन के बाद दीक्षित होता है ।परन्तु चलन ऐसा चल पडा है कि शिक्षा किसी को नही चाहिए बस दीक्षा चाहिए ।
@@Gyananjali_GyanGanga आप अध्यापक है इसलिए सभी के लिए ऐसा विचार रखते है जो की अच्छा है । लेकिन कुछ चीज़े ऐसी होती है जिनके लिए दीक्षा ही होती है फिर उसकी शिक्षा दी जाती है अर्थात उसको करने की अनुमति और विधि विधान बताया जाता है जो की एक अध्यापक नही बता सकता है , यह बिलकुल विपरीत क्रिया होती है जो सीखनी ही पड़ती है । मंत्र स्तीत्र आदि के नियम आदि करने किए गुरु मुखी विधान है तभी फलीभूत होता है पाठ । सब लोग सीधे उठा के नही कर सकते , इसका उदाहरण आप अपने सभी दुर्गा सप्तशती वाले वीडियो के सभी के कमेंट देख के जान सकते है । लोग भय ग्रस्त थे और उन्हें होना भी चाहिए क्यों की सप्तशती तांत्रिक स्तोत्र है जिसको गलत पढ़ने पर उल्टे परिणाम की आशंका ज्यादा होती है । जब आप ने सिखाया तभी लोग पढ़ना सीखे । यह आप के कथन अनुसार शिक्षा का उदाहरण है , अब बात कर लेते है सप्तशती के दीक्षा की यदि आप इस के कोई भी श्लोक करना चाहे सकाम तो दीक्षा चाहिए ही चाहिए । जागरूकता बहुत ज़रूरी है सभी भगवान के बच्चे है और भगवान ने सबके लिए अलग अलग मंत्र बनाए है यह मैं नहीं कहता हूं सभी उत्कृष्ट तंत्र ग्रंथ कहते है जो की भोलेनाथ द्वारा उपदिष्ट है ।
गुरु जी सादर प्रणाम, आप पर निश्चित मां सरस्वती, भगवती की कृपा है।
बहुत ही सुन्दर सिखाने का तरीका है। आपका
मां भगवती हमेशा आपको मनवांछित फल प्रदान करे। आप सनातन धर्म के स्तम्भ है।
Excellent 🎉
वहुत सुंदर सप्तशती के पाठन से मैं गीता जी का पाठ सुगमता से कर पा रही हूं यह देवी जी की सतत कृपा ही तो है आपका भगवती सदैव मंगल करें🙏
जय श्री गुरुदेव सीताराम हर हर महादेव 🙏 गुरुजी आपको कोटि कोटि धन्यवाद और साधुवाद ❤
आप को कोटि कोटि नमन अति उत्तम जानकारी सुंदर प्रस्तुति धन्य हो गए हम
जय श्री राम
अतिशय सुंदर ❤❤
कोटि, कोटि, प्रणाम
अर्थों को खोलने और सही उच्चारण के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। जय श्री राम। जय श्री राम
जय श्री सीतारामजी🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🚩🙇🕉️🙏🔱🥀🥀🌷💐✨🌸🏵️🦚🦚💮🌻🌹🌼☘️🚩
आपको सादर प्रणाम 🙏🏻🚩बहोत ही अच्छे तारखे से समजाया अपने 🙇🏻♀️देवी सरस्वती कीं हनुमान जी और साक्षात श्री राम जी कीं कृपा है आप पर 🙏🏻🙏🏻आपको कोटी कोटी प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻त्रिवार वंदन 🙏🏻🙏🏻🙏🏻जय श्री राम....
सुन्दर अतीसुन्दर अतुल्य, बहुत बहुत साधुवाद बहुत बहुत साधुवाद बहुत बहुत साधुवाद बहुत बहुत आभार
सीता राम 🙏👏🤗❤️
कोटि कोटि धन्यवाद आपका गुरुवर सीताराम ❤
आचार्य जी कोटि कोटि धन्यवाद🙏
#बहुत_सुंदर ❤🙏
भगवान राम आपको #खुश रखें, ओर भगवान #राम की कृपा आप पर सदा बनी रहे, ओर दीर्घायु प्रदान करें ऐसी कामना करता हूं
आपने बहुत #सहज ओर #सुंदर तरीके से पढ़ना ओर अर्थ समझाया हैं
दिल से #धन्यवाद् आपका..!❤🙏
जय श्री राम 🙏 जय श्री महाकाल 🙏 हर हर हर महादेव 😌🙏
आपका कोटि कोटि अभिन्दन। ऐसी सुन्दर व्याख्या, आप जैसा विद्वान ही कर सकता है।
जय श्री सीता राम जी आचार्य जी
Aap dhanya ho sir, aapne Shri ram rakshastotram ko itna aasan bana diya
Jai shree ram
Ram Ram
आचार्य जी आपने निशुल्क बडा अच्छा काम किया है जिसे में कभी शब्दो में बया नही करपाऊंगा क्योंकि आप की बज से ही में इस स्तुति को प्रभु श्री राम के सामने पाठ कर पाऊंगा
🙏🙏🙏🙏
Shat shat parnaam apko
जय श्री राम
आचार्य जी बहुत बहुत धन्यवाद
Bhut sundar,,kafi kuchch seekhne ko mila
Bhaisab aap ka bahut bahut dhanyavad 🙏
Gurudev 🙏
🌹 जय सियाराम 🌹🙏
🙏🌹राम राम🌹🙏
जय श्रीराम 🙏 श्रीमान जी, बहुत सुंदर शब्दों में सिखाते हैं आप,
Keep it up Sir🙏
Jai Shree Ram ❤❤❤
MOZZA KAR DI.... GURUUUU,,,,,,, MERA AAP KE CHARAN MHE BAR BAR(BHUHIYO BHUHIYO NAM:) JAI HANUMAN{RAM RAM} 108 MADHVI JHA KO JARUR CHUNE ,,🙏
Rama bless you ❤️
आचार्य जी नमस्कार
Thank you so much sir ji
Please also translate the original श्रीरामरक्षास्तोत्रम् पद्ममहापुराणान्तर्गतम्
Shri RamarakSha Stotram from Padmapurana
श्रीरामरक्षास्तोत्रम् पद्ममहापुराणान्तर्गतम्
इदं पवित्रं परमं भक्तानां वल्लभं सदा ।
ध्येयं हि दासभावेन भक्तिभावेन चेतसा ॥
परं सहस्रनामाख्यम् ये पठन्ति मनीषिणः ।
सर्वपापविनिर्मुक्ताः ते यान्ति हरिसन्निधौ ॥
महादेव उवाच ।
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि माहात्म्यं केशवस्य तु ।
ये शृण्वन्ति नरश्रेष्ठाः ते पुण्याः पुण्यरूपिणः ॥
ॐ रामरक्षास्तोत्रस्य श्रीमहर्षिर्विश्वामित्रऋषिः ।
श्रीरामो देवता । अनुष्टुप्छन्दः ।
श्रीविष्णुप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥
अतसी पुष्पसङ्काशं पीतवास समच्युतम् ।
ध्यात्वा वै पुण्डरीकाक्षं श्रीरामं विष्णुमव्ययम् ॥ १॥
पातुवो हृदयं रामः श्रीकण्ठः कण्ठमेव च ।
नाभिं पातु मखत्राता कटिं मे विश्वरक्षकः ॥ २॥
करौ पातु दाशरथिः पादौ मे विश्वरूपधृक् ।
चक्षुषी पातु वै देव सीतापतिरनुत्तमः ॥ ३॥
शिखां मे पातु विश्वात्मा कर्णौ मे पातु कामदः ।
पार्श्वयोस्तु सुरत्राता कालकोटि दुरासदः ॥ ४॥
अनन्तः सर्वदा पातु शरीरं विश्वनायकः ।
जिह्वां मे पातु पापघ्नो लोकशिक्षाप्रवर्त्तकः ॥ ५॥
राघवः पातु मे दन्तान् केशान् रक्षतु केशवः ।
सक्थिनी पातु मे दत्तविजयोनाम विश्वसृक् ॥ ६॥
एतां रामबलोपेतां रक्षां यो वै पुमान् पठेत् ।
सचिरायुः सुखी विद्वान् लभते दिव्यसम्पदाम् ॥ ७॥
रक्षां करोति भूतेभ्यः सदा रक्षतु वैष्णवी ।
रामेति रामभद्रेति रामचन्द्रेति यः स्मरेत् ॥ ८॥
विमुक्तः स नरः पापान् मुक्तिं प्राप्नोति शाश्वतीम् ।
वसिष्ठेन इदं प्रोक्तं गुरवे विष्णुरूपिणे ॥ ९॥
ततो मे ब्रह्मणः प्राप्तं मयोक्तं नारदं प्रति ।
नारदेन तु भूर्लोके प्रापितं सुजनेष्विह ॥ १०॥
सुप्त्वा वाऽथ गृहेवापि मार्गे गच्छेत एव वा ।
ये पठन्ति नरश्रेष्ठः ते नराः पुण्यभागिनः ॥ ११॥ (ते ज्ञेयाः)
इति श्रीपाद्मेमहापुराणे पञ्चपञ्चाशत्साहस्त्र्यां
संहितायामुत्तरखण्डे उमापतिनारदसंवादे
रामरक्षास्तोत्रं नामत्रिसप्ततितमोऽध्यायः ॥
It will be very beneficial for society
Jai balaji sarkar, guruji ek bar purn paath kr de
Sir ji hum aap ko pura din sonn sakte ha ma sarsvati ki kirpa ha
app per athi sunder
Shree Ram ji kirpa app per sadha bannae rhe
Guru Ji... Kartik maas suru Ho gya.. H... Aap s.. Request please time nikal ker jara vishnu sahastram naam ka path Karna shikha djiye... 😊🌹
Shri Ganesh Pujan kab padega
Sir ap durgasaptshati ke tino rehayo ke bare me bhi video bnaye kripya karke
जरूर २-३ दिन में बनाएंगें
Sir mughe aap. Par garav hai
सर प्लीज रुद्री के वीडियो बनाइए
कल आएगा अगला
Great ❤❤❤❤
Pls upload gita path videos
shiv mahimna stotra ka padhna sikhaye
प्रणाम गुरुजी! संस्कृत के कुछ ऐसे शब्द हैं जो बोलने में नहीं बन रहे हैं तो कृपया करके मार्गदर्शन करें और उन शब्दों के अर्थ और कैसे बोला जाए उसे समझाएं यह बहुत बड़ी कृपा होगी 🙏🙏🙏
Sir shiv shastranaam karna shika do
और गीता, विष्णू सहस्त्र नाम, बाकी और श्लोक पाढा दो गुरुजी बडी कृपा होगी....
Sab bana hua h pls check playlist.
Brother ap sidh kunjika or durgaa devi kavch bina ruky ek bar m sara tutorial bna k bej de..
कहो तो तुम्हारे भगवान को ही भेज दे तुम्हारे पास , रख लो ।
Could you please read out surya stotram.
❤क्या कोई भी जाती के लोग इस का पाठ कर सकते है क्या?यदी हा तो इस की विधी क्या है। बताने का कष्ट करे।
पाठ में जाति कहाँ से आ गई । मेरे भाई कहीं कोई बंधन नही है ।
@ashisharathe वेद मंत्र का अधिकार नही है । कुछ ही मंत्र चौथे वर्ण के लोगो के लिए निर्धारित किए गए है , उदाहरण के लिए मंत्रादि तंत्र ग्रंथ देखे । स्तोत्र में राम रक्षा पढ़ सकते है । ललिता सहस्रनाम , आदि नही पढ़ सकते है , दीक्षा की आवश्यकता होती है इन सभी में । यदि भगवान मार्ग दे तभी पढ़े । क्यों मना किया गया है उसके पीछे कुछ ऐसे कारण है जिनका उल्लेख यहां नही करना चाहूंगा , दंड मिलता है रहस्य उजागर करने पर ।
@@Gyananjali_GyanGanga महोदय जी मेरा प्रश्न दुर्गा सप्त सती के पाठ के विषय मे भी था।बहुत से लोग दूसरे वर्ग के पाठ करने पर आपत्ति करते है। क्या पाठ करने के लिए दिक्षा जरूरी हे?
मेरा व्यक्तिगत मत है कि पाठ के लिए दीक्षा से ज्यादा जरूरी शिक्षा है। शिक्षित ही समावर्तन के बाद दीक्षित होता है ।परन्तु चलन ऐसा चल पडा है कि शिक्षा किसी को नही चाहिए बस दीक्षा चाहिए ।
@@Gyananjali_GyanGanga आप अध्यापक है इसलिए सभी के लिए ऐसा विचार रखते है जो की अच्छा है । लेकिन कुछ चीज़े ऐसी होती है जिनके लिए दीक्षा ही होती है फिर उसकी शिक्षा दी जाती है अर्थात उसको करने की अनुमति और विधि विधान बताया जाता है जो की एक अध्यापक नही बता सकता है , यह बिलकुल विपरीत क्रिया होती है जो सीखनी ही पड़ती है । मंत्र स्तीत्र आदि के नियम आदि करने किए गुरु मुखी विधान है तभी फलीभूत होता है पाठ । सब लोग सीधे उठा के नही कर सकते , इसका उदाहरण आप अपने सभी दुर्गा सप्तशती वाले वीडियो के सभी के कमेंट देख के जान सकते है । लोग भय ग्रस्त थे और उन्हें होना भी चाहिए क्यों की सप्तशती तांत्रिक स्तोत्र है जिसको गलत पढ़ने पर उल्टे परिणाम की आशंका ज्यादा होती है । जब आप ने सिखाया तभी लोग पढ़ना सीखे । यह आप के कथन अनुसार शिक्षा का उदाहरण है , अब बात कर लेते है सप्तशती के दीक्षा की यदि आप इस के कोई भी श्लोक करना चाहे सकाम तो दीक्षा चाहिए ही चाहिए । जागरूकता बहुत ज़रूरी है सभी भगवान के बच्चे है और भगवान ने सबके लिए अलग अलग मंत्र बनाए है यह मैं नहीं कहता हूं सभी उत्कृष्ट तंत्र ग्रंथ कहते है जो की भोलेनाथ द्वारा उपदिष्ट है ।
speed is OK
जैत्र का अर्थ बताए ?
विजेता ' जि-जये ' धातु से बनता है ।आदि अच् वृद्धि होकर।