बहुत सुन्दर सर हम लोग गांव में ही रहते है कितनी बार शहर जाते है घूमने के लिए पर कुछ दिन बिताने के बाद मन ऊबने सा लगता है और अपना गाव याद आने लगता है। अपना गाव जिंदाबाद🙏🙏🙏🙏
लेखक महोदय हृदह की गहराइयों से आप को बहुत बहुत धन्यवाद आप ने इतना मार्मिक लिखा की सुन के आत्मा तृप्त हो गई । आप की सोच का लाख लाख सलाम । आप आने वाली भाबी पीढ़ी का ऐसे ही मार्ग दर्शन करतें रहे ।
वाह सर जी आपकी कविता ने तो दिल छू लिया काश इंसान समय रहते यह बात समझ पाता की जिंदगी शहर में नहीं गांव में बस्ती है शहर में तो सिर्फ मुर्दा लाश रहा करती है असल जिंदगी तो गांव में जिया करती
सुनील जी सर जब से आपके द्वारा सुनाई गई माँ की कविता सुनी है आपकी आवाज मुझे हर गाने में आने लगी है।। भगवन करे आपकी आवाज आजीवन ऐसी ही मधुर बनी रहे और हमे ऐसी प्रेरणास्त्रोत कविताए रोज सुनने की मिले।। जय श्री राम।।।।जय श्री कृष्णा
"जो सबको अच्छा लगे वो झूठ बोला जाता है," ऐसी तमाम बेहतरीन बातें जो दिल को झकझोरने और प्रफुल्लित करने वाली कविता हम सब तक पहुंचाने के लिए डॉ सुनील जोगी जी का ह्रदय से आभार प्रकट करता हूँ धन्यवाद। अनिल गौतम"नायाब"
सर आपने सही कहा है मैं भी कहीं घूमने गया था लेकिन वापस मन नहीं लगा तो वापस आ गया सर शहर की दवा गांव की हवा के बराबर भी नहीं गांव के सामने तो शहर कुछ भी नहीं यह बात 50% सत्य❤❤❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💖💖💖💖💖💖💖💖💖😍😍😍😍💞💞💞💞💞💞💞
@@yoyohs6069 अबे साले मुझे तो पिछले साल गांव जाकर के प्रायश्चित हुआ यहां तो सब सीमित था और गांव जाकर मेरा 👉 फालतू टहलना, सभी लोगों से मिलना, घूमना , नशे बाजी, फालतू में पेट्रोल फूकना, कुछ लोग गाड़ी मांगने भी आ जाते थे, कुछ लोग सिर्फ हमको देख कर जलते यह कहां से आ रहे हैं कहां को जा रहे हैं और लॉकडाउन में फालतू बहुत बवाल हुए, इसीलिए मैंने अब की बार गांव जाने का प्लान कैंसिल कर दिया है क्योंकि गांव के लोग पड़ोसी एक दूसरे से बहुत जलते हैं
Sir ji मैंने डॉ कुमार विश्वास को बहुत बार सुना आपको पहली बार सुन रहा हूँ आपने जो लिखा वह ह्रदय को स्पर्श कर गया गांव में जो आनंद आता है वह शहरों में कहा, प्रकृति को करीब से गाँव में ही देखा जा सकता है सुबह को चिड़ियों की की आवाज..... आदि।
जोगी सर बहुत खूब......... ह्रदयस्पर्शी पंक्तियां सुनकर सच्चे ग्रामीण हिंदुस्तान की तस्वीर आंखों उतर आई नम आंखों से अपने गांव के साथ एक बार फिर से बचपन में पहुंच गया,
बहुत खूब आदरणीय जी क्या लिखा और क्या बोल दिया हर सक्स को अंनदर से झिकजोर दिया। बातो में एकदम जान भर दी आप ने गरीबों की पहचान लिख दी।। सदर नमन आदरणीय कवि सुनील जोगी जी।❤❤🤞🤞🤟🤟👌👌🙏💥💥🔥
वा वाह ! बहुत सुंदर मर्मस्पर्शी कविता ।दिल को छू गयी ।जो अपनापन ,प्यार मिठास गांवो में है ,वो शहरों में नसीब कहाँ ? कहाँ गांव के नीम ,पीपल की ठंडी छांव और हरे भरे खेत और कंहाँ शहरों की नकली और गुमनाम जिंदगी ।आपने कड़वी सच्चाई खूबसूरत तरीके से बयां कर दी ।
मैं आपकी कविता नही सुन पाता क्योंकि सारा ध्यान तो आपके शब्दो पर चला जाता है सर आप निबन्ध भी कहो तो वो भी कविता बन जाता है आपकी लेखनी बहुत उच्च और अलग है।।। जय हिंद सर
गांवो मे इंसान बसते है शहरो मे जानवर गांव वाले गाय पालते है शहर वाले कुत्ते गांव वाले माता की सेवा करते हे और शहर वाले आश्रम मे हमारे गाव हमारे जिंदगी है
बहुत बहुत सुन्दर स्वच्छ और अच्छा जीवन गांव है गीत और आनन्द का रुप गांव जो गायो के समूह से गांव सब्द प्रचलन मे आया और मानव के प्रेम तथा समस्त पर्यावरण का सामजस्य का रुप है गांव
तुम्हारे शहर से तो मेरा गांव अच्छा है तुम्हारे सहर में चिता उठाने के लिए चार आदमी नहीं मिलते हैं हमारे गांव में छप्पर उठाने के लिए दस आदमी आ जाते हैं मेरा गांव मेरा देश
बहुत सुन्दर सर हम लोग गांव में ही रहते है कितनी बार शहर जाते है घूमने के लिए पर कुछ दिन बिताने के बाद मन ऊबने सा लगता है और अपना गाव याद आने लगता है। अपना गाव जिंदाबाद🙏🙏🙏🙏
Ryt
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लेखक महोदय हृदह की गहराइयों से आप को बहुत बहुत धन्यवाद आप ने इतना मार्मिक लिखा की सुन के आत्मा तृप्त हो गई । आप की सोच का लाख लाख सलाम । आप आने वाली भाबी पीढ़ी का ऐसे ही मार्ग दर्शन करतें रहे ।
गजब सर् माजा आ गया सुन कर काश भारत में कवि को भी उतना ही पहचान और सुविधा दिया जाता जितना किसी राजनेता को
वाह सर जी आपकी कविता ने तो दिल छू लिया काश इंसान समय रहते यह बात समझ पाता की जिंदगी शहर में नहीं गांव में बस्ती है शहर में तो सिर्फ मुर्दा लाश रहा करती है असल जिंदगी तो गांव में जिया करती
मैने बहुत बार डा. कुमार विश्वास को सुना।
आज आपको पहली बार सुना।
बहुत अच्छा लगा।
फिर तो हमेशा सुनें ऐसा कवि कुमार विश्वास भी नहीं है 🙏
आदरणीय जोगी जी, बहुत सुंदर बहुत बढ़िया बहुत बहुत धन्यवाद। सादर नमस्कार।
बहुत खूब सर जी बिल्कुल सही कहा आपने गाँव से बेहतर कोई जन्नत नही..
मुझे भी अपने गाँव से बहुत प्यार हैं
सुनील जी सर जब से आपके द्वारा सुनाई गई माँ की कविता सुनी है आपकी आवाज मुझे हर गाने में आने लगी है।।
भगवन करे आपकी आवाज आजीवन ऐसी ही मधुर बनी रहे और हमे ऐसी प्रेरणास्त्रोत कविताए रोज सुनने की मिले।।
जय श्री राम।।।।जय श्री कृष्णा
Sir
दिल को झंकझोर देने वाली कविता
जो सिर्फ कविता नही
अनछुआ सच जो आपने दिलो को फिर नई आस घर लौटने की।
धन्यवाद
क्या गांव का सुंदर चित्रण किया है मन को हिलाने वाला जिक्र किया है
बहुत अच्छा।दिल को छू गया जो कुछ भी संस्कार बचा है वह गांव में ही है।👌👍
इस आसमा से बड़ी माँ हमारी गाँव में है!
वाह सर क्या बात है 👌👌
सुनील जी आप को शत् शत् नमन,ऐसी कविता कहने के लिए।
धन्यवाद, और भी मित्रों को शेयर करें।
Jogi Ji Waah bahut achha
Thanks
Kavita ka bhav bahut sundar hai.
@@JogiJiWaah Thank you so much 🇮🇳👌👌🌹🌹🙏🙏🌷🌷🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
अति सुन्दर। दिल कविताओं में खो गया। दिल कर रहा था बस सुनता ही जाऊं।
वर्तमान परिस्थितियों को दिल में महसूस करके आपनें जो कलम में उतारा है।
बहुत सुंदर सर
कम से कम लोग महसूस तो करेंगे
इस कविता में भरपूर सच्चाई है। सुनील सर आपकी कविता के शब्द बड़े सटीक हैं। आपको कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏
"जो सबको अच्छा लगे वो झूठ बोला जाता है," ऐसी तमाम बेहतरीन बातें जो दिल को झकझोरने और प्रफुल्लित करने वाली कविता हम सब तक पहुंचाने के लिए डॉ सुनील जोगी जी का ह्रदय से आभार प्रकट करता हूँ धन्यवाद। अनिल गौतम"नायाब"
Nice
Super sir
गाव- गाव ही हैं गाव के जैसे दुनिया का कोई शहर नहीं। धन्यवाद माननीय डॉक्टर सुनील जोगी जी ।
आज पहली बार आपकी कविता सुना मन भाव विभोर हो गया धन्यवाद सुनील सर....! Jogi ji Waah
आप महान है
एक कविता में आपने पूरे जीवन को उतार दिया है
आपको बहुत बहुत धन्यबाद सुनील जी
बहुत सुंदर
गांव का जो आप ने कविता के रूप में चित्रण किया है मन मस्तष्क में एक अलग ही ऊर्जा का संचार उत्पन के दिया। और गांव से फिर जोड़ दिया 🤗🤗🤗
सर आपने सही कहा है मैं भी कहीं घूमने गया था लेकिन वापस मन नहीं लगा तो वापस आ गया सर शहर की दवा गांव की हवा के बराबर भी नहीं गांव के सामने तो शहर कुछ भी नहीं यह बात 50% सत्य❤❤❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💖💖💖💖💖💖💖💖💖😍😍😍😍💞💞💞💞💞💞💞
इस लॉकडॉउन में बस एक ही मन है सभी का कि.....
गांव चले जाएंगे
AAb gav kyo ja rahe ho , , saher me hi maro salo
Gav se kyo aaye the ,
साले मै तो अपने गांव में ही रहता हूं
@@yoyohs6069 अबे साले मुझे तो पिछले साल गांव जाकर के प्रायश्चित हुआ यहां तो सब सीमित था और गांव जाकर मेरा 👉 फालतू टहलना, सभी लोगों से मिलना, घूमना , नशे बाजी, फालतू में पेट्रोल फूकना, कुछ लोग गाड़ी मांगने भी आ जाते थे, कुछ लोग सिर्फ हमको देख कर जलते यह कहां से आ रहे हैं कहां को जा रहे हैं और लॉकडाउन में फालतू बहुत बवाल हुए, इसीलिए मैंने अब की बार गांव जाने का प्लान कैंसिल कर दिया है क्योंकि गांव के लोग पड़ोसी एक दूसरे से बहुत जलते हैं
@@vijaysinghvijaysingh6672 बोसडी के बिलकुल सही कहा
Sir ji मैंने डॉ कुमार विश्वास को बहुत बार सुना आपको पहली बार सुन रहा हूँ आपने जो लिखा वह ह्रदय को स्पर्श कर गया
गांव में जो आनंद आता है वह शहरों में कहा, प्रकृति को करीब से गाँव में ही देखा जा सकता है सुबह को चिड़ियों की की आवाज..... आदि।
शहर की चकाचौंध मे लोग ऐसे गायब हुए ,
गाँव के नीम की छाँव को शहर ढुढ रहे।
This video
जोगी सर बहुत खूब.........
ह्रदयस्पर्शी पंक्तियां सुनकर सच्चे ग्रामीण हिंदुस्तान की तस्वीर आंखों उतर आई
नम आंखों से अपने गांव के साथ एक बार फिर से बचपन में पहुंच गया,
सभी का मन बस्ता है गावो में ,
चलो सभी शहर छोड़ चले।
Bilkul
Na ji pahale jesa nahi hai
Mujhe apne gaon se bhot pyar h
सुनील जी एसी कविता कहने के लिए बहोत बहोत सत सत नमन 🙏🙏🇮🇳🇮🇳❤️👌❤️❤️❤️❤️
मेरे बड़े भाई सुनील जोगी जी आप को तहे ❤️ से सलाम है
आप जैसे कवि की समाज को आवश्यकता है
जबरदस्त भ्राताश्री।
@@yakshprashn6692 y yr Rd ee to us e you r try YYZ yet z tu Dy yr tu Dy tyy
@@yakshprashn6692 yyzzzz yyzzzz yytdzzzzzyzyzz YYZ zy yzty
बहुत खूब आदरणीय जी क्या लिखा और क्या बोल दिया हर सक्स को अंनदर से झिकजोर दिया।
बातो में एकदम जान भर दी आप ने गरीबों की पहचान लिख दी।।
सदर नमन आदरणीय कवि सुनील जोगी जी।❤❤🤞🤞🤟🤟👌👌🙏💥💥🔥
अनन्त सुन्दर विचार है आपका सत्य को दर्शाता है
पुरानी यादें ताज़ा कर जाता है मौसम बाहार का गाँव में आता है .......
किया खूब कहा आपने
दिल को छू गई आपकी हर एक लाइन और शब्द
Heart ❤️ touching video
सुनील जोसी जी आप को बहुत बहुत प्रणाम
मै धन्यवाद देता हूँ आप की सोच को
मै धन्य हुआ आप को सुन कर
मैं बृजेश कुमार आपके विडियो देखकर मां बाप के बारे में आप से बहुत खुश हूं साम सुबह सुनते हैं
वा वाह ! बहुत सुंदर मर्मस्पर्शी कविता ।दिल को छू गयी ।जो अपनापन ,प्यार मिठास गांवो में है ,वो शहरों में नसीब कहाँ ?
कहाँ गांव के नीम ,पीपल की ठंडी छांव और हरे भरे खेत और कंहाँ शहरों की नकली और गुमनाम जिंदगी ।आपने कड़वी सच्चाई खूबसूरत तरीके से बयां कर दी ।
मेरा बचपन याद आ गया काश पैसे के पीछे ये दुनिया न भागती तो आज मै भी अपने गाँव होता.........
gaav jaisa sukh nhi
नमस्ते भाई साहब जी बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी आपने बिल्कुल सही कहा आपने
Ye shahar bhi kisi ke gaanw hi to Hain..jeena aana chahiye bas.
Bahut sundar
दिल को छू गया
थक गये है पाँव अब आ लौट चले,
प्यार के गाँव अब आ लौट चले।
👌👌👌
अपने गाँव से बिछड़ने की सजा पाता हूँ
अब में राशन की लाइन में खुद कोखड़ा पता हूँ
Thak gya hun shahar ki zindagi se. Na koi sukoon, na koi apna, na festival ka maza. Ab wapas gaon Jane ko mann karta hai
जोगी जी आपको ह्दय से बहुत बहुत धन्यवाद| इन पक्तियो को सुनकर मन भाव विभोर हो गया
दिल को छू गई सर आपकी कविता दिल से शत-शत नमन
सर आपकी कविता का जीता जागता है उदाहरण भगवान राम की नगरी अयोध्या है
वृक्ष कितना ही बड़ा क्यों न हो जाए उसका अस्तित्व तब ही है,जब उसकी जड़ें ज़मीन में है। धन्यवाद डॉ साहब बहुत खूब।
अति सुन्दर रचना...वाह जोगी जी
वाह , हृदयस्पर्शी कविता , शुभकामनाएं
धन्यवाद, और भी मित्रों को शेयर करें।
बहुत अच्छा लगा और गांव की तस्वीर सामने आ गई शानदार
प्रणाम 🙏💕 सर जी
याद आ गई गांव की सर जी ❤️😢
क्या खुब लिखे हैं सुनिल जी मन-मोहक कविता ,शरीर के अंदरात्मा को स्पर्श कर मन झकझोर दिया और नयन को पूर नम कर दिया ...
मन ,दिल को प्रसन्न हो गया आपको सुनकर सर ।जय हो आपकी गुरु।जय हिंद जय हिंद जय भारत माँ। मेरा गांव मेरा गांव है।
सर आपकी जितनी तारीफ करे काम है वास्ताम में जो गांव में है वो कही नही है आपकी अद्भुत कविता है
Nice sir
Kas sab log easa hi sochte
To aaj koi bhi ma , papa apne bacho ke liy rote nahi
वाह क्या गांव की गीत है सुनील जोगी जी थैंक्स
मैं आपकी कविता नही सुन पाता
क्योंकि सारा ध्यान तो आपके शब्दो पर चला जाता है सर
आप निबन्ध भी कहो तो वो भी कविता बन जाता है
आपकी लेखनी बहुत उच्च और अलग है।।।
जय हिंद सर
क्या खूब जोगीजी धन्य हुआ आपको सुनकर
जीतना कहो कम है आपकी कविता ❤️,, को छु गया ।पर मजुबुरी आदमी को शहर ले जाता है सर।,,🇨🇮
अत्यंत मार्मिक व भावप्रवण रचना।
Sunil ji was absolutely right, through this verse all the words are true.
यदि किसी मित्र को मेरी बात बुरी लगी हो तो मैं उसके लिए क्षमा मांगता हूं पर यह सत्य है
हृदय को स्पर्श करती अदभुत कविता ।
डॉक्टर साहब आप की कविता मेरे को बहुत अच्छी लगी यह कविता सुन के मेरे आंख में आंसू आ गए मुझे मेरा गांव याद आ गया मेरे मम्मी पापा याद आ गए,
Heart touching Poem Sir...Gaav wala jivan yaad dila diya aapne
मेरे प्रिय भाई सुनील जोसी जी आप धन्य हैं आपने दिल से गांव को कलम से कागज पर उतार दिया ❤️🙏
Bilkul! Dear. Mai bhi gaon se hu
Sir you are great poet
Bahut acchha sir
गांवो मे इंसान बसते है
शहरो मे जानवर
गांव वाले गाय पालते है
शहर वाले कुत्ते
गांव वाले माता की सेवा करते हे
और शहर वाले आश्रम मे
हमारे गाव हमारे जिंदगी है
Kutta bhi toh janwar hai
Dono me bahut fark hai
Jameen aasman ka fark hai
Good bhai saab
@@ooblack5 lekin insan kutto ka dudh peekar bada nahi hota
बहुत बहुत सुन्दर स्वच्छ और अच्छा जीवन गांव है गीत और आनन्द का रुप गांव जो गायो के समूह से गांव सब्द प्रचलन मे आया और मानव के प्रेम तथा समस्त पर्यावरण का सामजस्य का रुप है गांव
Sir...!!
Bahut he behtareen 👏...
I love you suneel ji love you
App mahan ha
वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह जोगी जी आपने तो जान ही निकाल दी🇮🇳🇮🇳🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
वाह दिल को छू गाया
डॉ साहब आपका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।अच्छा लिखते है आप । जहा दूसरे कवि सोचना बंद कर देते है।आप वाह से कविता। शुरू करते हो।
शत शत प्रणाम आपको।
Wow maja aa gaya dr.sahab...
Salute to you....
वाह वाह वाह क्या बात है ....बहुत खूब
Waaah sir waaah , 👏👏💪✌😇
बहुत बहुत धन्यवाद ऐसे भाई को जिन्होंने ऐसी कविता बनाई धन्यवाद
Amazing mindblowing outstanding fabulous sunilG
धन्यवाद, और भी मित्रों को शेयर करें।
अति सुन्दर आपकी रचना ने बचपन की याद ताजा कर दी
True poem sir. You are so graet i salute u for this poem . Heart touching lines. I love my village.
वाह जोगी क्या खूब बोला है आप ने🙏🙏
वाह दिल छू गया
Bahut bhut dhanwad sar
यह कहानी सुन कर मेरे आँख से आँसू आ गया दिल से आभार🙏🙏🙏
I haven't words to express my feelings superrr excellent.......
Thank you sir
बहुत शानदार जितनी तारीफ करें उतना कम है
ये साला शहर से मुझे ईष्या होता है
मगर अफसोस
क्या करें
I hate city
L. No. N n m np np
सच है बहुत याद आता है गाँव पर अपनों की जरूरतों ने हमें शहर में ढकेल दिया ना जाने हमें पैसों की इतनी क्या पड़ गयी कि हम अपनों से दूर हो गये
तुम्हारे शहर से तो मेरा गांव अच्छा है तुम्हारे सहर में चिता उठाने के लिए चार आदमी नहीं मिलते हैं हमारे गांव में छप्पर उठाने के लिए दस आदमी आ जाते हैं
मेरा गांव मेरा देश
सर जी दिल छू लिया आपके इस गाने ने सलाम है आप जैसे लोगों को।
दिल से सलाम।❤️❤️
Yaha Subh sayani hoti hai
I am happy because I have live in village
Mera khub surt gav
बहुत ही दर्द भरी और पुरानी यादें ताजा करने वाली नज़्म लिखी है डाक साहब
Sir G apne kmmal kar diya apke nzm to heart touchline ha sir. G
Aap jaise kavi ke jarrut ha is desh ko.
Love you sir g
धन्यवाद, और भी मित्रों को शेयर करें।
धन्यवाद, और भी मित्रों को शेयर करें।
Kya baat hai yogi ji . Jai ho apki
वास्तविकता आपने प्रगट की आज होड़ मची हुई है शहर भागने की
बहुत ही शानदर कवि जी
जारी रखिये
Sir heart touching 🙏
Vah sir poora bachpan yad aa gya thank u sir
Wa sir I impressed from you
भारत की उर्वरा मिट्टी के रत्न हो आप
हम सबके लाडले मां सरस्वती के प्रियपुत्र हो आप ।
अद्भुत प्रस्तुति को हृदय से नमन 🙏🕉️👏
Wah sir wah , mza aagya :)
Sacchai se ruburu kraya aapne
सुनील जोगी सर को दिल से नमस्कार पहली बार कविता सुनी और दिल को छू गई
Very nice .keep it up
सचमे आप एक गाँव के दिल दरिया इंसान है,,