Railway 🚂🚂 ke liye bhi test lagaba dijiye sar ji Railway ka ladka ka bhi achha lage ga Jese aap SSC ka test laga rahe hai ussi tarah railway ka bhi test de dijiye
Absolutely This country is going to lose independence because of these dirty politicians and khatarnak judges that Chandrachud will retire very soon but the next person also will be the same God save india
PMLA आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है। धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
Money laundering case me bakti am admi ki tarah durbol nahi hoti hai.oh log bohit khamtaban hota hai.ise lie public ka unnion ki Paisa chakri lut karsakte hai.😢😢
Abe tumko pata India me kitna court h or kitna judge h or kitna case h sirf kanoon banane se nhi hota h beta use execution krni hoti h or uske liye court judge police or bahut chij chahiye uspar v thoda awaj uthao beta or thoda achhe jagah se padayi kro or tumko pata h India me itne kam judge q h or nhi pata h to tum c_utiuya ho
PMLA आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है। धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
फिर देश ने ये सफ़ेद हाथी ( SC /HC) क्यों पाल रखे है ,जब हर क्राइम को जीने के अधिकार के बहाने से सबको आजाद करने का हक़ है तो।जब कि सजा का मतलब हि जीने की प्रक्रिया को बाधित करना होता है। जिन लोगों के सुटकेस हलके होते है या नहीं होते कानून उनके लिए ही है मी लार्ड?
सुप्रीम कोर्ट कहता है कि सौ अपराधी छुट जाएं तो अच्छा है परंतु एक भी निर्दोष को सजा नहीं हो। इसके आड़ में सुप्रीम कोर्ट ने निर्दोष लोगों को दसकों तक न्याय के नाम सजा मिलता है।न्याय पाने के लिए लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं।पुरा परिवार दसकों तक सजा भुगत रहा होता है।
PMLA आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है। धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
PMLA आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है। धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
हमारे देश की न्ययायिक व्यवस्था केवल जज, वकील, नेता, अभिनेता और धनवान लोगों के लिए बनी है। बाकि गरीब आदमी न्याय के लिए चप्पले घिसते-घिस्ते मर जाता है। अगर किसी नेता पर भ्रष्टाचार का मामला आता भी है तो जज की मंशा पहले ही छोड़ने वाली हो जाती है। अगर कोई जज सजा दे भी देता है तो ऊपरी कोर्ट का जज बरी कर देता है। यदि ऊपरी कोर्ट का जज सजा देता भी है तो बहनत कम देता है। अर्थात अपराधी को उसके अपराध के स्तर को देख कर सजा दी जानी चाहिए लेकिन सजा का स्तर अपराध की दर को न देख कर अपराधी के रसूख को देख कर सजा दी जाती है। इसलिए लालू जैसे अपराधियों को सजा मिलने के बावजूद भी वो न के समान सजा काटते है। बाकि हमारे देश के जज मनीष सिसौदिया, और केजरीवाल पर तो मेहरबान है ही। करोड़ों ₹ की हेरा-फेरी हुई। इसके पुरे साक्ष्य भी उपलब्ध है। अब साक्ष्य होने के बावजूद भी कोर्ट इन्हे सजा क्यों नही दे रहा?? क्यों मनीष जैसो को जमानत दे दी? क्या जज को पता नही कि अपराध हुआ है? फिर भी न्याय करने में इतनी देरी क्यों? अगर अपराधी आम आदमी हो तो यही न्यायायिक व्यवस्था उस आम आदमी पर तो ऐसे मेहरबान नही होती।
SC ke judges ko is bat ka bhi dhyan rakhna chahiye ki in culprits ko pakdne me hmari security agencies ko kitni mehnat karni pdi hogi. Ap 2 minute me bail de dete hein.
Bail nhi interim bail di hai ek ko toh jabki bail khud main hee interim provision hai.....interim provision main bhi interim provision nikala hai.......adalat badi hai toh logic bhi toh bada hee hona chahiye..........
PMLA आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है। धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
PMLA आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है। धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
PMLA आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है। धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
PMLA आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है। धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
Best lawyer chahiye PMLA ke bail ke liye aur agar evidence raha to kabhi bail nhi milega kitna bhi bada lawyer hi kyu na ho. Bail ke liye innocent hona prega PMLA law ke liye
PMLA आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है। धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
इससे देश में और अपराध बढ़ेगा कि क्योंकि अपराधियों को पता है कि इतने ज्यादा आपके पास chesh हैं कि उनको सुनाने के लिए कोर्ट के पास टाइम ही नहीं है तो वह हर बार अपराध करेंगे और बाहर घूमते नजर आएगा.....😮
एक घटना ये भी थी कि बिस्कुट किंग के। नाम से मशहूर व्यक्ति जैल में बिना उपचार के मर जाता है उसको जमानत नही मिलती अलग अलग लोगों के लिए नियम कोर्ट के। थैली देख कर नियम बनेगे।
Most of the judges are belonging to ex judge familyies or politician family it is a biggest Bhai bhatija vaad ie-" अंधा बांटे रेवड़ी। फेर फेर अपनों को दे।" 😂😂,,😭😭😡🤬😈👿👹👺
Case charge seat one page ka hota hai and case dairy multiple page ka hota hai charge seat means conclusion. Thanks sir,I am 53years old.mujhe aapka videos acha lagta hai issliye mai aapka sara videos dekhne ka koshish karta hun
इस लोक तंत्र में कोर्ट की जरूरत ही नहीं है जहां पर लफड़ा हूवा वहीं जनता ने मिलकर न्याय करलेना चाहिए नहीं तो बुद्धि जीवी वकिलों को पालने के सिवाय कुछ भी नहीं मिलेगा जय श्री राम
PMLA आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है। धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
Evidence aur aroop mein difference hota hai , PMLA bilkul bhi bail nhi milta agar physical evidence hota court ke paas , ED ke paas Best ASG tha bharat ka
Respected sir, Thankyou for this wonderful session You explained this lecture in a way that even persons who have non law background can understand it.
Awasthi ji You are absolutely RIGHT I understand - LAW is the PROCESS. If for all the punishment Jail is necessary. India will need HOW MANY JAILS. Thnx
मेरे ख्याल से कोई अधिक मायने नहीं रखती है यह टिप्पणी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में अधिकतर न्यायधीश सवर्ण हैं । जय जवान जय किसान जय संविधान। कई ऐसे होंगे जो रिटायरमेंट के बाद भाजपा और संघ ज्वाइन कर लेंगे ।
Fir to bhul jaao justice kabhi nahi mil skti desh me , never ever , india ka pehli baat koi kaanun hi nahi h , bss savidhan ek written book h , nothing else , koi law and follow vese bhi nahi is desh me , yahan k supreme court pr bhi aatankwadi hamla jaaye ,to bhi supreme court unko bacha legi , nayay ki wajh ,bachane ka kaam krti h supreme court , curruption ,in miya lord ki wajh se hi aaya h @@samir7035
@@samir7035 krna chahye , jb supreme court niyaay nahi de skti , ab to vo bss ek supreme palace h ,jishme libranduo ko betha diya , itne rape hote h india me , na india ki women safe h ,or nahi videshi aurte safe h india me ,jo yahaan ghumne aati h , kisi kaam ka nahi supreme court , jb tym pr justice nahi de skta , aatankwadiyo k bhi human right ki vakalat krke chhod deta h , tabhi pure world me india ek unsafe ,or criminal country bn gya h
जज काम हि नही करते , तो बोज बढेगा हि . हमने केस किया था 1996 मे ऐसा बहुत बार हुआ कि जज बस सुनते थे , फिर दो / तिन साल मे बदली होकर चले जाते थे . मतलब इन्हे डिसीजन देना भी नही आता . अब तक केस चल रहा हे . 30/35 साल मे तो एक पिढी खतम हो जाती हे जैसे मेरे पिताजी 50 से अब स्वर्गीय हो गये . 3rd class सिस्टीम हे भारत कि कोर्ट वाली . सुप्रीम कोर्ट को अपने कोर्ट सिस्टीम पर ध्यान देना चाहीए पर सुप्रीम कोर्ट सरकार पर ध्यान देने लग जाता हे . कानुन बनाना संसद का काम हे पर सुप्रीम कोर्ट लगा हे कानुन बनाने मे
Dr. Arvind Kumar Shukla, Sir Ji 🎊🙏🎊, I too much respect you. I have some questions about this issue. These laws very long time present our indian judiciary system, only consider politicians, business man, it is not applied common citizens of India. Why is the judiciary system and you giving example of politicians to applying this laws.😢😢😢
सिर्फ़ आरोप लगा कर किसी को जेल में रखना बिलकुल गलत है, पहले आरोप तय हो जाय फिर जेल में रखना चाहिए, जमानत नियम ही है, जेल अपवाद है।। ED दोष सिद्ध कर ले उसके बाद जेल में रखे।
good morning apka class bhot aha hai bhot achcche se samjh ata he. Sir ek request hai ncert bhi kerwaiye me upsc ki taiyari ker rahi hu.6 to 12 all subject please sir.
इस प्रकार का विकल्प सुप्रीम कोर्ट भ्रष्ट नेताओ को बचाने के लिए जन्म देती है, नेताओ को वैसे भी सजा नाम मात्र का होता है,अब तो और भी नही होगा Suprem court ko kuch achha bhi sochna chahiye netao ko liye bahut soch liye
यहां बच्चा लोग बीएड कर के बैठा है की कोई शिक्षक की भर्ती निकलेगी उसे भरेंगे। ससुरा उमर निकली जा रही है, परंतु ई सरकार पर ढेला भर भी असर नहीं हो रहा है। इतना महंगाई में दू पैसा कमा नही पाई। तब शादी बियाह कैसे होई।
Kamaal ki baat hai ki ye inko aaj yaad aaya ki "bail is rule and jail is an exception" Supreme court apne pasand ke netaon ke liye aise rules banati rehti hai.
BHU gang rape के आरोपी, आसाराम, राम रहीम सभी rapist को ज़मानत मिल रही हैं लेकिन केजरीवाल को अभी तक जमानत नहीं मिला, बंगाल में 1 rape पर इतना बवाल up में 3 किसी के मुह से एक आवाज तक नहीं निकला
Bharat mein sanvidhan teen Prakar ka hai( first )amiron ke liye Alag Sunday ho ya Mande raat ko 12:00 Supreme Court khul jata hai( second )garibon ke liye Alag (third) musalmanon ke liye Alag Garib aur Musalman ke liye to Koi Kanoon Nahin Inko jabardasti Kuchh Bhi exam laga do
एक हत्या में कोई गिरफ्तार होता है,, और बाद में वह रिहा हों जाता है कोर्ट से,, लेकिन वास्तव में हत्या अगर हुई तो उसका हत्यारा कौन,,भारतीय न्यायिक प्रक्रिया में कोई इसका जिम्मेदारी नहीं,,😮यह नौटंकी नहीं तो और क्या है
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🙋🏻♀️🤔Guruji👍🇮🇳
Railway 🚂🚂 ke liye bhi test lagaba dijiye sar ji
Railway ka ladka ka bhi achha lage ga
Jese aap SSC ka test laga rahe hai ussi tarah railway ka bhi test de dijiye
सर जी झारखण्ड में उत्पाद सिपाही दौड़ में 10 log ki jaan ja chuki hai ispr ak session kigye 🙏
❤😊
Gajab topiwaaz ha ja to ed badi tariff krta ha uska glt kaam nhi dekhta iss acha ravish Kumar offical dekho Jada clearty ayegi to sarkar ka agent hai
सुप्रीम कोर्ट आम जनता के लिए है ही नहीं आप देश विरोधी बातें करो नक्सली और आतंकवादियों के मानवाधिकार की बात करो सुप्रीम कोर्ट भी आपका भरपूर साथ देगा
Absolutely correct
अगर इस कानून गलत इस्तेमाल हो रहा है तो उसे कैसे रोका जाए ये भी जिम्मेदारी है
@@गरुड़सोल्जर sahi hai
Corruption is the right ,punishment is exception 😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅
Tumhe jail me band kardeta hun bina koi saboot ke tabtak tum jail me raho aur tumhe ye baat proof karne me 2 saal lag jayega thik hai na
Right 😂
I had same in my mind.😂
Absolutely
This country is going to lose independence because of these dirty politicians and khatarnak judges that Chandrachud will retire very soon but the next person also will be the same
God save india
PMLA
आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है।
धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
Supreme court is not working properly for nyay
Tumhare Modi papa jb jail jayenge tb yahi judgement se jamanat milega😂
@@unexploredadventure5411mtlab man liye ho tumhare papa modi hai 😂😂
court give judgement not justice
@@unexploredadventure5411 sach h bhai😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Money laundering case me bakti am admi ki tarah durbol nahi hoti hai.oh log bohit khamtaban hota hai.ise lie public ka unnion ki Paisa chakri lut karsakte hai.😢😢
हमारे महान संविधान के अनुसार से अगर कोई पैसा वाला है तो हर बार क्राइम करके पैसा देकर जमानत पर छुट जायेंगे । फिर कोर्ट का मतलब केवल गरीबों को सजा देना।
I agree with you
Mere bhai sanvidhan me aisa nhi hai bss corrupt leaders ki wjah se aisa hai🥲
👌👌🙏
Ganja foonk rkha h kya sale? Constitution k kis article m yeh likha h???? Freedom of speech h to kuch bhi baketi krega kya?
@@tanishEkumang
Savindhan copy paste hai
भारत देश इन कायदा कानून के कारण ही पिछड रहा हे चाइना के जैसे कानून होना चाहिए ये आदालत पैसे वालो के लिए हैं।
जिसने जल्दी विकाश किया है उसका उतने जल्दी विनाश हुआ है
Abe tumko pata India me kitna court h or kitna judge h or kitna case h sirf kanoon banane se nhi hota h beta use execution krni hoti h or uske liye court judge police or bahut chij chahiye uspar v thoda awaj uthao beta or thoda achhe jagah se padayi kro or tumko pata h India me itne kam judge q h or nhi pata h to tum c_utiuya ho
PMLA
आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है।
धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
फिर देश ने ये सफ़ेद हाथी ( SC /HC) क्यों पाल रखे है ,जब हर क्राइम को जीने के अधिकार के बहाने से सबको आजाद करने का हक़ है तो।जब कि सजा का मतलब हि जीने की प्रक्रिया को बाधित करना होता है। जिन लोगों के सुटकेस हलके होते है या नहीं होते कानून उनके लिए ही है मी लार्ड?
In logon ko laaj nehi ata hei. Judges bante hein.
Agree
लगता है सुप्रीम कोर्ट के पास पैसा पहुँच गया हैं😅
सुप्रीम कोर्ट कहता है कि सौ अपराधी छुट जाएं तो अच्छा है परंतु एक भी निर्दोष को सजा नहीं हो। इसके आड़ में सुप्रीम कोर्ट ने निर्दोष लोगों को दसकों तक न्याय के नाम सजा मिलता है।न्याय पाने के लिए लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं।पुरा परिवार दसकों तक सजा भुगत रहा होता है।
PMLA
आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है।
धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
Chhattisgarh me kaanon kehta hai, nirdoshi ko jail Jana jaruri hai na ki uske sath niyay ho
कानून तो सिर्फ गरीब लोग के लिऐ है
PMLA
आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है।
धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
हमारे देश की न्ययायिक व्यवस्था केवल जज, वकील, नेता, अभिनेता और धनवान लोगों के लिए बनी है। बाकि गरीब आदमी न्याय के लिए चप्पले घिसते-घिस्ते मर जाता है। अगर किसी नेता पर भ्रष्टाचार का मामला आता भी है तो जज की मंशा पहले ही छोड़ने वाली हो जाती है। अगर कोई जज सजा दे भी देता है तो ऊपरी कोर्ट का जज बरी कर देता है। यदि ऊपरी कोर्ट का जज सजा देता भी है तो बहनत कम देता है। अर्थात अपराधी को उसके अपराध के स्तर को देख कर सजा दी जानी चाहिए लेकिन सजा का स्तर अपराध की दर को न देख कर अपराधी के रसूख को देख कर सजा दी जाती है। इसलिए लालू जैसे अपराधियों को सजा मिलने के बावजूद भी वो न के समान सजा काटते है। बाकि हमारे देश के जज मनीष सिसौदिया, और केजरीवाल पर तो मेहरबान है ही। करोड़ों ₹ की हेरा-फेरी हुई। इसके पुरे साक्ष्य भी उपलब्ध है। अब साक्ष्य होने के बावजूद भी कोर्ट इन्हे सजा क्यों नही दे रहा?? क्यों मनीष जैसो को जमानत दे दी? क्या जज को पता नही कि अपराध हुआ है? फिर भी न्याय करने में इतनी देरी क्यों? अगर अपराधी आम आदमी हो तो यही न्यायायिक व्यवस्था उस आम आदमी पर तो ऐसे मेहरबान नही होती।
SC ke judges ko is bat ka bhi dhyan rakhna chahiye ki in culprits ko pakdne me hmari security agencies ko kitni mehnat karni pdi hogi. Ap 2 minute me bail de dete hein.
Bail nhi interim bail di hai ek ko toh jabki bail khud main hee interim provision hai.....interim provision main bhi interim provision nikala hai.......adalat badi hai toh logic bhi toh bada hee hona chahiye..........
PMLA
आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है।
धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
इन्हीं मियां लार्डो के कारण हमारे देश में भस्टाचार्य बढ़ता जा रहा है,,
PMLA
आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है।
धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
जीने का अधिकार हर बार हर जगह आड़े ही जाता हैं तो
"कृपया ये समझाए की सज़ा का मतलब क्या होता हैं?"
PMLA
आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है।
धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
अब तो भारत का ऐसा कोई वर्ग नही बचा , जिसने गाली देने का मन ना करें
😅😅😅😅😅😅
यदि ऐसा ही है तो जेल में लाखो अंदर ट्रायल और निर्दोष कैदी सालों से बंद हैं। सबको एक ही झटके में बेल दे दीजिए CJI साहेब।
उनके पास पैसे नही है😅😅
PMLA
आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है।
धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
Best lawyer chahiye PMLA ke bail ke liye aur agar evidence raha to kabhi bail nhi milega kitna bhi bada lawyer hi kyu na ho. Bail ke liye innocent hona prega PMLA law ke liye
भारत में कानून का राज है तभी यहां तीन दशक तक लग जाते है न्याय मिलने में । ऐसे में महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेगी।
अब देश में सरकार की जरूरत ही नहीं है, सर्वोच्च न्यायालय सभी निर्णय लेने लगी है,
नाम तो ज्ञान है पर इसकी भरपूर कमी है,,,,,, indian पॉलिटिकल and ज्यूडिशियल के deffrence नहीं पता है। पता करो। ,,,
PMLA
आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है।
धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
जहा आम जनता को न्याय नहीं मिलता. देश विरोधी फैसले सुनाये जाते है. अमीर लोग जमानत पर झूट जाते है, कोर्ट की क्या जरुरत?
सर , पटना के फतुआ के पास एक गांव को वक्फ बोर्ड ने खाली करने का निर्देश दिया है इस पर एक सेशन अवश्य करिएगा।
Ap bahut bariki se chize explain karte hai...Great😊❤
Channel Subscribed...🙏
क्रिमिनल राइट्स जब से बन गई तब से आम जनता की वाट लग चुकी है और लगती रहेंगी l
कोर्ट की यही रवैया और निर्णय के कारण कलकत्ता जैसी घटना होती है क़ानून कडा होना चाहिए
Sir 498 A me bhi आरोपी को सिद्ध करना होता है की उसने यह अपराध नहीं किया है इसीलिए इस कानून का बहुत दुरुपयोग होता है
Same in PoCso act
498 A, Pocso , ye case wale bahut hai jail me kyoki mai jail ja chuka hu
Sec 45A
@@shivshankarmaurya5262 mera v cousin h jail m jbki medical evidence m ye saabit nhi hua ki rape hua h phir v life sentence de diya h
जिम्मेदारी वाले पदों पे बैठे उनको तुरंत फयदा नहीं
इससे देश में और अपराध बढ़ेगा कि क्योंकि अपराधियों को पता है कि इतने ज्यादा आपके पास chesh हैं
कि उनको सुनाने के लिए कोर्ट के पास टाइम ही नहीं है
तो वह हर बार अपराध करेंगे और बाहर घूमते नजर आएगा.....😮
एक घटना ये भी थी कि बिस्कुट किंग के। नाम से मशहूर व्यक्ति जैल में बिना उपचार के मर जाता है उसको जमानत नही मिलती अलग अलग लोगों के लिए नियम कोर्ट के। थैली देख कर नियम बनेगे।
Judges disclose your property to Public.
HC,SC ke judges ko exam se judg banna hona chahiye
Most of the judges are belonging to ex judge familyies or politician family it is a biggest Bhai bhatija vaad
ie-" अंधा बांटे रेवड़ी। फेर फेर अपनों को दे।"
😂😂,,😭😭😡🤬😈👿👹👺
40 साल बाद भी 1984 के दांगे और रेप केस जो सिखों पर हुए थे आज तक जस्टिस नही मिला l
पैसे भिजवा दो सुप्रीमकोर्ट को कल ही bail दिलवा देते ह😅
सुप्रीम कोर्ट का अलग अलग नियम कानून अलग अलग लोगों के लिए होता है, इसपर ज्यादा दिमाग लगाने का कोई मतलब नहीं बनता है।
हमारे देश में आतंकियों की सुनवाई के लिए रात 12 बजे कोर्ट खुल जाते हैं,,
Case charge seat one page ka hota hai and case dairy multiple page ka hota hai charge seat means conclusion.
Thanks sir,I am 53years old.mujhe aapka videos acha lagta hai issliye mai aapka sara videos dekhne ka koshish karta hun
इस लोक तंत्र में कोर्ट की जरूरत ही नहीं है जहां पर लफड़ा हूवा वहीं जनता ने मिलकर न्याय करलेना चाहिए नहीं तो बुद्धि जीवी वकिलों को पालने के सिवाय कुछ भी नहीं मिलेगा जय श्री राम
दूसरे देश चले जाइए । लोकतंत्र आपको बेकार लग रहा हो तो ।
Fr smjh me aa jayega jo jyada takatbar h bo apne se kmjor ko dba dega. Sbse phle to tmhe Mai dba dunga
25 sal tak court ka faisala nahi ata hai.
ये टिप्पणी सिर्फ खुजलीवाल को बाहर निकालने के लिए है। वाह मायलार्ड्स
PMLA
आसान भाषा में समझें तो PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत के लिए भी अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं। हालांकि, यब साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है।
धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें वर्तमान सरकार ने 2018 में पीएमएलए में संशोधन किया था, जिसके मद्देनजर धारा 45 के तहत जमानत के लिए दो सख्त शर्तें है। पहला यह कि कोर्ट को यह मानना होगा कि आरोपी दोषी नहीं है और दूसरा यह कि जमानत के दौरान आरोपी का अपराध करने की कोई भी मंशा नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडी की शक्तियों और पीएमएलए अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक जघन्य अपराध है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक मामले को प्रभावित करता है।
Evidence aur aroop mein difference hota hai , PMLA bilkul bhi bail nhi milta agar physical evidence hota court ke paas , ED ke paas Best ASG tha bharat ka
Respected sir,
Thankyou for this wonderful session
You explained this lecture in a way that even persons who have non law background can understand it.
What about Lalu .What rule applies to him?
Explained very nicely Sir👌
Sir Bihar me ho rhe Jamin Survey pr video chahiye
Awasthi ji
You are absolutely RIGHT
I understand - LAW is the PROCESS.
If for all the punishment
Jail is necessary.
India will need HOW MANY JAILS.
Thnx
मेरे ख्याल से कोई अधिक मायने नहीं रखती है यह टिप्पणी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में अधिकतर न्यायधीश सवर्ण हैं । जय जवान जय किसान जय संविधान। कई ऐसे होंगे जो रिटायरमेंट के बाद भाजपा और संघ ज्वाइन कर लेंगे ।
सर मैं आपके माध्यम से कहना चाहता हूं कि जो भी जेल जा रहा है वह विपक्ष का ही नेता है निकलता कुछ भी नहीं
राम राम 🙏
घोटाला करने वाले और आरोपी को तत्काल प्रभाव से सभी पद से हटाया जाना चाहिए यह भी कोर्ट को करना चाहिए
Suprim Court Ko Rajneet Nahi Karni Chahiye .??? Nyaye Karna Chahiye..??? Suprim Court Me Old Case Kitney Pending.???🤔🤔🤔
83000
Neta ( Yogi ) ko bhi buldozer nyay nahi karna chahiye wo kam hogi court ya supreme court ka kam hai
Fir to bhul jaao justice kabhi nahi mil skti desh me , never ever , india ka pehli baat koi kaanun hi nahi h , bss savidhan ek written book h , nothing else , koi law and follow vese bhi nahi is desh me , yahan k supreme court pr bhi aatankwadi hamla jaaye ,to bhi supreme court unko bacha legi , nayay ki wajh ,bachane ka kaam krti h supreme court , curruption ,in miya lord ki wajh se hi aaya h @@samir7035
@@samir7035 krna chahye , jb supreme court niyaay nahi de skti , ab to vo bss ek supreme palace h ,jishme libranduo ko betha diya , itne rape hote h india me , na india ki women safe h ,or nahi videshi aurte safe h india me ,jo yahaan ghumne aati h , kisi kaam ka nahi supreme court , jb tym pr justice nahi de skta , aatankwadiyo k bhi human right ki vakalat krke chhod deta h , tabhi pure world me india ek unsafe ,or criminal country bn gya h
@@samir7035 owaisi aur zakir naik ko hate speech nahi deni chahiye.
चलो मान लेते हैं की जमानत जरूरी है लेकिन जमानत लेने वाले के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक टैग लगाना जरूरी है कि मैं जमानत पर हूं मेरे ऊपर यह केस चल रहा है
जज काम हि नही करते , तो बोज बढेगा हि .
हमने केस किया था 1996 मे ऐसा बहुत बार हुआ कि जज बस सुनते थे , फिर दो / तिन साल मे बदली होकर चले जाते थे .
मतलब इन्हे डिसीजन देना भी नही आता .
अब तक केस चल रहा हे .
30/35 साल मे तो एक पिढी खतम हो जाती हे जैसे मेरे पिताजी 50 से अब स्वर्गीय हो गये .
3rd class सिस्टीम हे भारत कि कोर्ट वाली .
सुप्रीम कोर्ट को अपने कोर्ट सिस्टीम पर ध्यान देना चाहीए पर सुप्रीम कोर्ट सरकार पर ध्यान देने लग जाता हे .
कानुन बनाना संसद का काम हे पर सुप्रीम कोर्ट लगा हे कानुन बनाने मे
कानून गरीबो के लिए है पैसे वालो के लिए नही है ?
Sir, nice knowledge about law
गुरु जी उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद की दलित तो लड़की के साथ जो हुआ उसके ऊपर भी वीडियो बनाओ
इसमें परिचित दो लडको को गिरफ्तार किया गया है।
क्या वो दलित थी इसीलिए हत्या हुई , नही ना फिर फर्जी मैं दलित कहकर बुलाने का मतलब क्या है
जलीलो को फरुखाबाद हि क्यो याद आता है क्योकि उसमे डाउनो हिन्दु थे।वरना संदेश खाली ,राजस्थान केरला,ओर भी बहुत है वो क्या पिछवाड़े मे डाल लेते हो?
भारत में यह हमेशा से देखा गया है जैसे जैसे सरकार कमजोर होती है सुप्रीम कोर्ट सरकार के विपक्ष में निर्णय देने लगती है।
मैने बहुत गरीबों को देखा जिसको बेल नहीं मिली। अगर पैसा है तो आपको जेल नहीं होगी। मनीष कश्यप का केस देख लो।
अंकित जी केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट इतनी जल्दी क्यों सुन रहा है और लोगों को सुनने के लिए उसके पास टाइम नहीं है लोग 10 वर्ष से जेल में बंद है
Paisa hoga lawyer hoga tabhi
HC हो या SC के ऑर्डर या गाइडलाइन हमेशा करोड़पति लोगों के ही फेवर मे आते है।
Nicely explained 🎉❤
Dr. Arvind Kumar Shukla, Sir Ji 🎊🙏🎊, I too much respect you. I have some questions about this issue. These laws very long time present our indian judiciary system, only consider politicians, business man, it is not applied common citizens of India. Why is the judiciary system and you giving example of politicians to applying this laws.😢😢😢
Oo o na 😊
सिर्फ़ आरोप लगा कर किसी को जेल में रखना बिलकुल गलत है,
पहले आरोप तय हो जाय फिर जेल में रखना चाहिए,
जमानत नियम ही है,
जेल अपवाद है।।
ED दोष सिद्ध कर ले उसके बाद जेल में रखे।
Thanks Sirji for this lecture.
सारे कायदे कानून सिर्फ गरीबों पर ही लागू होता है,
अमीर तो अपने पैसे के बल पर पूरा कानून ही बदलवा देते हैं,,
इस देश में दो कानून एक गरीबों के लिए एक पैसे वाले अमीरों और राजनेतोओ के लिए 😢😢😢।
Bhut.achhi.kanun
Or.jamant.ki.bate.btaye.jobhi.jmant.nhi.milna.jelme.hi.rkhna.gunah
Kubul.krwana.sab.grib.logoke.liye.pura.bnaya.gya.he.netaka.beta.ho.pesawalaka.beta.ho.unko.turnt.bell❤❤
शातिर और पैसे वालों के लिए कोर्ट स्वर्ग है जो लाखों लोग बगैर मुकदमों के जेल में हैं उनको क्यों नहीं छोड़ा जाता.
बेल दिया जाए परंतु सरकारी और गैर सरकारी पद का हकदार नहीं होगा किसी भी राजनीतिक पदों पर नहीं रहना चाहिए
good morning apka class bhot aha hai bhot achcche se samjh ata he. Sir ek request hai ncert bhi kerwaiye me upsc ki taiyari ker rahi hu.6 to 12 all subject please sir.
There should be no bail for criminals who loot the nation. Yes , bail for few other crimes !!!! Laws are needed to be amended.
Suprabhat sir 🙏
इस प्रकार का विकल्प सुप्रीम कोर्ट भ्रष्ट नेताओ को बचाने के लिए जन्म देती है, नेताओ को वैसे भी सजा नाम मात्र का होता है,अब तो और भी नही होगा
Suprem court ko kuch achha bhi sochna chahiye netao ko liye bahut soch liye
तो फिर भाजपा नेताओं को अब तक सजा क्यों नहीं मिली ऋषिकेश में बृजभूषण शरण सिंहका जन्म प्रांजल अरे बन्ना और बहुत सारे अपराधी जो खुलेआम घूम रहे हैं
सभी गुन्होमे सभी अारोपीयोको अपने निर्दोष होनेका प्रमाण,पुरावा देना अनिवार्य करना चाहीये।
It seems की जनता कानून हाथ में न ले ले क्योंकि 30 से 40 साल तक कोर्ट केस फाइनल ही नही हो रहे हैं l
यहां बच्चा लोग बीएड कर के बैठा है की कोई शिक्षक की भर्ती निकलेगी उसे भरेंगे। ससुरा उमर निकली जा रही है, परंतु ई सरकार पर ढेला भर भी असर नहीं हो रहा है।
इतना महंगाई में दू पैसा कमा नही पाई। तब शादी बियाह कैसे होई।
Then SC should release all those with peti crimes roting in different jails
Kamaal ki baat hai ki ye inko aaj yaad aaya ki "bail is rule and jail is an exception" Supreme court apne pasand ke netaon ke liye aise rules banati rehti hai.
कहा था ना! देश की कानून ही वैसे बनाया गया ता कि कोई अपराधी को सजा न मिले।
Who's running the country, Parliament or the Supreme Court of India 🇮🇳? Some times it's so confusing.
Crime krke savidhan khtre me h rona rhte hai politician
कानून केवल गरीबों को पिस्ता है अमीरों को नही😡😡😡😡😡😡😡😡😡
इस विषय पर जानकारी दिजिए सर
Please please sir!
🙏🙏 JAI HIND SIR BHARAT MATA KE JAI 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Good morning sir 🙏
Good morning sir
This rule should be exception for corrupt people,terrorists,rapiest.
Very right... Innocent
Ab innocent log jail nhi jayenge
Jai.hind.dstst
Nice sir
Healthy ho rhe sir firse
BHU gang rape के आरोपी, आसाराम, राम रहीम सभी rapist को ज़मानत मिल रही हैं लेकिन केजरीवाल को अभी तक जमानत नहीं मिला, बंगाल में 1 rape पर इतना बवाल up में 3 किसी के मुह से एक आवाज तक नहीं निकला
❤❤❤❤❤ AK Advocate
Court ko sirf criminal case dekhne boliye or koi case nhi dekhne boliye
Bharat mein sanvidhan teen Prakar ka hai( first )amiron ke liye Alag Sunday ho ya Mande raat ko 12:00 Supreme Court khul jata hai( second )garibon ke liye Alag (third) musalmanon ke liye Alag Garib aur Musalman ke liye to Koi Kanoon Nahin Inko jabardasti Kuchh Bhi exam laga do
This rule applies to only big peoples not to poor peoples. Manish, Kavita got bail but how many poor people got bail after such ruling of SC?
70% lawyer ko kanoon ka samjh nhi hota aur wo bhi PMLA, dusri baat 30% lawyer ka fees itna jyada ki gareeb log efforts nhi kar sakte
0.44 sec gali nikal gyi muh se
Ye svabhik hai 😂😂 koi na 😂😂
Kanun kitna bhi achha bana lo hamare court ki jo hal jai insaf nahi hota 😢
Bat t sahi bole hai sir ji but yaha t mujlim khule amm ghum rahe hai.atche logo par jaldi injam lagate hai
Constitution prevails.
This will continue if collegium continue. President should look into this and advice.
That's why the corruption or crime rate in India is so high.
एक हत्या में कोई गिरफ्तार होता है,, और बाद में वह रिहा हों जाता है कोर्ट से,, लेकिन वास्तव में हत्या अगर हुई तो उसका हत्यारा कौन,,भारतीय न्यायिक प्रक्रिया में कोई इसका जिम्मेदारी नहीं,,😮यह नौटंकी नहीं तो और क्या है
Kab tak proved nhi ho jata haibO doshibkaise hoga
Agar sach me bhaiya doshi fir bhi proved to karna padega n
Jamanat Dene ke bad apradhi fir se koi apna criminal record ko khatam kre aur dusra koi aur crimes kren
जजों की संख्या बड़ाई जानी चाहिए
Jo sarkar me he o apne opposition parti ko jail me daldete he Supremecourt ka faisale Best he
Sir charge sheet kitne din mai file krni hoti hai
अब अराजकता और बड़ेगी l
Sir सहारा इंडिया कंपनी से पैसे कब मिलेंगे हमें 😢😢😢
But in reality Jail is the rule ,police remand is the destiny and bail is an rare exception