अग्निहोत्र कैसे करे!! मात्र 8 मिनट में सीखे दैनिक यज्ञ की पूरी विधि / Vaidik Prachar

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  • Опубликовано: 9 окт 2024
  • संकल्प पाठ
    (8 जनवरी 2022 के अनुसार)
    ओ३म् तत्सत् श्रीब्रह्मणो द्वितीय प्रहरार्द्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे एकवृन्द: षण्णवतिकोटयौ- अष्टोलक्षाणि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि द्वाविंशत्याधिकशत संवत्सरे
    उत्तरायणे शिशिर ऋतौ
    पौष मासे (महीने का नाम)
    शुक्ल-पक्षे
    षष्ठम्याम् तिथौ (यज्ञ करने की तिथि)
    शनिवासरे (यज्ञ करने का वार)
    उत्तरा-भाद्रपदा नक्षत्रे
    जम्बूद्वीपे भरतखण्डे आर्यावर्त्तान्तरगते
    उत्तरप्रदेश प्रान्तस्य (प्रदेश का नाम)
    लक्ष्मीनगर (मुज़फ्फरनगर) जनपदस्य (जिले का नाम)
    बढेडी-ग्रामे/नगरे (गाँव या शहर का नाम)
    आर्ष विद्याकुलम यज्ञशालायाम् (भवन का नाम)
    कौशिक गोत्रोत्पन्न: (यजमान के गोत्र का नाम)
    श्री शिवनारायण (दादा का नाम) पौत्र:
    श्री बलराज (पिता का नाम) पुत्र:
    तुषार नामाहम् (यजमान का अपना नाम)
    देवयज्ञ कर्म कारणाय (अथवा ऋत्विग्कर्मकरणाय) भवन्तं वृणे ।
    आचमन मंत्र
    ओ३म् अमृतोपस्तरणमसि स्वाहा ।।1।।
    (दाएं हाथ में जल लेकर पीना है)
    ओ३म् अमृतापिधानमसि स्वाहा ।।2।।
    (दाएं हाथ में जल लेकर पीना है)
    ओं सत्यं यशः श्रीर्मयि श्रीः श्रयतां स्वाहा ।। 3 ।।
    (दाएं हाथ में जल लेकर पीना है)
    अंगस्पर्श मंत्र
    (हाथ धोकर नीचे लिखे मन्त्रों से बाएं हाथ में जल भर कर अंग स्पर्श करें )
    ओ३म् वाड्म आस्येऽस्तु ।। (इस मंत्र से मुख)
    ओ३म् नसोर्मे प्राणोस्तु ।। (इससे नासिका)
    ओ३म् अक्ष्णोर्मे चक्षुरस्तु ।। (इससे आँखों)
    ओ३म् कर्णयोर्मे श्रोत्रमस्तु ।। (इससे कानों)
    ओ३म् बाह्नोर्मे बलमस्तु ।। इससे दोनों भुजाओं)
    ओ३म् ऊर्वोर्मे ओजोस्तु ।। (इससे जंघाओं पर)
    ओ३म् अरिष्टानि मेऽडानि तनूस्तन्वा मे सह सन्तु ।।
    (इससे सारे शरीर पर जल छिड़कें)
    अग्नि प्रदीप्त करने का मन्त्र
    ओ३म् भूर्वुवः स्वः । (इस मंत्र से दीपक जलावें)
    इसके पश्चात निम्न मन्त्र को पढ़कर दीपक से कर्पूर को प्रज्वलित कर अग्न्याधान करें।
    ओ३म् भूर्भुवः स्वद्र्यौरिव भूम्ना पृथिवी व वरिम्णा। तस्यास्ते पृथिवी देवयजनि पृष्ठे
    ऽग्निमन्नादमन्नाद्यायादधे ।
    ओ३म् । उद्बुध्यास्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते संसृजे थामयं च। अस्मिन् सधस्थे
    ऽध्युत्त्रस्मिन् विश्वे देवा यजमानश्च सीदत ।
    इस मंत्र से यज्ञकुण्ड में समिधाओं का चयन करके अग्नि को अच्छी तरह प्रदीप्त करें।
    समिधा डालने का मंत्र
    जब अग्नि सम्यक् प्रकार से जलने लगे, तब आठ अंगुल की
    तीन समिधाएं घृत में डुबोकर इस मंत्र से पहली समिधा अग्नि में स्थापन करें।
    ओ३म् अयन्त इध्म आत्मा जातवेदस्तेनेध्यस्व वर्द्धस्व चेद्ध वर्द्धय चास्मान् प्रजया
    पशुभिब्र्रह्मवर्चसेनान्नाद्येन समेधय स्वाहा। इदमग्नये जातवेदसे-इदं न मम।।
    ओ३म् समिधाग्निं दुवस्यत घृतैर्बोध्यतातिथिम् । आस्मिन् हव्या जुहोतन
    स्वाहा। ओ३म् सुसमिद्धाय शोचिषे घृतं तीव्रं जुहोतन । अग्नये जातवेदसे स्वाहा।
    इदमग्नये जातवेदसे इदन्न मम ।
    (इन दोनों मंत्रों से दूसरी समिधा रखनी है।)
    ओं तं त्वा समिदिरडिरों घृतेन वर्द्धयामसि। वृहच्छोचा यविष्ठ्य स्वाहा ।
    इदमग्नयेऽडि. रसे इदं न मम । (इन मंत्र से तीसरी समिधा)
    पंच घृताहुति
    निम्न मन्त्र को पढ़कर तप्त घी की पाँच बार आहुति प्रदान करें ।
    ओ३म् अयन्त इध्म आत्मा जातवेदस्तेनेध्यस्व वर्धस्व चेद्ध वर्धय चास्मान्
    प्रजया पशुभिब्र्रह्म वर्चसेनान्नाद्येन समेधय स्वाहा । इदमग्नये जातवेद से इदन्न मम ।
    जल सिंचन मन्त्र
    निम्न मन्त्रों से हाथ में जल लेकर वेदी के चारों ओर जल डालें -
    ओ३म् अदितेऽनुमन्यस्व ।।
    (इस मंत्र से पूर्व दिशा में दक्षिण से उत्तर की ओर)
    ओ३म् अनुमतेऽनुमन्यस्व।।
    (इस मंत्र से पश्चिम दिशा में दक्षिण से उत्तर की ओर)
    ओ३म् सरस्वत्यनुमन्यस्व ।।
    (इस मंत्र से उत्तर दिशा में पश्चिम से पूर्व की ओर)
    ओ३म् देव सवितः प्रसुव यज्ञं प्रसुव यज्ञपतिं भगाय दिव्यो गन्धर्वः केतन्नः पुनातु
    वाचस्पतिर्वाचं नः स्वदतु ।।
    (इस मंत्र से पूर्व से दक्षिण - पश्चिम - उत्तर होते हुए पूर्व दिशा तक
    चारों ओर जल का सिंचन करें ।
    आधार वाज्याहुति मन्त्र:
    ओ३म् अग्नये स्वाहा। इदमग्नये - इदं न मम।।
    (इस मंत्र से पूर्व उत्तर दिशा में घी की आहुति)
    ओ३म् सोमाय स्वाहा। इदं सोमाय - इदं न मम ।।
    (इस मंत्र से दक्षिण दिशा में)
    निम्न मंत्रों से यज्ञकुण्ड के मध्य में घी की आहुति दें ।
    ओ३म् प्रजापतये स्वाहा। इदं प्रजापतये - इदं न मम।।
    ओ३म् इन्द्राय स्वाहा । इदमिन्द्राय - इदं न मम ।।
    प्रातःकालीन आहुतियाँ
    निम्न मंत्रों से घी एवं सामग्री से आहुँतियाँ देनी है ।
    ओ३म् सूर्यो ज्योतिज्र्योतिः सूर्यः स्वाहा।
    ओ३म् सूर्यो वर्चो ज्योतिवर्चः स्वाहा।
    ओ३म् ज्योतिः सूर्यः सूर्यो ज्योतिः स्वाहा।
    ओ३म् सजूर्देवेन सवित्रा सजूरुषसेन्द्रवत्या जुषाणः सूर्यो वेतु स्वाहा ।।
    सांयकालीन आहुतियाँ
    ओ३म् अग्निज्र्योति ज्र्योतिरग्निः स्वाहा।
    ओ३म् अग्निर्वर्चो
    अग्निर्वर्चो ज्योतिर्वर्चः स्वाहा।
    ओ३म् अग्निज्र्योतिः ज्र्योतिरग्निः स्वाहा।
    ओ३म् सजूर्देवेन सवित्रा सर्जूरात्रयेन्द्रवत्या। जुषाणो अग्निर्वेतु स्वाहा।।
    प्रातः तथा सायंकाल की आहुतियाँ
    ओं भूरग्नये प्राणाय स्वाहा। इदमग्नये प्राणाय इदं न मम ।
    ओं भुवर्वायवेऽपानाय स्वाहा । इदं वायवेऽपानाय इदन्न मम ।
    ओं स्वरादित्याय व्यानाय स्वाहा। इदमादित्याय व्यानाय इदन्न मम ।
    ओं भूर्भुवः स्वरग्निवाय्वादितेभ्यः प्राणापानव्यानेभ्यः स्वाहा ।
    इदमग्न्विाय्वादितेभ्यः प्राणापाणव्यानेभ्यः इदन्न मम ।
    ओं आपो ज्योति रसोऽमृतं ब्रह्म भूर्भुवः स्वरों स्वाहा ।।
    ओं यां मेधां देवगणाः पितरश्चोपासते तया मामद्य मेध्याग्ने मेधाविनं कुरु स्वाहा ।।
    ओं विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परासुव। यद् भद्रं तन्नासुव स्वाहा।।
    ओं अग्ने नय सुपथा राये अस्मान् विश्वानि देव वयुनानि विद्वान्
    युयोध्यस्मज्जुहुराणमेनो भूयिष्ठान्ते नम उक्तिं विधेम स्वाहा ।।
    तत्पश्चात् तीन गायत्री मन्त्रों की आहुतियाँ देकर निम्न मन्त्र को तीन बार पढ़कर
    दैनिक यज्ञ की पूर्ण आहुति करें ।
    ओं सर्वं वै पूर्णं स्वाहा ।।
    ओं सर्वं वै पूर्णं स्वाहा ।।
    ओं सर्वं वै पूर्णं स्वाहा ।।

Комментарии • 76

  • @Omp201
    @Omp201 2 года назад +4

    ओ३म् जी

  • @alkashrivastava1467
    @alkashrivastava1467 2 года назад +17

    आचार्य जी, पूरी यज्ञविधि इतनी सरलता और स्पष्टता से समझाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद! आप ने हममें आत्मविश्वास पुनः जागृत कर दिया है।सादर नमन !

  • @RajKumar-df3kv
    @RajKumar-df3kv 2 года назад +7

    Om Gurudev Havan sikhane ke liye bahut bahut dhanyvad Vaidik Dharm ki Jay Ho

  • @krishanarya206
    @krishanarya206 2 года назад +13

    बहुत प्रतिक्षा थी इस वीडियो की आचार्य जी धन्यवाद 🚩🚩

  • @चौधरीसकुनगुर्जर

    आचार्य जी सादर नमस्ते जी
    जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

  • @ayushyt7657
    @ayushyt7657 4 месяца назад

    ओ३म् ओ३म् ओ३म् ओ३म् ओ३म्

  • @भिष्मकांततिवारी

    जयतु सनातनम जयतु

  • @ashokkumar-zh9ii
    @ashokkumar-zh9ii 2 года назад +3

    नमस्ते गुरुजी

  • @P.M9856
    @P.M9856 2 года назад +7

    जय श्री राम 🙏❤️
    शिव गुरु चरण प्रणाम 🙏❤️
    माता पार्वती चरण प्रणाम 🙏❤️
    जय गणपति बप्पा मोरया🙏❤️

  • @गोपालसिंह-ध9ङ
    @गोपालसिंह-ध9ङ 2 года назад +5

    Namaste ji

  • @rajubawa4372
    @rajubawa4372 2 года назад +3

    🕉🕉🕉🕉 parnam Jai Shri ram 🚩🚩🚩🚩🚩🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

  • @sgpk5205
    @sgpk5205 2 года назад +3

    Jai Shree Ram Love From Pakistan Sanatan darm Namaste Gurudev

  • @kalpanasaxena1816
    @kalpanasaxena1816 2 года назад +6

    आचार्य जी प्रणाम🙏 बहुत सुन्दर यज्ञ

  • @P.M9856
    @P.M9856 2 года назад +5

    जय मां सरस्वती🙏❤️

  • @bhakti_rasdhara6544
    @bhakti_rasdhara6544 2 года назад +4

    Aapko pranam guruji 🙏🙏🚩🚩
    Satya sanatan vaidik dharm ki JAY HO 🙏 🙏 🚩 🚩

  • @Nareshkumar_1974
    @Nareshkumar_1974 2 года назад +4

    🕉जय भारत।

  • @rudrakumar373
    @rudrakumar373 2 года назад +3

    Ram ram

  • @prasadkumar6739
    @prasadkumar6739 2 года назад +4

    बहुत ही धन्यवाद इस महत्वपूर्ण वीडियो के लिए🙏🙏
    आपकी नरेशन बहुत ही प्रभावशाली है👌👌

  • @vishwajeet9041
    @vishwajeet9041 2 года назад +6

    आचार्य योगेश जी को नमस्ते। इस गुरुकुल की शुरुआत कब से हुई है कृपया बताएं।

    • @AllInOne-mf4vg
      @AllInOne-mf4vg 2 года назад

      लगभग 9 महीने पहले

  • @maheshyadiyapur7628
    @maheshyadiyapur7628 2 года назад +1

    🙏🙏🙏

  • @अपनेआइडिया
    @अपनेआइडिया Год назад +2

    बहुत ही शानदार विधि सरल और सुगम तरीके से बताई गई है इसलिए आपको बहुत कोटि-कोटि प्रणाम

  • @maheshkumargangwar5163
    @maheshkumargangwar5163 Год назад

    आचार्य श्री को कोटि कोटि प्रणाम ब धन्यवाद।

  • @HardyeshPandeyppppp
    @HardyeshPandeyppppp 2 года назад

    Har har mahadev

  • @brijendrasingh4749
    @brijendrasingh4749 2 года назад

    ऊं नमस्ते आचार्य श्री

  • @vijayshrityagi4974
    @vijayshrityagi4974 Год назад

    ओ३म् ओ३म् ओ३म् वैदिक धर्म की जय ओ३म् ओ३म् ओ३म्

  • @vijayshrityagi4974
    @vijayshrityagi4974 Год назад

    ओ३म् सादर नमस्ते आचार्य जी ओ३म्

  • @suchitrabiswal443
    @suchitrabiswal443 2 года назад

    Om Guru debaya namaha

  • @goldysuthar6998
    @goldysuthar6998 Год назад

    कोटि कोटि नमन 🙏🙏

  • @shivramsondge559
    @shivramsondge559 2 года назад

    वंदन गुरुजी

  • @superlifetv24
    @superlifetv24 Месяц назад

    सुंदर प्रयास 🥰🥰🥰

  • @P.M9856
    @P.M9856 2 года назад +12

    गुरु जी को कोटि कोटि प्रणाम 🙏❤️

  • @gooddaytoall
    @gooddaytoall 2 года назад

    Bahut badhiya tarika hai

  • @tejpalsinghchauhan227
    @tejpalsinghchauhan227 Год назад

    SIR, VERY GRATEFUL TO YOU.

  • @hardevsinhgohil5068
    @hardevsinhgohil5068 8 месяцев назад

    સાદર નમસ્તે આચાર્યજી

  • @pt.pt.5458
    @pt.pt.5458 Год назад +1

    ओ३म् नमस्ते जी

  • @janardanghatage9611
    @janardanghatage9611 2 года назад

    प्रणाम nice video

  • @praveenkumarsharma8841
    @praveenkumarsharma8841 2 года назад

    प्रणाम

  • @devendrachatanya
    @devendrachatanya 8 месяцев назад

    Bahut achchha
    Varn vyavastha se yahi kaam karne vale mahan hin

  • @mydreamsbharatswabhiman2136
    @mydreamsbharatswabhiman2136 2 года назад

    Thanks guru g

  • @shivdutt7215
    @shivdutt7215 2 года назад

    आपको सादर नमस्ते

  • @neurotherapydrbcadhikari3745
    @neurotherapydrbcadhikari3745 2 года назад +1

    बहुत सुंदर। सादर प्रणाम इस वीडियो के लिए।

  • @vinitaryadhiman401
    @vinitaryadhiman401 2 года назад +1

    आचार्य जी सादर अभिवादन

  • @chandrakanta1470
    @chandrakanta1470 2 года назад

    🙏🏻🙏🏻🕉🕉

  • @brijendrasingh4749
    @brijendrasingh4749 Год назад +1

    ऊं
    आचार्य जी सादर नमस्ते
    ज्ञान का आलोक सर्वत्र प्रसारित करने के आपके सराहनीय प्रयास के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं शुभकामनाएं।
    प्रकाश पर्व पर हम आप एवं आपके परिवार के सुस्वास्थ्य एवं सुख समृद्धि की कामना करते हैं।🙏🌹🌹🌹🌹

  • @Amitv516
    @Amitv516 2 года назад

    Jay ho satya sanatan dharm ki 🚩🚩🚩🚩👌

  • @brijendrasingh4749
    @brijendrasingh4749 2 года назад

    प्रणाम आचार्य श्री,
    हार्दिक धन्यवाद जी

  • @sarvandhull3114
    @sarvandhull3114 2 года назад +4

    ओ३म नमस्ते जी

  • @animeshpurohit1287
    @animeshpurohit1287 2 года назад

    गुरूजी🙏सादर चरण स्पर्श.....आपका ह्रदय से आभार.🙏🙏🙏

  • @sampatpurohit2635
    @sampatpurohit2635 6 дней назад

    ❤❤🎉❤❤

  • @sanatanlover749
    @sanatanlover749 2 года назад +1

    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @Cosmic_Player
    @Cosmic_Player Год назад +2

    आचार्य जी, मंत्रों के शब्दार्थ और भावार्थ की आवश्यकता है 🙏

  • @thank5497
    @thank5497 2 года назад +2

    महोदय जी यज्ञ करने की किताब मिल सकती है

  • @ManojKumar-xk6fy
    @ManojKumar-xk6fy Год назад

    Acharya ji inki books mil jaayegi🙏🙏🙏

  • @girisharya9170
    @girisharya9170 Год назад

    वैदिक अभिवादन सभी को सादर नमस्ते जी

  • @nikhilchaudhary3941
    @nikhilchaudhary3941 2 года назад +1

    🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

  • @kapilbahman6812
    @kapilbahman6812 2 года назад +4

    🚩💪😎

  • @chetan120
    @chetan120 2 года назад

    प्रणाम आचार्य जी
    इन सभी मंत्रों का हिन्दी अर्थ मिल सकता हैं क्या ? या हिन्दी अर्थ के साथ विडियो बनाएंगे तो अति उत्तम रहेगा। धन्यवाद श्रीमान

  • @rahulhindu2687
    @rahulhindu2687 2 года назад

    Acharya Ji thoda sa confusion hai
    Mere paas jo Yagya Vidhi hai usem abhut adhik mantra hai prantu Apke dwara kiye gaye hawan mei simit mantra hi hai Itna difference kaise ?
    Kripya Samadhan Karein

  • @vijaykarn648
    @vijaykarn648 3 дня назад

    आचार्य जी को नमन🙏🙏मै जानना चाहता हूं कि नवरात्रि के नवमी की दिन जो हवन किया जाता है ,उसे स्वयं घर में किस विधि और मंत्र के साथ करे,और मुख्य सामग्री क्या होगा ?🙏🙏

  • @arunsinghal6154
    @arunsinghal6154 2 года назад

    Gayatri Yagya ki havan samigri rakhne ki mitti tastria kitne inch ki Hoti hai

  • @gooddaytoall
    @gooddaytoall 2 года назад +1

    Kam samay me adhik gyan

  • @Anilkumar-cd1yp
    @Anilkumar-cd1yp Месяц назад +2

    दो बड़ी गलती हो रही। आप का ब्रह्मचारी स्वाहा से पहले आहुति दे रहा दूसरा सरोवा से घी को झाड़ रहा वो नहीं किया जाता । सिर्फ आहुति डाल कर स्रोवा पीछे कर लेना चाहिए बाकी अति उत्म है साधुवाद

  • @ravindersanjay
    @ravindersanjay 2 года назад

    चारो दिशाओ में जल छड़कना ही क्यों है? और बताई गई ही दिशा में क्यों छड़कना है? ऐसे प्रश्नों का उत्तर कहां से मिलेगा ?

  • @jagdishchandrapanchal7728
    @jagdishchandrapanchal7728 5 месяцев назад

    कया यज्ञ कमॅ हरजाति स्त्री परुष हरकोइ व्यकित कर सकता है सही बात है या नही

  • @sewaramsharma1283
    @sewaramsharma1283 2 года назад

    इन्द्रिय स्पर्श से तात्पर्य इन्द्रिय का स्पर्श है जबकि मुख एक ही है फिर दोनों ओर स्पर्श क्यों

  • @sadhnaaryarana2983
    @sadhnaaryarana2983 9 месяцев назад

    🙏 आचार्य जी ये समझ नही आता की कही तो अंग की बिंदी को म बोला जाता है ओर कही न बोला जाता है ओर कही पर जैसे आचमन वाले मंत्र में सतई बोला जाता है ये बात समझ नही आती कुछ समझाओ इसका क्या कारण है आपका बहुत धन्यवाद होगा

  • @sarangsadupdesh2959
    @sarangsadupdesh2959 3 месяца назад

    मुझे लगता है कि ये जो यज्ञ आचार्य जी ने कराया है ये अधूरा है क्योंकि इसमे इसमे ईश्वर stuti के 8 mantr भी नहीं बोले गए जो anivarye h

  • @dafengxiansheng
    @dafengxiansheng 7 месяцев назад +1

    来自,华夏的问候,祝万事如意,这个火盆随便一个方形都可以吧,

  • @ayushyt7657
    @ayushyt7657 4 месяца назад

    ओ३म् ओ३म् ओ३म् ओ३म् ओ३म्

  • @nutanrathaur2363
    @nutanrathaur2363 3 месяца назад

    🙏

  • @brijendrasingh4749
    @brijendrasingh4749 2 года назад +1

    ऊं नमस्ते आचार्य श्री

  • @SukhpalSinghaary
    @SukhpalSinghaary Год назад

    Namaste ji

  • @ravik-4212
    @ravik-4212 2 года назад +1

    कोटि कोटि नमन🙏🙏

  • @AnitaChauhan-sp6xu
    @AnitaChauhan-sp6xu 2 года назад +1

    गुरु जी को कोटी कोटी प्रणाम 🙏

  • @gooddaytoall
    @gooddaytoall 2 года назад +1

    🙏🙏